तेरे इश्क़ में पागल

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मुम्बई के एक पब में जैन शराब के नशे ने धुत हो कर अपने सामने नाचती हुई लड़कियों को देख रहा था, तभी नैना उसके पास आ कर बोली। "हये ज़ैन।" ज़ैन जो ब्लैक पैंट और शर्ट और बिखरे हुए बालों और अपने हाथ मे कीमती घड़ी पहने लड़कियों को देखने में मगन था, एक दम से उसकी आँखों के गुस्सा भर गया। वोह गुस्से से बोला। "क्या हुआ है?" नैना उसके गुस्से को इग्नोर करते हुए बोली। "ऑफकोर्स ज़ैन जानी मैं तुमसे ही मिलने आए हु।" ज़ैन ने जो शराब का गिलास पकड़ा था अचानक से टेबल पर फेंक

Full Novel

1

तेरे इश्क़ में पागल - 1

मुम्बई के एक पब में जैन शराब के नशे ने धुत हो कर अपने सामने नाचती हुई लड़कियों को रहा था, तभी नैना उसके पास आ कर बोली। "हये ज़ैन।" ज़ैन जो ब्लैक पैंट और शर्ट और बिखरे हुए बालों और अपने हाथ मे कीमती घड़ी पहने लड़कियों को देखने में मगन था, एक दम से उसकी आँखों के गुस्सा भर गया। वोह गुस्से से बोला। "क्या हुआ है?" नैना उसके गुस्से को इग्नोर करते हुए बोली। "ऑफकोर्स ज़ैन जानी मैं तुमसे ही मिलने आए हु।" ज़ैन ने जो शराब का गिलास पकड़ा था अचानक से टेबल पर फेंक ...और पढ़े

2

तेरे इश्क़ में पागल - 2

जैसे ही अहमद की नज़र ज़ैन के कपड़ो पर पड़ी वोह हैरान हो कर बोला, "यह कैसे हुआ?" इससे की ज़ैन कुछ जवाब देता, ज़ैनब बीच मे बोल पड़ी, "यह मुझ से गलती से होगया, आयी एम सॉरी।" "इट्स ओके।" ज़ैन ने मुस्कुराते हुए कहा। अहमद समझ रहा था अब तो इस लड़की की खैर नही, अब इसे ज़ैन के गुस्से से कैसे बचाये, लेकिन ज़ैन के मुंह से "इट्स ओके" सुनकर वोह हैरान हो गया। ज़ैनब उसे थैंक्स बोल कर वहां से चली गयी, ज़ैन उसे तब तक देखता रहा जब तक वोह उसकी नज़रों से ओझल न ...और पढ़े

3

तेरे इश्क़ में पागल - 3

अगली सुबह जब ज़ैन ने आंख खोली तो देखा यह उसका कमरा नही था। उसने बाएँ तरफ देखा तो बैठा बैठा ही सो चुका था। वो उठ कर अहमद के पास गया और मुस्कुराते हुए अहमद के कंधे पर अपना सिर रख दिया क्योंकि वोह जनता था अहमद की नींद बहोत कच्ची है। और ऐसा ही हुआ जैसे ही अहमद को अपने कंधे पर कुछ अहसास हुआ उस ने अपनी नींद भारी आंखे खोली और मुस्कुराते हुए ज़ैन को देखा। ज़ैन ने भी बदले में स्माइल पास करदी। "उठ गया तू ज़ैनु।" अहमद ने अपनी आंखें मसलते हुए उससे ...और पढ़े

4

तेरे इश्क़ में पागल - 4

अहमद अभी भी चेयर पर बैठा सिगरेट पी रहा था। सिगरेट पीने की वजह से उसकी आंखें लाल हो थी। अशिएल टरे भर चुका था। एक तो वो इस गम में पी रहा था कि इतने सालों की की हुई इसकी मेहनत पर पनी फिर चुका था। इतने सालों से उसने ज़ैन के अंदर के उस दरिंदे को कितनी मुश्किल से सुलाया था। जो अब फिर से जाग चुका था। और दूसरा वोह ज़ैन के ऊपर हाथ उठाने की वजह से पी रहा था। उसे बहोत दुख हो रहा था ज़ैन के ऊपर हाथ उठाने पर फिर उसने सोचा ...और पढ़े

