देह के दायरे पूजा और उनके पति देव बाबू की एक कहानी ! पूजा को देव बाबूने रात कोई क्या लाने के लिए कहा होगा कौन मरना चाहता था, और क्यों ज़हर की शीशी का राज क्या है

Full Novel

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देह के दायरे - 1

देह के दायरे - १ पूजा और उनके पति देव बाबू की एक कहानी ! पूजा को देव बाबूने रात क्या लाने के लिए कहा होगा कौन मरना चाहता था, और क्यों ज़हर की शीशी का राज क्या है ...और पढ़े

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देह के दायरे - 2

देह के दायरे - 2 देव बाबू से व्यथित होकर पूजा अपने पुराने दिनों मै खो गई ! उसकी बी.एड करके बनने की चाह - सब के मन करने के बाद अपनी अध्यापिका बन्ने की अधूरी इच्छा कहा देखा था पूजा ने देव बाबू को देव बाबू के कैसे व्यव्हारने पूजा को इम्प्रेस किया था पढ़िए पूरी कहानी ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 3

देह के दायरे भाग - 3 देव बाबू के प्रति पूजा का आकर्षण बढ़ता जा रहा था देव बाबू की पूजा को किस तरह पागल करती जा रही थी पढ़िए ! ...और पढ़े

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देह के दायरे - 4

देह के दायरे - ४ खेल प्रतियोगिता - पूजा का बेडमिन्टन मै अच्छा प्रदर्शन - पूजा और देव बाबू के खेल शुरू होना - कैसे खेल बदला पढ़िए रोमांचित करती कहानी का यह अंश ! ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 5

देह के दायरे भाग - ५ रात को पूजा के मन मै देव बाबू के ख्याल आने लगे क्या सच देव बाबू ही थे की सिर्फ ख्याल क्या हुआ पढ़िए रोमांचक कहानी का यह अंश ! ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 6

देह के दायरे भाग - 6 शिमला भ्रमण के लिए पूजा की सिफारिश करने के हेतु देवबाबू और रेणुका उससे कर रहे थे - देवबाबू, रेणुका और पूजा तीनों साथ मै शिमला घुमने के वास्ते जाना तय हुआ आगे पढ़िए रोचक प्रेम कहानी - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 7

देह के दायरे भाग - 7 शिमला की पहाडियों मैं देवबाबू, पूजा और रेणुका रास्ता काट रहे थे - पूजा अकेली घुमने चली गई - रेणुका देवबाबू का पूजा के प्रति जुकाव देख रही थी पढ़िए, आगे की कहानी - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 8

देह के दायरे - 8 रेणुका ने पूजा को देवबाबू से शादी की बात के लिए पूछा - रेणुका देवबाबू हाथ पकड़ के उसे पूजा के पास लाइ - चाय पीने के बहाने रेणुका पूजा और देवबाबू को साथ लाइ पढ़िए, आगे की कहानी - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 9

देह के दायरे भाग - 9 पूजा का देवबाबू के साथ केन्टीन की और जाना - दूसरी तरफ पंकज और के बिच मैं कुछ बाते चल रही थी - रेणुका का अपनी आदत अनुसार पूजा को तंग करना पढ़िए पूरी दास्तान, देह के दायरे - मधुदीप ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 10

देह के दायरे भाग - 10 रेणुका देव बाबू के विषय मैं अपनी माँ से बात करती है - पूजा डर लगना - जात पांत की बात होने लगती है पढ़िए आगे की पूरी कहानी .. ...और पढ़े

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देह के दायरे - 11

देह के दायरे - 11 परीक्षा समाप्त होने के बाद देवबाबू का पूजा को मिलने के लिए जाना - माँ होने के कारन देवबाबू गाँव जा रहे थे - अंततः देवबाबू की माँ का देहांत होने की खबर मिलना पढ़िए पूरी कहानी - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 12

देह के दायरे - 12 पूजा रेणुका के पास लौटने पर पाता चला की देवबाबू सामान पेक कर चुके थे शक के दायरे मै फंसे हुए देव बाबू - पूजा और देवबाबू के बिच मैं बुनती हुई केमिस्ट्री जानिए आगे की कथा ...और पढ़े

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देह के दायरे - 13

देह के दायरे - 13 विवाह की पहली रात - देवबाबू और पूजा का विवाह से दोनों ही तरफ के खुश नहीं थे - देवबाबू और पूजा के बिच मै पहली रात को बाते हुई पढ़िए रोचक वार्ता - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 14

देह के दायरे - 14 देवबाबू अपने मित्र के विवाह के कारण शहर से थोड़े दिन दूर थे - कुछ की वजह से उसे महिनाभर लग जाये एसी परिस्थिति आन खडी हुई - दो महिने के बाद देवबाबू घर आ रहे है एसी खबर आई पढ़िए पूजा किस तरह अपने पति का स्वागत करेगी - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 15

