Ab nhi Sahugi - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

अब नहीं सहुंगी... - भाग 7

अनुज ने कहा अपने घर कॉल कर के बोल दो हम एक दिन ओर रुकने वाले है शैली ने कहा सिर हम अभी माफी मग लेते है फिर घर जा सकते है अनुज ने कहा अभी जॉन किसी मीटिंग में बिज़ी है शाम के 5 बजे मिलने बोला है बाते बना के अनुज ने शैली को रोकने बोल दिया...!!! आगे

                                भाग...7

शैली को डर था ,कि फिर से कल वाली बात ना हो! फिर भी खुद को समझाती बोली!
" नहीं ऐसा अब नहीं करेगे !जॉन सर को मुझे बस सोरी बोलना है ! फिर कल हम यहां से निकल जाएगे ! तभी अनुज का कॉल आया ! कहा की बाहर आ जाओ  हमे चलना है !
वो शैली को ले कर जॉन के रूम में गया! वहां जॉन शैली ओर अनुज का वेईट कर रहा था ! अनुज ने कहा!
सर शैली आप से माफी मांगने आई है! जॉन बोला!
" तो अब वेईट किसका है , मागो माफी मुझसे !"शैली आगे बढ़ी ओर बोली !
"सर मुझ से गलती हो गई ,मुझे माफ़ कर दीजिए! आई एम सो सॉरी!
जॉन ने स्माइल दी !और कहा !
"शैली मुझे माफ कर दो गलती मेरी थी , मैने ही तुमको गलत सोचा लिया! ये सब सुन के अनुज बोला!
" चलो बात को यही खत्म करते है ,ओर डील आगे बढ़ाते है! जॉन ने कहा!
ओके में फ़ाइल पे सिग्नेचर कर  देता हूं! अनुज ने कहा!
"इसी खुशी में पार्टी हो जाए!
जॉन बोला!
"हा तो चलो चलते है ये लोग रूम से होटल के बार में आए,अनुज ने जॉन को इशारा किया! उसने शैली को कोल्ड ड्रिंक ऑफर की ! शैली ने माना किए फिर भी अनुज ने ज़ोर दे कर बोला! कमोन शैली.. कोल्ड ड्रिंक ही तो है पीलो !अब कुछ नही होगा वादा है! "
"उसने पीली!
  शैली को उसे पीने के बाद कुछ चक्कर से महसूस हुए! वो दूर जा कर बैठ गई !अनुज उसे रूम में ले आया! और वहां जॉन भी आ गया था! शैली होश में थी! लेकिन पूरे होश में नहीं ! फिर उस रात शैली को उस जुर्म की सजा मिली, जो उसने अपने बचाव के लिए किया था!
जॉन को चोट देने का जुर्म !
जॉन ने शैली को बेड पे पटक दिया! और अब उसके साथ अपनी वासना मिटाई! वो शैली का जिस्म ऐसे नोच रहा था जैसे कोई भेड़िया अपना शिकार!
शैली नशे की हालत में होने के बाद भी खुद को बचाने की कोशिश करती रही! लेकिन उसकी सारी कोशिशें बेकर रही! ओर वो दर्द से चीखती रही चिल्लाती रही! लेकिन जॉन नाम के भेड़िए ने उसकी एक ना सुनी ! वो हाथ जोड़ रही थी लेकिन हवस मिटाने के लिए जॉन ने एक ना सुनी पूरी रात वो इसी तरह शैली को नोचता रहा! हर पल में कई बार मर रही थी शैली! लेकिन वो खुद को बचा नहीं पाई ! सुबह होते होते शैली का नशा पूरी तरह से उतर गया! देखा उसने जॉन उसके साथ उसके बेड पे है! ओर शैली के बदन पे सिर्फ चदर है ! वो सब कुछ याद कर के रोती रही! जॉन उठा ओर बोला !
"प्यार से मान जाती तो इतना  नहीं सहना पड़ता!
शैली बेबस रोती रही! जॉन उसके रूम से चला गया! शैली  बेबस थी वो कुछ कर भी नहीं पाई! उसने खुद को सभ्लते हुआ फ्रेश होकर जाने की तयारी की! तभी अनुज उसके पास आया, और बोला !