5

तेरे इश्क़ में पागल - 5

"उफ्फ्फ यार जैनी तू अभी तक तैयार नही हुई।" सानिया ने हैरान हो कर ज़ैनब से कहा। "यह टोकरियां को देदु फिर मैं तैयार हो जाउंगी।" ज़ैनब ने कहा और अगे बढने लगी। "तू यह मुझे दे मैं मां को देदूँगी, तू जा कर तैयार हो जा।" सैनिया ने टोकरियां उसके हाथ से ली और रूम से बाहर चली गयी। तो ज़ैनब भी ड्रेस उठा कर वाशरूम में चली गयी। सानिया और ज़ैनब का ड्रेस भी बिल्कुल एक जैसा था। थोड़ी देर बाद ज़ैनब आईने के सामने बैठी अपने बाल बना रही थी कि तभी सानिया उसके पास आ ...और पढ़े

6

तेरे इश्क़ में पागल - 6

दोनो हॉल में पहोंचे तो अली ने उन्हें देखते हुए अपना हाथ हिलाया। यह देख कर अहमद हस्ते हुए से बोला:"यार ज़ैनु नैना भी तुझे देख कर ऐसे ही हाथ हिलाती थी ना।" ज़ैन ने घूर अहमद की तरफ देखा और फिर अली के गले लग गया। "और सुनाओ तुम लोग सही से तो पहोंचे हो ना?" अली ने कहा। "नही, पहले ट्रैफिक में फसे थे फिर पहोंचे है।" अहमद ने कहा। उसकी बात सुनकर दोनो हँसने लगे। "यार अहमद तू कभी सीधा जवाब नही दे सकता क्या?" अली ने हस्ते हुए कहा। उसकी बात सुनकर ज़ैन हस्ते हुए ...और पढ़े

7

तेरे इश्क़ में पागल - 7

ज़ैनब ग्रोउन्ट में बैठी किताब पढ़ रही थी जब कि सानिया बोर हो रही थी। "चल यार जैनी कैंटीन है।" सानिया ने उठते हुए कहा। "नही यार एग्जाम स्टार्ट होने में दो महीने ही बचे है।" ज़ैनब ने सीरियस होकर कहा। "उफ्फ यार जैनी अभी दो महीने बाकी है अगर तू दो मिनट के लिए उठ जाएगी कुछ हो नही जाएगा।" आखिरकार ज़ैनब को उसकी ज़िद के आगे हार माननी ही पड़ी। वोह दोनो उठ कर कैंटीन चले गए। ........ दूसरी तरफ सेठ ने ज़ैन को फ़ोन किया। "हेलो" ज़ैन ने सीरियस आवाज़ में कहा। सेठ उसकी आवाज़ से ...और पढ़े

8

तेरे इश्क़ में पागल - 8

कल हॉस्पिटल से आने के बाद से ही ज़ैनब अपने कमरे में ही थी। घड़ी में टाइम देखने के वोह उठ कर वाशरूम में फ्रेश होने के लिए चली गयी। कासिम ने गाड़ी ज़ैनब के घर के सामने रोकी। अहमद और ज़ैन गाड़ी से उतर कर घर के अंदर गए। वोह दोनो सोफे पर बैठ गए और कासिम उनके पीछे खड़ा हो गया। फुरकान और उसकी बीवी उन दोनों के सामने ही बैठे थे। "आप लोग कौन है?" फुरकान ने उन तीनों को देखते हुए पूछा। "हम ज़ैनब का रिश्ता ले कर आये है।" अहमद ने सोफे पर पीठ ...और पढ़े

