थेंक यु Sanjay Nayka द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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थेंक यु

थेन्क यु

आशा इन्टर्व्यु के लिए फटाफट से तैयार हो रही है |

आशा :मम्मी में जा रही हुं ...

मम्मी :रुको आशा ! खाना बन हि गया है |

मम्मी ने किचन से आवाज लगाई

आशा :ओ हो मम्मी ....इन्टर्व्यु के लिए पहले हि लेट हो गई हुं

और खाना की बात कर रही हो ? में वहाँ कुछ खा लुगीं |

मम्मी आती है |

मम्मी : शहर जा रही हो ! वहाँ कुछ अनाप-सनाप खाने की जरुरत नहि ! ना जाने कैसे कैसे तेल में बनाते होंगे ! ले ये टीफीन ले जा |

आशा : मम्मी ....तुम भी ना ...

मम्मी: चल अभी मम्मी-मम्मी मत कर ! शहर जाने वाली बस निकल जायेगी |

आशा : हा चलो में निकलती हुं |

मम्मी : हा अपना ध्यान रखना |

आशा टीफीन लेकर चली जाती है |

शहर कि सडक पे गाडीयाँ तेज रफतार से गुजर रही है | आशा रोड क्रोस करने की कोशीश करती है मगर दो-तीन कदम आगे बढाती है और फिर से डर के मारे पीछे आ जाती है | और बार-बार घडी देखती है |

आशा परेशान होती है | तभी वो देखती है की एक स्कुल जा रही बच्ची रोड करने के लिए एक आदमी के पीछे चलती है | जहा-जहा वो आदमी ठहेरता वहां वो भी रुक जाती थी और आदमी के पीछे जा कर रोड कर लेती है |आशा उस बच्ची की होशीयारी से खुश होती है और वो भी ऐसे इन्सान को देखती है जो उसे रोड क्रोस करा सके | तभी आशा के बाजु में एक नौजवान लडका आके खडा रहता है आशा उसे देखकर चहक जाती है |

' सायद यही मुजे रोड क्रोस करने में हेल्प कर सकता है ' आशा खुश होकर मन हि मन में

बोली | वो लडका रोड करने के लिए आगे बढता है | आशा भी उसके साथ उसके साया की तरह चल देती है | वो लडका जहा जहा रूकता वो भी रुक जाती है | लडका उसकी तरफ देखता है |

पर आशा अपने आप को ऐसे ढाल देती है जैसे वो लडके पीछे नहि जा रही हो | लडका रोड क्रोस करता है उसके आशा भी रोड क्रोस कर लेती है और चेन की सांस लेती है जैसे उसने कोई जंग जीत ली हो !

आशा एक दो कदम लडके के साथ चलती है और अचानक से बोल पडती है 'थेन्क यु'

लडका पीछे मूडकर देखता है |

आशा : थेन्क यु

आशा ने फ़िर से लडके की आंखो मे आंख मिलाकर कहा |

लडका : जी आपने मुजे से कुछ कहा ?

लडके ने अचरज से पुछा |

आशा : हा आपको थेन्क यु कहा

लडका :' थेन्क यु ? पर किसके लिए ?'

आशा : रोड क्रोस कराने के लिए '

लडका : रोड क्रोस कराने के लिए ?' –

आशा : ओ.के बताती हुं ! मै पिछले 15 मिनीट्स से रोड क्रोस करने की कोशीश कर रही थी पर शहर का ट्राफिक हि ईतना है की रोड को क्रोस हि नहि कर पाई |

लडका : सायद आप शहर में पहेली बार आई है ?

आशा : हा में इस शहर से दूर रामपुर गाँव से आई हुं आज मेरा इन्टर्व्यु हैं |

लडका : अच्छा ये बात है ! चलो अब मुजे भी लेट हो रहा है में निकालता हुं ओ.के बाई

आशा : सुनिये !

लडके के बढते कदम थम गये | पीछे मूड कर आशा की तरफ देखता है |

आशा : एक हेल्प और करेगे ?

लडका : हा बोलो !

