ड्रेक्युला 10 - 6 Mohd Siknandar द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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ड्रेक्युला 10 - 6

ड्रैकुला 10

Part - 6

ट्रक का ड्राईवर घबराकर जल्दी से ट्रक को रोक लिया । मगर तेज गति होने के कारण ट्रक का टायर फिसलते हुए ठीक शराबी जॉन और ड्रैकुला के सामने आकर रुका । मौत को इतना करीब देखकर दोनों की पैंट वही पर उतर गयी । ट्रक का ड्राईवर चीखते-चिल्लाते हुए ट्रक से बाहर आकर कहता है कि “पागल हो गये हो क्या ? अगर सही समय पर ब्रेक नहीं लगता तो तुम दोनों की आत्मा नरक मे नजर आती ।” ड्रैकुला अपनी पैंट ऊपर करके कहता है कि “ वाह भाई वाह एक तो चोरी ऊपर से सीना जोड़ी । कहाँ ले जा रहे हो मेरे खानदानी ताबूत को ।” ट्रक का ड्राईवर उस से कहता है कि “ ये ताबूत चोरी की नहीं है बल्कि इसे मैंने एक हजार रुपये मे खरीदा है । अगर तुम्हें चाहिये तो दो हजार रुपये लगेगे ।” शरबी जॉन शराब की एक घूंट पीकर कहता है कि अबे कान नीचे ऐसी चमात मारूँगा ना, कि यही पर बिखर जाएगा । तुमने तो इसे एक हजार रुपये मे खरीदा और हमे दो हजार मे बेचा रहा साले ।” ट्रक का ड्राईवर उस से कहता है कि “मै एक बिजनेस मैन हूँ पागले, यानि एक व्यापारी।” ड्रैकुला शराबी जॉन की तरफ देखकर कहता है कि “ जॉन पैसे इसके मुंह पर मार कर मेरा ताबूत खरीद लो ।” शराबी जॉन अपनी जेब उल्टा करके दिखाया कि “ हमारे पास घर जाने तक के भी पैसे नहीं है ।” उसकी खाली जेब देखकर ड्रैकुला उदास हो गया । ट्रक का ड्राईवर अपने ट्रक मे बैठकर उन दोनों से कहता है कि “जब पैसे हो जाये तो झूमती हुई गली और सन्नाटे वाली रोड़ पकड़ कर बाबा इलायची की दुकान पर आ जाना खटमलो ।” देखते ही देखते वो ट्रक सुनहरे ताबूत को लेकर वहाँ से काफी दूर निकल गयी । शराबी जॉन ड्रैकुला से कहता है कि “ तुम चिंता मत करो भाई । मै कल ही तुम्हारे लिए एक नौकरी खोजता हूँ ।” उसकी बात सुनकर ड्रैकुला के मुरझाये हुए चहेरे पर हल्की सी मुस्कान नजर आयी । अखबार मे निकले नौकरियों के विज्ञापन को देखकर ड्रैकुला उस पते पर जाने लगा । मगर डिग्री, डिप्लोमा और पहचान पत्र या आधार कार्ड, पैन-कार्ड ना होने के कारण उसे कही भी नौकरी नहीं मिली । ड्रैकुला चुपचाप सड़क के किनारे बैठ हुआ था कि तभी कोट पैंट पहने हुआ एक आदमी उसके पास आकर पूछता है कि “तुम्हें नौकरी चाहिये हीरो ।” नौकरी का नाम सुनते ही उसके दोनों झुके कान अपने-आप खड़े हो गये । ड्रैकुला उस आदमी के पास आकर कहता है कि “ हाँ क्यो नहीं । वैसे क्या करना होगा मुझे।” कोट पैंट पहना हुआ आदमी उस से कहता है कि “और मजदूर की तरह तुम्हें भी इनके साथ मिलकर सड़क बनवानी होगी । इसके लिये तुम्हें रोज दो सौ रुपये दिये जाएगे ।” पैसा का नाम सुनकर उसकी आंखे चमक उठी और वह काम करने के लिये राजी हो गया । इटली का सबसे खतरनाक पिशाच और