आदमख़ोर का आंतक - ‘National Story Competition-Jan’ PAWAN KISHOR द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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आदमख़ोर का आंतक - ‘National Story Competition-Jan’

आदमख़ोर का आंतक

पवन किशोर

यह कहानी एक आदमख़ोर दरिंदे की है जो देखने में इंसान जैसा दिखता है लेकिन वह कैसा आदमख़ोर है जिसके अंदर दया प्यार जैसी कोई चीज नहीं है वह हर इंसान को सिर्फ एक ही नजर से देखता है और वह है उसका भोजन इसलिए वह बिना सोचे समझे प्रत्येक इंसान को अपना भोजन बना लेता है लेकिन एक दिन ऐसा आता है जब आदमख़ोर को एक लड़की से प्यार हो जाता है इसलिए इस कहानी का नाम है आदमख़ोर का प्यार !

यह कहानी शुरू होती है कालीकट के जंगलों से जहां शाम के 6:00 बजे के बाद एक आदमख़ोर जंगल से बाहर आता है और जो भी उसे दिखाई देता है का भोजन बन जाता है और वह आदमख़ोर इसी तरह से निकलता है कि उसे उसका भोजन मिल जाए जिन इंसानों की किस्मत खराब होती है वह उसके सामने आ जाते हैं और उसके भूख को मिटाने का काम करते हैं ! यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा आदमख़ोर ने चारो तरफ दहशत फैला रखी थी इसलिए गांव का कोई भी इंसान अब 6:00 बजे के बाद घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं करते थे !ऐसे में अहमदाबाद से 5 युवा लड़के लड़कियां वहां पहुंचे जिनमें से एक का नाम श्रुति है और वह देखने में बहुत ही खूबसूरत है ! उसकी खूबसूरती तो ऐसी कि देखने वाले लोग यही बोलते हैं कि बड़ी फुर्सत से बनाया होगा कुदरत ने तुझे ! इसलिए वह जहां भी जाती है लोग उसके दीवाने हो जाते हैं ! उसके साथ में उसके बाकी दोस्त खुशी, ललिता, जॉनी और पवन है ! यह पहुंचे दोस्त कालीकट के उसी गांव में कैंपिंग के लिए आए हैं !

इसलिए वह उसी गांव के एक छोटे से होटल में रुकते हैं जहां से जंगल काफी पास में होता है! अगली सुबह वह लोग इससे पहले कैम्पिंग की शुरुआत करते उन लोगों ने सोचा क्यों ना यहां के बारे में यहां के लोगों से कुछ जानकारी हासिल कर ली जाए ताकि आगे हमें ज्यादा समस्याओं का सामना ना करना पड़े इसलिए उन्होंने गांव के एक व्यक्ति को वहां रोका और पूछा भाई साहब हम लोग आपके गांव के पास में जो जंगल है जो काफी पहाड़ी इलाका वहां कैम्पिंग किए हैं क्या बता सकते उसके बारे में कुछ ? उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि आप लोगों को जो भी करना है 6:00 बजे से पहले कीजिएगा क्योंकि उस जंगल में एक आदमख़ोर है जो 6:00 बजे के बाद अपने शिकार से निकलता है और जो भी उसके यहां लगता है उसे आपने भोजन बना लेता है इसलिए 6:00 बजे के बाद वहां रुकने की गलती मत करना चलता हूं ! इस पे पवन बोलता है कैसा आदमी है डरा के चला गया अभी तो हम लोगों ने अपना सफर शुरू भी नहीं किया है! इस पर जॉनी बोलता है डर मत मैं हूं हम लोग चलते हैं पहाड़ों की तरह इतना बोल कर पांचो दोस्त निकल पड़ते हैं पहाड़ी जंगल की ओर और अपना सफर शुरू करते हैं !

कुछ दूर जाने पर कुछ अजीबो गरीब पैरों के निशान दिखाई देते हैं आम आदमी के पैरों से काफी बड़े होते हैं इसलिए बोलता जॉनी बोलता है शायद यह किसी जानवर के पैर के निशान है इसलिए सब लोग संभल के आगे बढ़ेंगे यह बात सुनकर पवन बोलता है कहीं यह पैरों के निशान उस आदमख़ोर के तो नहीं जिसके बारे में आवाज में बोल रहा था ! यह बात सुनकर ललिता बोलती है यार कुछ भी बोलता है तु ! चुपचाप आगे चल और मजे ले !