9

तेरे इश्क़ में पागल - 9

ज़ैन को अपनी तरफ गुस्से से बढ़ते देख वोह कांपने लगी। तभी अचानक से एक लड़के ने पीछे से को आवाज़ दी। ज़ैनब ने पीछे मुड़ का देखा तो उसका सीनियर था। वो उसके पास आ कर बोला:"जैनी तुम कहा हो तुम्हे पता है ना समेसरर्स स्टार्ट हो रहे।" ज़ैनब ने पहले ज़ैन को देखा जो गुस्से से लाल आँखों से उसकी तरफ देख रहा था और फिर अपने सीनियर की तरफ देखा जो उन दोनों को हैरानी से देख रहा था। "ज़ैनब क्या हुआ तुम्हे कोई प्रॉब्लम है क्या?" उसने ज़ैनब के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा। ...और पढ़े

10

तेरे इश्क़ में पागल - 10

अहमद ज़ैनब के रूम में गया तो सानिया उसे समझा रही थी। "क्या पट्टिया पढ़ाई जा रही है मेरी प्लस बहेना को।" अहमद ने मुस्कुरा कर कहा। "कुछ पट्टिया वट्टीया नही पढ़ा रही हु और तुम्हारा टांग अड़ाना जरूरी है क्या।" सानिया ने चिढ़ कर कहा। "ओह मैडम मैं ने पट्टियों का नाम लिया है। वैसे यह वट्टीया क्या होती है?" अहमद ने ज़ैनब के पास बैठते हुए कहा। "तुम अपने काम से काम रखो।" सानिया ने झुंझला कर कहा। "तुम दोनों चुप करो क्यों पागलों की तरह लड़ रहे हो।" ज़ैनब ने तंग आ कर कहा। "तुम हमे ...और पढ़े

11

तेरे इश्क़ में पागल - 11

अहमद आफिस मे बैठ लैपटॉप पर गेम खेल रहा था उसे अचानक सानिया की याद आने लगी। उसने आफिस उठाया और सानिया को फ़ोन किये। हेलो........सानिया की नींद से भरी आवाज़ उसके कानों में पड़ी। "कैसी हो सानिया मैडम?"अहमद ने हस्ते हुए पूछा। "कौन?" सानिया चिढ़ कर बोली। "अहमद" उसने अपना नाम बताया। "तुम बंदर हिम्मत कैसे हुए तुम्हारी मुझे फ़ोन करने की बंदर की शक्ल वाले इंसान, मेरी नींद खराब करदी बत्तमीज़ कहि के।" सानिया ने अपना सारा गुस्सा उस पर निकाल दिया। "ओह रुक जाओ यार तुम तो नॉन स्टॉप ही शुरू हो गई।" अहमद उसे शांत ...और पढ़े

12

तेरे इश्क़ में पागल - 12

उन दोनों आदमियो ने ज़ैनब का हाथ पकड़ लिया। "छोड़ो मुझे।" ज़ैनब ने घबरा कर कहा। "अरे कैसे छोड़ अभी तो तुम हाथ लगी हो, अगर मुझे पता होता कि तुम इतनी खूबसूरत हो तो तुम्हे कब का चुरा चुका होता।" उन में से एक आदमी बोला। ........... "ज़ैन मुझे कॉन्ट्रैक्ट फ़ाइल दे।" अहमद ने एकफिले पढ़ते हुते ज़ैन से कहा। ज़ैन कुछ सोचते हुए बोला:"ओह शेट, वोह फ़ाइल तो मैं घर पर ही भूल गया।" "ओह कोई बात नही, चल घर से ले लेते।" अहमद ने कहा। दोनो जब घर पहोंचे तो व्हाकोइ गार्ड नही था। ज़ैन ने ...और पढ़े

13

तेरे इश्क़ में पागल - 13

ज़ैन इस वक़्त अपनी चाची के घर पर था उसने उन्हें सब को सच सच बता दिया था। "ज़ैन यह अहमियत रह गयी है हमारी तुम्हारी ज़िन्दगी में।" शाज़िया ने आंखों में आंसू लिए हुए कहा। "नही चाची जान ऐसी कोई बात नही है,वोह सब कुछ इतना अचानक हुआ था कि मुझे आपको बताने का मौका ही नही मिला।" ज़ैन ने उनका हाथ पर कर चूमते हुए कहा। फिर भी तुम हमें कॉल करके बता सकते थे। इस बार उसके चाचा जी बोले। "अच्छा अब नाराज़ तो मत हो।" ज़ैन ने मासूम से चेहरा बनाते हुए कहा। ज़ैन तुम ...और पढ़े

