मैंने सुना था कि ज़िंदगी सभी को मौका देती है, यहाँ तक कि उसे भी जो इसके लायक नहीं होते। मैंने सोचा कि मेरे पास भी एक मौका है, लेकिन यह मेरा भ्रम था, वो आज मिटने वाला था... "कितना लंबा लाइन है। आधे घंटे से यहाँ खड़े हैं, और कितना वक्त लगेगा?!", मैं शिकायत करते हुए लाइन में खड़ी थी, "चुप-चाप खड़े रहो मैं भी तो यह खड़ा हुआ हूँ!", भाई मुझे डांट रहा था, "तुम्हें तो आदत है, ना...भाई", उसके ऊपर टेकी लेने की कोशिश कर रही थी, "पीछे हटो गधी! मुझे तुम्हारी एक शिकायत नहीं सुननी। तुम्हारे ही अलास के कारण हम यहाँ देर से पहुँचे और यहाँ एक घंटे से फँसे हुए हैं। अब दूर हटो और सीधे खड़ी हो!", मुझे पीछे ढकेलते हुए कहा, "गलती किसकी थी बताना, हाँ? तुम्हारे ही पेट का इंतज़ाम कर रही थी!", मैं भी आज अच्छे मूड में नहीं थी, सुबह से लग रहा है कुछ होने वाला है, कुछ होने वाला है।

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स्वयंवधू - 1

मैंने सुना था कि ज़िंदगी सभी को मौका देती है, यहाँ तक कि उसे भी जो इसके लायक नहीं मैंने सोचा कि मेरे पास भी एक मौका है, लेकिन यह मेरा भ्रम था, वो आज मिटने वाला था... कितना लंबा लाइन है। आधे घंटे से यहाँ खड़े हैं, और कितना वक्त लगेगा?! , मैं शिकायत करते हुए लाइन में खड़ी थी, चुप-चाप खड़े रहो मैं भी तो यह खड़ा हुआ हूँ! , भाई मुझे डांट रहा था, तुम्हें तो आदत है, ना...भाई , उसके ऊपर टेकी लेने की कोशिश कर रही थी, पीछे हटो गधी! मुझे तुम्हारी एक शिकायत नहीं सुननी। तुम्हारे ...और पढ़े

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स्वयंवधू - 2

"...फिर से कहना?", मुझे एक पल के लिए अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ,"अभी नहीं!", वह इतना शांत था कि वह इस जगह का मालिक हो।(त-तुम! मैं जानती थी! मैं जानती थी! मुझे पता था ये मानसिक रूप से परेशान आदमी होगा!)उसने वो दवाइयाँ मुझ कर फेंक दीं और वो वही उस कुर्सी पर जाकर बैठ गया।(इस आदमी में रत्तीभर कि भी शर्म नहीं है। ऐसे ही बैठ गया?!)दवाइयाँ मेरे हाथ में बड़ी लग रही थी। थोड़ी देर बाद...उसकी नज़र मुझ पर थी जैसे वो मुझसे कह रही थी कि इसे ले लो। मैं घबरा गयी, कुछ समझ नहीं ...और पढ़े

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स्वयंवधू - 3

'समीर बिजलानी और मान्या बिजलानी के बेटे, वृषा बिजलानी अब एकमात्र प्रतिभाशाली उत्तराधिकारी हैं, जो इस कॉर्पोरेट जगत में रखने के दिन से ही अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं और पहले से ही शीर्ष पर हैं। वह एक महान व्यवसायी हैं और वर्तमान में बिजलानी को भारत और दुनिया भर में अग्रणी ब्रांड बनाने के लिए दुनिया भर में काम कर रहे हैं।'और भी बहुत सी बातें लिखी गईं थी लेकिन वह वृषा जी के बारे में नहीं थी।'समीर बिजलानी ने कैसे इस ब्रांड को सफल बनाने के लिए अपनी सारी जवानी लगा दी और अभी भी काम कर ...और पढ़े

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स्वयंवधू - 4

अभी तक वृषाली का अपहरण किए उसे कैद में रख, उसका जीवन सामान्य ही चल रहा है लेकिन मासिकधर्म लड़की के लिए काफी मुश्किल समय होता है खासकर जब उसके पास उसका मानसिक चैन ना हो और जो पक्की अंतर्मुखी हो। देखते है वृषा-वृषाली इसे कैसे संभालते है। दाईमाँ की क्या योजना है, यह भी देखना होगा। ...और पढ़े

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स्वयंवधू - 5

"क्या लगा हमे बेघर कर साँस भी ले पाओगी?", मेरी बुआ ने कहा,"किस जोंक से बात खर रही हो?", ने पूछा,"देखो दुनियावालों, कैसे अपने आशिक के साथ भरे बाज़ार में मेरा शोषण कर रही है! कोई मेरी मदद करो!", बीच बाज़ार में वो चिल्लाने लगी। क्ता करूँ, कैसे करूँ...मम्मा-डैडा के साथ क्या हो रहा होगा। वृषा क्या करेगा? मैं इस स्थिति को कैसे संभालूँ ताकि किसी का सिर ना कटे! ...और पढ़े

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स्वयंवधू - 6

वृषा को नहीं पता कि एक छोटा सा दाग एक लड़की के जीवन और उसके परिवार की छवि को करने के लिए किस तरह पर्याप्त होता है। मैंने वो रात बेचैनी में बितायी।स्टडी रूम में, मैं गहरे विचारों में खोया हुआ था। तभी दाईमाँ आई।"तुमने उसे अंगूठी क्यों नहीं पहनाई?", उन्होंने गुस्से से पूछा,"आप जानती है ना उसका मतलब?", मैंने जवाब दिया,वह नाराज़ थी, "सवाल पर सवाल मत पूछो! आप एक लड़की के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं?",('आप'?)इसका कोई मतलब नहीं बनता, "आपका क्या मतलब है दाईमाँ? क्या मैंने कुछ गलत किया है?","हाँ, तुमने किया!","क्या? ऐसा नहीं है ...और पढ़े

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