रात को गर्मी की वजह से सब टेरेस पर सोने जाते है। पहले तो निंद अा गई सबको पर आधी रात बीतने पर सुमति की निंद खुल गई। उसको मच्छर काट रहे थे तो कुछ देर तो सोती रही पर फिर वो नीचे चली गई। कुछ ही देर में चिंटू भी उठा, उसने देखा सुमति कहीं दिख नहीं रही थी। वह भी नीचे घर पर अा गया। दरवाजा अंदर से बंद था। उसने दरवाजे पर दस्तक दी तो सुमति ने दरवाजा खोला।
सुमति- अरे तुम्हे भी निंद नहीं अाई??
चिंटू- मै उठा तो तुझे वहा ना पाकर डर गया था। तो तुझे देखने नीचे चला आया।
सुमति- ओह! इतनी फिकर है मेरी?
चिंटू- तु इस घर की सदस्य है, फिक्र क्यो नहीं होगी?
सुमति- अच्छा...। मुझे भूख लगी है, ती भी कुछ खाएगा?
चिंटू- इस वक्त? पर क्या खाएंगे?
सुमति- मैगी पड़ी है घर में, वहीं बना देती हुं, चलेगा?
चिंटू- हां हां चलेगा। चल मै भी तेरी हेल्प करता हुं।
दोनों फिर आधी रात को मैगी बनाकर खाते है और देर रात बैठकर बाते करते है। चिंटू सुमति को कहता है- सोजा अभी आज तुझे अपनी नई जॉब पर भी जाना है। पहले दिन ही सोती रहेगी तो गई नौकरी हाथ से। चल अब सो जा। फिर दोनों सो जाते है।
सुबह सुबह शारदा ने बहुत दरवाजा खटखटाया तब जाकर सुमति उठी और दरवाजा खोला। शारदा उठी तब देखा था चिंटू और सुमति नहीं है। उसे लगा शायद जल्दी नीचे चले गए है तो वो भी पिया को उठाकर नीचे अा गई। चिंटू और सुमति गहरी नींद में सो रहे थे तो किसीको दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनाई ही नहीं दी थी। काफी देर बाद दरवाजे की आवाज से सुमति एकदम से उठ गई और सीधा दरवाजा खोलने गई थी।
शारदा- तुम दोनो नीचे कब आए?
सुमति- मौसी मै और चिंटू आधी रात को ही नीचे अा गए थे। ऊपर मुझे मच्छर बहुत काट रहे थे तो मै नीचे अा गई थी और मुझे ढूंढ़ते हुए चिंटू भी अा गया था। फिर भूख लगी तो दोनों ने मैगी बनाकर खाई।
पिया- तुम दोनो मेरी मैगी खा गए?
सुमति- रखी है तेरे लिए, रो मत। अब मै नहाने जाती हुं वरना पानी चला जाएगा।
शारदा- चलो चलो जल्दी काम निपटाओ। आज तो सबको जाना है। पिया तू सुमति के बाद नहा लेना, तुम्हे स्कूल भी जाना है। सबके बाद में चिंटू को उठा देना, वरना बाथरूम से निकलेगा नहीं जल्दी। सब अपनी अपनी तरह तैयार होकर चिंटू को उठाकर चले जाते है। आज चिंटू वैसे कॉलेज नहीं जाने वाला था।
* * * *
आज सुमति का पहला दिन है जॉब में। मेनका मेम ने सब काम समझा दिया था। सुमति ने बखूबी सब संभाल लिया। जॉब के साथ साथ वह कंप्यूटर कोर्स भी कर रही है। आज उसका पहला दिन था तो ज्यादा काम नहीं करना पड़ा। उधर चिंटू अपने प्रोजेक्ट को पूरा कर चुका था। उसने सोलर एनर्जी पर प्रोजेक्ट तैयार किया था जिससे किसानों को बिजली मिलने में फायदा हो। वह शाम को सबकी आने की राह देखते देखते सो गया था।
जब दरवाजे पर दस्तक हुई तो उसे लगा शायद सुमति अा गई। पर जब दरवाजा खोला तो सामने पिया खड़ी थी। चिंटू बोला- ओह! तुम हो?
पिया- क्यो? किसी और का इंतज़ार था?