देह के दायरे - 15 देवबाबू और पूजा के बीच सुबह मै बातचीत बिगड़ी - पूजा को अपने पति के मै दूसरी लड़की है एसा शक कभी कभी होने लगा था पढ़िए आगे देवबाबू और पूजा की कहानी कैसे आगे बढ़ेगी, देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 16

देह के दायरे - 16 पूजा निश्चित कर चुकी थी की उनके पति देवबाबू के जीवन मै अवश्य कोई लड़की गई है - किसी स्त्री के साथ पूजा की बातचीत शुरू हुई जानिए, सच मै देवबाबू के जीवन मै कोई स्त्री है या नहीं - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 17

देह के दायरे - 17 पंकज और देवबाबू साथ बैठे हुए थे - मे म साब विशेषण सुनकर पूजा आश्चर्यचकित - पंकज चित्रकार था और उनके स्टूडियो में देवबाबू को ले गया - पूजा का शक भी दूर हो गया और भविष्य के प्रति आश्वस्त हुई पढ़िए पूरी कहानी, देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 18

देह के दायरे - 18 पूजा को स्टूल पे बिठाके पंकज किसी बोर्ड पर ब्रश चलाने लगा - पूजा की बनते ही उसकी और से पंकज को चाय की दावत मिली - पंकज पूजा का पुराना साथी था - देवबाबू की बात आते ही पूजा पंकज को दूसरी बातो मै लगा देती थी पढ़िए आगे की कहानी - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 19

देह के दायरे - 19 देवबाबूने पंकज के पूजा को लेकर बनाए गए चित्र टी तारीफ की - पूजा रसोईघर बैठकर पंकज को उसके द्वारा कही गई बातो को कोस रही थाई - पूजा अपने पति देवबाबू से नाराज थी - धृणा और तिरस्कृत होने का भाव उसके चेहरे पर था पढ़िए, आगे की सुन्दर कहानी ...और पढ़े

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देह के दायरे - 20

देह के दायरे - 20 पूजा को देवबाबू ने बुलाकर रात के वक्त कुर्सी पर बैठने को कहा - पंकज अपने घर में रखने हेतु देवाबू और पूजा के बिच बातचीत का दौर चला - पंकज और पूजा साथ में घर पर रहने लगे पढ़िए, आगे की कहानी ...और पढ़े

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देह के दायरे - 21

देह के दायरे - 21 पंकज पूजा को बारिश में भीगती हुई हो ऐसा चित्र बनाने के लिए मनवा लेता - पूजा छत पर बारिश में तस्वीर बन्ने तक बैठती है - शादी से पहले पंकज का पूजा के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करता है पढ़िए आगे की रोचक कहानी, देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 22

देह के दायरे - 22 रेणुका ने पूजा को यह समजा दिया की, शादी की कोई भी ख़ुशी उसके चेहरे नहीं दिख रही - पंकज के विषय में पूजा को रेणुका पूछने लगी पढ़िए आगे की कहानी, देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 23

देह के दायरे - 23 पूजा सुबह में चाय लेकर पंकज के कमरे में गई - देव बाबू कुछ कम वापिस घर पर ए और पूजा को अपने कमरे में न देख उसको अंदाजा हो गया की वे अपने निर्णय में सफल होते जा रहे है पढ़िए आगे की कहानी, देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 24

देह के दायरे - 24 देव बाबू का दो-तिन दिन से लापता होने के बाद उनका पत्र आता है - में देव बाबू ने पूजा को पंकज के साथ घरगुजर करने की रिक्वेस्ट की पढ़िए आगे की रोचक कहानी, देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 25

देह के दायरे - 25 दो दिन की लम्बी यात्रा के बाद देवबाबू अकेले ही हिमालय में भटक रहे थे एकबार उसको अपने निश्चय पर पश्चाताप भी हुआ - अचानक बर्फ की लहर आई और देवबाबू फंस गए पढ़िए आगे की रोचक कथा - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 26

देह के दायरे भाग - 26 देवबाबू की चेतना वापिस लौटी - वृद्ध तपस्वी उसके सामने था - देवबाबू ने अपुरुष होने के बात आश्रम के वृद्ध तपस्वी को बताई - देवबाबू का मित्र उसकी पत्नी को ज्यादा चाहता है यह बात भी तपस्वी के सामने आई पढ़िए आगे की रोचक कथा - देह के दायरे ...और पढ़े