"यहां जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को बताने की कोशिश भी मत करना , नहीं तो तुम्हारी जॉब तो जाएगी ही बाकी जो होगा उसकी ज़िम्मेदार तुम खुद रहोगी!
शैली के पास कोई ओर रास्ता नहीं था चुप रहने के सिवा! ये लोग यहां से निकल के फरीदाबाद पहुंच गए ! शैली ने कहा!
"मुझे घर जाना है!
अनुज बोला! ओके चली जाओ लेकिन कल ऑफिस जल्दी आना !
शैली बिना कुछ बोले घर चली गई !उसकी हालत ठीक नहीं थी! वो अपने घर आई! उसकी मां ने उसे देखा बोली!
"आ गई बेटा , कैसा रहा तेरा काम? तू ठीक है ना?"
शैली बोली हा सब ठीक से हो गया! वो रूम में चली गई! सुधा ने कहा!
"क्या हुआ शैली?
अंदर से आवाज़ आई!
" मां में ठीक हूं बस थकान हो गई है! मुझे सोना है !
सुधा ने कहा !
"ठीक है तू आराम कर! में तेरे लिए कुछ बना देती हूं !"
थोड़ी देर बाद नूर का कॉल आया, पूछा !
" शैली आ गई घर या अभी नहीं?"
सुधा ने कहा आ गई है! थक गई तो आराम कर रही हैं अपने रूम में!
नूर ने कहा ठीक है में बाद में आकर मिलती हू उसे!
एक घंटे बाद नूर आ गई ओर शैली के रूम में चली गई !
शैली बैठी हुई थी! नूर को देख कर उसे कुछ अच्छा लगा! लेकिन वो अपना दर्द छूपाती रही नूर और मां से !
नूर ने कहा!
कैसा रहा तेरा काम सब ठीक तो रहा ना? तुझे कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई?"
शैली दर्द छुपाते हुए बोली !
"सब ठीक था! कोई प्रॉब्लम नहीं हुई! अनुज सर तो बहुत अच्छे है! वो सब बताते रहते है!
नूर ने कहा!
" अच्छा जी इतने अच्छे है तेरे अनुज सर! मजाक करते हुए कहा !
तभी सुधा दोनो के लिए चाय ले आई !दोनो चाय पीते पीते बाते करती रही! लेकिन नूर को ऐसा लग रहा था जैसे शैली कुछ छुपा रही है ! उसने बातो बातो में पूछा!
शैली सच बता तू ठीक हैं?
"हा में ठीक हूं ! मुझे क्या हुआ है ? तुझे ऐसा क्यू लग रहा है कि में ठीक नहीं हूं? नूर बोली! नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया! फिर नूर अपने घर चली गई !
शैली फिर से अपने गम में डूब के रात भर  रोती रही! सुबह शैली की आंख लग गई थी! सुधा ने आवाज़ दी ओर कहा!
" शैली ऑफिस नहीं जाना है क्या?"
शैली ने कहा!
जाओ अाति हूं!
शैली ने अब सोच लिया था !आज वो जॉब छोड़ देगी ! वो ऐसे ऑफिस में काम नहीं कर सकती ! जहां डील के बदले में जिस्म बेचना पड़े ! शैली तैयार हो कर ऑफिस गई !
उसने कहा! में यहां अब जॉब नहीं करना चाहती ! अनुज ने उसे कहा!
" क्यू जॉब क्यू छोड़ना है ? शैली ने कहा! आप सब जानते हो ! मुझे जॉब क्यू नही करनी है ? अनुज बोला !
तुम अब ऐसे जॉब नहीं छोड़ सकती! उसने कहा!
"में जा रही हूं ! अनुज गुस्से में आया ओर उसका हाथ ज़ोर से पकड़ के बोला!
अब तुम चाह कर भी ये जॉब नहीं छोड़ सकती!
उसने कहा!
में छोड़ सकती हूं ,तभी अनुज ने अपने जेंब से मोबाइल फोन निकला ओर शैली को कुछ दिखाया! जिसे देख शैली के होश उड़ गए...!!!

अनुज ने शैली को ऐसा क्या दिखाया जिसे शैली के होश उड़ गए...?

(क्रमशः)



                    ******सायरा खान*******

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