चिंटू- हां, वो आज सुमति का पहला दिन है ना जॉब का तो लगा शायद वो अा गई। उसका दिन कैसा रहा होगा यही सोच रहा था के निंद अा गई थी। चल तु हाथ मुंह धोकर मेरे लिए और अपने लिए चाय बना दे।
तब दरवाजे से आवाज आती हैं- मेरे लिए भी।
दोनों ने देखा तो उनकी मां अा गई थी। शारदा ने भी आते ही कहां- सुमति अभी तक नहीं अाई? चिंटू ने मना किया। अब तो साढ़े पांच बजने को आए है।
शारदा- वह तो पांच बजे छूटने वाली थी तो? यहां से क्लास का रास्ता मुश्किल से बीस मिनट का है। अब तक क्यो नही अाई?
पिया- आती ही होगी, क्या आप भी बाल की खाल निकालने बैठ गई।
तभी दरवाजे से एक और आवाज अाई, सुमति की- मां है हमारी चिंता तो करेगी ही और चिंटू दोस्त है हमारा तो वो भी चिंता करेगा पर तुझे क्यो इतनी जलन हो रही है??
पिया- जलन की बच्ची, मै भी तुमसे प्यार करती हुं और तेरी चिंता भी। वो तो भाई और मां खामखां तेरी राह देख रहे थे। तु इतना लेट कैसे हो गई पर।
सुमति- वो क्या था कि आज क्लास में एक लड़के का बर्थडे था तो वह केक लेकर आया था सबके लिए। उसे खाने में देर हो गई।
चिंटू- हमारे पास अब तक मोबाइल नहीं है तो अब हम सब एक एक मोबाइल खरीद लेंगे। ताकि देर होने पर एक दूसरे को फोन करके बता दें।
पिया- हम जिओ का मोबाइल लेंगे। सस्ता भी और अच्छा भी।
शारदा- ठीक है हम कल ही जाएंगे मोबाइल खरीदने। पर आप सब वादा कीजिए मोबाइल के आते ही आप की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। अब तक मैंने इसी लिए मोबाइल नहीं रखा था और नहीं आप लोगो को लेने दिया था।
चिंटू- आप बेफिक्र रहिए मां, हमारी पढ़ाई में कोई तकलीफ़ नहीं होने देंगे। प्रोमिस...।
पिया- मेरा भी पिंकी प्रोमिस। ?
शारदा- वो क्या होता है?
सुमति- पक्का प्रोमिस कह रही है।
फिर सब हसने लगे।
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दूसरे दिन सन्डे था। सब नहा धोकर तैयार हो गए। आज वह सब मोबाइल खरीदने जाने वाले है। पिया बहुत एक्साइटेड है मोबाइल के लिए। चिंटू अभी तैयार होते होते सोच रहा था कि अभी जाए उससे अच्छा है कि शाम को जाए। मोबाइल भी ले लेंगे और जुहू चौपाटी भी चले जाएंगे। वह सबसे यह बात कहता है तो सब मान जाते है। दोपहर शारदा सो जाती है पर चिंटू, पिया और सुमति पूरी दोपहर कहा से मोबाईल फोन लेंगे, किस कंपनी का लेंगे सब डिसाइड करते रहे। शाम के पांच बजे वे सब पहले मोबाईल की शॉप पर गए। बजट फिक्स था तो उस हिसाब से सब ने मोबाईल लिए फिर उसमे सिम कार्ड भी लगवाया। सारे डॉक्यूमेंट साथ लेकर ही गए थे तो सब जल्दी जल्दी मिल गया। फिर जुहू चौपाटी चले गए। वह पर सबने पानी पूरी, चाट पूरी और भेल खाने का मजा लिया और थक हार कर घर अा गए।
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सुबह सब जल्दी उठकर नित्यक्रम निपटा के अपनी अपनी मंजिल की ओर चल पड़े। आज फिर चिंटू, पिया और सुमति चाय के लिए बाहर जाने वाले थे। यह अब काफी बार वहा जा चुके थे। सुमति को चिंटू का साथ बहुत अच्छा लगता था। वह अब सोच रही थी के चिंटू से अपने प्यार का इजहार करू पर डर भी लग रहा था। अगर चिंटू ने मना किया तो?
