ब्लैक शर्ट, ब्लू जींस, आंखों पर काला चश्मा, स्टालिश बाल, कंधे पर बैग और हीरो साइकिल पर सवार होकर मानव अपने कॉलेज के लिए चल पड़ा था। यह उसके कॉलेज का पहला दिन था। हाल ही में स्कूल में टॉप करने के बाद शहर के टॉप कॉलेज में मानव का एडमिशन हो गया था। वह इस बात से काफी खुश था। हालांकि यह खुशी इस बात से कम से थी कि अब वो कॉलेज लाइफ को जीने वाला है। कॉलेज लाइफ को लेकर उसके कई सपने थे। वो हमेशा अपनी कॉलेज लाइफ के बारे में सोचता था कि जब वो कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए जाएगा तो वो कैसा होगा। आज का उसका पूरा लुक उसके उसी सपने का एक अंश था। कॉलेज के गेट में प्रवेश करने के साथ ही उसके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी। कॉलेज की बिल्डिंग उसके सपनों को साकार करने का एक माध्यम उसे नजर आ रही थी। कॉलेज के यहां-वहां कई लड़के-लड़कियों के ग्रुप बने हुए थे।  उसने अपनी साइकिल स्टैंड पर लगाई और झूमता हुआ अपनी क्लास की ओर जाने लगा। साइकिल स्टैंड से लेकर क्लास में पहुंचने तक उसकी नजर पूरे कॉलेज को ऐसे निहार रही थी जैसे कि कोई पिंजरे में बंद पक्षी आजाद होने के बाद अपने आसपास के पेड़-पौधे, फूल, पत्ते, मौसम को निहारता है। मानव भी आजाद हवा में उड़ जाने को आतुर था। उसे ऐसा लग रहा था कि मानों वो आजाद है, स्कूल की उन बंदिशों से जहां उसे पीरियड के अनुसार अपनी किताबों को बदलना पड़ता था। रोज एक ही यूनिफार्म में स्कूल जाना, फिर प्रे करना, फिर 6 घंटे तक क्लास में रहकर अलग-अलग विषयों में उलझे रहना। फिर घर जाना, फिर ट्यूशन, शाम को कुछ वक्त ग्राउंड में अपने दोस्तों के साथ गुजारना और फिर घर आकर अपना बैग उठाकर पढ़ाई में लग जाना। रात 11 बजे बिस्तर पर सो जाना और फिर अगले दिन का शुरूआत होती और वही रोज का रूटीन चलता रहता।

Full Novel

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खामोश प्यार- भाग 1

ब्लैक शर्ट, ब्लू जींस, आंखों पर काला चश्मा, स्टालिश बाल, कंधे पर बैग और हीरो साइकिल पर सवार होकर अपने कॉलेज के लिए चल पड़ा था। यह उसके कॉलेज का पहला दिन था। हाल ही में स्कूल में टॉप करने के बाद शहर के टॉप कॉलेज में मानव का एडमिशन हो गया था। वह इस बात से काफी खुश था। हालांकि यह खुशी इस बात से कम से थी कि अब वो कॉलेज लाइफ को जीने वाला है। कॉलेज लाइफ को लेकर उसके कई सपने थे। वो हमेशा अपनी कॉलेज लाइफ के बारे में सोचता था कि जब वो ...और पढ़े

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खामोश प्यार- भाग 2

तीन महीने के समय में भी दोनों की बात होने के बाद भी दोनों ही एक-दूसरे के लिए अपने में एक सॉफ्ट कॉर्नर रखते थे। मानव जहां कायरा को मन ही मन चाहने लगा था, वहीं कायरा भी मानव को पसंद करने लगी थी। हालांकि यह बात इन दोनों ही एक-दूसरे को नहीं बताई थी और ना ही इस बारे में उनका कोई दोस्त ही जानता था। मानव जब भी अकेला होता तो वो कायरा के बारे में सोचने लगता था। वहीं कायरा भी मानव के बारे में सोचने लग जाती थी। पर दोनों जब भी आमने-सामने होते तो ...और पढ़े

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खामोश प्यार- भाग 3

कुछ देर तक कायरा ऐसे ही मानव के सीने से लिपटी रही, क्योंकि वो काफी डर गई थी। उसे था कि आज वो बचने वाली नहीं है, परंतु मानव ने समय पर आकर उसे बचा लिया था। करीब दो मिनट तक कायरा मानव से लिपटी रही और फिर खुद को संभालते हुए मानव से अलग हो गई। कायरा और मानव पहली बार एक-दूसरे के सामने इस तरह खड़े थे। कायरा ने मानव से पहली बार बात की और उसके मुंह से निकला- सॉरी एंड थैक्यू वैरी मच। अगर आप यहां नहीं आते तो पता नहीं मेरा क्या होता। कायरा ...और पढ़े