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देह के दायरे - 27

देह के दायरे - 27 पूजा को तपस्या करते हुए एक साल बीत गया लेकिन अब तक देवबाबू का नहीं चला था - पूजा कोई विरहिणी जैसा जीवन व्यतीत कर रही थी - पंकज भी देवबाबू के विषय में पूजा को आश्वस्त करने लगे पढ़िए आगे की कहानी, देह के दायरे - २७ ...और पढ़े

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देह के दायरे - 28

देह के दायरे - 28 देवबाबू को आश्रम में रहते हुए तीन साल बीत चुके थे - देवबाबू गुरुवर से प्रश्न पूछना चाहते थे - देवबाबू कश्मकश में जिए जा रहे थे पढ़िए आगे की कहानी, देह के दायरे - २८ ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 29

प्रातः काल पूजा रसोई में खाना बना रही थी करुणा भी वहीँ उसका काम में हाथ बंटा थी तभी उन्हें गली में से किसी की जोर-जोर से झगड़ने की आवाज सुनाई दी पूजा उत्सुकता के कारण आता-सने हाथों के साथ ही देखने के लिए कमरे के दरवाजे पर आकर खड़ी हो गयी पंकज सामने गली में किसी से झगड़ रहा था उसके चारों ओर भीड़ एकत्रित हो गयी थी और वह भीड़ में धिरा एक व्यक्ति को पकड़े हुए निर्दयता से पीट रहा था ...और पढ़े

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देह के दायरे - 30

देह के दायरे - 30 देवबाबू गुरूजी के सामने आकर उसके स्वस्थ हो जाने की खबर लेकर आया - बार देवबाबू को पूजा की याद आ रही थी - चार वर्ष पश्चात पूजा की यादे उसे विचलित कर रही थी - कमण्डल और लकुटि लेकर देवबाबू पहाड़ से उतरके घर की और प्रयाण करने लगे पढ़िए देह के दायरे - 30. ...और पढ़े

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देह के दायरे - 31

देह के दायरे - 31 करुणा के चित्र को बनाकर पंकज जन गया था की वह भी उसको कही न प्यार करती है - पंकज को देखकर करुणा उसके साथ बात करने हेतु आई - पंकज ने हाथ पकड़कर करुणा को चूम लिया पढ़िए आगे की कहानी देह के दायरे - 31 ...और पढ़े

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देह के दायरे भाग - 32

देह के दायरे भाग - 32 गुरुदेवने संसार में लौटकर ज्ञान का प्रकाश फ़ैलाने को देवबाबू ने कहा था लेकिन चार वर्षो तक वे खुद को सामाजिक एषणा से खुद को दूर नहीं कर पाए थे - धीरे धीरे शहर में लोग देवबाबू के दर्शन के लिए आने लगे और बात आगे बढ़ने लगी - तिन दिन के मौन व्रत के बाद तीसरे दिन पूजा देवबाबू के समक्ष आ खड़ी हुई पढ़िए आगे की कहानी - देह के दायरे भाग - 32. ...और पढ़े

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देह के दायरे - 33

देह के दायरे - 33 देवबाबू सारी रात सो न सके - दुसरे दिन दोपहर होने तक पूजा अभी तक आई थी - शाम को चार बज रहे थे और पूजा देवबाबू से मिलने आई - अत: पूजा को पता नहीं चला था की वे स्वामी ही देवबाबू है - पूजा ने सारी कहानी देवबाबू के सामने बताई और समस्या का निवाकरण करने के लिए बताया .. जानिए आगे की कथा देह के दायरे - 33. ...और पढ़े

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देह के दायरे - 34

देह के दायरे - 34 देवबाबू बुर्ज पर टहल रहे थे और पूर्व की ओर से पूजा आती हुई दिखाई - देवबाबू ने पंकज और पूजा के संबंध को लेकर उत्सुकता दिखाई - अंततः पूजा को देवबाबू ने अपना सच बताया जानिए आगे की कहानी, देह के दायरे - 34 ...और पढ़े

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देह के दायरे - 35

देह के दायरे - 35 पूजा ने अपने पति देवबाबू को देखा और पागलों की भांति रो पड़ी - करुणा पूरी बात कही - चार वर्ष बार देवबाबू को देखकर वह पंकज और करुणा के सामने अपनी आपबीती बताने लगी.. पढ़िए आगे की कहानी, देह के दायरे - 35. ...और पढ़े

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देह के दायरे - 36

देह के दायरे - 36 देवबाबूने धीरे-धीरे अपने भक्तों को मिलना बंध कर दिया - पंकज और करुणा द्वारा लाइ चीज़ को अस्वीकार करता था - पंकज पूजा की भेजी हुई दवाई देने के वास्ते देवबाबू की कुटिया में आता है.. पढ़िए आगे की कहानी, देह के दायरे - ३६. ...और पढ़े

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