आमची मुम्बई
संतोष श्रीवास्तव
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मुम्बई की सरहद सायन.....
दशकों पहले सायन को मुम्बई की सरहद या प्रवेश द्वार कहा जाता था | मराठी में इसे शीव कहते हैं जिसका अर्थ है बाऊँड्री | सायन रेलवे स्टेशन सैंट्रल और हार्बर लाइनों से जुड़ा है | यहाँ का ऐतिहासिक स्थान है हिल टॉ पगार्डन जहाँ सायन का किला स्थित है | यह किला टोपीनुमा पहाड़ी पर है | हिलटॉप गार्डन यानी नेहरु उद्यान से होकर ही किले की सीढ़ियाँ हैं | पहाड़ी के उस पार सॉल्सेट द्वीप है | हालाँकि वहाँ अब समुद्र का कोई अता पता नहीं है | निर्माण की आँधी समुद्री ज़मीन को हड़पती चली जा रही है | किन्तु पुर्तगाली शासनकाल में वहाँ समुद्र हुआ करता था | पुर्तगालियों ने इस पहाड़ी पर सैनिकों के रहने की व्यवस्था की थी | बाद में किले पर मराठों का कब्ज़ा हुआ और फिर अँग्रेज़ों का | जैसे ही उद्यान की सीमा समाप्त होती है, ऊँचे-ऊँचे दरख़्तों और जंगली झाड़ियों से भरा जंगल शुरू होता है | ओह..... इतने मोटे तने वाले चम्पा के पेड़ मैंने पहली बार देखे | दो पुरानी तोपें भी यहाँ रखी हैं | पहले १२ थीं अब २ ही बची हैं | सीढ़ियाँ चढ़ते हुए किले के खंडहर मानो अपनी कहानी सुनाते हुए से लगते हैं | न अब वो ज़माना रहा न किले की सुँदरता | अबतो खंडहरों में हरियाली मनमानी जगह पर उग आई है | नीचे तहख़ाना है जो बारूद रखने के लिए था | एक बड़ी सीमेंट और चूने से बनी टंकी है जिसमें बारिश का पानी सैनिकों के पीने के लिए इकट्ठा किया जाता था | यह किला समुद्री यातायात और समुद्र पर कड़ी नज़र रखने के लिए बनाया गया था |
सायन में प्रख्यात के. जे. सौमैया इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एन्ड इन्फरमेशन टेक्नॉलॉजी है | यही वो उपनगर है जहाँ से मिथुन चक्रवर्ती,साधना, बोनी कपूर और अनिल कपूर ने फिल्मों का रुख किया था | सायन के पूर्व से ही जुड़ा है धारावी, जो माहिम के पश्चिम तक फैला है |
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