ईश्वरत्व का अहंकार
भाग-3
क्लोसियस के लापता हो जाने से अन्यों के विपरीत अलेक के मन में आह्लाद उत्पन्न हुआ। यद्यपि अलेक अन्यों से कमउम्र, कमजो़र और अंतर्मुरवी बालक के रूप में आया था परंतु शीघ्र ही वह न केवल शारीरिक रूप से बलशाली एवं आकर्षक व्यक्तित्व वाला नवयुवक लगने लगा था वरन् चालाक, हृदयहीन और अपने से आगे बढ़ने वालों से ईर्ष्या से दग्ध रहने वाला व्यक्ति भी बन गया था। क्लोसियस के सबसे अग्रणी रहने के कारण वह उससे द्वेष रखता था। उसकी प्रसन्नता का एक कारण और भी था- वह यह कि वह ग्लोरिया की ओर आकर्षित था परंतु प्रथम दिवस की जानपहचान के बावजूद ग्लोरिया अलेक की ओर ध्यान नहीं देती थी क्योंकि वह क्लोसियस की गर्लफ़्रेंड बन गई थी। इस समूह की दूसरी लड़की सोफ़िया को अलेक के रूम पार्टनर डेरिक ने पटा लिया था और वह प्रायः रातों मे कमरे से गायब रहता था। इससे अलेक अकेला कुढ़ता रहता था और ऐसे ही अवसर की प्रतीक्षा मे था।
क्लोसियस के लापता होने के कुछ दिन बाद एक दिन ग्लोरिया अलेक को जिम में एक्सरसाइज़ करते हुये देर तक देखती रही और फिर निकट आकर प्यार भरे स्वर में बोली,
‘‘हलो...... अलेक! ’’
अलेक तो जैसे सदियों से इस सम्बोधन की प्रतीक्षा कर रहा था। उसने नेत्र उठाकर जैसे ही ग्लोरिया को देखा, तो उसके नयनों की गहराइयों में उतरता ही चला गया। बडी़ देर में उसके मुख से ‘‘हाय ग्लोरिया’’ निकला, परंतु इस बीच दोनों के नेत्र मानव की आदिम भाषा में एक दूसरे को उद्दाम काम का आमंत्रण दे गये। उस रात डेरिक के कमरे से निकलने के कुछ देर बाद ही ग्लोरिया अलेक के कमरे में आ गई। वह बदन पर केवल एक लिन्जियरी डाले हुई थी और उसके पारदर्शी कपड़ों से उसके बदन के उभार न केवल झलक रहे थे वरन् उसके आकर्षण को दुगुना कर रहे थे। अलेक के मन मानस पर उनका नशा छा रहा था और वह अपने पलंग से उठता कि उसके पहले ही ग्लोरिया आगे बढ़कर अलेक के बिस्तर में घुस गई। अलेक का किसी युवती के नंगे बदन को स्पर्श करने का प्रथम अवसर था। अनेक मानसिक आशंकाओं के बावजूद ग्लोरिया के मांसल स्पर्श से अलेक के अंग अंग विस्फोटित होने लगे। ग्लोरिया इस खेल की अनुभवी खिलाडी़ थी, और उसने दक्षता से अलेक को इतनी कामकलायें सिखायीं कि उस एक रात्रि में ही किशोर अलेक युवा बन गया।
फिर ग्लोरिया प्रतिदिन अलेक की रातों को रंगीन करने लगी। एक रात्रि ग्लोरिया ने सोफ़िया से मंत्रणा की और दूसरी शाम ग्लोरिया ने अलेक की आंखों में रहस्यपूर्ण ढंग से झांकते हुये कहा,
‘‘अलेक, आज रात तुम डेरिक के साथ हमारे कमरे मे आ जाना।’’
अलेक को यह सुनकर कुछ अजीब सा लगा, लेकिन सेक्स के विषय में वह ग्लोरिया को अपना गुरू मान चुका था और उसने कोई प्रतिवाद करना अनावश्यक समझा। रात्रि में डेरिक ने भी अलेक को साथ चलने को आमंत्रित किया और अलेक उसके साथ ग्लोरिया और सोफ़िया के कमरे में पहुंच गया। उस रात्रि चारों ने ग्रुप-सेक्स के विभिन्न आयामों का भरपूर रसास्वादन किया। भविष्य में बीच बीच में यह खेल चलने लगा। कुछ दिन तक यह खेल चलने के बाद अलेक को लगने लगा कि ग्लोरिया डेरिक की ओर अधिक आकर्षित हो रही है और उसने अकेले में अलेक के कमरे में आना भी कम कर दिया है। एक बार जब तीन रात तक ग्लोरिया अलेक के कमरे में नहीं आयी, तो अलेक ने उससे इसका कारण पूछा। ग्लोरिया ने स्पष्ट बता दिया कि उसे डेरिक अधिक कामसुख देता है और वह अपनी रातें उसके साथ बिताना चाहती है। इससे अलेक के पौरुषेय अभिमान को गहरी चोट लगी परंतु वह अपने क्षेाभ को पूर्णतः दबा गया और उसने प्रकटतः केवल ‘‘ठीक है’’ कहा ।