श्रुति बोलती है पागल डर क्यों रहे हो मैं हूं ना तुम्हारे साथ ! इसलिए आप सभी दोस्त आगे बढ़ते हैं थोड़ी दूर पहुंच जाने पर एक आवाज सुनाई देती है जिसे सुनकर सभी डर जाते हैं और बात करते हैं शायद किसी जानवर की आवाज है इसलिए हम सभी को ऐसी जगह खोजनी होगी जहां हम आज रात बिता सके इसलिए जल्दी-जल्दी आगे बढ़ो यह बोलकर जॉनी सबको आगे बढ़ने की सलाह देता है ! आगे जाने पर उन्हें एक गुफा दिखाई देती है जिसमें से पानी की आवाज आती है यह सुनकर सभी दोस्त उस गुफा में जाते हैं जहां उन्हें एक बहुत ही खूबसूरत नजारा दिखाई देता है पानी के बीच में बड़े-बड़े पत्थर इसलिए वह पांचो रात को वहीं पर रुकने का फैसला करते हैं इसलिए ललिता बोलती है की यहीं पर कैंप लगाया जाएगा सभी अपना अपना सामान निकालो इसलिए सभी लोग काम पर लग जाते हैं ! अब रात निकालने के लिए उन लोगों को कुछ और चीज होती है इसलिए श्रुति और खुशी वही कैंप में रूकती है और पवन, जॉनी, ललिता जंगल में लकड़िया लेने के लिए जाते हैं!

ललिता एक पेड़ के पास से लकड़ियां उठा रही होती है तो उसे एक पैर दिखाई देता है और जब वह उस पार वाले व्यक्ति को देखती है तो एकदम से चिल्लाती है बचाओ-बचाओ आदमखोर आदमखोर ! उसकी आवाज सुनकर पवन और जॉनी वहां पहुंचते हैं तो देखते हैं कि वहां पर ललिता का कटा हुआ सर पड़ा हुआ है और उसके धर को किसी ने नोच-नोच कर खा लिया है यह देखकर पवन और जॉनी चिल्ला चिल्ला कर रोने लगते हैं किसने किया यह कौन है सामने क्यों नहीं आता ललिता को मरा हुआ देखकर जॉनी गुस्से में आ जाता है और आदमख़ोर को खोजने लगता है कहता है अगर कोई आदमख़ोर है तो आज जिंदा नहीं बचेगा ! इतना बोल कर वहां से चला जाता है पवन उसे रोकने की कोशिश करता है पर जॉनी नहीं रुकता और वहां से चला जाता है पवन के कुछ समझ में नहीं आता की वह ललिता की लाश को संभाले या जॉनी के पीछे जाए इसलिए वह ललिता की लास को वहीं पर रखकर अपने जैकेट से ढक देता है और जॉनी के पीछे जाता है कुछ दूर जाने पर वह देखता है कि एक खूंखार दरिंदा जॉनी को मार रहा है और उसके सर को छोड़कर उसके शरीर का सारा मास खा रहा है यह दृश्य देखकर पवन बहुत डर जाता है और वहां से भागता हुआ वापस अपने कैंप की तरफ जाता है! उधर कैंप में बैठे खुशी और श्रुति काफी परेशान होते हैं कि इतना टाइम हो गया अभी तक कोई आए क्यों नहीं इसलिए खुशी वहां से निकल जाती है पवन, ललिता और और जॉनी को खोजने के लिए ! जैसे ही खुशी कुछ दूर आगे जाती है तो वह आदमखोर को देखती है जो 4G स्पीड से उसकी तरफ बढ़ रहा है यह देखकर वह बहुत घबरा जाती है और वापस कैंप की तरफ भागने की कोशिश करती है पर इससे पहले वह भाग पाती आदमखोर उसे पकड़ लेता है और उसका भी वही हश्र करता है जो उसने ललिता और जॉनी का किया था !

