Meri Yaado ki kitaab book and story is written by Miss Chhoti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Meri Yaado ki kitaab is also popular in रोमांचक कहानियाँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेरी यादों की किताब - उपन्यास
Miss Chhoti
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
"यादों मे एक खास बात होती है, वो जाए कितनी ही पुरानी क्यु ना हो, एक बार याद करने बैठो तो फिरसे ताजा हो जाती है।"
जूनागढ़ मे HHA (Home health aid) के क्लासिस को मैने और मेरी दोस्त ध्रुवी ने join किया था। मेरा पहला दिन 7 जनवरी 2022, और हमारे क्लास टीचर का नाम अजीत सर था। पहले दिन गई तो पता चला की सर को गुजराती नही आती है। हिंदी मे बात करनी पड़ेगी, वैसे तो मुझे हिंदी आती है मगर सबके सामने बोलने मे अजीब लगता।
मे और ध्रुवी घर से 5:30 को निकलते थे। गाँव से बाँटवा जाते और फिर वहा से बस मे जूनागढ़ जाते। दोनों 8 बजे क्लासिस पहोचते...
दुसरे दिन मैने, ध्रुवी, कृपाली, अजीत सर और क्लास के कुछ लड़के, हम सब ने मिलकर क्लास की सफाई की, तब किसी से कोई पहचान नहीं थी। पर सबने साथ मे काम किया, थोड़ी मस्ती की और पुरा क्लास साफ कर दिया। फिर उसी क्लास मे हम रोज पढ़ते थे।
क्लास के बीच मे दश मिनिट की रिसेस होती। जिसका नाम "ममरा टाइम" रखा था। क्योंकि सभी दोस्त घर से ममरा लेके आते। या फिर दुकान से मगवाते। सब साथमे खाते, और कभी कभी सर को भी बुलाते।
यादों मे एक खास बात होती है, वो जाए कितनी ही पुरानी क्यु ना हो, एक बार याद करने बैठो तो फिरसे ताजा हो जाती है। जूनागढ़ मे HHA (Home health aid) के क्लासिस को मैने और मेरी दोस्त ...और पढ़ेने join किया था। मेरा पहला दिन 7 जनवरी 2022, और हमारे क्लास टीचर का नाम अजीत सर था। पहले दिन गई तो पता चला की सर को गुजराती नही आती है। हिंदी मे बात करनी पड़ेगी, वैसे तो मुझे हिंदी आती है मगर सबके सामने बोलने मे अजीब लगता।मे और ध्रुवी घर से 5:30 को निकलते थे। गाँव से बाँटवा
आज भी याद आती है वो महफ़िल और कुछ खास दोस्त, जिसके साथ बाते करते थे, मस्ती करते थे, समय के साथ बीत गया वो वक्त अब सिर्फ उन पलो की याद रह गई है। मुझे याद नहीं है! ...और पढ़ेमैने अपने जन्मदिन पर केक काटा हो। शायद कभी नही.......अक्सर अपने जन्मदिन पर मेरे पापा की पसंद का खाना बनाती और ऐसे ही मजे कर लेते। पहली बार मेरा जन्मदिन केक काटकर सेलेब्रिट किया। मैने मना किया था फिर भी सर ने केक लाने को बोला, उन्होंने मुझे कहा की क्लास मे करेगे कोई और सर को नही बुलायेगे फिर मैने
#अप्रैल फूल#आपके जन्मदिन पर आपको कोई रुलाये तो आपको कैसा लगेगा? मैने थोड़ा अजीब सवाल कर दिया न। मेरे साथ कुछ ऐसा ही हुआ था। मेरा मजाक मुझ पर ही पड़ा, और पुरा दिन उदासी मे गुजरा। दरसल मेरा ...और पढ़ेनंबर लग गया था। जिसकी वजह से हम उदास हो गए थे। ये बात 2018 की है......!! मेरा जन्मदिन पहली अप्रैल को आता है। आप सब तो जानते है, अप्रैल यानी सबको बेवकूफ बनाने का दिन, साल का ऐसा महिना जिस महीने मे हम छोटे - बड़े सबके साथ मस्ती कर सकते है, और कोई नाराज भी नहीं होता है।31