Corona House Raaj द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

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Corona House

31 दिसम्बर ,2020
ये साल का आखरी दिन था । इन 365 दिनों में दुनिया पूरी तरह से बदल चुकी थी । खास करके इंसान , अब वो पहले जैसा नही था । कोरोना वायरस से हुई महामारी ने उसे पूरी तरह बदल दिया था । अब वो स्वार्थी नही रहा था । अब वो दूसरे जीव , हवा , और कुदरत की संपत्ति का महत्व जान चुका था । थोड़ी आबादी भी कम हो चुकी थी । सड़को पर अब वाहन कम हो गए थे । लोग साइकिल और इलेक्ट्रिक वाहन का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे थे । आज साल का आखरी दिन था ,लेकिन पहलीबार अतिशबाजी नही हो रही थी । आसमान में सितारे और भी ज्यादा चमक रहेथे । चाँद भी कुछ अलग अंदाज में पृथ्वी को देख रहा था । लोग रस्ते पर गाना गाकर, संगीत बजाकर , नाचकर अपना नया साल मना रहे थे । सबके चहेरे पर खुशी जलक रही थीं । अपने अलावा किसी ओर के बारेमे नही सोचनेवाला इंसान अब एक दूसरे की मदद कर रहता । अब वो अपनी खुशी पैसा, सत्ता ,सम्पति में न खोजकर परिवार, दोस्त ,प्यार में खोज रहा था ।
ट्रिन..ट्रिन.. खंजरी बजाते हुए जेरी ने अपनी साइकिल सड़क की साइड पर रोकी । स्टेसी , चक ओर जोय उसकी और गुस्से से देख रहे थे ।
चक : हमेशा की तरह late ,कुछ देर ओर लगाता तो 2021 शुरू हो चुका होता ।
जेरी : (कान पकड़ते हुए ) माफ् करना दोस्तो घरपे कुछ बिन बुलाए महेमान आ गए थे ।
जॉय : कितने बहाने बनाएगा , हमारे लिए क्या लेकर आया ।
जेरी ने अपने कंधे से बैग निकालकर उसमें से सबके लिए तोफे निकाले और सबको दिए ।
चक , जॉय और स्टेसी ने भी तोफे निकालकर जेरी को दिए । फिर वही सड़क पर बैठे नए साल का इन्तेजार करने लगे । सब जानते थे इस बार अतिशबाजी नही होने वाली थी । सब लोग एक साथ गाना गाकर नया साल मनाने वाले थे ।
10..9...8.......3...2...1
सबने एक साथ गाना गाना शुरू किया । किसी की आवाज पतली थी तो किसीकी थोड़ी घेरि ।कोई थोड़ा बेसुरा भी गाता था ,तो कोई मधुर , लेकिन सबके एक साथ गाने की वजहसे पूरा वातावरण सुमधुर हो गया । कोई गितार , बाजा ,या अन्य वजिन्त्र बजाकर वातावरण की मधुरता बढ़ा रहा था । इसतरह से मनाया हुया ये पहला साल था । जेरी और उसके दोस्तों ने भी गाना गाया । गाना खत्म होते ही सब एक दूसरे को नए साल की सुभकामना देने लगे । कुछ वक़्त साथ बिताने के बाद सब अपनी अपनी साइकिल लेकर घर की और निकल पड़े ।
सब साथमें ही साइकिल चलाकर घर की और जा रहे थे तभी जॉय ने अचानक साइकिल रोक दी ।
जॉय : रुको एक मिनट ।
जेरी : क्या हुआ जॉय ,साइकिल क्यो रोक दी हमे late हो रहा है ।
जॉय : ( अचरज से , अपनी बायनी और इसारा करते हुए ) वो घर यहा पहले नही था , ये कैसे हो शकता हैं ।
चक : जरूर तुम्हे कुछ भ्रम हुआ होगा , और वैसे भी इतना बड़ा शहर हैं तुम्हे सभी जगह के बारे में कैसे याद हो शकता हैं।
जॉय : नही चक , में हमेशा इसी रास्ते से आता हूँ । मेने पहले कभी ये घर नही देखा ।
स्टेसी : हा , मे भी इसी रास्ते से आती हूँ मेने भी पहले कभी ये घर नही देखा ।
जेरी : यदि ऐसा हैं तो हमे वहां चलकर देखना चाहिए ।
चक : क्या तुम पागल हो , वहां कुछ भी हो शकता हैं । हमें नही जाना चाहिए ।
जॉय : ये हमेशा डरपोक ही रहेगा ।
चक : मैं नही डरता किसीसे , मे तो बस ये कह रहा था हमे संभालकर चलना चाहिए ।
जेरी और उसके दोस्त साईकिल साइड में रखते हैं और घरकी और आगे बढ़ते हैं ।
घरके दरवाजे पर कोरोना हाउस लिखा हुआ था । चारो घर के अंदर पहुचे ।
जेरी : हेलो ,कोई है ....
