MURDER MYSTERY - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

मर्डर मिस्ट्री - 5

समीर ने तीनों के बारे में गौर से सोचा। फ़िर अमन और मनोहर शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाने का फैसला किया। क्यू की वॉचमेन तो पहेले से ही फरार था। समीर जानता था की पूछताछ के लिए मनोहर शर्मा नहीं आएगा, अपने बाप के पावर की वजह से । फ़िर भी एक बार बुलाने की कोशिश करने में कुछ बुरा भी नहीं था ।

समीर ने पुलिस स्टेशन से हवलदार को भेजा उन दोनों को लाने के लिए। फ़िर समीर सोचने लगा खूनी के अगले शिकार के बारे में जिसका नाम “H”से शुरू होता हैं।बोपल सोसायटी में “H” से शुरू होने वाले नाम सो से भी ज्यादा होने की संभावनाएं थी। उसमें से उस खूनी का अगला शिकार कोन है ये कैसे पता चलेगा। खूनी के खून करने का तरीका दोनों कत्ल में एक जैसा था पर वो अपना शिकार किस तरह और कैसे चुनता हैं उसके बारे मैं कुछ पता नहीं चल पाया था। एक ही सोसायटी के लोगों के कत्ल हो रहे हैं इसका ये मतलब साफ था कि खूनी या तो उसी सोसायटी का है या उसे उस सोसायटी के लोग कुछ ज्यादा ही पसंद हैं। एसिड से जलाकर मारता है , वो भी बड़ी बेरहमी से , पर एसिड से ही क्यू? जरूर कहीं न कहीं उसका एसिड के साथ कुछ गहरा रिश्ता है।

समीर अपने ख़यालो से तभी बाहर आया जब उसे हवलदार ने ये बताया कि उसने अमन को पूछताछ के लिए बुला लिया है । मनोहर ने आने से मना कर दिया था । उसने समीर को अपने अड्डे पर बुलाया था , रेट्रो नाइट क्लब में। समीर ने सबसे पहले अमन से निपटने के बारे में सोचा।

समीर तेज़ क़दमों से चलते हुए पूछताछ वाले सेल की तरफ़ बढ़ता है जैसे उसे शिकार की बू आ गई हो। समीर के दरवाज़ा खोलते ही उसकी नज़रें अमन से टकराती है अोर अमन समझ जाता है कि आज उसके साथ कुछ भी हो सकता हैं। उसे डर महसूस होने लगता है पर वो अपना डर चेहरे पर लाने नहीं देता। समीर अमन के सामने वाली कुर्सी खींचता हैं आेर उस पर बैठ जाता हैं। समीर ने अबतक एक भी बार अपनी पलकें नहीं झपकाई थी और वो लगातार अमन कि तरफ घुरे जा रहा था जैसे कि उसे कच्चा चबा जाएगा ।

समीर ने बैठे बैठे ही हवलदार को आवाज लगाई। हवलदार हाथों में दो कटिंग चाय लेकर हाज़िर हुआ। उसने एक चाय अमन के सामने रखी आेर दूसरी चाय समीर के सामने रख कर वो रवाना हुआ । अमन को पसीना आना शुरू हो गया था ।

समीर ने अमन के सामने देखा आेर कहा की “ ये चाय पी लें और अपना दिमाग़ फ्रेश करले। पूछताछ के दौरान मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए के ये याद नहीं आ रहा , ये में भूल गया हूं , वगैरह वगैरह, समझा ” । अमन ने बिना कुछ बोले इशारों में ही हा बोल दिया और चाय पीने लगा ।

समीर ने एक चाय की चुस्की ली और मुंह ऊपर कर एक आह निकाली । उसने कहां की ' चल खेल शुरू करते हैं ' । में तुझसे कुछ सवाल पूछुंगा , उसके तुझे सच सच जवाब देने हैं। हमने तेरे बारे में सब पता कर लिया हैं कि तु कितने बजे सोता है , खाता है, पीता है , हगता है सबकुछ । मतलब कि तूने गलती से भी जूठ बोल दिया ना बेटा तो बड़ी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी तुझे । अपना दाया हाथ टेबल पर रख।

अमन को बात समझ में हीं नहीं आई कि समीर करना क्या चाहता है इसीलिए वो डर के मारे समीर की तरफ़ देखता रहेता हैं।
“ सीधी सी बात तुझे समझ में नहीं आतीं क्या , कहां ना टेबल पर हाथ रख..” ये कहते हुए समीरने अपना हाथ टेबल पर दे मारा। समीर का गुस्सा सातवे आसमान पर था । अमन ने वक्त कि नजाकत को समझते हुए टेबल पर हाथ रख दिया।

समीर ने चिल्ला कर कहा की ' हवलदार ' । हवलदार हाथों में पुलिस का डंडा लेकर हाज़िर हुआ ।

समीर ने कहा की “ में जब भी तुम्हारी तरफ देखू तुम्हें बिना सोचे समझे इसके हाथ पर वार करना है, जितना भी दम हो वो निकाल के वार करना , खाना तो ठीक से खाया हैं ना ”। हवलदार ने ताजगीभरी मुस्कान के साथ हा कहां ।

अमन की हालत बत से बत्तर हो चुकीं थी । उसके हाथों में अभी से दर्द हो रहा था । दुनियां की सारी बेचैनी अमन को घेरकर खड़ी हुई थी । वो हाथ को हिला भी नहीं सकता था , उसे ऊपरवाले की याद आने लगी ।

समीर ने अपना पहेला सवाल पूछा कि “ तुम पुष्कर तिवारी आेर मालती को कैसे जानते हो ”?

