आमची मुम्बई - 25 Santosh Srivastav द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

आमची मुम्बई - 25

आमची मुम्बई

संतोष श्रीवास्तव

(25)

एशिया का सबसे बड़ा स्लम धारावी.....यानी मुम्बई का दिल.....

१७५ हेक्टेयर भूमि पर बसा धारावी एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया है | पहले धारावी द्वीप पर कोली मछुआरे रहते थे और बहुतायत से मेंग्रोव्ज़ की झाड़ियाँ थीं | कोली मछुआरों को कोलीवाड़ा में स्थानान्तरित कर १८८२ में धारावी बसाया गया | अब यहाँ की जनसंख्या आठ लाख है | सटी सटी झोपड़पट्टियाँ..... मानो ललकार कर कह रही हैं घुस सको तो घुसो इनमें, घुस न पाई हवा जिनमें | ’ मात्र दो लोगों को सटकर चलने लायक रास्ते जो हमें ले जाते हैं,उन कुटीर उद्योगों की ओर जहाँ से ६५० मिलियन डॉलर की वस्तुएँ हर साल विश्व के बाज़ारों में निर्यात की जाती हैं |

बॉलीवुड की फिल्म स्लमडॉग मिलेनियरने कई ऑस्कर अवार्ड जीते इस वजह से धारावी न केवल पूरे विश्व में चर्चित हुआ है बल्कि पर्यटन बॉलीवुड पैकेज में भी शामिल हो गया है | फिल्म की पूरी शूटिंग यहीं हुई थी और कलाकार भी यहीं के थे | आतंक, सौदेबाज़ी, सैक्स वर्कर्स, हिजड़े, गंदीबदबूदार गलियाँ, शौच से ठसाठस नाला और इस नाले के दोनों ओर लाइन से झुग्गियाँ..... इन्हीं के अंदर है कुम्हारवाड़ा..... मिट्टी के खूबसूरत बर्तन पर कलाकारी करते हुए कुम्हार यानी एक अधेड़ पुरुष ने बताया- बाहर से धारावी ऐसा ईच दिकता..... अंदर आक्खी सुविधा | अपुन को लाइफ़ से प्रॉब्लम नहीं बाई..... प्रॉब्लम सरकार से है, ध्यान ही नहीं देती धारावी पे | ”

तब तक एक लकड़ी की नसैनी से ऊपर के माले पर चढ़ती हुई उसकी बीवी बोली- बसा(बैठो) चाय बनाती मी | ” उसका झोपड़ा अन्दर से सुविधाजनक मुझे भी लगा | धारावी में महाराष्ट्र नेचर पार्क भी है | विशाल क्षेत्र में फैले इस पार्क में कई प्रकार के पेड़ पौधे, तितलियाँ और रेंगने वाले प्राणी हैं | यहाँ स्लाइड शो और नेचर वॉक भी आयोजित किये जाते हैं |

चूना भट्टी उपनगर से गुज़रते हुए मुझे अम्मा की याद आ गई | वे जब भी मुम्बई मेरे पास आतीं चूनाभट्टी ज़रूर आतीं क्योंकि यहाँ राधास्वामी सम्प्रदाय की शाखा है जहाँ हर रविवार सत्संग होता है | लौटते में वे हेमंत के लिए चूना भट्टी मार्केट से ख़रीदी करती थीं | ..... अब दोनों ही नहीं रहे..... पर दुनिया तो चल ही रही है |

कुर्ला रेलवे स्टेशन जो लोकमान्य तिलक टर्मिनस कहलाता है बाहर से आने वाली गाड़ियों का मुकाम भी है और सैंट्रल तथा हार्बर की लोकल गाड़ियों का भी | कुर्लातालुका पहले मुम्बई सबर्बन डिस्ट्रिक्ट का हेडक्वार्टर था | यहाँ प्रसिद्ध ख़ान बहादुर भाभा अस्पताल है |

***