खैर छोड़िए book and story is written by Manshi K in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. खैर छोड़िए is also popular in Motivational Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. खैर छोड़िए..!! Manshi K द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 3 237 Downloads 897 Views Writen by Manshi K Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हम खुद लगते हैं रेलवे ट्रैक और वक्त के साथ भागती हुई हमारी जिंदगी रेलगाड़ी।चलती तो रफ्तार से ही है मगर देखने वालों की नज़र में,खुद की नज़र से देखे तो जहां हम खड़े थे वहीं खुद को पाते हैं।आसान कहां है तकलीफों से लड़ कर हर रोज मुस्कुराना और बहते हुए आंसुओं से सवाल करना ।वो क्या है न आपको समझने वाले पल भर में आपको औरों जैसा बोल कर तकलीफ दे देते हैं, और मेरे जैसे मासूम दिल वाले लोग खुद को गलत समझ रोने लग जाते हैं।पता है उस इंसान के लिए मेरे आंसू कीमती नहीं है More Likes This गिरोह द्वारा Anand Tripathi एक अंजानी दोस्ती - पार्ट 1 द्वारा krick प्यारा सा बगीचा द्वारा DINESH KUMAR KEER ग्रीन मेन - 1 द्वारा Green Man सामने वाले की पहचान द्वारा Ashish Comfirt Zone द्वारा Ashish मंजिले - भाग 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी