क्रिसमस - हैप्पी क्रिसमस Manjari Shukla द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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क्रिसमस - हैप्पी क्रिसमस



क्रिसमस के त्यौहार के साथ ही लोगो के चेहरों की खुशियाँ बढ़ती जा रही थीI जिसे देखो वही, बाज़ार की तरफ़ दौड़ा जा रहा थाI किसी को क्रिसमसट्री चाहिए था तो किसी को सांता की ड्रेस, कोई रंगबिरंगी झालरें ढूँढ रहा था तो कोई बेकरी शॉप पर मनपसंद केक की खुशबू लेने की लिए खड़ा रहता थाI ऐसा लग रहा था कि सारा शहर अचानक खुश हो गया थाI इतना खुश ..इतना खुश कि जितना वह पहले कभी नहीं हुआ थाI पर इन सब के बीच में कोई बहुत दुखी भी थाI वह था जेम्सI एक पेड़ के नीचे बैठा जेम्स कई घंटों से सोच रहा था कि वह क्रिसमस कैसे मनाएगाI

हर साल वह साँता क्लॉस की दाढ़ी और मूँछे बेचकर कुछ पैसे कमा लेता था पर इस साल तो उस बाज़ार में इतनी सारी दुकानें लग गई थी कि किसी ने भी उससे कुछ नहीं ख़रीदाI

तभी उसके सामने से एक बच्चा अपने पापा का हाथ पकड़कर निकला और उसे देखकर रूक गयाI

उसके पापा ने पूछा-"क्या हुआ?"

"मुझे सांता क्लॉस वाली दाढ़ी मूँछे चाहिएI" बच्चा जेम्स को देखते हुए बोला

"नहीं, हम उस सामने वाली बड़ी दुकान से लेंगेI" उसके पापा ने समझाते हुए कहा

"दुकान से क्यों, मैं तो यहीं से लूँगाI" उसने पूरी ताकत से पापा का हाथ खींचते हुए कहा

पापा ने धीरे से उसे अपनी ओर खींचा तो वह बच्चा पापा के पास घिसट गयाI

जेम्स को यह देखकर हँसी आ गईI

बच्चे ने अपनी बात पूरी नहीं होते देखकर रोना शुरू कर दियाI

पापा उसे समझाते हुए बोले-"सड़क पर सामान बेचने वाले बहुत लूटते हैI हम लोग सामने वाली बड़ी सी दुकान पर चलकर खरीदेंगेI

जेम्स की हँसी रुक गई और वह सकुचा उठाI

वह अपना सामान समेटते हुए उठा और उस बच्चे के पापा के पास जाकर बोला-" दाढ़ी और मूँछे दोनों सिर्फ़ पचास रुपये में ले लीजियेI"  

बच्चा पापा से मनुहार करते हुए बोला-"पापा, ले लो ना..यह भैया कितना सस्ता तो दे रहे हैI"

"चुप रहो, तुम्हें भला क्या पता महंगे और सस्ते का…"पापा ने बच्चे का हाथ छोड़ते हुए कहा

जेम्स बोला-"चालीस रुपये का तो ख़रीदा ही है मैंने, आपसे सिर्फ़ दस रुपये ज़्यादा मॉंग रहा हूँI"

"खरीद दो न पापा, आपके पास तो कितने सारे पैसे हैI"

पर पापा ने जेम्स के सामान पर सरसरी निगाह डालते हुए पूछा-"तीस रुपये में दोगे?"

"पापा, आप गलत कर रहे होI" बच्चा पैर पटकते हुए चिल्लाया

पापा ने जोरदार चाँटा बच्चे के कोमल गाल पर जड़ दियाI  बच्चा जोर-जोर से रोते हुए ज़मीन पर ही बैठ गयाI

बच्चे के पापा ने जेम्स से फ़िर पूछा-"तीस रुपये में दोगे?"

जेम्स ने बच्चे की ओर देखा जो रोते हुए उसकी ही तरफ़ देख रहा थाI जेम्स का दिल भर आयाI पर दस रुपये के नुकसान में कैसे बेच दे सामानI

जेम्स इन्हीं विचारों में खोया हुआ था कि उसके पापा ने फ़िर से पूछा-"तीस रुपये में दोगे?"

"हाँ…दूँगा.." जेम्स ने अपने झोले से दाढ़ी मूँछ निकाली ओर बच्चे के आँसूँ पोंछते हुए उसे पकड़ा दीI

बच्चा हँस दियाI

पापा ने जेम्स को पैसे दिए और कहा-"चलो, अब सामने वाली दुकान से क्रिसमस ट्री भी खरीद लेते हैI"

बच्चा अपनी दादी मूँछे सँभालता हुआ पापा के साथ चल दियाI

कुछ कदम आगे जाने पर उसने जेम्स को हाथ हिलाकर बाय-बाय कियाI

जेम्स बच्चे का निश्छल प्यार देखकर खुश हो गया और मुस्कुरा दियाI

देखते ही देखते बच्चा पापा के साथ दुकान के अंदर चला गयाI

दुकान के अंदर की चकाचौंध तो देखते ही बनती थीI एक से एक बढ़कर खूबसूरत सामान, काउंटर पर खड़े हँसते-मुस्कुराते लोग, जो हँस हँसकर अपना सामान बेच रहे थेI ढेर सारे क्रिसमस ट्री, सांता की पोशाक, उसकी दाढ़ी मूँछे, चाँदी से चमकते हँस, क्रिसमस ट्री पर सजाने के लिए ना जाने कितने सारे रंगबिरंगे सितारे..बच्चे की तो ख़ुशी देखते ही बनती थीI कभी वह एक सुनहरी गेंद को छूता तो कभी रंगीन मोमबत्तियों को..कभी सांता की लाल और सफ़ेद पोशाक को तो कभी काँच के अंदर तैरती सुनहरी मछलियों कोI

