रिश्तो की कश्मकश

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जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी अपनी तैयारी कर लो लेकिन नहीं कोई सूने मेरी बात तब ना,,,एक औरत चिल्लाती हुई बोली ,,,, अरे भाग्यवन क्यों अपना बीपी बढ़ा रही हो सब हो जाएगा बारात निकल जाएगी ,,, तुम्हे ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है,,, एक आदमी उसे औरत को चिल्लाता देख ,,उसके पास आकर बोला ,,, औरत कैसी बात कर रहे हो आप कैसे परेशान नहीं हूं समय देखा है कितना हो गया है,,,,,,,,

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रिश्तो की कश्मकश - 1

जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी अपनी तैयारी कर लो लेकिन नहीं कोई सूने मेरी बात तब ना,,,एक औरत चिल्लाती हुई बोली ,,,,अरे भाग्यवन क्यों अपना बीपी बढ़ा रही हो सब हो जाएगा बारात निकल जाएगी ,,, तुम्हे ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है,,, एक आदमी उसे औरत को चिल्लाता देख ,,उसके पास आकर बोला ,,, औरत कैसी बात कर रहे हो आप कैसे ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 2

अब आगे आपसे यह सब करने को लेकिन आपने फिर भी आपने इतनी अच्छी तैयारी करी,,, उसी के लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूं,,, लेकिन आप को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है सब सही है किसी चीज की कमी नहीं है,,, राजेंद्र मनीष की बात सुनकर मुस्कुराए और बोले मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो आप जैसा समधी मिले हैं,,, बहुत से समधी ,,यह चाहते हैं लड़की के घर से जितना ज्यादा मिलें उतना अच्छा है ,,और एक आप है जो यह कह रहे हैं आपने क्यों करवा लिया इतना सब कुछ,,, मैं भगवान का बहुत शुक्रगुजार हूं ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 3

यह है ,,साक्षी वर्मा ,,और अब वर्मा से यह साक्षी शान खुराना बनने वाली है,,,,**************************************थोड़ी देर बाद शादी संपन्न और विदाई की तैयारी होने लगी,,,साक्षी अपनी मां शालिनी के गले लगकर रो रही थी,,,, राजेंद्र साक्षी के पास आया जिसकी आंखें नम थी,,, और उन्होंने साक्षी के सर पर हाथ रखा दिया,,,साक्षी अपने बाबा का हाथ अपने सर पर महसूस करके ,,,पीछे पलटी और अपने पापा के गले लग गई ,,,,और बोली आई मिस यू पापा मुझे आपकी बहुत याद आएगी,,, राजेंद्र साक्षी का सर सेलाते हुए बोले,,, मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आएगी,,, लेकिन तुम फिक्र मत करना ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 4

अब आगे शान ने मीत के कान छोड़ें ,,और बोला,, औ,, नौटंकी अपना ड्रामा बंद कर चल भाभी थक होगी,, जा‌ ,,रूम में लेकर जा ,,,मीत ने हां में सिर हिलाया और साक्षी के पास आई,,, जो मुंह पर हाथ रख कर हंस रही थी,,, और बोली चलिए भाभी आप रूम में आराम कर लीजिए वरना भाई मुझे कभी आराम करने नहीं देंगे,, चलिए यह कहकर वो साक्षी को कमरे में ले गई,,,मीत खुराना † † यह ,,पूजा जी की छोटी,, बेटी,, यह अजय से छोटी है और बहुत शरारती भी अगर यह एक दिन भी शरारत ना करें ,,,इनका खाना ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 5

आलिया,, ने मीत की तरफ देखा,, और मुस्कुरा कर बोली तो करने दीजिए हमें फर्क नहीं पड़ता ,,,जब तक हमें हमारे पैसे नहीं दे देते थे,,, तब तक आप अंदर नहीं जा सकते,,, शान तुम मुझे अंदर जाने नहीं दोगी ,,आलिया और मीत ने अपनी कमर पर हाथ रखे और ना में सर हिला दिया,,,शान ,, ने उनको इस तरह देखकर गहरी सांस ली और अपनी जेब से पैसे निकाल कर उनकी तरफ बढ़ा दिए,,, और बोला जल्दी से अब यहां से दफा हो जाओ इससे पहले यह पैसे छीन लूं ,,,आलिया और मीत पैसे देखकर मुस्कुराई और बोली ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 6

अब आगे शाम के टाइमसंदीप ऑफिस से घर आया जैसे ही अपने कमरे में जाने को हुआ ,,,,किसी के की आवाज सुनकर उसके कदम रुक गए ,,,संदीप आवाज़ की तरफ चल दिया जैसे ही संदीप हॉल में आया ,,,,,,उसको नीर हस्ती हुई दिखाई दी ,,, और आलिया और मीत दोनों ही नीर को हंसते हुए देख मुस्कुरा रही थी। ,,,,,,,, और हमारे संदीप टुकुर टुकुर नीर को देखने लगे ,,,मीत की नजर जैसे ही संदीप पर पड़ी ,,,वह जल्दी से खड़ी हुई ,,,और संदीप से बोल भाई आप यहां आपको कुछ चाहिए क्या,,,, संदीप मीत की आवाज सुनकर होश ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 7