चिंटू कॉलेज में मन्नू और राधा को अपना नया मोबाईल दिखा रहा था। उसे देख मन्नू बोला- अा गए ना लाइन पर। हमने जब कहा मोबाईल लेने को तो पढ़ाई पर असर पड़ेगा कहते थे और जैसे ही सुमति एक दिन क्या लेट अाई घर पर, जनाब ने उसे भी मोबाईल दिला दिया, क्या बात है? लगता है इलूइलू शुरू हो गया।
चिंटू- क्या बकवास कर रहा है? मै और सुमति... हम सिर्फ अच्छे फ्रेंड्स है। इसके अलावा कुछ नहीं।
राधा- पर हम तो बचपन से उसकी आंखो में तेरे लिए प्यार देख रहे है।
चिंटू- कुछ भी मत बोल चल अब। एसा होता तो वो मुझे जरूर बताती। पर ऐसा कुछ नहीं है समझें तुम लोग।
मन्नू- हां हां समझ गए। पर अभी वो रिया कुछ देर पहले तुझे ढूंढ़ रही थी, तुझे मिली क्या?
चिंटू- नहीं तो, क्या काम था?
राधा- अब वो हमे क्यू बताएगी? लगता है वो भी तेरी कायल हो गई है। लेक्चर में भी तुझे ताड़ती रहती है। संभलकर रहना बच्चू... ।
चिंटू- ये क्या लगा रखा है तुम लोगो ने? कभी सुमति, कभी रिया..। मुझे तो साला कोई पूछता ही नहीं मै क्या चाहता हुं। छोड़ यह सब चलो लेक्चर का टाइम हो गया।
प्रोजेक्ट दिखने के लिए चिंटू प्रिंसिपल मैडम की ऑफिस में जाता है। क्योंकि प्रोजेक्ट का आइडिया मेम ने ही दिया था। मेम उसका प्रोजेक्ट और प्रेजेंटेशन देखकर बहुत खुश हुए। साथ साथ कहा के- अब तो तुम्हारा जितना तय है। बहुत ही उमदा तैयार किया है तुमने प्रोजेक्ट। तीन दिन बाद सर दीनदयाल कॉलेज में यह प्रोजेक्ट लेकर पहुंच जाना। तुम्हारे साथ और कौन कौन आने वाला है?
तभी रिया मेम की ऑफिस ने आती है और कहती है और किसिका पता नहीं पर मै चिंटू के साथ जाने वाली हुं। मेम के सामने वह कुछ बोल नहीं पाया। फिर रिया ने कहा- प्रोजेक्ट को हम मेरी कार में ही ले जाएंगे, ताकि वह डैमेज ना हो।
सब बात तय करके दोनों प्रिंसिपल मैडम की ऑफिस से बाहर आए। तब रिया ने आज फिर उसे शाम को अपने साथ आने को कहा। पर चिंटू ने प्रेजेंटेशन तैयार करने का बहाना बताया और वहा से चल पड़ा। रिया गुस्से से तमतमा उठी। वह बोलती है- आखिर कब तक मुजसे बचोगे? एक न एक दिन तुम्हे मेरे पास आना ही होगा।?
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घर पहुंचते ही सुमति और पिया तैयार बैठे मिले। चिंटू फ्रेश हुआ और तीनो चल पड़े अपने अड्डे पर। वहा बैठकर मोबाईल के फंक्शन्स देखने लगे। आज फिर सुमति ने अपने और चिंटू के बीच एक ही चाय मंगवाई। यह उनका उसूल बन गया था, मानो हमेशा एक ही प्याली से चाय पीनी है।
वे सब घर पहुंचे तो शारदा को मुंह लटकाए बैठे देखा तो सुमति ने पूछा- क्या हुआ मौसी, मुंह क्यू लटकाया है?
शारदा पहले तो कुछ नहीं बोली पर सुमति के जोर देने पर कहती है- बाजू की बिल्डिंग में रहनेवाली मंजू मिली थी नीचे। कह रही थी अब सुमति के हाथ पीले करवा दो। लगता है उसके पैसो पर नजर लगाए हुए हो जो यहां से बिदा नहीं कर रहे हो। इतना कहकर शारदा रो पड़ती है।
पिया गुस्से मै बोलती है- वो कौन होती है हमारे घर में बोलने वाली? उस मंजू की तो अब खैर नहीं।
वह उठकर जाने लगती है तो सुमति उसे पकड़कर वापस बिठा देती है और कहती है- मौसी आप क्या उसकी बात सुनती हो। सब जानते है उस जलकुकड़ी को। कोई क्या कहता है उससे हमे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। मुझे कभी नहीं लगा आपकी नजर मेरे पैसे पर है तो वो कौन होती है बोलनेवाली?
