गुमशुदा की तलाश - 35 Ashish Kumar Trivedi द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गुमशुदा की तलाश - 35


गुमशुदा की तलाश
(35)



अपनी सफलता के बारे में बताते हुए रॉकी के चेहरे पर एक घमंड भरी मुस्कान थी।
"खान साहब इस तरह मैंने ऐलेक्ज़ेंडर को शीशे में उतार लिया था। उसके बाद वह मुझ पर अपने साए की तरह भरोसा करने लगा।"
रॉकी के चेहरे पर कुटिलता छा गई। वह अहंकार के साथ बोला।
"उसके बाद मैंने ऐलेक्ज़ेंडर के विश्वास का पूरा फायदा उठाया। एक दिन जब वह हद से ज़्यादा पी चुका था तो मैंने उसे हैवी ड्रग्स का इंजेक्शन दे दिया। वह दुनिया से कूच कर गया। मैंने उसका सब कुछ हथिया लिया।"
अपनी बात कहने के बाद वह बड़े दार्शनिक भाव से बोला।
"खान साहब...ड्रग्स सचमुच बड़ी बुरी चीज़ है। इसलिए मैं ड्रग्स का कारोबार करता हूँ। उसे मुंह नहीं लगाता हूँ।"
कह कर वह बहुत ज़ोर से हंसा।
सरवर खान उसके दंभ को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। वह बोले।
"तुमने किसी के यकीन को छल कर उसका सब कुछ छीन लिया। अब इस तरह से हंस रहे हो। खैर तुम्हारे किए का हिसाब तुमसे खुदा लेगा। तुम मुझे यह बताओ कि तुम जैसमिन से कैसे मिले ?"
"सही कहा खान साहब मेरे किए के लिए आप क्यों परेशान हों। चलिए आपको बताता हूँ कि जैसमिन मुझे कैसे मिली।"

