CORRUPTION Garvit agarwal द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • You Are My Choice - 35

    "सर..."  राखी ने रॉनित को रोका। "ही इस माई ब्रदर।""ओह।" रॉनि...

  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

  • इंटरनेट वाला लव - 91

    हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त...

  • अपराध ही अपराध - भाग 6

    अध्याय 6   “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच...

श्रेणी
शेयर करे

CORRUPTION

करप्शन एवं उसका बुरा प्रभाव

करप्शन का मतलब होता है कि काम करवाने के लिए गलत उपयोग एवं गलत तरीके का प्रयोग करना। और यही एक कारण है जिसकी वजह से आज हमारे देश में इतनी घूसखोरी,लूट पात होती रहती है।हमारे संविधान के मुताबिक़ हमारे देश का कानून सबके लिए एक सामान है।परंतु ऐसा नही है।जब भी कोई गरीब किसी पुलिसवाले द्वारा कहीं भी रोक जाता है तो गरीब से पैसे की मांग की जाती है जिसको रिश्वत कहते हैं और जिसका भुगतान न किये जाने पर उस गरीब को मानसिक एवं शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ता है और वही जब कोई अमीर किसी पुलिसवालेे द्वारा कहीं रोके जाते हैं तो वह अपनी पहचान बता निकल जाया करते हैं।क्या यही समानता है? क्या ये सही है कि एक से पैसे की मांग करना और उसका भुगतान न किये जाने पर उसे कष्ट पहुचना एवं एक को सलाम ठोक कर उसे जाने देना।नही ये गलत है और ये अमीर और गरीब में भेदभाव है। करप्शन के चलते आज हमारा देश उन देशों की गिनती में आ गया है जिन देशों में सबसे ज़्यादा करप्शन है। हमारे देश में हर एक चीज़ में करप्शन है फिर चाहे वो नौकरी हो,कोई सरकारी काम हो या कोई अन्य काम हो हर चीज़ में करप्शन है।करप्शन तो जैसे मानो हमारी ज़िन्दगी का एक एहम हिस्सा बन गया है।

आज हमारे देश में एक गरीब एवं एक मध्य वर्ग की कमाई वालो के लिए जीवन यापन करना बेहद कुटिल हो गया है एवं इसका कारण सिर्फ और सिर्फ करप्शन ही है। करप्शन एवं भ्रष्टाचार का प्रभाव युवाओं के जीवन में भी अपना बुरा प्रभाव दाल रहा है आरक्षण के रूप में। आज आरक्षण की वजह से कितने होनहार एवं मेधावी छात्रो का चुनाव नहीं हो पाता है एवं जिनको कोई ज्ञान नही होता है और जो पिछड़े वर्ग के होते हैं उनका चुनाव पहले हो जाता है।सिर्फ करप्शन की वजह से ही आज न जाने कितने पढ़े लिखे लोग भी बेरोज़गारी की जिंदगी जी रहे हैं।आये दिन सुनने में आता है की कहीं की सड़क में टूट गयी,कहीं कोई ब्रिज एवं कोई फ्लाईओवर गिर गया,ये सब उन भ्रष्ट ठेकेदारो की वजह से होता है जो सरकार से खूब सारा पैसा ले लेते हैं ये सब बनाने के लिए और फिर खराब माल का प्रयोग करके काम चलाऊ चीक बना देते हैं और यही लोग करप्शन को बढ़ावा भी देते हैं।मगर उन परिवारों का क्या जिन्होंने अपनों को इन हादसों में गंवाया होता है।आज अगर हमारे देश में चुनाव भी होता है तो जीत के लिए वोट भी धोखे से खरीदे जाते है ।और फिर जब गलत कैंडिडेट नेता के रूप में सामने आता है तो विकास का नहीं बल्कि राष्ट्र के पतन का कारण बन जाता है।