आशा : मूझे ये एड्रेस पता नहिं ! 11 AM बजे रीपोर्टीग टाईम था और 10:30 AM हो चुकी है |

आशा एड्रेस वाला कार्ड लडके को देती है | लडका एड्रेस पढता है |

लडका : नहीं ...

आशा : क्या ? आप को पता नहि ये एड्रेस ?

लडका : नहि नहि .. पता है में ये बोल रहा था की आप नहि लेट होगें बस 15 मिनिट्स मे आप इस एड्रेस पर पहोच जाओगी

लडका एड्रेस बताता है |

लडका : ठिक है ?

आशा : हा समज गई ! थेन्क यु

लडका : अरे फिर थेन्क यु ?

दोनो हँसते-हँसते अपनी अपनी मंझिल की तरफ जाते है |

दोपहर वक्त है आशा एक रेस्टोरन्ट से गुजर रही है वहा वही लडके को देखती है जीसने सुबह रोड क्रोस करवाया था | वो लडका रेस्टोरन्ट को देख रहा है और कन्फयुझ हो रहा है |

आशा : हाय !

लडका : हाय (लडका अचानक से आशा को सरप्राईझ से देखता है )

लडका : तुम ? और तुम्हरा इन्टर्व्यु कैसा रहा ?

लडका : बढीया ! और तुम यहाँ रेसस्टोरन्ट को देखकर क्या सोच रहे थे ? भुख लगी है ?

लडका : हा भुख भी लगी है और खाने का भी मन नहि हो रहा..

आशा : हेय ? ये कैसी भूख है ?

लडका : मतलब के होटेल का खाना खाकर उब गया हुं पंजाबी, साउथ इन्डिन, चाईनीस खाना खा कर संतोष नहि मिलता जो घर के खाना खाने मे मिलता है |

आशा : वो तो है | क्यु तुम्हारा घर यहाँ नहि है ?

लडका : नहि ! मे यहा बस इस शहर में काम करता हुं और रेंट पर रहता हुं और छुट्टी में घर जाता हुं वहा मनचाहा खाना मिलता है

आशा : घर का अभी खाना खाओगे ?

लडका : अभी ?

आशा अपनी बेग में से टीफिन निकालती है और लडके को देती है |

आशा : और तुम ? मुजे भुख नहि तुम खाओ

आशा का फोन बजता है |

आशा : 2 मिनीट्स.. मम्मी का फोन है तुम खाना खा लो में बात कर लेती हुं |

लडका टीफिन खोल के खाना खाने लगता है | आशा फोन पर बात कर रही है |

आशा : हा मम्मी बोलो

मम्मी : इन्टर्व्यु कैसा रहा ?

आशा : बहुत अच्छा

मम्मी : कब आ रही हो घर ?

आशा : करीब 6 बजे घर पहोच जाउगी

मम्मी : ठीक है

आशा : मम्मी चलो रखती हुं

मम्मी : सूनो आशा

आशा : अब किया है मम्मी ? तुम फोन रखोगी तभी बस पकड पाउगी ना ?

मम्मी : बहुत जरुरी बात है एक सरप्राईझ है !

आशा : अच्छा ? क्या सरप्राईझ है ?

मम्मी : तुम्हारे लिए बहुत अच्छा रिस्ता आया है |

आशा : मम्मी !! मुजे अभी शादी नहि करनी है |

लडका आशा की तरफ देखता है |

मम्मी : आशा लडका बहुत अच्छा है, पढा-लिखा है, शहर में नौकरी है अच्छा कमाता है, अच्छा खानदान है

आशा : सब कुछ अच्छा होने कुछ नहि होता, मुजे भी तो कुछ अच्छा लगना चाहिए !

मम्मी : लडके के का नाम अनिल है | एक लोटा है पिताजी का बडा कारोबार है | शादी के बाद घर में राज करोगी |

आशा : मुजे नहि राज नहि करना ! और मम्मी पुरानी फिल्मो

की मम्मी की तरह डायलोग मत मारो अच्छा खानदान, पिताजी का बडा कारोबार, महल कैसा घर ! लडके का क्या नाम बताया अनिल उसका नाम अनिल कपुर भी होता तो बिना देखे कोई जवाब नहि दुगी |लडका सोफ्टवेर इन्जीनयर हुआ तो क्या हुआ मुजे भी अच्छी नौकरी मिल जायेगी लडका शहर मे रहता हो तो क्या हुआ ? शहर में क्या-क्या होता है तुम्हे क्या पता ? एक रोड क्रोस करने में 15-20 मिनिटस निकल जाती है !