स्टेसी : लगता हैं कोई नही है । घर पूरा खाली हैं ।
चक अपनी दाई और कमरे में जाता हैं । वो कमरा पूरा खाली होता है उस कमरे में एक आईना होता हैं उसके सामने चक खड़ा रहता हैं ।और आईने की ओर देखता हैं ।
आईने में चक का भोला चेहरा दिखता हैं । उसने आंखों पर गोल चस्मा पहना हुआ था । और वो थोड़ा मोटा दिख रहा था । उसके चहेरे पर थोड़ा पसीना था । लगता था वो थोड़ा डरा हुआ था । वो किसी अंजान घर मे था तो डरना स्वाभाविक भी था । लेकिन ये डर का भाव आया कहासे ? ये क्यो आता है ? क्या सबको लगाता हैं डर ? क्या सबको बराबर लगता है? क्या किसीको कम लगता है ? क्या उसपर काबू पाया जा शकता हैं ? यदि हां तो कैसे ?
किसी को डर होता है कि वो जो जिस चीज को पाना चाहता है उसे नही पा शका तो ? तो किसीको दर होता है जो उसने पाया है वो उसे खो देगा तो क्या होगा ? कोई अपनेआप को खोने से डरता है।तो कोई किसी अपने को खोने से डरते हैं । ऐसे तो अनगिनत डर हैं जो हम सबमे छुपे होते हैं। डर एक ऐसा भाव है जो हमे आगे बढ़ने से रोकता हैं । ये दिमाग और दिल दोनो मैं महसूस होता हैं ,और जब डर लगता है तो हम अपनेआप को कमजोर समझने लगते है । ये हमारी काबिलियत को कम कर देता हैं । कभी कभी डरना जरूरी भी होता हैं । कुछ ऐसे मोड़ आते हैं हमारी जिंदगी में जब बहादुरी दिखाना मूर्खता होती है ।
सबसे बड़ा डर तब लगता है जब सामने मृत्यु खड़ी हो ।तब कुछ ओर सूझता ही नही । ये डर इस साल सभी लोगो में हद से ज्यादा बढ़ गया था ,और क्यो न बढ़ता लोगो के सामने कई लोगो की जाने गई थी । अपनो को खोया था और जो जिंदा थे उसे भी लोग अपने मानने लगे थे । लोगोने अस्पताल में जिंदगी और मृत्यु के बीच लड़ रहे लोगो को देखा था । बुरे से बुरे हालात का सामना किया था ।लोगो के पास डर के अलावा सिर्फ एक ही चीज बची थी और वो थी उम्मीद । उम्मीद की कुछ ऐसा हो कि सब पहले जैसा हो जाये । उनका ये डर खत्म हो जाये । इस डर को खत्म करने का वाकई में कोई रास्ता था ???
चक उस आइनेवाले कमरे से बाहर निकला जेरी ,स्टेसी और जॉय हॉल में ही खड़े थे ।
चक : उस कमरे में एक आईने के अलावा और कुछ नही था ।
स्टेसी : ठीक हैं , में और जॉय ऊपर की तरफ जाते हैं तुम और जेरी इधर नीचे सभी कमरो में देख लो ।
( जॉय और स्टेसी सीढिया चढ़ने लगते है ।) जॉय: तुम दायीं तरफ जाओ में बाई तरफ जाता हूँ ।
जॉय अपनी बायी तरफ के कमरे में पहुँचता हैं ।
उस कमरे में थोड़ा खून दिखता है , और एक चिड़िया की आवाज सुनाई देती हैं । जॉय तुरंत अपने हाथो से उस चिड़िया को उठा लेता हैं । लगता था वो चिड़िया कही टकरा कर गिर गई हो ।जॉय आसपास देखता हैं ।उस कमरे के ड्रेसिंग में उसे मलम दिखाई देता है । जॉय तुरंत मलम लगाकर एक साफ कपड़े से मलमपट्टी कर देता हैं ।
जब जॉय ने उस चिड़िया को उठाया था तब चिड़िया की आँखों मे एक डर था । जब जॉय ने उस चिड़िया पर दया दिखाकर उसकी मलमपट्टी की तो अब वो डर कम हो चुका था ।
दया, हमदर्दी , करुणा ये क्या है ? ये भाव हमे क्यो आते है?