हम तीनों एक ही सोसायटी में रहेते है ना इसी वजह से थोड़ी बहुत जान पहचान हो गई थी... अमन ने कहा ।

रिज़वान को जानता है ? ... समीर ने पूछा ।

नहीं ... अमन ने कहा ।

वो तेरे घर से दो घर दूर रहता हैं और उसे तु नहीं जानता आेर इन लोगों से तेरी जान पहचान हो गई.. समीर ने गुस्से में कहां ।

' हवलदार ' इतना कहकर समीर ने हवलदार की तरफ़ देखा । जैसे हवलदार बस इसी बात का इंतज़ार कर रहा हो वैसे ज़ोर से डंडा उसने अमन के हाथ पर मार दिया । अमन के मुंह से भयानक चीख निकली । उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था । उसकी जान गले में अटकी हुई थी । अमन की सारी हड्डियों मे कपकपाहट फेल गई । वो टेबल से हाथ हटाने ही वाला था कि समीर ने एक ज़ोरदार तमाचा जड़ दिया उसको आेर कहा कि ' मुझे ज्यादा बोलने की आदत नहीं हैं , अब मेरी बात ध्यान से सुन ले चूतिये, अब अगर गलती से भी तूने झूठ बोला ना तो तेरी जबान खींचकर पंखे से लटका दूंगा ' ।

अमन वक्त की नज़ाकत को बेहतर जानता था इसीलिए उसने सच बोलना शुरू कर दिया । अमन ने कहां की ' वो दोनों ने दोस्त बनकर मुझसे पैसे उधार लिए थे पर जब लौटाने की बारी आई तो कोई ना कोई बहाना बना देते थे ।

“ इसीलिए तूने दोनों का कत्ल कर दिया , वो भी इतनी बेरहमी से .. ” समीर ने कहा ।

“ मैने नहीं मारा उन दोनों को , में क्यू मारूंगा , में उन्हें मार देता तो मेरे पैसे कैसे मिलते मुझे .. ”अमन ने जवाब में कहा ।

“बदला तो मिल जाता तुम्हें , वैसे भी तुम जैसे सनकी सीरियल किलर्स को बदला आेर मजा ही चाहिए होता हैं ”.. समीर ने कहा ।

' बदले से नहीं पैसे से चलता है मेरा धंधा ' में उन्हें सिर्फ डरा धमका सकता था मार नहीं सकता था .. अमन ने कहा ।

तो फ़िर जान से मारने कि धमकी भी सिर्फ डराने के लिए दी थी.. समीर ने पूछा ?

हा , वो पैसे ही नहीं लौटा रहे थे, इसीलिए धमकी दी .. अमन ने कहा ।

तो फ़िर मालती की इज्ज़त लूटने की कोशिश क्यू की थी तूने मादरचोद ? .. समीर ने गुस्से में कहां ।

अमन इस बात से हैरान था कि इन लोगों को कैसे पता चल गया इस बात का । अमन का चेहरा सफ़ेद हो गया था , डर उसकी आंखों में साफ झलक रहा था ।

समीर ने उसकी आंखों में देखकर कहां की “ क्या लगा था तुझे पुलिसवाले तो चूतिये होते हैं । जिन्हें एसी बातों का पता नहीं चलेगा । आंख खोल के देख , कितने खाकी वाले आज भी बड़े बड़े को खाक में मिलाने की ताक़त रखते हैं । अब जल्दी से बकना शुरू कर दे इससे पहले कि मेरा मूड बदले ” ।

अमन ने कहां की .. “ सर.. सर वो तो दो साल पहले कि बात हैं। आेर न जाने कितनी ही बार में माफ़ी भी मांग चूका हूं सब से, तब भी पुलिस वालों ने बहुत तोड़ा था । बहक गया था सर में बहक गया था.. ये बोलकर अमन ने अपने चेहरे को हाथ से ढक दिया और रोने लगा । मैने किसी को नहीं मारा, मैने किसी को नहीं मारा.. रोते हुए वो यही बोले जा रहा था ”।

समीर कुछ सोचता हुआ कुर्सी से खड़ा हो गया और अमन को जाने के लिए बोल दिया। अमन को थोड़ी देर के लिए यकीन नहीं हो रहा था समीर उसे जाने दे रहा है । अमन ने दूसरी बार जाने के लिए पूछा आेर मंजूरी मिलते ही वो उठकर रवाना हुआ । अमन के जाते ही समीर ने हवलदार की तरफ़ देखा और कहा की ‘इसपे कड़ी से कड़ी नज़र रखो ’।
- continue

(मुझे पता है मैने बहुत गलतियां की होगी इसमें । कहीं मेरी storytelling ख़राब होगी तो कहीं कहानी का फ्लो टूट रहा होगा । इसीलिए आप लोगों से रिक्वेस्ट है जहा पर भी मेरी गलती लगे मुझे बताइए। आपकी वजह से में बहुत कुछ शिख सकता हूं । आप यहां नीचे कॉमेंट में बताइए या मेरे व्हाट्सएप (8780948835) बताइए । Thank you। )

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