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खामोश प्यार- भाग 4

रात होने पर सभी अपने-अपने टेंट में चले गए थे। लगभग सभी सो चुके थे, परंतु मानव और कायरा आंखों में नींद नहीं थी। दोनों अलग थे पर ख्यालों में वे दोनों एक साथ ही थे। दोनों एक-दूसरे के बारे में सोचते हुए गहरी नींद में चले गए थे। अगले दिन फिर सभी ने पहाड़ों की ओर जाने का तय किया। पहाड़ पर जाने के लिए सभी ने एक-एक बैग और कुछ सामान अपने साथ रख लिया था। सभी स्टूडेंट्स एक साथ ही पहाड़ी की ओर चल देते हैं। सभी स्टूडेंट्स के साथ मानव और कायरा भी थे। हालांकि ...और पढ़े

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खामोश प्यार- भाग 5

कॉलेज में हुई इन प्रतियोगिताओं में गर्ल्स इंवेट में जहां कायरा नंबर वन बनी हुई थी, वहीं बॉयज इवेंट मानव बाजी मार रहा था। मैदानी खेलों के अलावा, इनडोर इवेंट में भी मानव और कायरा सभी को पटखनी दे रहे थे। मतलब साफ था कि पढ़ाई के साथ स्पोर्टस और कल्चरल एक्टिविटी में भी ये दोनों स्टूडेंट बराबर ध्यान देते थे और हमेशा सबसे आगे रहने की कोशिश करते थे। अब एक आखिरी प्रतियोगिता बची थी, जिसके लिए पूरे कॉलेज से सिर्फ दो ही नाम सामने आए थे। यह प्रतियोगिता थी वाद-विवाद प्रतियोगिता। इस प्रतियोगिता में मानव और कायरा ...और पढ़े

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खामोश प्यार- भाग 6

प्रतियोगिता समाप्त हो गई थी और निर्णायकों ने भी अपना निर्णय ले लिया था। मंच पर आकर निर्णायकों ने फैसला दिया और मानव को प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया। इसके साथ ही मानव को बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड भी दिया गया। सबसे पहले कायरा ने ही मानव को बधाई दी। कायरा ने मानव के पास आकर कहा- विजेता बनने की बहुत बहुत बधाई। मानव ने भी कायरा का शुक्रिया किया और उससे हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा- आपने भी बहुत अच्छा किया है। कायरा ने मानव से हाथ मिलाया। यह पहली बार था ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 7

स्नेहा और श्लोक की बातों ने मानव और कायरा के दिल में हलचल मचा दी थी। दोनों एक-दूसरे को करते हैं यह बात दोनों ही जानते थे, परंतु पहल करने से डरते थे। स्नेहा और श्लोक ने एक बार फिर यही बात मानव और कायरा से कही थी, इस बार भी दोनों ने पहले की तरह ही जवाब दिए थे। ऐसे में स्नेहा और श्लोक को पूरी तरह से समझ आ गया था कि वे दोनों एक-दूसरे को पसंद तो करते हैं परंतु एक-दूसरे से बोल नहीं पा रहे हैं। एक बार क्लास के बाद उसी कैटिंन में स्नेहा ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 8

मानव को टाइप करता देख कायरा की आंखों में कुछ चमक आ गई थी। उसके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान भी आई। वो मानव के मैसेज का बेसब्री से इंतजार करने लगी। एक मिनट, दो मिनट, पांच मिनट हो गए पर मानव का मैसेज नहीं आया। दूसरी ओर मानव ने मोबाइल पर मैसेज लिखा- हाय कायरा। कई दिनों से मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता था पर मैं हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहा था। श्लोक ने कहा था कि मैं तुम्हारे सामने अगर वो बात नहीं कह पा रहा हूं तो मैसेज से ही तुमसे बात कर लूं। ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 9

स्नेहा ने आगे कहा- तुझसे कुछ नहीं होने वाला। मैं ही उससे बात करती हूं। कायरा ने स्नेहा को हुए कहा- नहीं तू रहने दे। अगर आज भी उसका मैसेज नहीं आया तो मैं कोशिश करूंगी कि उससे बात कर लूं। स्नेहा ने अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा- ये हुई ना बात। देख कायरा अगर प्यार है तो कह देना ही बेहतर होता है। कहीं देर हो गई तो फिर तू भी हाथ मलती रह जाएगी। वो अच्छा लड़का है और तुम दोनों साथ में बहुत खुश रहोगे। कायरा ने स्नेहा की बात पर सहमति में सिर्फ ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 10