अब आगे नीर खाना लेकर संदीप के कमरे में आई।,, तो उसने देखा संदीप सोफे पर लेटा मोबाइल चला था। ,, नीर ने थोड़ी देर संदीप को घोरा और फिर चलकर संदीप के पास आकर खड़ी हो गई।,, संदीप को जैसे ही अपने कमरे में किसी की मौजूदगी का एहसास हुआ।,,उसने सर उठाकर अपने बराबर में देखा तो। नीर को देखकर जल्दी से खड़ा हो गया और बोला। ,, तुम ,, तुम क्या कर रही हो क्या तुम्हें कुछ चाहिए। नीर संदीप की बात सुनकर बोली नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए ।मैं तो आपके लिए खाना लेकर आई हूं। ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 8

अब आगे लड़का मनीष की बात सुनकर बोला। ,,आपसे क्या पूछना मामू आप तो एकदम ठीक-ठाक दिख रहे हैं मैंने आपसे पूछना जरूरी नहीं समझा ,,,, मनीष हां भाई तुझे तो मैं ठीक-ठाक ही दिखूंगा ,,तू तो अपनी मम्मी का चमचा है ना लड़का मम्मी देखो ना मामू क्या कह रहा है। मुझे कि मैं आपका चमचा हूं ,,,पूजा गुस्से में मनीष को घूरते हुए। बोली तो आपको काहे को मिर्ची लग रही है ,,,,मैं देख रही हूं। आजकल आप मुझसे बहुत जलने लगे एक बार कमरे में चलिए फिर बताती हूं ।‌ आप को मनीष पूजा की बात ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 9

अब आगे थोड़ी देर बाद सब लोगों हाॅल में बैठे बातें कर रहे थे।, संदीप और आर्यन दोनों ही को अपनी प्यार भारी नज़रों से देख रहे थे।, आर्यन नीर को मुस्कुराते देख अपने दिल पर हाथ रख कर अपने मन में बोला।, हाए कितनी क्यूट है यार।, यह कहकर आर्यन ने अपने बराबर में देखा जहां संदीप बैठा था।,तो आर्यन के चेहरे पर से मुस्कुराहट चली गई।,, क्योंकि संदीप भी नीर को मुस्कुराते हुए देख रहा था।, आर्यन ने नीर को देखा फिर संदीप को देखा तो हड़बड़ा कर खड़ा हो गया।, संदीप ने जब आर्यन को खड़ा ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 10

अब आगे शान की बात सुनकर,,, चारों मुस्कुराने लगी,, फिर नीर मुस्कुराते हुए,,,बोली हां जीजू हो गया हम लेडिस मिलना जुलना,,,, शान हां फिर चलो यह कहकर शान नीर को लेकर कमरे से निकल गया।,,, थोड़ी देर बाद संदीप घर आया,, उसने मीत और आलिया को उदास बैठा हुआ देखा तो बोला ,, क्या बात है,,, आज तुम दोनों इतनी उदास क्यों हूं,, किसीने कुछ कहा है ,,किया।,, मीत संदीप की बात सुनकर बोली नहीं भाई किसने कुछ नहीं कहा है,,वो नीर अपने घर चली गई,, इसलिए हम दोनों उदास है, यह बोलकर मीत ने अपना सर नीचे झुका ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 11

अब आगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वहीं दूसरी तरफ संदीप बड़ी बेचैनी से अपने कमरे में इधर-उधर चक्कर लगा रहा था ।,,कभी संदीप की तरफ देखा, तो कभी घड़ी की तरफ संदीप दरवाजे की तरफ देखते हुए, बोला ओफ्फो बुआ आप कब तक आएंगी,,,, कितना समय हो गया ,,अब तक तो आपको आ जाना चाहिए था।,,,,,वही आर्यन जो अपना चेहरा दोनों हाथों पर रखकर बैठा हुआ,, संदीप को देख रहा था ,, आर्यन संदीप की बात सुनकर उठकर खड़ा हुआ,, और चलकर संदीप के पास आया और बोल भाई तेरे पैरों में इतनी ताकत है तु रेस में हिस्सा क्यों नहीं ले लेता।,, ...और पढ़े

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रिश्तो की कश्मकश - 12

अब आगे पूजा संदीप से दूर हटी और बोली,, तुम्हें पता भी है, तुम क्या कह रहे हो,,, पूजा बात सुनकर ,संदीप चीखते हुए बोला हां जानता हूं,, मां ,,मैं क्या कह रहा हूं,, मैं नीर से शादी करना चाहता हूं,, बहुत प्यार करता हूं ,,मैं उससे आप लोग समझ क्यों नहीं रहे हैं,,,,मैं मर जाऊंगा उसके बगैर ,,,पूजा ने जैसे ही संदीप की बात सुनी तो गुस्से में बोली चुप करो तुम पागल हो गए हो,,, मुझे आप कुछ भी नहीं सुना चुपचाप अपने कमरे में जाओ ,,और दोबारा इस बारे में कोई बात मत करना समझे,,( फिर ...और पढ़े

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