ये सिर्फ करप्शन का ही नतीजा है की आज भारत के करोड़ों रूपए विदेश के स्विस बैंक में जमा है और भारत को उसका ब्याज भी देना पड़ता है।वह काला धन है जो हमारे देश के कुछ भ्रष्ट नेताओं ने अपनी काली कमाई कर के उसमे जमा कराई होती है।अगर वो सारा काल धन भारत वापिस आ जाए तो भारत की गरीबी मिट जाए एवं जो किसान गरीबी की वजह से आत्महत्या करते हैं वो करना छोड़ दे।आज अगर बच्चे को भी बिना किसी मेहनत या बिना किसी किसी प्रयास के कोई चीज़ या कोई सफलता मिल सकती हो तो वो भी कार्य करने से कतराता है। आज हमारा देश भ्रष्टाचार की आग में जल रहा है और यह इसी का नतीजा है की गरीब और गरीब होते जा रहे हैं और अमीर बिना कोई कर जमा किये बगैर ही अपनी पूँजी को बढ़ाये चल जा रहे हैं।

कहने को भारत एक स्वतंत्र देश है परंतु क्या ये सच है?नहीं जब तक भ्रष्टाचार जैसी "बीमारियों" ने भारत को जकड़ रखा है तब तक भारत स्वतंत्र देश हो ही नही सकता।और इस को भ्रष्टाचार से मुक्त भी हम ही लोग करा सकते हैं।हम लोग हमेशा ये ही नही कह सकते की सरकार भ्रष्टाचार फैला रही है क्योंकि आखिर तौर पर सरकार है तो हम ही लोगों से! तो अगर हम सरकार को दोषी ठहराते हैं तो हम अपने आप को ही दोषी ठहराते हैं इसीलिए हमको अपना उत्तराधिकार सोच समझ कर चुनना चाहिए।क्योंकि चुनाव से पहले तो नेता लोग झूठे वादे कर के विश्वास जीतते हैं और फिर चुनाव के बाद पहचानते भी नही और खुल कर भ्रष्टाचार करते हैं।

अगर भ्रष्टाचार को खत्म कर अपने देश को स्वतंत्र भारत बनाना है तो सबसे पहले तो मेहनत की आदत डालनी होगी और कामचोरी छोड़नी होगी। ये बात सीखनी होगी कि कोई भी काम करने के लिए मेहनत की ज़रूरत होती है,बेईमानी की नही।अगर ये बात देश का हर नागरिक समझ कर उसे स्वीकार कर ले तो देश तो भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सकता है।

हमारे देश में ईमानदार लोगों का अनुपात भ्रष्टाचारी लोगों की तुलना में काफी कम है।जितने भी ईमानदार हैं उनको बहुत कष्ट उठाना पड़ता है परंतु उनको इस बात का संतोष होता है कि उन्होंने जो भी प्राप्त किया वो अपने स्तर से बिना किसी बेईमानी से किया।हमारे समाज को ऐसे व्यक्तियों से प्रेरणा ले इन व्यक्तियों को समाज में सम्मानित करना चाहिए एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले लोगों को दण्डित भी करना चाहिए ताकि लोगों में भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता बढे एवं वो इसें ना ही बढ़ावा दे और ना ही किसी को देने दे।

ये सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार का ही नतीजा है की आज हमारे देश में इतनी महँगाई बढ़ गयी है और भ्रष्टाचार का सबसे ज़्यादा प्रभाव भारतीय कंपनियों पे पड़ रहा है।बाहरी कंपनियों ने आज भारत में भारतीय कंपनियों की जगह ले ली है और इसका पूरा मुनाफा विदेशी कंपनियों को ही होता है।इसका भी एक समाधान है।हम सब लोगों को विदेशी कंपनियों के वस्तुओं को नकार अपने देश में बनी चीज़ों को बढ़ावा देना चाहिए। इससे देश का पैसा भी देश में रहेगा और सम्पूर्ण भारत में बेरोज़गारी भी खत्म हो जाएगी।और इससे विदेशी कंपनियों को जो मुनाफा होता है हम लोगों से वो भी नहीं हो सकेगा।

अतः अंत में मैं यह कहना चाहूँगा की हम लोगों को हर एक प्रयास करना चाहिए भ्रष्टाचार को खत्म करने का।