अपने समय का सबसे बड़ा अरबपति शैतान । अब आम मजदूर की तरह सड़क बनवाने मे उनकी मदद कर रहा था । कभी मजदूर की तरह फवाड़ा चलता तो कभी ईटों को उठाकर इधर-उधर रखता । तो कभी बुलडोजर चलकर सड़क पक्का करता । शाम होने पर सब मजदूर की तरह लाइन मे लग कर अपनी दिन भर की मजदूरी लिया करता । ड्रैकुला अपना पैसा लेकर घर की तरफ आ ही रहा था कि तभी शराबी जॉन साइकिल चलाते हुए ठीक ड्रैकुला के सामने आकर कहता है कि “ ड्रैकुला मेरे भाई ! मैंने तुम्हारे लिये एक नौकरी ढूँढी है- पेट्रोल पम्प पर कार धोने वाले की जगह खाली है और मैंने तुम्हारे लिए वहाँ पर बात कर ली है । क्या तुम ये काम करना चाहते हो ।” ड्रैकुला शराबी जॉन से कहता है कि“ हाँ क्यो नहीं ।” इतना कहकर वो शराबी जॉन के साइकिल पर बैठ गया । दोनों गाना गाते हुए पेट्रोल पम्प पहुंचे- जिसका नाम था बन्नी पेट्रोल पम्प । वह उनकी मुलाक़ात पम्प के मालिक कलार्क हुई । पेट्रोल पम्प का मालिक ड्रैकुला से कहता है कि “ ये नौकरी ईमानदार और मेहनती से करना। वरना इस नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है ।” यह सुनते ही शराबी जॉन और ड्रैकुला तुरंत ही उनसे कहते है कि “ अच्छा ना सर । कम से कम साबुन के पैसे तो बचेगे ।” उनकी बात सुनकर कलार्क ये बात अच्छी तरह समझ ही गये थे ये दोनों दिमाग से पैदल है इसलिए इन पर भरोसा किया जा सकता है और इस तरह ड्रैकुला को पेट्रोल पम्प मे नौकरी मिल गयी । दो नौकरी पाकर ड्रैकुला मन ही मन कहता है कि “ अब मै बहुत ही जल्द अपना ताबूत बाबा इलायची से वापस खरीद लूँगा ।” अगले दिन- ड्रैकुला मजदूरो वाली पोशाक पहनकर सब के साथ सड़क बनवाया । फिर वहाँ से काम खत्म करने के बाद पेट्रोल पम्प पर जाकर आलीशान कारो को धोया करता । आधी रात मे ड्रैकुला और शरबी जॉन अपने घर के बाहर आग जलाकर वही पर सो जाये करते। लियाना अपने कमरे की खिड़की से यह सब देखती रही । मगर उसने कुछ नहीं कहा, लियाना को लगा की वो दोनों बंदर नाटक कर रहे है । यह सिलसिला करीब एक महीने तक चलता रहा । तब लियाना को पूरा यकीन हो गया कि ये दोनों सुधार चुके है । एक रात जब शराबी जॉन और ड्रैकुला कड़कती ठंडक मे सो रहे थे । तब लियाना उन दोनों के पास आकर कहती है कि “ घर के अंदर चलो ।” लियाना की बात सुनकर शराबी जॉन और ड्रैकुला की नीद खुल गयी और दोनों एक-दूसरे के गले लगकर कहते है कि “कही ये अंदर ले जाकर मारोगी तो नहीं ।” लियाना उन दोनों से कहती है कि “अगर नहीं अंदर चले तो वाकईया मे बहुत मारूँगी ।” लियान की बात मानकर जल्दी से दोनों लोग अपना-अपना बिस्तर उठा कर अंदर भाग गये । जब शराबी जॉन और ड्रैकुला सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी लियाना उन दोनों को कम्बल देकर कहती है कि “रात मे ठंडक ज्यादा बढ़ जाती है इसलिए इसे ओढ़ लेना।” शराबी जॉन लियाना से कहता है कि “ तुम बहुत अच्छी हो लियाना ।”