इसके एक सप्ताह बाद एक रात्रि में डेरिक अचानक गायब हो गया। डेरिक का लापता होना प्रशिक्षण केन्द्र के डाइरेक्टर के लिये चिंता का विषय था क्योंकि उसके लापता होने में क्वाट्रोची कम्पनी का हाथ नहीं था। इस प्रकार लापता हुआ व्यक्ति क्वाट्रोची साम्राज्य के लिये खतरनाक साबित हो सकता था, अतः इस घटना की गहराई से परंतु गोपनीय छानबीन की गई। यद्यपि डेरिक या उसके शव के कोई अवशेष प्राप्त नहीं हो सके, परंतु जांच के परिणाम से क्वाट्रोची कम्पनी के उच्चाधिकारी इस निश्चित परिणाम पर पहुंचे कि डेरिक की हत्या करने और उसके शव को नष्ट कर देने का काम अकेले अलेक ने बडी़ सफा़ई से किया था। इस जानकारी से क्वाट्रोची कम्पनी में अलेक का महत्व बहुत बढ़ गया, और प्रशिक्षण के समाप्त होने पर उसे क्वाट्रोची महान का विशेष सहायक बनाने के उद्देश्य से क्वाट्रोची मुख्यालय मे नियुक्त कर दिया गया। अलेक को प्रशिक्षण केन्द्र से क्वाट्रोची मुख्यालय तक गोपनीय ढंग से पहुंचा दिया गया। उसे यह ज्ञात न हो सका कि मुख्यालय कहां स्थित है। उसके रहने का प्रबंध मुख्यालय के अंदर ही एक भवन में था।
‘‘यह स्पीकर क्वाट्रोची महान का तुमसे सम्पर्क करने का माध्यम है; इस पर तुम केवल निर्देश प्राप्त कर सकते हो, जब तक क्वाट्रोची महान न चाहें तुम उनसे बात नहीं कर सकते हो।
यह कम्प्यूटर संसार के विभिन्न देशों के राजनैतिक संगठनों एवं उनमें होने वाले परिवर्तनों, आपराधिक संगठनों एवं उनके राजनैतिक सम्पर्कों, तथा स्पेस टेक्नालौजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, आदि वैज्ञानिक विषयों में होने वाली प्रगतियों की जानकारी देने हेतु है।
यह कम्प्यूटर अपहरण, हत्या, ठगी ,जालसाजी़, आर्थिक हमला एवं सत्तापलट, जैसे विषयों की विस्तृत जानकारी देने हेतु है। यह इन सब कार्यों के सम्पादन की नवीनतम तकनीकों को सीखने में भी सहायक होगा।
यहकम्प्यूटर.....................’’- अलेक को उसके कार्यस्थल पर ले जाकर एक कर्मचारी कमरे में रखे विभिन्न वैज्ञानिक यंत्रों के विषय में बता रहा था। अलेक ने घ्यानमग्न होकर हर बात सुनी और वह प्रथम दिवस से ही कम्प्यूटर के माध्यम से प्रत्येक विषय का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने लगा।
इस प्रकार लगभग छः माह का समय बीत गया परंतु क्वाट्रोची ने एक बार भी अलेक को कोई निर्देश नहीं दिया और न अलेक के जीवन में हलचल पैदा करने वाली अन्य कोई घटना घटी। इस दौरान अलेक ने बडी़ हेाशियारी और गोपनीयता से क्वाट्रोची कम्पनी के संगठन और कार्यकलापों के बारे मे भी पर्याप्त जानकारी प्राप्त कर ली। अब अलेक के मन और शरीर दोनों ही किसी विशेष घटना के घटित होने के लिये बेचैन हाने लगे थे कि एक शाम जब वह अपने कमरे में कम्प्यूटर पर मैथुन क्रिया के विभिन्न आयामों को देख रहा था, तभी उसके कमरे के दरवाजे़ के खुलने की आहट हुई। अलेक की आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता का ठिकाना न रहा जब उसने मुस्कराती हुई ग्लोरिया को कमरे में प्रवेश करते देखा। ग्लोरिया अलेक को देखकर ऐसे बोली जैसे अभी तक उसी के साथ रहती रही हो,
‘‘हलो अलेक ! कैसे हो?’’
