पत्नी की मिडिल क्लास, मंगल-परीक्षा sushil yadav द्वारा पत्रिका में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

पत्नी की मिडिल क्लास, मंगल-परीक्षा

पत्नी की मिडिल क्लास, ’मंगल-परीक्षा’

सुशील यादव

आफिस से लौट कर जूते-मोज़े, खोलते हुए बेटर-हाफ को आवाज लगाया, सुनती हो ......?

ये नासपिटो (नासा के पिटे हुए) ने हमारा सलेक्शन मंगल-ग्रह जाने के अभियान में कर लिया है | इसरो -बॉस ने हमें खुशखबरी सुनाते हुए मुबारकबाद दिया है ....|

पहले तो बीबी गर्व से साराबोर हुई ....| फिर आर्ट-विषय से एम. ए. पास के भेजे में, भूगोल और साइंस की मिली-जुली खिचडी, पक कर, कूकर-वाली लंबी सीटी बजी, तो यकायक ख्याल आया, ये मंगल-गढ़ की बोल रहे हैं क्या .....?

उनने फिर स-अवाक पूछा.... क्या कहा, , , , , मंगल-ग्रह यानी अन्तरिक्ष वाला ......? जाना है.....?

ये, अपने टीकमगढ़ से तो, करोडो मील की दूरी पर है, बतावे हैं ....?

हाँ ...करोड़ों मील दूर..... बिलकुल सही सुना है | लाखों की स्पीड वाला शटल भी, साल-भर में पहुचाता है |

तो बताओ आप ही को, काहे भेज रहे हैं, आपसे ज्यादा पढ़े-लिखे, होशियार सक्सेना जी, श्रीवास्तव जी को कहे नहीं भेज रहे .......?

मैंने कहा, पगली उन लोगों का फील्ड अलग है | वे लोग पर्चेस में हैं, श्रीवास्तव जी एकाउंट सम्हालते हैं, वे लोग क्या करेंगे .... क्या कहती हो वो तुम्हारे मंगल गढ़ में?

तो आप कौन से खेत में मूली बोने जा रहे हैं ....? नासा वालो को, आप जैसे भुल्लकड की क्या दरकार पड गई .?

हम वहां ‘एनालिस्ट’ हैं.....| .एनालिस्ट माने..... तुम्हे क्या समझाएं ...?. समझो हम लिक्विड-चीज में क्या- क्या, मिला-घुला है, इसकी जाँच करके बताते हैं ?

आप क्या जाँच करते होगे.....हमें शक होता है कोई आपकी कहे को मानते भी होंगे ....? हम जो फिछले दो माह से, दूधवाले को समझने समझाने की कह रहे हिन् उस पर तो जूं नहीं रेंगती, दूधवाला निपट पानी जैसा दूध दे के पूरे पैसे गिनवा ले जाता है | उसकी जाँच कभी आफिस में कर आते कि नहीं .....?

खैर छोड़ो.... मंगल गढ़ में क्या जंचवाना है, नाश पीटो को......

मैंने कहा, तुम टाइम निकाल के, टी वी में सास बहु सीरियल के अलावा और कुछ भी देख लिया करो| ....कई दिनों से वे चिल्ला चिल्ला के बखान रहे हैं ....मंगल-ग्रह में पानी की खोज कर ली गई है| ये नासा वाले उसी पानी को, इस धरती में लाकर यहाँ जाँच-वाच करना चाहते हैं | वहां के पानी में, और यहाँ के पानी में क्या क्या समानता और असमानताये हैं ?

देखो उधर जा रहे हो तो, अपने घर के लिए भी एक ‘कुप्पी’ रख लेना | एक-एक चम्मच प्रसाद जैसे, मोहल्ले में और किटी वाली जतालाऊ औरतों में बाट दूंगी....?

क्या मतलब ....?

वैसे ही, जैसे लोग ‘गंगा-जी’ जाते हैं, तो अडौस-पडौस वाले बाटल में अपने लिए गंगाजल की फरमाइश कर देते हैं ....|

पगली !तुमने नासा-इसरो वालों को घास छिलने वाले घसियारों की केटेगरी में समझ रखा है ....?बहुत हुआ तो हम चोरी-छिपे, पेन के इंक को, उधर फेक के थोड़ा-बहुत तुम्हारे प्यार की खातिर ला सकेंगे ज्यादा की मत सोचना | आगे-पीछे सब देखना पड़ता है .... सी सी टी वी की जद में चौबीस घंटे रहना पड़ता है, समझी .... |

लौकी, सेम-वेम के बीज तो, छोड़ के आ सकते हो......मंगल में बसने वाली पीढियां अपने बच्चो को कहेगी कि ये लौकी जो देख रहे हो साकू के पापा सालों पहले अपने साथ लाये थे ...?