क्लास में पहुंचते ही स्नेहा कायरा के पास पहुंच गई और श्लोक ने मानव का हाथ पकड़ा और उसे से सीधे कैटिंन लेकर आ गया था। मानव ने श्लोक से कहा- अरे भाई क्या कर रहा है? अभी क्लास शुरू होने वाली है और तू यहां कैटिंन ले आया। श्लोक ने मानव की बात का जवाब देते हुए कहा- एक क्लास मिस कर देगा तो तू टॉप करने से चूक नहीं जाएगा। तू तो फिर भी टॉप ही करेगा। श्लोक की बात सुनकर मानव ने कहा- अच्छा चल बता क्या बात है, यहां क्यों लेकर आया है ? श्लोक ...और पढ़े

11

खामोश प्यार - भाग 11

मानव ने कौशल को देखा और फिर एक बार कायरा की ओर देखा। कायरा अब भी नजर और गर्दन किए हुए बैठी थी। उसकी धड़कनें बढ़ी हुई थी। मानव ने कायरा से बात करने के लिए बोलने की कोशिश की परंतु उसके मुंह से आवाज ही नहीं निकली। उसने एक बार फिर कोशिश की परंतु इस बार भी वो असफल रहा और फिर कायरा से बिना कुछ बोले ही वहां से कैटिंन से बाहर आ गया। कायरा अब भी चुपचाप बैठी हुई थी। मानव जैसे ही कैटिंन से बाहर आया श्लोक दौड़कर उसके पास आ गया। श्लोक ने पूछा- ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 12

कायरा की तस्वीर से बातें करने के बाद मानव कमरे से बाहर निकल गया। उसकी आंखों में हल्की सी थी। कुछ देर बाद वो फिर आया और फिर बेड पर मोबाइल लेकर लेट गया था। आज भी कायरा और मानव ऑनलाइन शो हो रहे थे। दोनों ने आज पूरी रात एक-दूसरे को ऑनलाइन देखते रहे और सुबह होने पर कुछ देर सोने के बाद कॉलेज के निकल गए। पूरी रात जागने और ऑनलाइन रहने के बाद भी दोनों ने एक-दूसरे को कोई मैसेज नहीं किया था। कॉलेज में पहुंचने के बाद दोनों ने एक-दूसरे को देखा, नजरें भी मिली, ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 13

शाम का वक्त हो चला था। मानव अपने ख्यालों में गुम बस चलता ही जा रहा था। वो चलते-चलते के घर के नजदीक तक आ गया था। उसे इस बात का भी होश नहीं था कि उसका घर कायरा के घर से दूसरी ओर है। इस बीच वहां स्नेहा भी वहां पहुंची। उसने देखा मानव कायरा के घर के पास पहुंच रहा है। उसे लगा कि मानव कायरा से मिलने के लिए उसके घर जा रहा है, परंतु ऐसा था नहीं। मानव बस गुमसुम सा चले जा रहा था। स्नेहा जल्दी से कायरा के घर पहुंची और उसका हाथ ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 14

स्नेहा उखड़ी हुई सी वहां से चली जाती है। दूसरे दिन वो कॉलेज पहुंच जाती है। वो श्लोक से ही कर रही होती है कि मानव भी अपनी क्लास में पहुंच जाता है। मानव को क्लास में आया देख स्नेहा वहां से चली जाती है। मानव को क्लास में पहुंच अभी कुछ ही देर हुई थी कि क्लास में एक लड़के ने प्रवेश किया। उसके साथ एक लड़की भी थी। घुंघराले बाल, हल्की नीली सी आंखे, सफेद शर्ट पर ग्रे रंग की जैकेट, आंखों पर स्टालिश चश्मा, महंगे जूते और चेहरे पर एक मुसकान लिए इस लड़के ने जैसे ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 15

कुछ ही दिनों में जॉली और जेनी पूरे कॉलेज में काफी पापुलर हो गए थे। उनके कई दोस्त भी गए थे। लगभग डेढ महीना हो गया था और एक्सीडेंट में आई चोट से पूरी तरह से ठीक होने के बाद कायरा आज कॉलेज आई थी। आज वो कुछ अलग लग रही थी। खुले बाल, माथे पर एक छोटी सी बिंदी, हाथों में हमेशा की तरह दो कंगन, सफेद सूट और खुले बालों में वो परी लग रही थी। कॉलेज के कई लड़कों ने उसे एक बार पलटकर जरूर देखा था, परंतु कायरा ने किसी की ओर भी ध्यान नहीं ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 16