अलेक ने भी उसी तरह खुलेपन से आगे बढ़कर ग्लोरिया को बांहों में भर लिया और उसके चुम्बन लेने लगा। फिर अपने को नियंत्रित कर अलेक ने पूछा,
‘‘ग्लोरिया तुम यहां कैसे पहुंची?’’
‘‘मेरी नियुक्ति भी यहीं मुख्यालय पर हुई है।’’- ग्लोरिया ने आंख मारते हुए कहा।
यह सुनकर अलेक ने दुबारा ग्लोरिया को अपनी बांहों में भर लिया; ग्लोरिया की आंखेां में प्यार की तरंगें हिलोरें मारते देखकर अलेक को उत्तेजना हो आई। चूंकि काम बंद करने का समय हो चुका था, अतः वह तुरंत ग्लोरिया को लेकर अपने घर में आ गया। वहां पहुंचते ही उसने बाहर का दरवाजा़ बंद कर दिया। फिर पता नहीं कब तक दो तृषित लतायें आपस में लिपट लिपट कर अपनी पिपासा बुझातीं रहीं।
इस प्रकार अलेक और ग्लोरिया की रातें ऐसे बीतने लगीं जैसे वे हनीमून कपल हों।
प्रथम दिवस के बाद ग्लोरिया अलेक के कार्यालय मे नहीं गई, और न अलेक से उसके कार्य के विषय में कोई बातचीत की। उसी प्रकार अलेक ने भी ग्लोरिया के कार्य के विषय में कभी कोई पूछताछ नहीं की। एक दिन अलेक जब अपहरण से बचाव हेतु जहाजों के काकपिटों में लगने वाले नवविकसित बचाव संयंत्रों का कम्प्यूटर स्क्रीन पर अध्ययन कर रहा था, तभी अचानक वह विशेष स्पीकर बोल उठा जो क्वाट्रोची द्वारा सम्पर्क करने हेतु लगा था,
‘‘अलेक! हम तुम्हारी लगन और कुशाग्र बुद्धि से प्रसन्न हैं और तुम्हें एक अत्यंत महत्वपूर्ण परंतु खतरनाक कार्य सौंपना चाहते हैं। क्या तुम तैयार हो?’’