आख़िर थोड़ी देर बाद बच्चे के पापा को एक क्रिसमस ट्री पसँद आ गयाI उन्होंने वहाँ खड़े एक आदमी से उसकी कीमत पूछी तो उसने मुस्कुराते हुए कहा-"सिर्फ़ चार हज़ार रुपयेI"

"इतना महँगा" पिछले साल तो ढाई हज़ार का थाI

"उस आदमी ने पापा को अजीब सी नज़रों से देखा और कहा-"वह बोर्ड पढ़ लीजियेI"

पापा ने अचकचाते हुए उस ओर देखा तो दुकान पर "एक ही दाम" का बोर्ड लगा हुआ थाI

उसे पढ़ने के बाद पापा एक रूपया भी कम करने को नहीं कह सकते थेI

उन्होंने चुपचाप पर्स निकाला और बच्चे का हाथ पकड़कर काउंटर तक आ गएI

तभी उनकी नज़र काउंटर पर रखे सांता की सफ़ेद दाढ़ी और मूंछ पर पड़ीI यह बिलकुल वैसी ही थी जैसी उन्होंने थोड़ी देर पहले जेम्स से खरीदी थीI

पापा ने कुछ सोचा और पूछा -"इसकी कीमत कितनी है?"

काउंटर पर खड़े आदमी ने अपनी टाई ठीक करते हुए कहा-"सिर्फ़ पाँच सौ रूपएI"  

पापा सन्न खड़े रह गएI बच्चे ने तुरंत पापा की ओर देखाI पर वह उससे नज़रें नहीं मिला सके और इधर उधर देखने लगेI

कुछ सोचते हुए उन्होंने बच्चे का हाथ पकड़ा और तेज़ क़दमों से तुरंत दुकान के बाहर निकल गएI  

पीछे से किसी ने कहा-"सामान खरीदने के पैसे तो होते नहीं है और कीमत पूछने के लिए आ जाते हैI"

उसकी बात सुनकर कई लोग ज़ोरों से हँसेI

पापा ने क्रिसमस ट्री खरीदने के लिए निकाले हुए चार हज़ार रुपये वापस अपने पर्स में रख लिएI

वह बच्चे के साथ लगभग दौड़ते हुए वहाँ पहुँचे जहाँ पर उन्होंने जेम्स से सामान खरीदा थाI

जेम्स घुटनों पर हाथ रखे सिर झुकाये बैठा थाI

अब पापा ने उसे गौर से देखाI दिसंबर की कड़कड़ाती सर्दी में मात्र शर्ट और पैंट में वह सिमटता हुआ सर्दी बचाने की कोशिश कर रहा थाI सर्द हवा के चलते, हवाई चप्पल पहनने के कारण अपने पैरों को वह रह-रह कर सिकोड़ उठता थाI  

पापा ने बच्चे का हाथ छोड़ दिया और उसे जेम्स को उठाने के लिए इशारा कियाI   

बच्चा जेम्स के पास गया और उसका हाथ पकड़ते हुए प्यार से बोला-"भैया उठोI"

जेम्स हड़बड़ाकर खड़ा हो गयाI उसका चेहरा आँसुंओं से तरबतर थाI  

"पापा, भैया रो रहे हैI” बच्चा पापा का हाथ पकड़ते हुए बोला

जेम्स ने तुरंत अपने आँसूँ पोंछे और गिड़गिड़ाते हुए बोला-"साहब, अब उससे कम पैसे नहीं कर पाऊंगाI मेरे पास खाना खाने तक को पैसे नहीं हैI" ना चाहते हुए भी जेम्स की आँखें छलछला उठी

पापा का मन भीग गयाI उन्होंने तुरंत जेब से पाँच सौ रुपये निकाले और जेम्स के हाथों में रख दिएI

जेम्स कुछ कहता, उसके पहले ही पापा उसके गले लग गए और बोले-"हो सके तो मुझे माफ़ कर देना दोस्तI"

जेम्स ज़ोरों से रो पड़ाI

बच्चा ख़ुशी के मारे पापा के पैरो से लिपट गया और बोला-"आप दुनियाँ के सबसे अच्छे पापा होI"

पापा ने रुमाल से आँखें पोंछी और बच्चे को गोदी में उठाते हुए जेम्स से कहा-"हैप्पी क्रिसमस"

जेम्स ने भी कई बार “हैप्पी क्रिसमस” कहने की कोशिश की पर बार-बार उसका गला रूंध गयाI

उसने आँसूँ पोंछते हुए बच्चे और पापा का हाथ चूम लियाI

पापा हाथ पर जेम्स के आँसूँ देखते हुए बोले-"यह क्रिसमस गिफ़्ट मुझे हमेशा याद रहेगाI मै कोशिश करूँगा कि तुम जैसा बन सकूँI"

जेम्स से कुछ कहते ना बनाI पापा ने प्यार से जेम्स को कन्धा थपथपाया और वहाँ से चल दिएI बच्चे ने मुड़कर जेम्स को देखा और हँसते हुए हवा में हाथ हिलाकर बाय कियाI

जेम्स ने धीमे से कहा-"हैप्पी क्रिसमस" और डबडबाई आँखों से बच्चे को देखकर तब तक हाथ हिलाता रहा जब तक वह आँखों से ओझल नहीं हो गयाI