कुछ देर तक मानव वहीं बैठा रहा और फिर उठकर अपने घर की ओर चल दिया। जेनी भी भाई के साथ अपने घर पहुंच गई थी। वो अपने कमरे में चली गई थी और जॉली गाने सुनते हुए कुछ खाना बना रहा था। खाना बन जाने के बाद दो से तीन जेनी को आवाज दी, परंतु जेनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उसके कमरे की ओर चला गया। कमरे में जाकर उसने देखा जेनी ख्यालों में गुम थी। उसने जेनी के कंधे पर हाथ रखा और कहा- जेनी, जेनी ? कहां गुम हो ? मैंने तुम्हे ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 17

कायरा से दोस्ती कर जॉली काफी खुश नजर आ रहा था। वहीं स्नेहा ने इस बात पर अपनी खुशी की थी। इधर जेनी मानव से दोस्ती करने के बारे में सोच रही थी, हालांकि वो कोई तरीका नहीं निकाल पा रही थी। मानव ने कायरा को जॉली से हाथ मिलाते देखा तो वो काफी उदास हो गया था और अचानक ही कैटिंग से बाहर चला गया था। श्लोक ने उसे रोकने की कोशिश की तो परंतु वो रूका नहीं। मानव घर पहुंचा और उसने अपनी अलमारी खोली और कायरा के उस फोटो से बात करने लगा। मानव कह रहा ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 18

जॉली की बर्थडे पार्टी करीब 4 घंटे तक चली, इस दौरान जॉली मां शैलजा ने अधिकतर समय कायरा के ही बिताया। इस दौरान उन्होंने कायरा अपने कुछ खास मेहमानों के अलावा घर और परिवार के अन्य लोगों से भी मिलवाया। हालांकि कायरा ये सभी काफी कुछ अजीब लग रहा था, परंतु उसने ना तो जॉली से और ना ही स्नेहा से इस संबंध में कोई बात की थी। रात का करीब 1 बज गया था, इसलिए कायरा ने वहां से जाने के लिए एक कैब बुक कर ली थी। इसी दौरान वहां स्नेहा आ गई। दोनों का घर आसपास ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 19

कायरा अपनी मस्ती में आगे चल रही थी, उसे नहीं पता था कि जॉली उसके पीछे चल रहा है उसे देख रहा है। कायरा कुछ देर के लिए किले के एक बंद दरवाजे के पास खड़ी होकर उसे देख रही थी, वहीं जॉली एक पेड़ के पीछे से उसे देख रहा था। तभी स्नेहा जॉली के पास पहुंच गई और अचानक उसे कहा- कायरा को देख रहे हो ? जॉली स्नेहा की आवाज सुनकर अचानक चौंक गया था, उसने खुद को संभालते हुए कहा- अरे नहीं मैं तो बस ऐसे ही घूमने आया था। स्नेहा ने कहा- 10 मिनट ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 20

एक और श्लोक था और दूसरी स्नेहा। स्नेहा को जहां कायरा की बातों ने अंदर तक हिलाकर रख दिया वहीं श्लोक के कानों में जेनी के शब्द गूंज रहे थे। अपनी-अपनी सोच में डूबे श्लोक और स्नेहा किले में एक सुनसान जगह पर एक-दूसरे के सामने आ खड़े हुए थे। हालांकि दोनों ने ही यह नहीं सोचा था कि वे दोनों इस तरह से एक-दूसरे के आमने-सामने आ जाएंगे। इससे पहले भी वे कई बार कॉलेज में एक-दूसरे के आमने-सामने हुए हैं, एक-दूसरे खूब बातें भी की है, परंतु आज बात कुछ अलग थी। हमेशा बातें करने वाले आज ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 21

स्नेहा की बात सुनने के बाद श्लोक कुछ देर के लिए खामोश हो गया और फिर उसने कहा- कोई नहीं स्नेहा। हम दोनों को ही नहीं पता कि ये हमारी फिलिंग्स है या फिर जेनी और कायरा के कहने से हम ऐसा कर रहे हैं। अभी हमारे इस ट्रिप में दो दिन का समय है। ये दो दिन हम साथ रहते हुए भी साथ नहीं रहेंगे। इस दौरान हमें पता चल जाएगा कि ये हमारी फिलिंग्स है या जेनी और कायरा के कहने के बाद हमने एक-दूसरे के बारे में ऐसा सोचा है। दो दिनों के बाद जब हम ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 22

