Chand paktiya matrubharti ke liye books and stories free download online pdf in Hindi

चंद पंक्तियॉं मातृभारती के लिए

ओ मेरे प्यारे भाग्य , तूने सच में मुझे बहुत कुछ दिया है । 
मेरी सभी परेशानियों और समस्याओ का हल भी तूने ही किया है ।।
लेकिन अब आ गया है मेरे जीवन में तुझसे भी अच्छा साथी , मुझे मेरी मंज़िल तक पहुँचाने वाला।
जिसे सब लोगो ने मिल-कर मातृभारती नाम दिया है ।।

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सभी मुझसे नाराज़ हैं , और सभी ने मुझसे मुँह मोड़ लिया ।
सभी मुझसे दूर हो गये , और सभी ने मेरा साथ छोड़ दिया ।।
पाठशाला में अध्यापक कुछ पढ़ाते नही , तो मैने पाठशाला से नाता तोड़ दिया ।
बहुत ज़्यादा चीज़ो का अध्ययन करने के लिए , मैने मातृभारती से रिश्ता जोड़ लिया ।।

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समय बहुत कीमती होता है , ये अब समझ के जाना है ।
कामयाबी के लिए , पढ़ाई से अच्छा साधन कुछ भी नही ये सभी ने माना है ।।
मैं अकेला ही नही इस मातृभारती एप्लिकेशन का उपयोग कर रहा हूँ , सारा संसार इसका दिवाना है।
अब मातृभारती की साहयता से ही पढ़ना और पढाना है ।।

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जो लोग कुछ भी नही करना चाहते , सिवाय   लिखने और पढ़ने के । 
 वो लोग मातृभारती एप्लिकेशन इंस्टॉल करे , उसमें लेख बहुत पढ़ने के ।।
लेखकों ने ऐसे लेख लिखे हैं , जो पवॉइन्ट बताते हैं परिस्तिथियों से लडने के ।
कुछ और नही अच्छा , सिवाय  मातृभारती एप्लिकेशन को पढने के ।।

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मेरी बहुत ज़्यादा तमन्ना थी कि , मुझे कुछ ऐसा मिल जाए,
जिससे कि मैं हर समय कुछ पढ़ता रहा करूं ।
वो जो भी हो , पर कुछ ऐसा हो, 
जिसे पढ़ने के लिए खुद से लडता रहा करूं ।।
मातृभारती को पाकर मुझे लगा कि , मेरे मन ने मुझसे कहा हो ।
यही है वो चीज़ , जिससे मैं रोज़ अपने हुनर में सुधार करता रहा करूं ।।

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मुझे उन पर्वतो पर चढना है ,  जो अपनी ऊंचाई पर बहुत अहंकार जताते हैं ।
और उन तक पहुँचने के लिए केवल एक मात्र मार्ग  मातृभारती को पढना है ।।
जिसे मैं जितना भी ज़्यादा पढता हूँ  ,  उतने ही ज़्यादा संस्कार आते हैं ।
उन पर्वतो की ऊंचाइयो को , मातृभारती से पाये इन संस्कारो से कम करना है ।।

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अपने समय को व्यर्थ ना करते हुए , कुछ ऐसा ट्रॉल करें।
दिन हो या रात , हर समय पढ़ने के लिए 
मातृभारती एप्लिकेशन को इंस्टॉल करें ।।
अगर मातृभारती एप्लिकेशन को उपयोग करने के बाद  कुछ फ़ायदा हो ।
तो मातृभारती एप्लिकेशन के अॉनर को  धन्यवाद देने के लिए , मैसेज़ या फिर कॉल करें ।।

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मुझे पहले खुद से शिकायत थी कि , मैं पढता क्यों नही हूँ ।
पढ़ने के लिए खुद अपने आप से , मैं लडता क्यों नही ।।
लेकिन जब से ये शानदार एप्लिकेशन 'मातृभारती' से मैं परिचित हुआ हूँ , तब से इतना पढ रहा हूँ ।
मैं खुद से कहता हूँ कि , मैं आराम करता क्यों नही।।

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अंत में बस यही कहूँगा 

मैं शुक्रगुज़ार हूँ उनका , जिन्होने मातृभारती जैसे इतने शानदार एप्लिकेशन को बनाकर मुझे चौंका दिया ।
इस एप्लिकेशन का उपयोग करने वाले इतने सारे अच्छे लोगों को दोस्त बनाने का मुझे मौका दिया।।
इस एप्लिकेशन को इंस्टॉल करने के बाद , मैं ये भी भूल गया कि किसने कब-कहॉं-कैसे-क्यों मुझे धोख़ा दिया ।
पर सचमुच ' मातृभारती ' का मैं तहे-दिल शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ , कि " मातृभारती ने मुझे इतना अच्छी चीज़े पढ़ने, और मेरे अपने मन के भावों को लिखने का मौका दिया.।।

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मंजीत सिंह गौहर  










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