उधर पवन श्रुति के पास पहुंच जाता है और सारी घटना के बारे में बताता है श्रुति यह सुनकर काफी डर जाती है और पवन से बोलती है अब क्या करें पवन बोलता है यहां से भागने में ही भलाई है खुशी कहां है श्रुति बोलती है वह तो तुम लोगों खोजने के लिए गई है पवन बोलता है तुमने यह क्या कर दिया अगर उस दरिंदे ने उसे देख लिया तो उसका भी वही हाल करेगा जो उसने ललिता और जॉनी का किया है ! इसलिए तुम थोड़ी देर मेरा इंतजार करो मैं खुशी को लेकर आता हूं इसलिए पवन वहां से खुशी को खोजने के लिए चला जाता है और उस जगह पर पहुंचता है जहां आदमखोर खुशी को नोच-नोच कर खा रहा होता है या देखकर पवन अपने आप को रोक नहीं पाता और वहीं से एक लकड़ी का टुकड़ा लेकर आदमखोर को मारने के लिए जाता है जैसे ही वो डंडा आदमखोर के सर पर मरता है डंडा टूट जाता है और आदमखोर पवन को देखकर उसकी तरफ बढ़ता है उसे अपनी तरफ बढ़ता देख पवन भी यह सोचता है की शायद उसका भी आज आखिरी दिन है इसलिए और आंखे बंद कर लेता है औरअपनी मौत का इंतजार करता है कुछ मिनट बाद जब वह अपनी आंख खोलता है तो देखता है की उसके सामने श्रुति खड़ी है और वह आदमखोर से बोल रही है इसकी जगह मुझे खा लो लेकिन इसे छोड़ दो ! आदमखोर बड़ी शांति से श्रुति को देखता है पवन के समझ में नहीं आता की आदमखोर अभी तक रुका क्यों है हम लोगों को मार क्यों नहीं रहा काफी ध्यान से देखने के बाद से पता लगता है की शायद वह श्रुति की खूबसूरती का दीवाना हो गया है और यही वजह है कि वह उन्हें मारने के लिए आगे नहीं पड़ रहा !

पवन श्रुति से कहता है शायद यह दरिंदा तुम्हारी खूबसूरती पर फिदा हो गया है इसलिए अगर अपनी जान बचानी है तो इसके साथ प्यार का नाटक करो किसी तरीके से इसे अपने प्यार के जाल में फंसा लो जब तक मैं यह सोचता हूं कि आखिर कर इसे मारना कैसे है! श्रुति वैसा ही करती है और धीरे धीरे आदमखोर के पास जाती है आदमखोर उसे पास आता देख कर काफी खुश होता है और अपनी भाषा में अपने खुशी का इजहार करता है हुई मैं चे यूँ , हुई मैं चे यूँ ! पर श्रुति को कुछ समझ में नहीं आता ! आदमखोर श्रुति के हाथों को पकड़कर बड़े प्यार से सहलाता है और उसके बालों को सुघता है ! पवन श्रुति को इशारा करता है कि इसे जैसे तैसे कैंप की तरफ ले चलो वही इसका कुछ करते हैं इसलिए श्रुति आदमखोर को अपने साथ कैंप की तरफ ले जाती है जहां पवन पहले से लकड़ियों में आग लगा कर बैठा होता है ! और जैसे ही श्रुति आदमखोर को उस जगह पर ले आती है पवन उसे बोलता है महाराज आपके भोग विलास के लिए बिस्तर तैयार है जाइये यह सुनकर आदमखोर फिर से अपनी खुशी जाहिर करता है हुई मैं चे यूँ , हुई मैं चे यूँ ?पवन श्रुति को इशारा करता है कि किसी भी तरीके से इसे कैंप के अंदर छोड़ कर बाहर आ जाना !

श्रुति वैसा ही करती है जैसा कि पवन ने उसे कहा था और जैसे ही श्रुति कैंप से बाहर आती है पवन कैंप में आग लगा देता है जिसमें आदमखोर जलने लगता है और चिल्लाता है हू हुए हू हू हुए हू ! थोड़ी देर बाद ही आवाज आना बंद हो जाती है और इस तरीके से आदमखोर अपनी जिंदगी से याद हो जाता है सिर्फ एक लड़की के प्यार में आकर इसलिए दोस्तों प्यार एक ऐसा हथियार है जो बड़े से बड़े दुश्मन को मारने की शक्ति रखता है बस जरूरत है उसका सही इस्तेमाल करने की !

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