14

तेरे इश्क़ में पागल - 14

सानिया ने अपनी गर्दन नीची झुकाली और बोली: "मेरे सामने से हटो।" अहमद को उस पर गुस्सा आ गया। सानिया को कमर से पकड़ा और अपने करीब खींचा लिया और अपनी पकड़ और मजबूत करली। "तुम्हे किसने हक़ दिया है मेरी फीलिंग की इंसल्ट करने का।" अहमद ने एक एक शब्द चबा कर कहा। उसकी तेज़ पकड़ की वजह से सानिया सहेम गयी और रोने लगी। उसके आंसू देख कर अहमद कुछ नरम पड़ गया और अपनी पकड़ ढीली करदी लेकिन उसे छोड़ा नही। "प्लीज छोड़े मुझे कोई देख लेगा।" सानिया इधर उधर देखते हुए बोली। "तुम फिक्र मत ...और पढ़े

15

तेरे इश्क़ में पागल - 15

छह घंटे बाद ज़ैनब जब ऑपरेशन थेटर से बाहर आई तो ज़ैन वहां नही था। ज़ैनब भारी कदमो में हुए जा कर बेंच पर बैठ गयी। थोड़ी देर बाद जब ज़ैन वापस आया तो उसका पूरा चेहरा लाल था। वोह चलते हुए ज़ैनब के पास गया और उसके कंधे पर सिर रख कर बैठ गया। "ज़ैनब" ज़ैन ने ज़ैनब को आवाज़ दी रोने की वजह से उसकी आवाज़ भारी हो गयी थी। "जी" ज़ैनब ने कहा। "अहमद से कहो ना उठ जाए, उसे भूख बहोत लगती है। उसे भूख लगी होगी। उसे कहो न उठा जाए मैं उसकी पसंद ...और पढ़े

16

तेरे इश्क़ में पागल - 16

घर पहुचने के बाद ज़ैन शावर लेने के वाशरूम में चला गया और तभी ज़ैन का फ़ोन बजने लगा। ने जा कर देखा तो सानिया का नंबर था उसने काल अटेंड की और सानिया को अहमद के बारे में सब कुछ बता दिया। ज़ैनब की बात सुनकर सानिया की आंखों में आंसू आ गए। उन दोनों ने थोड़ी देर बात की और फ़ोन रख दिया। ज़ैनब जैसे ही मोदी ज़ैन को शर्टलेस देख कर वापस मुड़ कर बोली:"ओह शाह आप ऐसे बाहर क्यों आये।" "क्या हुआ यार!" ज़ैन खुद को देखते हुए बोला। "आह पहले आप शर्ट पहने।" ज़ैनब ...और पढ़े

17

तेरे इश्क़ में पागल - 17

अहमद को हॉस्पिटल में रहते हुए पांच दिन हो चुके थे। और उसने घर जाने के लिए शोर मचाया आखिरकार सब को उसकी ज़िद के आगे हार माननी पड़ी। पर ज़ैन भी उसको घर वापस लाने की एक शर्त रखी थी। और शर्त यह थी कि अहमद उसके घर पर रहेगा। जिसके लिए अहमद बिकुल भी तैयार नही था। आखिरकार ज़ैन की धमकियों के आगे उसे घुटने टेकने ही पड़े। इस वक़्त अहमद के रूम में अली और ज़ैन बैठे हुए थे। और अहमद को इस बात की बेचैनी हो रही थी कि सानिया उसके साथ आई है या ...और पढ़े