कायरा का चेहरा गुस्से से लाल था। वो टेंट के आसपास जॉली को तलाश कर रही थी, हालांकि वो कहीं नजर नहीं आ रहा था। तभी उसे जेनी नजर आ गई और वो उसके पास पहुंच गई थी। कायरा ने गुस्से के साथ जेनी से कहा- जेनी जॉली कहां है ? जेनी ने कहा- मुझे नहीं पता, होगा यहीं कहीं। वैसे तुम इतने गुस्से में क्यों हो ? कायरा ने कुछ देर के लिए सोचा और फिर कहा- जेनी तुम उसे समझाना। अभी वो मेरे हाथ में लेटर थमा कर गया था, लेटर में लिखा था कि वो मुझसे ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 23

मानव की बात सुनकर श्लोक ने कहा- देख मानव सिर्फ ऐसे ही सोचने से तो कुछ होने वाला नहीं यदि तू उसे प्यार करता है तो तुझे उसे बताना तो होगा। वो लड़की है उसकी ओर से पहल करना काफी मुश्किल है। इसलिए तुझे ही पहल करना होगी। मैंने भी स्नेहा से आगे बढ़कर ही बात की थी। तभी आज हम साथ है। श्लोक की बात का मानव कोई जवाब नहीं दे सका। वो खामोश ही रहा। वो और श्लोक वहीं खड़े होकर बातें कर रहे थे, तभी वहां जेनी आ गई। जेनी ने मानव से कहा- तो मानव ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 24

श्लोक ने कमरे में प्रवेश करते हुए मानव पर सवालों की बौछार सी कर दी थी। श्लोक ने मानव प्रश्न किया- क्या भाई कहां है ? कहां चला गया था ? 15 दिन से कॉलेज भी नहीं आ रहा था ? क्या परेशानी है? ऐसे कोई गायब होता है क्या? कम से कम से मुझे तो बताकर जा सकता था। मानव सिर्फ श्लोक की बातों को सुन रहा था, उसने अब तक कोई जवाब नहीं दिया था। मानव के खामोश रहने से श्लोक लगभग चिढ़ गया और फिर बोला- मैं यहां सिर्फ तेरी सूरत देखने के लिए नहीं आया ...और पढ़े

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खामोश प्यार - भाग 25

कुछ ही देर बाद सभी अपने-अपने घर पहुंच गए थे। रात के समय स्नेहा और श्लोक तो फोन पर में बात कर रहे थे, परंतु मानव और कायरा हमेशा की तरह ऑनलाइन रहकर एक-दूसरे के मैसेज का इंतजार कर रहे थे। दूसरी ओर बात करते हुए स्नेहा ने श्लोक से कहा- तुमने मानव से बात की थी ? श्लोक ने कहा- हां मैंने उसे एक बार फिर समझाया था। वो कह रहा था कि उसे भी कायरा से एक बार बात तो करना ही होगी। स्नेहा ने कहा- मैं भी कई बार कायरा से बात कर चुकी हूं, पर ...और पढ़े

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खामोश प्यार- भाग 26

विश्वास ने कहा- ये सच है बेटा। हम आज कायरा के साथ तेरा रिश्ता पक्का करके आ गए हैं। ही हम लोग सगाई की डेट भी फाइनल कर देंगे और फिर शादी भी। अपने पिता की बात सुनकर जॉली काफी खुश हो गया था। वो इस बात को सुनने के बाद बाहर चला गया था। यह बात जेनी भी सुन रही थी। उसने भी जॉली और कायरा की शादी की बात पर अपनी खुशी जाहिर की थी। फिर उसने शैलजा को मानव के बारे में याद दिलाया। शैलजा ने जेनी से कहा- मैं एक बार तेरे पापा से बात ...और पढ़े

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खामोश प्यार - अंतिम भाग

परिवार द्वारा रिश्ता तय हो जाने की बातों से अंजान कायरा और मानव रोज की तरह कॉलेज पहुंच गए सब कुछ सामान्य था, परंतु जेनी मानव को देखकर और जॉली कायरा को देखकर काफी खुश नजर आ रहा था। वहीं श्लोक और स्नेहा भी अब अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाने वाले थे। क्लास खत्म होने के बाद हमेशा की तरह सभी कैंटिंन में मिले थे। श्लोक मानव के साथ बैठा था और स्नेहा कायरा के साथ। श्लोक ने अपनी बात करते हुए मानव से कहा- मानव आज मैं अपने घर पर स्नेहा को लेकर बात ...और पढ़े

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