मोमल : डायरी की गहराई

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आसमान पर पूरा चांद अपनी रोशनी से भनायक दिखने वाली जगहों को भी हसीन बना रही थी। अंधेरा एक हसीन जगह को भयानक बना सकता है और रौशनी एक भयानक जगह को हसीन बना सकती है। घने जंगल को चीरता हुआ एक रास्ता जिस पर किनारों में लगे पेड़ो के सूखे पत्ते बिखरे पड़े थे। हवाएं उन पत्तों को उड़ा कर यहां वहां ले जा रही थी। पत्तों की सरसराहट और पेड़ों की कड़कड़ाहट के अलावा रास्ते के दोनो तरफ घने जंगल से अजीब अजीब आवाज़ें आ रही थी। वहां न के बराबर गाडियां चल रही थी और रात के समय तो शायद ही कोई गाड़ी गुजरती दिखे। एक झोपड़ी जैसी चाय की दुकान कुछ दूरी पर दिखाई दे रही थी जिस में टाली के छत लगे थे वहां एक बड़ा सा लाल बल्ब जलता हुआ दूर से दिख रहा था।

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मोमल : डायरी की गहराई - 1

आसमान पर पूरा चांद अपनी रोशनी से भनायक दिखने वाली जगहों को भी हसीन बना रही थी। अंधेरा एक जगह को भयानक बना सकता है और रौशनी एक भयानक जगह को हसीन बना सकती है।घने जंगल को चीरता हुआ एक रास्ता जिस पर किनारों में लगे पेड़ो के सूखे पत्ते बिखरे पड़े थे। हवाएं उन पत्तों को उड़ा कर यहां वहां ले जा रही थी। पत्तों की सरसराहट और पेड़ों की कड़कड़ाहट के अलावा रास्ते के दोनो तरफ घने जंगल से अजीब अजीब आवाज़ें आ रही थी।वहां न के बराबर गाडियां चल रही थी और रात के समय तो ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 2

मैं मोमल मैरी, मैं छब्बीस साल की एक लोगों द्वारा सताई हुई लड़की हूं। मैं एक गांव की लड़की मेरा ब्लड ग्रुप B+ है। मैं 30 दिसंबर 1997 में पैदा हुई थी। मैं अपने मां बाप की तीसरी औलाद हूं। एनिमल लवर हूं क्यों के इंसान तो प्यार के काबिल रहे नहीं। मेरी बहुत सारी हॉबीस हैं जैसे की टीचिंग,आर्ट एंड क्राफ्ट, सिंगिंग, कुकिंग, पेंटिंग और रीडिंग! मुझे पढ़ने लिखने का बहुत शौक था या यूं कहें कि मैं किताबी कीड़ा थी इस लिए मैं अपने स्कूल में हमेशा टॉपर रही।मुझे कई तरह के फोबिया भी हैं, जिनमे से ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 3

डायरी का ये हिस्सा पढ़ने के बाद अब अब्राहम उसी पल में खो गया। जब तक उसने पढ़ा तब उसे ऐसा लग रहा था के वो सब उसके आंखों के सामने हो रहा है जैसे उसके दिमाग में एक फिल्म चल रही हो। वो भूल ही गया के आधी रात गुज़र चुकी है। उसके दिमाग में अब एक ही नाम गूंज रहा था "मोमल मैरी" वो मन ही मन बिना पलके झपकाए ये सोच रहा था के आखिर उस छोटी लड़की ने इतना कुछ कैसे सह लिया ? कितनी मज़बूत हौसले वाली है वो! जिस नाम से वो नफरत ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 4

सीनियर लायब्रेरियन मिस्टर मेलो, मोमल को यूनिवेसिटी दिखाते हुए, सारे प्रोफेसर्स और कॉलीग से इंट्रोड्यूज करते हुए जा रहे अब्राहम की नज़र उसे बेसुध सी देख रही थी। वो पक्का यकीन नही कर पा रहा था की सामने जो आ रही है वो मोमल मैरी ही है, क्यों के वो खुद को एक दिमागी मरीज़ समझ रहा था जिसे हेल्यूशीनेशन (Hallucination) होने लगा है।व्हाइट शर्ट, ब्लैक पैंट पहने हुए हाथ में ब्लैक ब्लेजर लेकर खड़ा था।जब मोमल उसके सामने आई तो वो भी उसे पहचानने की कोशिश करने लगी। इतने में मिस्टर मेलो ने कहा :" मोमल मैरी! इन ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 5