अलेक का मन तो जैसे ऐसे कार्य हेतु कुलबुला रहा था, अतः उसकी बांछें खिल गईं और उसने बिना दोबारा सोचे हुये उत्तर दिया,
‘‘मैं किसी भी कार्य के लिये तैयार हूं क्वाट्रोची महान।’’
‘‘ठीक है, लेकिन चूंकि इस कार्य में जान का भी खतरा है, इसलिये तुम्हें कल तक विचार करने का समय और दिया जाता है। कल 12 बजे तुमसे पुनः पूछा जायेगा। तुम चाहो उस समय कार्य लेने से इन्कार कर सकते हो, परंतु कार्य की स्वीकृति दे देने पर तुम्हें हर परिस्थिति में कार्य करना होगा, चाहे तुम्हारी जान पर ही क्यों न बन पडे़।’’
अलेक उस धीर गम्भीर वाणी को सुनकर अभिभूत हो गया। उसके मुंह से बस इतना ही निकला, ‘‘यस सर’’।
उस रात्रि अपने घर पर आराम कुर्सी पर बैठे हुए अलेक के मस्तिष्क में स्पीकर पर बोला हुआ एक एक शब्द गूंज रहा था कि ग्लोरिया आकर उसकी कुर्सी के हत्थे पर बैठ गयी और अपने वक्ष को उसके गाल से सटाते हुये उसके बालों पर हाथ फेरने लगी। फिर वह व्हिस्की के दो गिलास बना लायी और देर तक अलेक से प्रेमालाप करती रही । फिर भोजन के उपरांत वह अलेक की कमर में हाथ डालकर उसे बेड पर ले गई। उस रात्रि ग्लोरिया पर जैसे कामदेव सवार हो गये हों, ऐसे वह बढ़बढ़कर स्वयं को और अलेक को तृप्त करने में लगी रही । पूर्ण संतुष्टि के उपरांत वह अलेक के कंधे पर सिर रखकर उसके सीने के घने बालों से खेलते हुये बोली,
‘‘अलेक, मुझे तो यहां का काम बडा़ रुचिकर लग रहा है। तुम्हें कैसा लगता है? आजकल तुम क्या क्या सीख रहे हो?’’
अलेक को यह प्रश्न सुनकर आश्चर्य हुआ, क्योंकि यह पूछना क्वाट्रोची कम्पनी के सिद्धांतों के विपरीत था, परंतु उसने सोचा कि निकटता हो जाने के कारण ग्लोरिया यह प्रश्न पूछ रही है; परंतु वह बोला,
‘‘ग्लेारिया, हमें अपने अपने कामों से मतलब रखना चाहिये।’’
ग्लोरिया फिर अलेक की आंखों में झांकते हुये बोली,
‘‘परंतु अगर तुम्हें कोई खतरनाक काम दिया जाये तो मुझे अवश्य बता देना। मैं तुमसे प्यार करती हूं और मुझे तुम्हारी चिंता होती है। मैं तुम्हें सही सलाह भी दे सकती हूं।’’
अलेक ग्लोरिया की आंखों में दृढ़ता से देखते हुये बोला,
‘‘ग्लोरिया मैं भी तुम्हें प्यार करता हूं परंतु हम कम्पनी के सिद्धांत नही तोड़ सकते हैं। अच्छा होगा हम किसी और विषय पर बात करें।’’
फिर ग्लोरिया कुछ न बोली परंतु उसके चेहरे पर एक संतोष का भाव उभरा। अलेक उसे बाहों में भरकर सो गया।
दूसरे दिन लंच के उपरांत अलेक जैसे ही कम्प्यूटर स्क्र्रीन के सामने बैठा, तो उस विशेष स्पीकर में आवाज़ आई,
‘‘अलेक! तुमने क्या तय किया?’’
अलेक तो इस प्रश्न की प्रतीक्षा ही कर रहा था। वह बेझिझक बोला,
‘‘मैं पूर्णतः तैयार हूं।’’
‘‘तो ध्यान से सुनो। तुम्हें ज्ञात होगा कि एडिनबरा स्थित रोजे़लिन इंस्टीच्यूट के एक वैज्ञानिक हैमिल्टन ने मानव की क्लोनिंग कर ली है एवं जीन प्रत्यारोपण के द्वारा उन्हें पुनः पुनः यौवन प्रदान करने की विधि ज्ञात कर ली है। हमें उनकी सेवाओं की आवश्यकता है। तुम्हें उनको अपहृत कर इस प्रकार यहां लाना है कि किसी को कानोकान खबर न हो और उन्हें कोई शारीरिक क्षति न पहुंचे। कल सुबह तुम्हे ग्लास्गो पहुंचा दिया जायेगा, जहां हैमिल्टन रहते हैं एवं इस इंस्टीच्यूट तथा एडिनबरा नगर के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी। वहां तुम्हारे रहने का प्रबंध एक एकांत स्थान पर कर दिया जायेगा। कार, पिस्टल एवं अन्य आवश्यक उपकरण तुम्हे वहां उपलब्ध करा दिये जायेंगे, एवं आवश्यक सहायता वहां मिलती रहेगी। कोई प्रश्न?’’