चिंटू- मां, अभी उम्र ही क्या है इसकी के हम शादी करदे। शादी के लायक बनने तो दे इसे। बाद में धूमधाम से ब्याह करेंगे इसका।
यह सुनकर सुमति अंदर रूम में चली जाती है। उसे देख पिया भी उसके पीछे चली गई। शारदा कहती है- लगता है शादी की बात सुनकर शरमा गई।
पिया रूम का दरवाजा बंद करके सुमति के पास बैठ जाती है और बोलती है- क्या हुआ सुमति तु अंदर क्यो अा गई?
सुमति- कुछ नहीं, बस ऐसे ही। थक गई आज क्लास में।
पिया- जूठ क्यो बोलती हो भाभी..।
सुमति- क्या.. भाभी..?।
पिया- हा हा भाभी। मुझे पता है तुझे भाई पसंद है। तभी तो एक प्याली से चाय पीती हो। मैंने देखी है केदारनाथ मूवी, उसमे हीरोइन हीरो के साथ एक ही प्याली से चाय पीती है ?। बचपन से तेरे साथ हुं, इतना तो तुझे जानती ही हुं अब।
सुमति- पर क्या मतलब इसका? तेरा भाई तो नहीं जानता ना।
एक नम्बर का अनाड़ी है तेरा भाई। तुझे भी अब पता चल गया पर उसे कब पता चलेगा?
पिया- ओहो..। बराबर आग लगीं है यहां तो। कहे तो बात करू डायरेक्ट मा से कि तेरा ब्याह कहीं और नहीं चिंटू से ही करवा दे।
सुमति- हट पगली, मरवाएगी क्या?
पिया- तेरे पास कल मौका है भाई को प्रपोज करने का।
सुमति- कैसे?
पिया- फैक्ट्री में मां के साथ काम करनेवाली एक मौसी के लड़के की शादी है कल। तु कोई बहाना बना लेना घर पर रुकने का। भाई तो पहले ही मना कर चुका है आने से। तो कल तुम दोनों अकेले घर पर हो.. समझ गई ना...???
सुमति- पर मै मौसी से क्या कहूंगी?
पिया- वो तुम जानो भाभी। मैंने तो तुझे चांस दिखा दिया, अब उससे आगे का काम तुम्हारा।
सुमति- तु भाभी भाभी बोलना बंद कर, भूल से बाहर बोल गई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। फिर दोनों बाहर आती है तो चिंटू पूछता है- इतनी देर से क्या कर रही थी दोनों रूम में?
पिया- वो हम लड़कियों वाली बात कर रहे थे, तुम्हे क्या? अच्छा यह बताओ कल तुम शादी में अा रहे हो न?
चिंटू- नहीं बाबा, मुझे प्रेजेंटेशन की तैयारी करनी है। दो दिन बाद कॉम्पिटिशन जो है।
पिया- सुमति तुम?
सुमति- कल मुझे देर तक क्लास पर रुकना है। कल हमारी एड आने वाली है अखबार में तो कल इंक्वाइरी ज्यादा आयेगी।मेनका मेम ने आज ही कह दिया था, घर कल जाने में देर हो जायेगी।
शारदा- ठीक है तो तुम दोनों कल घर रहना मै पिया के साथ ही चली जाऊंगी। तुम खाना पका लोगी ना पिया या बनाकर जाऊ?
सुमति- आप फिकर ना करे, मै बना दूंगी।
इतना सुनते ही पिया ने सुमति को आंख मारी। फिर सुमति रसोई बनाने में शारदा की मदद करने चली गई। फिर चारो खाना खाकर, काम निपटाकर टेरेस पर चले गए बैठने। शारदा सो जाती है और तीनो देर तक बाते करते है।
अगले दिन सुमति को पिया ने फोन करके बताया हम निकल रहे है शादी के लिए, तु आजा घर पर। भाई अभी आया नहीं है तो तुझे जो सरप्राईज देना हो वह तैयारी कर लेना।
सुमति के घर पहुंचने तक चिंटू आया नहीं था। सुमति जल्दी जल्दी में दरवाजा बंद करना भूल गई थी। दरवाजा सिर्फ खाली बंद किया हुआ था।
जब चिंटू घर पहुंचता है तो दरवाजा खुला हुआ पाता है। वह सोच रहा था सुमति ने दरवाजा खुला छोड़ा है तो उसे डराता हुं। पर जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो सामने का नज़ारा देख उसकी आंखे फटी की फटी रह गई।?
क्रमशः
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