सुबह के नौ बज चुके थे। अब्राहम कभी इतनी देर नही सोता लेकिन नींद की गोली लेने की वजह उसकी आंख देर से खुली, आज देर तक आराम से सो कर उसे अच्छा महसूस हो रहा था। खिली खिली सी धूप उसके बरामदे तक आ रहे थे। धीरे धीरे उठ कर उसने खिड़की से परदे हटाए , चहरे पर सूरज की किरण पड़ते ही उसकी आंखे छोटी हो गई, वो धीरे धीरे चल कर वाश की तरफ जाने लगा तो उसकी नज़र टेबल पर रखे डायरी पर पड़ी और दिल में खयाल आया के " क्या मोमल अपनी डायरी ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 6

दोपहर हो चला था। सर्द मौसम में चिलचिलाती धूप मन में आलस का अनुभव देता है। अब्राहम आंखे बंद के सोफे पर सर टिकाए हुए चिंता में डूबा हुआ था। उसके कमरे में मोमल लेटी हुई थी और सीमा उसके पास बैठ कर मोबाइल में पीडीएफ फ़ाइल पढ़ रही थी। एक सन्नाटा था । लेकिन अब्राहम और मोमल दोनो के मन में बहुत सी बातें चल रही थी। मोमल अब्राहम के लिए चिंता कर रही थी की उन्हे चोट लगी है और घर में भूत है अकेले न जाने कैसे रहेंगे! कहीं कुछ बुरा न हो जाए उनके साथ।अंकल ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 7

रात के अंधेरे में , जगमगाता हुआ हॉस्टल का बिल्डिंग दूर से दिखाई दे रहा था। नीलम पढ़ाई करने गई थी। मोमल अपने बिस्तर पर सिकुड़ कर बैठी थी, उसके कान के पास किसी के फिस्फिसा कर हंसने की आवाज़ आ रही थी लेकिन वो ये सुन कर भी पत्थर बन कर बैठी रही ताकि नीलम ना डर जाए , अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो उसके साथ नही रहेगी और फिर से वो अकेली हो जायेगी।अब्राहम फादर को लेकर होस्टल आया। उसने हॉस्टल वार्डन से बात कर के मोमल से मिलने की इजाज़त ली फिर उसके कमरे ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 8

सुबह सुबह हॉस्टल में चहल पहल हो रही थी। सारी लड़कियां कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी। ने अपनी खिड़की से झांक कर बाहर की ओर देखा, फूलों की खुशबु सुबह की हवा में घुली हुई दिल वा दिमाग को ताज़गी दे रही थी लेकिन मोमल का दिल वा दिमाग थका हुआ महसूस कर रहा था। किसी तरह वो बस दो घंटे ही सोई थी उसमे भी नींद से ज़्यादा सपनों का डेरा था। वो खिड़की के पास खड़ी हो कर एक जगह नज़र टिकाए बस देख रही थी। फज़ा में कोहरे की पतली चादर थी। मैदान ...और पढ़े

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मोमल : डायरी की गहराई - 9

रात शुरू होते ही दिल में दहशत बढ़ जाती है लेकिन वोही दहशत दीन के उजाले में धुंधली पड़ है।सुबह चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ जैसे मोमल को खुशखबरी सुना रही हो। उनकी आवाज़ सुन कर पहली बार इतना सुकून महसूस हो रहा था की वो बिस्तर पर बैठी हुई खिड़की से आ रहे सूरज की किरणों को देख कर सुकून भरी सांसे ले रही थी। ऐसा महसूस हो रहा था के उसने रात न काटी हो बल्के तूफान में समंदर का सफर किया हो ।उस ने रात को जिस आत्मा को देखा था उसे ठीक से याद करने ...और पढ़े

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