मेरा स्कुल किसी घोस्ट हाऊस से कम नही था । सन्2008 में घटित यह घटना सत्य है यह घटना एक ऐसे स्कूल की है जो बहुत पुराना स्कुल था जो सुनसान रात में एक भुतिया स्कुल बन जाता था वैसे तो मेरा स्कुल बस्ती के बीच में था पर फिर भी कुछ घटनायें घटित होती है जिसे नकारा नही जा सकता ।
यह बात 2008 की है स्कुल के बाहार स्कुल कर्मचारी के मकान का काम चल रहा था ,वह स्कुल का कर्मचारी था तो स्कुल वालों ने उन्हे कुछ दिनों के लिये स्कुल का कमरा रात में रहने के लिये दे दिया और एक कमरा निर्माण कार्य के सामन रखनें के लिये दिया ।
कर्मचारी पति- पत्नी दोनों रहते थें , उन्हे कई बार आभास हुआ कि जरुर स्कुल में कुछ गड़बड़ है कभी उनके स्टोर वाले कमरे में सामान हर सुबह अस्त वस्त पडा़ रहता था पर वह रात को स्वंय सभी चीजें यथावत रखकर ताला लगाकर सो जाते थें ,कभी-कभी रात में सामान गिरने की आवाज आती थी तो वे जाकर देखते तो कुछ नही होता था ,सब समान एक दम सही यथावत रहता ।
हमारे स्कुल में दो मंजिल है और ऊपर केवल एक छोटा स्टोर रुम व वॉसरुम बना था ।निचली मंजिल पर स्कुल प्रंबन्धन का कर्मचारी सीढियों के गेट पर छुट्टी के तुरन्त बाद ताला लगा दिया जाता था । कारण आज तक पता नही चला पाया कि सिढियाँ क्यों लॉक कर देते है ।
जब स्कुल कर्मचारी का मकान बन रहा था तो उन्हे मकान की तराई में कभी -कभी 9 बज जाते पर उस दिन ज्यादा व्यस्तता के कारण 11 बज गये ।आमावस्या की रात्रि थी तो हैवी लाईट वाला टॉर्च लेकर गये थे । उनका मकान स्कुल के एकदम सामने है अभी भी । उस रात वे अपनी धुन में मस्त होकर स्कुल की तरफ आ रहे थे।
तभी उन्हे स्कुल की छत पर एक मानव आकृति दिखाई दी ,जो बिल्कुल श्वेत वस्त्रों में चाँद की भाँति चमक रही थी । वे दौडकर सीधे छत पर सीढियों से छत पर चले गये ।
उनकी पत्नी ने सीढियों पर चलने की आवाज सुनी तो वे दौड़कर सीढियों की तरफ गई वहाँ देखा तो ताला लगा था ।बिना गेट खोले कोई ऊपर जा नही सकता था तो वे वापस आयी ,डर के मारे कमरे में स्कुल प्रबन्धन को फोन किया ।वे सब आये उनके पति की तलाश की तो देखा कि उनके पति के शरीर पर किसी आत्मा ने कब्जा कर लिया है ,अजीब अवाजे़ निकालने लगे भौंहे तन गयी , पलके पुरी पलट गई ,मुह डरावना हो गया एकदम और सांसों की रफ्तार कम हो गयी ,तुरन्त स्कुल कमेटी नें गाडी में बिठाकर दो लोग जबरदस्ती पकड़कर मन्दिर ले गये वहाँ ठीक हुआ सब ।इस घटना के बाद आज तक वहाँ कोई रात में नही रुका , न स्कुल प्रबन्धन ने दिया ।
उस घटना के तुरन्त बाद स्कुल में एक राम कथा का आयोजन हुआ था , और रामकथा के दिनों में भी भूतिया घटनायें हुई वह भी बताऊगां , इस बात को स्कुल प्रबन्धन भी स्वीकारता है ।