अलेक के ‘नो सर’ कहते ही स्पीकर आफ़ हो गया।
स्काटलैंड में ग्लास्गो नगर के एक किनारे पर लेंज़ी एक सोता हुआ सा कस्बा है। इसकी मुख्य सड़क विक्टोरिया स्ट्रीट भी प्रायः शांत रहती है। इस सड़क के किनारे 21 नम्बर का मकान विक्टोरियन स्टाइल का एक मैंसन है- मोटे मोटे ललछौंहे पत्थरों से बना एक स्थूलकाय भवन। टीक के विशालकाय दरवाज़े को अंदर से बंद कर लेने पर बाहर से ऐसा प्रतीत होता है जैसे भवन के निवासी का बाहर की दुनिया से नाता ही टूट गया हो । रात में गेट पर खडा़ मोटा ताजा़ इटैलियन संतरी न दिखायी दे तो भवन के चारों ओर केवल भुतहा सन्नाटा नज़र आता है। अलेक दिन मे तीन बार इस मैंसन के सामने की विक्टोरिया स्ट्रीट से गुज़र चुका था, क्योंकि प्रोफ़ेसर हैमिल्टन इसी मैंसन में निवास करते थे। यद्यपि एडिनबरा स्थित रोजे़लिन इंस्टीच्यूट यहां से काफी़ दूर था परंतु हैमिल्टन अपने पूर्वजों द्वारा बनवाये हुये उस मैंसन मे रहने का मोह संवरण नहीं कर पाये थे। अलेक इस मैंसन को ध्यान से देखकर समझ गया था कि उसकी अभेद्य दीवालों व दरवाजों के रास्ते घुसकर हैमिल्टन का अपहरण करना बहुत कठिन है। इसलिये अपनी कार दूर खडी़ करके वह दिन व रात में बार बार उधर आकर यह जानकारी कर रहा था कि हैमिल्टन किस किस समय घर से बाहर निकलते हैं। इस तरह उसे ज्ञात हुआ कि हैमिल्टन केवल घर से इंस्टीच्यूट जाने हेतु ही निकलते हैं और आते तथा जाते दोनों समय एक रायफ़िलधारी संतरी उनकी बुलेट प्रूफ़ मर्सिडीज़ कार में उनके साथ बैठा रहता है। कार वह स्वयं ही चलाते हैं और उसमें कोई तीसरा व्यक्ति नहीं होता है।
दूसरे दिन अलेक ने हैमिल्टन के इंस्टीच्यूट जाने वाले मार्ग का गहन निरीक्षण किया और पाया कि एक सुनसान स्थान पर अंधा मोड़ है। बस उसने उसी स्थान पर अपहरण करने की एक योजना बना डाली, जिसका उसने अकेले ही कई बार रिहर्सल भी किया। फिर रात्रि में सम्पर्क सूत्र से वार्ता कर अन्य आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कर लिये।
अगले दिन जब हैमिल्टन की कार उस मोड़ के निकट पहुंची, तभी मोड़ के दूसरी ओर से फा़यरिंग की आवाज़ आने लगी। सिक्योरिटी आफी़सर की सलाह पर हैमिल्टन ने कार सड़क के किनारे रोक दी। फिर आवाज़ बंद हो गई । कुछ देर बाद सिक्योरिटी आफ़िसर मोड़ के दूसरी ओर की स्थिति जानने के लिये कार से उतरकर पैदल चला गया। इसी बीच मफ़िल्ड साउंड का एक हेलीकाप्टर हैमिल्टन की कार के उूपर आकर रुक गया। इस हेलीकाप्टर से एक लम्बा चिमटीनुमा यंत्र निकला और हैमिल्टन की कार को चिमटी में दबाकर उड़ गया। नार्थ-सी के एक निर्जन बीच पर यह हेलीकाप्टर हवा में रुका और वहां कार को नीचे रख दिया। फिर