18

तेरे इश्क़ में पागल - 18

"अहमद सर अब आपकी तबियत कैसी है?" कासिम ने मुस्कुराते हुए पूछा। "ठीक हु यार।" अहमद ने बालो में फेरते हुए कहा। तभी ज़ैन अंदर आया और अ कर कासिम के पास सोफे पर बैठ गया। कासिम फौरन उठ कर खड़ा हो गया। "अरे तुम खड़े क्यों हो गए बैठ जाओ।" ज़ैन ने उसे देखते हुए कहा। "पर बॉस......." कासिम हिचकिचा कर बोला। "बैठ जाओ मेरे साथ काटे लगे है क्या।" ज़ैन ने उसे घूरते हुए कहा। "नही मेरा मतलब......" कासिम की बात काटते हुए ज़ैन ने कहा:"तो बैठ जाओ।" कासिम भी चुप चाप बैठ गया। "इमरान का क्या ...और पढ़े

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तेरे इश्क़ में पागल - 19

बॉस वोह इमरान..........कासिम के बाकी के शब्द उसके मुंह मे ही रह गए जब उसकी नज़र ज़ैन पर पड़ी खूंखार नज़रो से उसे देख रहा था। ज़ैन ने दोबारा फ़ोन की तरफ देखा जो कट चुका था। ज़ैन गुस्से से चलते हुए कासिम के पास आया और उंगली उठा कर बोला:"ज़ैन हर किसी को मौका नही देता है सीधा ऊपर का टिकट काट देता है। तुम खुश नसीब हो जिसे यह मौका मिल रहा है। इस मौके को गवाना मत।" और वहां से चला गया। उसके जाने के बाद कासिम ने चैन की सांस ली तभी किसी ने उसके ...और पढ़े

20

तेरे इश्क़ में पागल - 20

थोड़ी देर बाद... "स्वीटहार्ट मेरे नीचे बुलाने पर तुम क्यों नही आई। अहमद ने उसके कान में कहा। सानिया पीछे मुड़ कर देखा तो अहमद को देख कर उसकी चीख निकलने ही वाली थी कि अहमद ने उसका इरादा भांप कर उसके मुंह पर अपना हाथ रख दिया। "हाथ हटा रहा हु चिल्लाना मत।" अहमद ने धीरे से कहा। उसकी बात सुनकर सानिया ने हाँ में अपनी गर्दन हिलायी तो अहमद ने अपना हाथ हटा दिया। "तुम यहाँ कैसे आये?" सानिया परेशान हो कर बोली। "इस प्यारी सी खिड़की से।" अहमद ने खिड़की की तरफ इशारा करके कहा। "तुम ...और पढ़े

21

तेरे इश्क़ में पागल - 21

ज़ैनब ज़ैन को बेंच पर बिठाते हुए बोली:"शाह मुझे आप पर पूरा यकीन है। मुझसे पहले आपकी ज़िंदगी मे भी था मुझे उससे फ़र्क़ नही पड़ता है। मुझे सिर्फ आज से फ़र्क़ पड़ता,आप अपने पास्ट को भूल जाये मैं भी आपको कभी याद नही दिलाऊंगी।" "ज़ैनब मेरे माँ पापा के जाने के बाद मैं बिल्कुल बिखर गया था मेरी ज़िंदगी वीरान हो गयी थी। अगर अहमद ना होता तो शायद आज मैं ज़िंदा ना होता। तुम मुझे कभी छोड़ कर नही जाओगी ना! तुम मुझ पर यकीन करोगी ना!!!" ज़ैन उसकी आँखों मे देखते हुए बोला। "शाह मैं आपको ...और पढ़े

22

तेरे इश्क़ में पागल - 22

ऐसे ही दिन गुज़रते चले गए ज़ैन और ज़ैनब ने अहमद के लिए सानिया का रिश्ता मांग लिया था सानिया के घर वालों ने भी खुशी खुशी इस रिश्ते के लिए हाँ कह दिया था। ज़ैनब को अब हॉस्पिटल में इंटरशिप करने के लिए होटल में रहना था और उसने इस बारे में ज़ैन को बता दिया था। ज़ैन को पहले बहोत गुस्सा आया फिर ज़ैनब के बार बार मनाने के बाद आखिर कर उसने हाँ कह दिया। शाम को खाने के बाद सब अपने अपने कमरे में चले गए थे। ज़ैन कमरे में गया तो देखा कि ज़ैनब ...और पढ़े