रॉकी ने ऐलेक्ज़ेंडर का विश्वास पूरी तरह जीत लिया था। वह रॉकी को अपना दोस्त मानने लगा था। एक दिन उसने रॉकी को अपने घर पर आने की दावत दी। ऐलेक्ज़ेंडर के घर पर कुछ चुनिंदा लोग ही जा सकते थे।
जब रॉकी ऐलेक्ज़ेंडर के घर पहुँचा तो उसकी भव्यता देख कर उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। यह सौ कमरों का एक विशाल पेंट हाउस था। जो ऐलेक्ज़ेंडर के बीस मंजिला होटल की सबसे ऊपर की तीन मंज़िलों पर बना था।
बीच वाले फ्लोर पर चालीस आलीशान कमरे थे। यहीं ऐलेक्ज़ेंडर बड़ी शान के साथ रहता था। ऐलेक्ज़ेंडर रॉकी को अपने बार में ले गया। बार में दुनिया भर की सबसे कीमती शराब का संग्रह था। दोनों ने मिल कर पीना शुरू किया।
शराब पीते हुए ऐलेक्ज़ेंडर ने घोषणा की कि अब मेहमान के सम्मान में उसकी सबसे सुंदर नर्तकियां नृत्य करेंगी।
बार की रौशनी मद्धम हो गई। एक तरफ का फर्श कुछ ऊपर उठ कर रंग बिरंगी बत्तियों से झिलमिलाते डांस फ्लोर में तब्दील हो गया। संगीत हवा में गूंजने लगा। दो अलग दरवाज़ों से चार नर्तकियां थिरकती हुई डांस फ्लोर पर आ गईं।
चारों बड़ी अदा के साथ डांस फ्लोर पर अपने जलवे बिखेर रही थीं। ऐलेक्ज़ेंडर ने बड़े गुमान के साथ रॉकी की तरफ देखा। जैसे कह रहा हो कि देखो मेरे खज़ाने में एक से एक नायाब मोती छिपे हैं।
पर रॉकी की निगाह एक नर्तकी पर जा कर टिक गई थी। उसके दिमाग में एक तूफान सा उठा हुआ था। आखिर क्यों वह उसे छोड़ कर चली गई थी। वह तो उसे अपनी बीवी बना कर इज्ज़त देना चाहता था। पर वह उसे छोड़ कर चली गई। क्या इसके लिए ?
डांस आईटम खत्म होने पर सब नर्तकियां चली गईं। ऐलेक्ज़ेंडर शराब पीते हुए रॉकी से अपनी विलासिता का बखान करने लगा। लेकिन रॉकी कुछ नहीं सुन रहा था। उसका मन परेशान था। वह जैसमिन से मिल कर अपने मन में उठ रहे सवालों के जवाब लेना चाहता था।
ऐलेक्ज़ेंडर ने बहुत अधिक शराब पी ली थी। बोलते हुए अब उसकी ज़बान लड़खड़ाने लगी थी। वह अपनी कुर्सी पर ही लुढ़क गया।
रॉकी उसे वैसे ही छोड़ कर बाहर निकल गया। वह पेंट हाउस में जैसमिन को तलाशने लगा। उसे इस तरह घूमते देख कर एक बटलर ने पूँछा कि वह उसकी क्या मदद कर सकता है। रॉकी ने उससे कहा कि जिन नर्तकियों ने अभी नृत्य पेश किया था वह उनसे मिलना चाहता है।
पहले तो बटलर कुछ सकुचाया। पर जब रॉकी ने कहा कि वह उनसे मिल कर उनके नृत्य की तारीफ करना चाहता है तो वह उसे वहाँ ले गया जहाँ सभी नर्तकियां आराम कर रही थीं।
रॉकी दरवाज़ा खटखटा कर अंदर गया। उसकी निगाह सीधे जैसमिन पर पड़ी। उसने आवाज़ लगाई।
"जैसमिन....."
अपना नाम सुन कर जैसमिन ने रॉकी की तरफ देखा। वह उसे पहचान नहीं पाई। वह उठ कर उसके पास आई।
"यस सर.....व्हाट यू वांट...."
रॉकी कुछ देर तक जैसमिन को देखता रहा। जैसमिन ने जब उसकी आँखों में देखा तो वह भी उसकी गहराई में डूबने लगी। उसे वो आँखें पहचानी सी लग रही थीं। पर वह कुछ समझ नहीं पा रही थी। पर उसने खुद को संभालते हुए कहा।
"सर....प्लीज़ टेल व्हाट यू वांट..."
रॉकी ने उसकी तरफ देखते हुए कहा।
"मुझे छोड़ कर चली आई थीं क्योंकी मैं ड्रग्स का कारोबार करता था। ऐलेक्ज़ेंडर भी तो वही करता है। फिर क्यों उसकी गोद में आकर बैठ गईं ?"
रॉकी की बात सुन कर जैसमिन परेशान हो गई। वह समझ नहीं पा रही थी कि ऐसा कैसे हो सकता है।
"जब तुम आई थीं तब मेरा बच्चा तुम्हारी कोख में था। वह कहाँ है ?"
जैसमिन को पूरा यकीन हो गया कि शक्ल भले ही बदली हो पर यह मदन ही है।
"मदन....तुम...."
"मुझे मेरे सवालों के जवाब चाहिए।"
"हाँ दूँगी....पर यहाँ नहीं।"
जैसमिन ने अपनी साथी नर्तकियों से कहा कि यदि ऐलेक्ज़ेंडर की तरफ से बुलावा आए तो उसे सूचित कर दें। उसने रॉकी का हाथ पकड़ा और उसे लेकर लिफ्ट की तरफ बढ़ गई।
अपने कमरे में पहुँच कर उसने कार्ड से दरवाज़ा खोला। रॉकी का हाथ पकड़े हुए वह अंदर दाखिल हो गई। वह कमरा भी बड़ा और करीने से सजा हुआ था। रॉकी सोफे पर बैठ गया। जैसमिन भी उसके सामने बैठ गई।
"मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता था। दौलत की भी मेरे पास कोई कमी नहीं थी। फिर क्यों मुझे छोड़ कर ऐलेक्ज़ेंडर के पास आ गईं ?"
"तुम गलत समझ रहे हो ?"
"अच्छा....मैं गलत हूँ और तुम सही। छोड़ो यह बताओ मेरा बच्चा कहाँ है ?"
"सब बताती हूँ....बस मुझे मेरी बात कहने का मौका दो।"
रॉकी उसकी बात सुनने को तैयार था। जैसमिन ने अपनी आपबीती बताई।