ना ...... वो भी नहीं....? फिर वहां पानी मिलाने का क्या फ़ायदा

हमने समझा पानी मिल गया है तो फसलें भी उगेगी |

आपके दीगर जरूरत की चीजों का बंदोबस्त भी करना होगा, आप तो एक चड्डी भी धो निचोड़ नही सकते पता नहीं उधर कैसे मेनेज करेंगे ....?कल से बैगेज तैय्यार करने में भिड़ती हूँ ...?कब जाना है ..आखिर ...?

चार छ: सेट, कच्छा, बनियान, टाई, मोज़े सब नये लेने पड़ेंगे | घिसे-घिसे को चलाए जा रहे हैं ....?दो तीन जोडी शर्ट-पेंट भी कल माल से ले लेंगे| अभी उधर, फिफ्टी पर्सेट आफ का आफर चल रहा है |

मैंने कहा आराम से, .....वे लोग तैय्यारी के लिए हप्ते भर का टाइम देते हैं|

आपको मठरी-खुर्मी बहुत पसंद है, कल से जितना ले जाना है, बनाए देती हूँ ...|

मैंने जोर देकर कहा वे लोग ये सब कुछ अलाऊ नहीं करते....| सब दस्त बीन में दाल देंगे ....?और हाँ .... वहा बाहर कहीं किसी को कुछ दिखाने का नहीं, बरमुडा ही काफी रहता है | हाँ ठंडी बहुत रहती है ..मगर .वे लोग उसका भी इन्तिजाम कर रखे होते हैं तुम्हे चिंता करने की जरूरत नहीं |

वैसे डार्लिंग ! ये मेरा पहला टूर होगा जहाँ से तुम अपने लिए कुछ भी नहीं मंगवा सकती .....?

आप बीबी लोगों को नहीं जानते ....हम कुछ भी मंगवा सकती हैं ...| .कम से कम एकाध पत्थर, एडी घिसने ले लिए तो लेते ही आना| बड़े फक्र से किटी-बहनों को बता सकूंगी की मंगलग्रह के पत्थर से अपना रूप-रंग निखारती हूँ |

देखो अब, हप्ते दो हप्ते का मेहमान हूँ तुम्हारा ...!

.जी भर के खिलाओ-पिलाओ, प्यार-व्यार कर लो ..?

वो सकते में आ गई ...कैसी अशुभ बाते कहते हैं .....?बताओ वापस कब तक आना होगा ....?

शायद साल भर तो जाने का ही लगता है अब सोच लो ....

तो फिर आपको मै जाने नहीं दूगी ....भाड में जाए ऐसी नौकरी .....| पत्नी का भूगोल ज्ञान में अचानक भूकंप सा आने लगा जो धीरे-धीरे, सात-आठ डेसीबल की तरफ बढ़ने लगा |

बड़े साइंटिस्ट बने फिरते हैं नासा वाले, नाश पिटे ! मशीन काहे नहीं बना सकते ....?इतनी बड़ी-बड़ी खोज किया करते हैं, एक छोटी सी ‘पानी-जांच मशीन’ बनाने के लिए कंजूसी क्यों कर रहे हैं .....?उनको हमारा ही मर्द दिखा.... जो आर्डर फार्मा रहे हैं ...?

और मै पूछती हूँ तुम कैसे मर्द हो जी ......?जो कोई भी आदेश पा के खुशी-खुशी चहकते घर में आकर उंची नाक करके अपनी बीबी को बहादुरी के किस्से बखान कर रहे हो ....?

मै कल सुबह ही, ‘झा अंकल’ से कहके आपके इसरो आर्डर को केसिल करवाने के लिए पी एम से बात करने को कहूंगी | अपने सांसद आड़े समय में काम न आये तो क्या फ़ायदा .....?मै तुम्हे किसी कीमत में मंगल ग्रह में जाने नहीं दूगी |

मुझे अनजाने ही अपनी बेटर हाफ का, बेटर वाला, यानी सती-सावित्री रूप का साक्षात दर्शन हो गया |

चुपचाप शर्ट की उपरी जेब से कोई बिल नुमा कागज़ निकाल के ........टुकडे-टुकड़े कर दिया और कहा लो, मेरा जाना केंसिल ......|

इसरो बॉस को समझो मै कल मना लूंगा | हाँ नासा वालों का हर प्रोग्राम बेहद टॉप सीक्रेट होता है अडौस-पडौस में मेरे दौरे की चर्चा नहीं करना वरना लेने के देने पड सकते हैं ......

वो लजाते हुए बोली मुझे आप एकदम भोली समझे हैं क्या ....इतना दिमाग तो कम से कम है ही ....?

मै मुस्कुरा दिया ....

मुझे लगा इस फर्जी एहसान तले, मेडम ‘सावित्री’ को लाकर कम से कम कुछ दिनों के लिए अच्छा खाने- पीने और मस्ती का लाईट इन्तिजाम बखूबी कर लिया |