ishq 92 da war - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

इश्क़ 92 दा वार - 7

दोस्तों इस कहानी को आगे बढ़ाने में मैं थोड़ा पीछे हों गया था क्योंकि कोरोना महामारी के चलते थोड़ा ज़िम्मेदारियां बढ़ गयी थी.. जैसाकि मैं न्यूज़ चेनल में पदस्थ हूं लॉक डाउन के दौरान रात दिन कार्य की ज़िम्मेदारी जो बढ़ गयी थी इसलिए आपको इंतज़ार करना पड़ा उम्मीद हैं आप लोगों का प्यार वरकरार रहेगा.. आशा और व्श्वास के साथ धन्यवाद 🙏🙏🙏

क्या यही प्यार है
हाँ यही प्यार है
ओ दिल तेरे बिन
कहीं लगता नहीं
वक़्त गुजरता नहीं
क्या यही प्यार है
हाँ हाँ हाँ
यही प्यार हैं
मनु गुम सुम अपने कमरे में लेटा लेटा अपनी आंखे बंद किये रेडियो पर बज रहें गानें को सुन रहा था....
तभी मनु की मां ने आ कर मनु से कहा.... मनु तुम्हारी क्लास की लड़कियां आई हैं तुम से मिलना चाहती हैं..
मम्मी... मेरा मूढ़ नहीं हैं किसी से मिलने का... आप कोई भी बहाना बना दोना... प्लीस मम्मी..
मां ने रेडियो का वॉल्यूम कम करते हुए कहा... मनु ये क्या बदतमीजी हैं... वो लोग तुम्हारी तबियत की कुशलता जानने के लिए आई हैं और तुम हों कि उनसे मिलने से कतरा रहें हों... ठीक से बैठ जाओ मैं उन दोनों को यहीं भेज रही हूं...
और मां ने पास ही बिछे सोफे पर से फैले हुए सामान को समटते हुए एक तरफ रखने लगी थी
अच्छा मम्मी कौन कौन हैं...
मैंने नाम नहीं पूछा वैसे उन में से एक लड़की पहले भी तुम से मिलने आ चुकी हैं रिया.. अभी उसके साथ कोई और लड़की हैं... जिसका नाम मैं नहीं जानती...
इतना कह कर मां वहां से चली जाती हैं...
मनु बिस्तर पर व्यवस्थित हों कर बैठ जाता हैं... पास ही पड़ी मैगज़ीन को उठा कर अपनी गोद में रख लेता हैं... और रेड़ियो को बंद कर देता हैं...
तभी मनु की मां की मम्मी के पीछे पीछे रिया और अनु कमरे में आते हैं... मनु अनु को देख कर शॉक्ड सा हों जाता हैं... अनु भी मनु की ये हालत देख कर हैरत में पड़ जाती हैं..
बेटा आप लोग बैठो... बातें करो... मैं पानी लेकर आती हूं...
दोनों सोफे पर बेठती है और मां पानी लेने चली जाती हैं..
कमरे में खामोशी सी घिर जाती हैं...
क्या यार तुम दोनों यूं ही चुपचाप रहोगे..
आईएम सॉरी अनु...
कि किस बात के लिए..?
मेरी वजह से अंकल की तबियत खराब हुई थी
अनु को कुछ कुछ समझ में आता हैं... तभी मनु की मम्मी ट्रे में पानी लेकर आ जाती हैं...
लो बेटी पानी लो... और दोनों ट्रे में रखें पानी के गिलास लेती हुई थेंक्स कहती हैं... मनु की मां भी मनु के पास ही बैठ जाती हैं... अनु से आपका नाम क्या हैं बेटी..
आंटी जी मैं अनु...
हां रिया तो पहले भी आ चुकी हैं... और आपके पापा मम्मी कैसे हैं...?
अनु सिर झुका लेती हैं
आंटी अभी 20 दिन पहले ही अंकल को अटैक आया था... जो वो नहीं रहें..
तभी मनु की मम्मी के मुंह से हे राम... निकल जाता हैं और फ़ौरन उठ कर अनु के पास आ कर दोनों के बीच में बैठ जाती हैं... और अनु को अपने आंचल से लगा लेती हैं...
मुझें माफ़ करना बेटी.. मुझें पता नहीं था...
कोई बात नहीं आंटी जी..
अच्छा नास्ते में क्या लोगे तुम लोग...?
आंटी आप परेशान मत होइए.... रिया ने मनु की मम्मी को मना करते हुए कहां था...
मनु की मम्मी उठते हुए बोली तुम लोग आराम से बैठ कर बातें करो में तुम लोगों के लिए गरमा गरम नास्ता बना कर लाती हूं... तभी रिया एकदम से खडे होते हुए बोलती हैं... आंटी अगर आप माइंड ना करें तो मैं आपका हांथ बटा दूं...
अरे ये भी कोई पूछने की बात हैं... हां हां क्यों नहीं...
इतना कहती हुई मनु की मां किचन की तरफ चली जाती हैं... प्रिया भी दोनों से बेस्ट ऑफ लक कह कर किचन की तरफ जाती हैं..
हां तो तुम सॉरी क्यों कह रहें थे...?
वो मैंने जो लेटर तुम्हे दिया था वो अंकल के हांथ लग गया और फिर....
ये तुम से किसने कहा मनु... और लेटर तुमने मुझें देने के लिए किस के हांथो दिया था...
वो जावेद...
उफ़ ब्लाडी फूल...
क्यों क्या हुआ अनु..?
तुम्हे नहीं पता वो जावेद कितना बड़ा गेम खेल रहा हैं हमारे साथ... वो नहीं चाहता कि तुम और मैं मिले..
तो जावेद ने जो भी कहा वो गलत था.... तुम्हे उसने कोई मेरा लेटर नहीं दिया...
अनु मनु के पास उठ कर आ जाती हैं
तुम्हारी कसम मनु...
तुम नहीं जानती अनु मैं इसी बात को सोच सोच कर बीमार पड़ गया था... अगर आज तुम नहीं आती तो शायद मैं यूं ही मर जाता...
अनु प्लीस ऐसा मत कहो मरे हमारे दुश्मन.. तुम जल्दी से अच्छे हों जाओ मुझें तुम से बहुत सारी बातें करनी हैं
और मुझें भी तो करनी हैं...
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कंटीन्यू पार्ट -8






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