हैमिल्टन को कार से निकालकर एक मिनी प्लेन मे बिठाया गया जो उन्हें लेकर उड़ गया। इस मिनी प्लेन के चारों ओर एक ऐसा विद्युत्चुम्बकीय क्षेत्र मंडराता रहता था कि उसके निकट आने वाली रेडार किरणें उस क्षेत्र में विलीन हो जाती थीं। इस तरह यह प्लेन बिना रुकावट अपने गंतव्य पर पहुंच गया। महान वैज्ञानिक हैमिल्टन के अपहरण की घटना से न केवल इंग्लैंड वरन् सम्पूर्ण विश्व स्तब्ध था और इंटरपोल ने उनकी तलाश में अपनी पूरी शक्ति लगा दी, परंतु क्वाट्रोची साम्राज्य का अंग बन चुके हैमिल्टन का बाहरी संसार को फिर कुछ पता नहीं चला।
क्वाट्रोची मुख्यालय के एक अर्धप्रकाशित कमरे में हैमिल्टन को वहां का एक विश्वस्त सहायक समझा रहा था,
“हैमिल्टन सर, आपके जीन-प्रत्यारोपरण संबंधी आविष्कार से क्वाट्रोची महान अत्यन्त प्रभावित है। उनके पास अकूत सम्पत्ति एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के समस्त संसाधन हैं, जिन्हें वह विज्ञान के विकास में लगाना चाहते है। आप अब उन्ही की प्रयोगशाला में कार्य करेंगें। आपको जिन संयंत्रों अथवा अन्य संसाधनों की आवश्यकता हो, निःसंकोच बता दीजियेगा, वे उपलब्ध करा दिये जायेंगें। इस हेतु आपको मुंहमांगी रकम दी जायेगी एवं आपके परिवार की सुरक्षा एवं भरण-पोषण का सम्पूर्ण दायित्व क्वाट्रोची कम्पनी पर रहेगा।“
हैमिल्टन कुपित एवं क्षुब्ध होकर बोले, ‘‘मेरा अपहरण क्यों किया गया है? मुझे नहीं चाहिए मुंहमांगी रकम। मुझे वापस भेज दीजिये।“
इस पर वह सहायक दृढ़तापूर्वक परंतु नम्रता से बोला
‘‘हैमिल्टन सर! अब आप क्वाट्रोची साम्राज्य के एक अंग बन चुके हैं। अब कहीं वापस नहीं जा सकते हैं। आपको क्वाट्रोची महान का जीन-प्रत्यारोपण कर उन्हें युवावस्था प्रदान करने एवं उनके क्लोंस तैयार करने हेतु लाया गया है।“
हैमिल्टन ने उसी निर्भयतापूर्ण दृढ़ता से पूछा, ‘‘और अगर मैं तुम्हारे क्वाट्रोची महान के लिए यह सब न करूं, तो?”
वह सहायक क्रूरतापूर्ण हंसी हंसा, ‘‘तो तुम जीवित वापस नहीं जा सकोगे एवं तुम्हारे परिवार को ऐसा भंयकरतम परिणाम भुगतना पड़ेगा, जिसकी तुम कल्पना भी नहीं कर सकते हो।’’
हैमिल्टन को स्पष्ट हो गया कि उनकी विद्या का दुरूपयोग कर संसार पर क्रूरतापूर्ण नियंत्रण करने के उद्देश्य से उनका अपहरण किया गया है। अतः उन्होने क्वाट्रोची के लिये जीन-प्रत्यारोपण एवं क्लोनिंग करने से स्पष्ट इन्कार कर दिया। इसके बाद कुछ अन्य व्यक्तियों ने भी हैमिल्टन को प्रलोभन अथवा धमकियां देकर मनाने का प्रयत्न किया और यदा-कदा यातनायें भी दी, परन्तु मानवता प्रेमी वैज्ञानिक हैमिल्टन टस से मस न हुए।
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