23

तेरे इश्क़ में पागल - 23

दिल्ली के एक मेशन के बड़े से हाल में एक आदमी बैठ कर इमरान की मौत की वीडियो को रहा था। जो उसके एक बंदे ने उसे आज ही ला कर दी थी। वीडियो देखते साथ ही उसकी आँखों मे गुस्सा उतरने लगा। "शाह मैं तुझे ज़िंदा नही छोडूंगा।" कहते साथ उसकी उसकी आँखों मे खून उतर आया था। "पता करो ज़ैन शाह की फैमिली में कौन कौन है।" उसने अपने पास खड़े आदमी से कहा। "ओके बॉस।" वोह आदमी सिर झुका कर वहां से चला गया। "ज़ैन शाह तेरी उल्टी गिनती अब शुरू हो गयी है, जिस तरह ...और पढ़े

24

तेरे इश्क़ में पागल - 24

"कैसी हो तुम।" हामिद ने मुस्कुराते हुए कहा। हामिद की हंसी आज ज़ैनब को ज़ाहिर लग रही थी। ज़ैनब घूरते हुए स्टाफ रूम से बाहर निकल गयी। ............ रेस्ट रूम में फ्रेश होने के बाद ज़ैनब ने सानिया को फ़ोन किया। "हेलो जैनी" सानिया खुशी से बोली। "हामिद कब वापस आया।" ज़ैनब गुस्से से बोली। "आज ही, क्यों क्या हुआ तुम इतने गुस्से में क्यों हो।" सानिया परेशान होते हुए बोली। उसके पूछने पर ज़ैनब ने उसे सारि बातें बता दी। "यार जैनी यह तो हर बार होता है कल वीकेंड है क्यों ना हम शॉपिंग पर चलते है" ...और पढ़े

25

तेरे इश्क़ में पागल - 25

"ज़ैनु तुम मुझे यहां क्यों लाये हो!" अपने आस पास पड़ी लाशों को देखते हुए नैना ज़ैन से बोली। मुझे तुम्हारे करीब आने की सज़ा मिली है।" ज़ैन ने दुखी एक्सप्रेशन के साथ कहा। "क्या मतलब?" नैना न समझी से बोली। "मतलब यह कि तुम्हारे भीई ने मुझे वार्निंग दी है अगर मैं तुम्हारे करीब आया तो वोह मेरे आदमियों की तरह मुझे भी मार डालेगा।" ज़ैन गहरी सांस लेते हुए बोला। "ज़ैन तुम मेरे भाई से कब मिले और तुमने मुझे बताया क्यों नही?" नैना। के परेशान हो कर कहा। "में तुम्हारे भाई से नही मिला उसने मुझे ...और पढ़े

26

तेरे इश्क़ में पागल - 26

"ज़ैनब" ज़ैन पीछे से आवाज़ दी। "हु।" ज़ैनब ने पीछे मुड़ कर उसे देखा। "क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा है!" ज़ैन उसकी आँखों मे देखए हुए बोला। "अगर भरोसा नही होता तो आप यहां बैठे मुझसे बातें नही कर रहे होते।" ज़ैनब ने मुस्कुराते हुए कहा और कैबिन से बाहर निकल गयी। ज़ैन भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया। ....…... आज वीकेंड था। सानिया बिना किसी चीज़ की फिक्र किये बिना ही सो रही थी। मोबाइल की बार बार रिंग करने की वजह से उसकी आंख खुली। "हेलो।" सानिया नींद में डूबी आवाज़ में बोली। "हेलो, कैसी हो?" वही ...और पढ़े