मदन की असलियत जान कर जैसमिन को बहुत धक्का लगा था। वह उसे छोड़ कनाडा अपने घर वापस चली गई थी।
जैसमिन के पिता कनाडा में सरकारी नौकरी पर थे। उनकी पत्नी बहुत समय पहले ही स्वर्ग सिधार चुकी थी। जैसमिन जब फिल्मों में काम करने का सपना लेकर भारत आई थी तो उन्होंने एक कैनेडियन औरत कैथरीन से शादी कर ली थी। लेकिन शादी का एक साल पूरा होने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।
जैसमिन जब वापस कनाडा पहुँची तब उसे अपने पिता की मृत्यु का समाचार मिला। उसके पिता की दूसरी पत्नी उसे अपने साथ रखना नहीं चाहती थी। जैसमिन के सामने समस्या खड़ी हो गई थी कि वह अब कहाँ जाएगी ? क्या करेगी ? कुछ ही महीनों में वह एक नए प्राणी को जन्म देने वाली है। उसकी परवरिश कैसे करेगी।
भारत में रहने के दौरान वह ना तो अपना सपना पूरा कर पाई थी और ना ही व्यक्तिगत जीवन में कुछ हासिल कर सकी थी। उसके पास कुछ महीने गुज़ारने लायक भी पैसे नहीं थे। उसने कैथरीन से कुछ दिनों की मोहलत मांगी। कैथरीन ने उसे एक महीने में दूसरा ठिकाना तलाश लेने को कहा।
जैसमिन ने एक नाइट क्लब में होस्टेस का काम करना शुरू कर दिया। लेकिन अब हर समय वह इसी फिक्र में रहती थी कि यह काम वह अधिक दिनों तक नहीं कर सकेगी। कुछ ही समय में उसके गर्भवती होने के लक्षण दिखने लगेंगे। तब वह काम कैसे करेगी।
अपनी चिंता के चलते जैसमिन ने बेहिसाब शराब पीना शुरू कर दिया। इसका बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ा। उसका गर्भपात हो गया। पहले तो जैसमिन को दुख हुआ। पर बाद में उसने सोंचा कि जिस रिश्ते को वह छोड़ आई थी उसकी डोर से भी वह मुक्त हो गई।
जैसमिन ने टोरेंटो के एक मशहूर नाइट क्लब में नर्तकी का काम शुरू कर दिया। यहीं उसकी मुलाकात ऐलेक्ज़ेंडर से हुई। ऐलेक्ज़ेंडर उस पर फिदा हो गया। उसने जैसमिन को बताया कि वह लंदन का एक कारोबारी है। उसके यूरोप में दो आलीशान होटल हैं। इसके अलावा उसका शिपिंग का भी काम है। उसने जैसमिन से कहा कि वह उसे अपने साथ लंदन ले जाना चाहता है।
जैसमिन ने ठंडे दिमाग से इस प्रस्ताव पर गहराई से विचार किया। उसने सोंचा कि वह नाइट क्लब में नाच कर कितने दिन गुजारा कर सकेगी। ढलती उम्र के कारण एक दिन यह काम भी खत्म हो जाएगा। उसने फिल्मों में काम करने के चक्कर में अपनी शिक्षा भी पूरी नहीं की थी। कोई और काम वह कर नहीं सकती थी।
मदन को वह तैश में छोड़ कर चली तो आई थी पर जब ज़िंदगी की हकीकत से दो चार हुई तो उसे अपने निर्णय पर बहुत पछतावा हुआ था। वह अपने पिता के संरक्षण में रही थी। उनसे ज़िद करके फिल्मों में काम करने भारत चली गई थी। भारत में मदन कालरा की नज़र उस पर पड़ गई। अपने स्वार्थ के लिए उसने भी उसे हाथों हाथ ले लिया। जैसमिन को लगा सब कितना आसान है। फिल्मों में फ्लाप होने के बाद भी मदन उससे शादी करने जा रहा था।
जॉर्ज डिसूज़ा ने मदन से बदला लेने की नियत से उसे भड़का दिया कि मदन की फितरत औरतों को खिलौना बना कर खेलने की है। वह कुछ दिनों में उसे भी छोड़ देगा। जैसमिन उसकी बातों में आ गई। उसे लगा कि वह मदन को छोड़ कर अपने पिता के पास लौट जाएगी। वहाँ कुछ ना कुछ कर आराम से जीवन बिता लेगी।
लेकिन कनाडा लौट कर उसे ज़िंदगी में पहली बार संघर्ष करना पड़ा। पहली बार उसने अपरिपक्व्ता में फैसला लिया था। अब वह सोंच समझ कर ऐलेक्ज़ेंडर के साथ जाने को तैयार हो गई। पर इतना सोंचने के बाद भी उससे चूक हो गई।
जैसमिन ने सोंचा था कि लंदन ले जाकर ऐलेक्ज़ेंडर उससे शादी कर लेगा। उसकी पत्नी बन कर वह उसकी जायदाद की मालकिन बन जाएगी। लेकिन ऐलेक्ज़ेंडर ने उसे इस पेंट हाउस में अपनी अन्य रखैलों के साथ रख लिया। वह अपने तथा अपने मेहमानों के मनोरंजन के लिए उसे नचाता था।
जैसमिन यहाँ कैद होकर रह गई थी।

"मदन मैं तुम्हें छोड़ कर बहुत पछताई थी। वह फैसला नादानी से भरा था। पर तुम्हारे पास लौट कर आने की गुंजाइश नहीं थी।"
रॉकी ने उसकी सारी कहानी ध्यान से सुनी। उसे अपने बच्चे के जन्म से पहले ही मर जाने का अफसोस था।
जैसमिन के मन में सवाल उठ रहा था कि मदन ने अपनी शक्ल क्यों बदल ली ? उसने जब पूँछा तो रॉकी ने उसे अपने साथ जो कुछ भी हुआ सब बता दिया।
"अब एक नई शक्ल और नए नाम राकेश तनवानी उर्फ रॉकी के साथ मैं फिर से सब कुछ वापस पाने की कोशिश कर रहा हूँ।"
रॉकी ने जैसमिन का हाथ पकड़ कर कहा।
"क्या तुम मेरे पास वापस आओगी ?"
"हाँ.... लेकिन ऐलेक्ज़ेंडर मुझे आसानी से नहीं छोड़ेगा।"
"उसकी चिंता तुम मुझ पर छोड़ दो।"
जैसमिन ने रॉकी को गले लगा लिया।