मेरी कहानी - 2 Harsh Parmar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी कहानी - 2

मोम पापा और बहिन को मिलके फिर सूरत चला गया जॉब पे वहा काम करने बाद दीवाली कि छुट्टियां हुई और हम सब लोग दीवाली मनाने अपने गांव आ गए।

दीवाली की तैयारियां बहुत अच्छी रही सबने नए नए कपड़े लाए और मैने भी अपनी फैमिली के लिए कपड़े खरीद लिए और खुदके लिए भी। हम सब लोगो ने साथ मिलकर पटाखे फोड़े और सब खाना खाके सो गए।

अगले दिन सुबह आराम से उठा में और चाय नास्ता कीया फिर मैने मोम को कहा कि में मामा के यहां जा रहा हूं तब मोम ने कहा कि ठीक है जाओ।

और में अपने मामा के यहां जाने के लिए निकल पड़ा। बस से जाने में एक घंटा लगता है ।और एक घंटे बाद मामा के यहां पहूंच गया में। मामा मामी को मिला और सब का हाल चाल पूछा मैने।

फिर मामा के लड़के को मिला उसका नाम आरव था और थोड़ी बात चीत कहीं अपने अपने जॉब के बारे में । फिर मामी ने खाना बनाया और हम सबने साथ में खाना खाया
कड़ी और बाजरी कि रोटी खाने में तो मज़ा आ गया।

मैने आरव को पूछा कि क्रिकेट खेलता है या नहीं तो उसने बोला हा खेलते है तब मैने कहा कि चल क्रिकेट खेलने जाते है। आरव ने कहा चल फिर हम दोनों निकल पड़े घर से क्रिकेट खेलने और मैदान में पहुंच गए।

उस दिन तो क्रिकेट खेलने का अलग ही मज़ा आ रहा था जो मैने मोका गवाया ही नहीं ?
क्रिकेट खेल कर वापस आ रहे थे तभी दो तीन लड़की पानी भरके सामने आ रही थी।

तब एक लड़की ने आरव को आवाज़ दी और आरव उसके पास गया। उसने आरव को बोला कि ये तुम्हारे साथ कोन है आरव ने कहा कि ये मेरी बुआ का लड़का है। उसकी बात में सुन रहा था फिर उसने मेरी तरफ देखके एक हल्की सी स्माइल दी।

में तो उसकी स्माइल देखकर चोक गया कि ये क्या कर गई। में तो उसको देखते ही रह गया फिर आरव आया और मुजकों बोला कि चल अब मैने कहा कि ठीक है चलते है।

मैने आरव को बोला कि उसका नाम क्या है तो उसने बोला कि संजना नाम है मैने कहा यार इसका नाम तो बहुत अच्छा है और वो भी दिखने में बहुत अच्छी है।

आरव ने बोला मतलब?? मैने कहा कुछ नहीं चल अब घर चलते है फिर हम दोनों घर पर आ गए और सामका खाना खाकर सो गए।

मुझे पता नहीं आज नींद क्यू नहीं आ रही थी में सोच रहा था कि ये लड़की कोन थी जो मूजकों बिना जानकर स्माइल दी और चली गई। मैने सोचा अभी सो जाता हूं उसकी कल बात फिर में सो गया।

और सुबह देर से उठा जब उठके ब्रश कर रहा था कि मेरे मामा के घर के सामने ही उस लड़की को देखा ?और उसने कल की तरहा आज भी वैसी स्माइल दी मुझे।

मै तो सोच में ही पड़ गया कि ये कोई सपना है या हकीकत है। मैने जल्दी ब्रश करके मुंह धो लिया फिर देखा तो वो लड़की वहीं थी।
मै ये सोच रहा था कि ये यहां पर कर क्या रही है।

फिर में चाय नाश्ता करके बैठा था तब आरव आया मेरे पास तो मैने उसको बोला कि आरव कल शामकों तुमने एक लड़की से बात की थी वो आज सुबह मुझे दिखी।

तो आरव ने कहा कि कहा देखी तुमने। मैने कहा कि वो सामने वाले घर पर तो उसने कहा कि ये यहां पर रहती है और वो उसका घर है।

मैने आरव को कहा कि उसने मुझे कल ही स्माइल दी थी और आज भी वैसी स्माइल पता नहीं क्या हो रहा है आरव। आरव कुछ बोला नहीं मैने उसको बोला कि मुझे उस लड़की को मिलना है आज ही।

आरव ने कहा ठीक है मिल लेना। मैने कहा वो आयेंगी कहा पर जो में उस से मिल पाऊ। आरव ने कहा कि वो पानी भरने जाएंगी अभी तो हम वहा जाएंगे मैने बोला ठीक है।

फिर में और आरव निकल पड़े जहा वो पानी भरने जाती थी वहा। वो पानी भरने आयी थी तब में वहा नल पे पानी पीने गया तो उसने फिर मुझे वहीं स्माइल दी।

मुझसे रहा ना गया और मैने उसको बोला कि तुमने मुझे कल स्माइल दी थी फिर सुबह जब में ब्रश कर रहा था तब और फिर अभी ऐसा क्यू। उसने कहा कि मैने तुमको कल देखा और तुम मुझे पहली नज़र में पसंद आ गए। मैने कहा ऐसी बात है ?
!क्रमश!

आगे की कहानी के लिए अगले भाग का थोड़ा इंतजार करे
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