जब हम दूसरों को मुसीबत में देखते है तो कई बार हम उनकी पीड़ा अपनेआप मे महसूस करते हैं । हम उनकी मदद करने से अपनेआप को रोक नही पाते । कई बार तो हम अपनी जान की भी बाजी लगा देते हैं । यही है दया, करुणा , हमदर्दी । और ये भाव दुसरो के लिए होता है । वैसे तो सभी जीवों में ये भाव होता हैं ।लेकिन इंसान में ये भाव कई साल से कम हो चुका था । पैसा ,सम्पति ,प्रतिष्ठा पाने की लालच में वो बहुत स्वार्थी हो चुका था ।इस हरिफाई मे वो अपने अलावा किसी और के बारेमे सोचना ही भूल चुका था, लेकिन इस साल हुई महामारी ने फिरसे वो भाव जगा दिया , फिरसे इन्सान की इंसानियत को जगा दिया, शायद इसकी जरूरत भी थी ।
जॉय उस जख्मी चिड़िया को लेकर कमरे से बाहर निकलता हैं और स्टेसी को सामने से आते हुए देखता हैं ।
जॉय : ये देखो मुजे क्या मीला।
स्टेसी : ओ.... कितनी प्यारी है । ऐसा कहकर स्टेसी उस चिड़िया को जॉय के पाससे ले लेती हैं । छोटा सा जख्म है तुम जल्दी ठीक हो जाओगी ऐसा कहकर स्टेसी उस चिड़िया पर प्यारसे अपना हाथ फ़िरोहति हैं । अब उस चिड़िया की आखों में कोई डर नही था ।वो अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रही थी । अब ये प्यार क्या होता हैं ? क्यों होता हैं ?
प्यार ,
इसकी परिभाषा करना काफी मुश्किल है । ये तभी होता है जब हम किसी के प्रति अपनेपनसा महसूस करते है । ये किसी के भी साथ हो शकता हैं ,अपनो के साथ तो होता ही हैं । अंजान लोगो के साथ भी होता है ये किसी जादू से कम नही होता ,क्योकि ये दिल से होता हैं । इसमे कोई स्वार्थ नही होता । हालाकी जिसको हम प्यार करते हैं उसे खोने का डर भी कभी कभी बना रहता हैं । लेकिन जब वो साथ हो तो एक अजीब सी भावना दिल मे महसूस होती हैं , जो एक दूसरे को जोड़ती हैं जैसे कि वो दो अलग अलग जीव नही एक ही जीव हो । और इस साल हुई जिंदगी और मोत के बीच की लड़ाई में इन्सान के पास यही एक सबसे ताकतवर हथियार था ।
स्टेसी और जॉय सीढिया उत्तरने लगे ।
नीचे जेरी और चक भी खड़े थे ।
जॉय : हमने पूरा घर देख लिया । पूरा घर खाली हैं । हमे इस जख्मी चिड़िया के अलावा और कोई नही मिला ।
जेरी : मेने और चक ने भी नीचे सब जगह देख लीया पूरा घर खाली हैं ।
स्टेसी : अब हमें घर जाना चाहिए रात बहुत हो गई हैं घरपर सब परेशान होंगे ।
चक: हा, स्टेसी हम घर चलते हैं ।
जेरी : स्टेसी, क्या में इस चिड़िया को अपनेसाथ ले जा शकता हूँ? प्लीज..
स्टेसी : हा, लेकिन इसका ठीक से खयाल रखना ।
जेरी : हा , पूरी तरह से ।
( सब साइकिल निकालकर अपने अपने घर पहुचते है ।)
जेरी चिड़िया को अपने कमरे में ले जाता हैं और उसकी मलमपट्टी बदल देता है । फिर थोड़ी देर अपने पुराने टेपरिकॉर्डर पर गाना सुनते सुनते सो जाता हैं । चिड़िया भी अपनेआप को सुरक्षित महसूस करती हैं ।
ट्रिन... ट्रिन.. सुबह का अलार्म बजता हैं ।उसीके साथ चिड़िया की आवाज़ सुनाई देती हैं।जेरी अपनी आँखें खोलता है । वो चिड़िया की मलमपट्टी खोल देता हैं । उस चिड़िया का जख्म भर चुका था । जेरी चिड़िया को अपने टेरेस पर ले जाता हैं ।
चिड़िया दौड़ कर अपने पंख फैलाती हैं ।लेकिन उड़ नही पाती । वो दुबारा कोशिश करती हैं और थोड़ा उचा उड़कर नीचे आ जाती
हैं फिर अपनी सारी हिम्मत जुटाकर एक बार फिर कोशिश करती हैं और खुल्ले आसमान से बाते करनें लगती हैं । अब ये हिम्मत क्या होती हैं ? कैसे आती हैं ?
जब हम अपने डर पर काबू पा लेते हैं तब हिम्मत आती है । और अपने डर को खत्म करने के लिए लिए हमे किसीका साथ चाहिए जो कह शके में तेरे साथ हूँ । जो हमसे प्यार करता हो । जो हमे अपना मानता हो , जो हमारे दिल से जुड़ा हो ।जिसमे प्यार, इंसानियत और दया हो । अगर हर कोई ऐसा बन जाये तो हम एक दूसरे की हिम्मत बढा शकते हैं । इस साल आयी मुसीबत की तरह हम सभी मुसीबतों का सामना कर शकते हैं । कोई भी लड़ाई जीत शकते हैं ।