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तेरे इश्क़ में पागल - 27

क्योंकि पीछे एक बंदा मुंह पर रुमाल बंधे उस पे गन ताने खड़ा था। ज़ैनब आगे मुड़ कर भागने वाली थी कि आगे भी एक बंदा खड़ा था। दो उसके आस पास भी खड़े थे। उन आदमियों ने उसे चारो तरफ से घेर लिया था। उसके भागने के सारे रास्ते बंद हो गए थे। एक आदमी ने उसके मुंह पर रुमाल रख कर उसे बेहोश कर दिया। बेहोश होने से पहले ज़ैनब के मुंह से सिर्फ एक ही वर्ड निकला:"शाह।" ....... ज़ैन गाड़ी चला रहा था और साथ ही गाना गुनगुना रहा था। तभी उसके फ़ोन पर एक मसेज ...और पढ़े

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तेरे इश्क़ में पागल - 28

"यह तो तेरा पुराना घर है।" अहमद लैपटॉप पर लोकेशन देख कर हैरान हो कर बोला। "हाँ और ज़ैनब है।" ज़ैन ने उसे देखते हुए कहा। "तुझे कैसे पता भाभी यहां है?" अहमद कंफ्यूज हो कर बोला। "क्योंकि मैं ने ज़ैनब को लॉकेट दी थी उसमें एक ट्रैकर फिक्स था।" ज़ैन कार की स्पीड बढ़ाते हुए बोला। अहमद ने अपना फ़ोन निकाला और कासिम को मैसेज किया। बंगले के करीब पहोंच कर उन लोगो ने कुछ ही दूर पर गाड़ी रोक दी। कासिम वहां पहले से ही मौजूद था। उन दोनों को देख कर कासिम भागते हुए उनके पास ...और पढ़े

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तेरे इश्क़ में पागल - 29

"शाह आपको गोली लगी है?" ज़ैनब रोते हुए बोली। "कुछ नही हुआ बस ममिली सी चोट है, अहमद गाड़ी की तरफ ले कर चल।" ज़ैनब से कहने के बाद उसने अहमद से कहा। "अहमद भाई गाड़ी हॉस्पिटल की तरफ ले कर चले।" ज़ैनब अहमद को देख कर बोली। "यार मामूली सी चोट के लिए हॉस्पिटल क्यों जाना ह।" ज़ैन इसे देखते हुए बोला। "डॉक्टर मैं हु या आप!" ज़ैनब उसे घूरते हुए बोली। "तुम हो लेकिन..." "लेकिन वेकिन कुछ नही आप चुप चाप बैठे।" ज़ैनब उसे डपटते हुए बोली। उसकी बात सुनकर ज़ैन खामोश हो गया और अहमद हसने ...और पढ़े

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तेरे इश्क़ में पागल - 30

"वोह ज़ैन सानिया कहि नही मिल रही है और ना ही हमारा फ़ोन उठा रही है।" अहमद ने अपने को मुठियो में जकड़ते हुए कहा। "तू कहा है मुझे बता मैं भी वही आता हूं, तू फिक्र मत कर वोह हमें मिल जाएगी।" ज़ैन ने कहा और आर फ़ोन कट करके कासिम को काल की। "कासिम अपने सारे आदमियों और जो पुलिस वाले जो हमारे लिए काम करते है उन सबको सानिया की फ़ोटो सेंड करो और सबको बता दो मुझे एक घंटे में वोह मेरे पास चाहिए।" ज़ैन के कासिम के फ़ोन उठाते ही एक ही सांस में ...और पढ़े

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तेरे इश्क़ में पागल - अंतिम भाग

ज़ैन रूम खोल कर अंदर आया तो ज़ैनब कमरे में चक्कर काट रही थी। ज़ैनब ने एक नज़र उस डाली और कमरे से बाहर जाने लगी। ज़ैन ने उसे जाते देख उसका हाथ पकड़ लिया। "हाथ छोड़ें मेरा।" ज़ैनब गुस्से से बोली। "हाथ छोड़ने के लिए नही पकड़ा है।" ज़ैन ने उसे अपने करीब खींचते हुए कहा। ज़ैनब ने उसे घूर कर देखा और बोली:"आप मुझे यहां बंद करके क्यों गए थे?" "क्योंकि मैं डर गया था। मुझे पता था सानिया के ना मिलने की खबर सुनकर तुम ज़रूर उसे ढूंढने जाओगी। जब से तुम किडनैप हुई हो अगर ...और पढ़े

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