मम्मी : अच्छा ?

लडका आशा की तरफ फ़िर से देखता है |

आशा : तो फिर ! मुजे भी रोड क्रोस करने मे बहुत दिक्कत हुई थी वो तो एक भले से एक लडके ने मेरी मदद की

मम्मी : भला हो उस लडके का ! आशा सूनो रिस्ता बहुत अच्छा है |

आशा : शाम को बात करते है |

आशा फोन रखती है | लडका खाना खाकर टीफीन पेक करके आशा को दे देता है |

लडका : बहुत अच्छा खाना था पर अब मुजे जाना पडेगा बाय

आशा : ओ.के बाय

लडका वहाँ से चला जाता है

आशा : खाने की तारीफ की पर खाने के लिए थेन्क यु भी ना बोला | थोडा सा अक्कडु है पर अच्छा है|

आशा थकी हुई घर पहोचती है |

मम्मी : आ गई !

आशा : हा मम्मी

आशा कुरशी पर बैठती है | मम्मी पानी देती है |आशा पानी पी कर जैसे से रखने जाती है तो उससे पानी का ग्लास छूट जाता है और पानी पर्स पर गिरता है |

मम्मी : क्या हुआ आशा ?

आशा : कुछ नहि मम्मी

आशा पानी का ग्लास साईड पर रखके पर्श मे से फोन और टीफीन निकालती है पर जैसे हि बहार निकालती है तो टीफिन भी छूट जाता है जीससे टीफीन के डब्बे अलग हो जाते है |

आशा : अरे यार क्या हो रहा है ?

मम्मी : अब क्या हुआ ?

आशा : कुछ नहि मम्मी

आशा अलग-ठलग टिफिन के डब्बो को एकठ्ठा करती है | तभी अचानक से एक डिब्बे में एक परची मिलती है उस पर 'थेन्क यु' लिखा हुआ है |

आशा चहरे पर हलकी सी हँसी लेकर परची को गौर से देखने लगती है | वो फिर वही डब्बे की तरफ देखती है जहा से परची उठाई थी | वहाँ उसे एक कार्ड पडा मिलता है वो कार्ड उठाती है और पढती है |

आशा नाम पढती है |

आशा : मम्मी ..?

मम्मी : हा ...

आशा : तुमने फोन पर लडके का काम नाम बताया था ?

मम्मी : शादी के लिए

आशा : हा

मम्मी : अनिल

आशा : मम्मी पुरा नाम बताओ !

मम्मी : अनिल महेता

आशा कार्ड पर वही नाम पढती है |

आशा : क्या काम करता है ?

मम्मी : मुंबई में इन्जीनियर है |

आशा चमक उठती है | आशा मम्मी के पास जाती है |

आशा : मम्मी ! कोई फोटो ?

मम्मी : हा बुआ ने भेजा है ना ? वो टेबल पर रखा है |

आशा टेबल के करीब जाती है |फोटा उलटा रखा है | आशा फोटो को सीधा करती है और लडके का फोटो देखती है | वो लडका वही लडके का फोटो है जिसने आशा को रोड क्रोस करने मे सहायता की थी | वो उसके लडके साथ बीताये लम्हे को याद करती है | वो यादों मे खो जाती है |

मम्मी आके आशा के सपने से जगाती है |

मम्मी : आशा ? क्या हुआ ?

आशा : मम्मी थेन्क यु ...

मम्मी : थेन्क यु ? किस लिए ?

आशा हँसती वहाँ से चली जाती है | मम्मी वही खडी-खडी सोचने लगती है की आशा ने 'थेन्क यु' क्यु कहा ?

Thank you reader

समाप्त

Short Story Writer

Sanjay Nayka

7874987867

sanjay.naika@gmail.com