Bechari Idiot book and story is written by Zakia Zubairi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bechari Idiot is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बेचारी ईडियट... ! - उपन्यास
Zakia Zubairi
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
बेचारी ईडियट... ! ज़किया ज़ुबैरी (1) लाल पीली और नीली रौशनियाँ... गोल गोल छोटे बड़े रंगीन शीशे के चहुं ओर लटकते हुए कुमकुमे... कमरे में बैठे सभी पुरुषों एवं महिलाओं के जीवट ठहाके... और उनके कपड़ों में बस दो ही रंग मुख्य रूप से उभरते दिखाई दे रहे थे... लाल और काला ! औरतों के लाल ब्लाउज़, तिकोने नीचे कट वाले गले जो औरतों के औरत होने की भरपूर गवाही दे रहे थे। कूल्हों पर फंसी हुई स्कर्ट... बस लाल और काले ड्रेस। पुरुषों के काले सूट जो कि ख़ुशी और ग़म दोनों अवसरों पर पहन लिये जाते हैं। गले
बेचारी ईडियट... ! ज़किया ज़ुबैरी (1) लाल पीली और नीली रौशनियाँ... गोल गोल छोटे बड़े रंगीन शीशे के चहुं ओर लटकते हुए कुमकुमे... कमरे में बैठे सभी पुरुषों एवं महिलाओं के जीवट ठहाके... और उनके कपड़ों में बस दो ...और पढ़ेरंग मुख्य रूप से उभरते दिखाई दे रहे थे... लाल और काला ! औरतों के लाल ब्लाउज़, तिकोने नीचे कट वाले गले जो औरतों के औरत होने की भरपूर गवाही दे रहे थे। कूल्हों पर फंसी हुई स्कर्ट... बस लाल और काले ड्रेस। पुरुषों के काले सूट जो कि ख़ुशी और ग़म दोनों अवसरों पर पहन लिये जाते हैं। गले
बेचारी ईडियट... ! ज़किया ज़ुबैरी (2) जिम मार्शल छोटे से क़द का लाल टाई लगाए... यह लाल रंग की टाई ही उसकी राजनीतिक पार्टी की प्रतीक थी वरना व्यवहार तो उसका नादिरशाह जैसा था। वो ग़ुस्से में दूसरी ...और पढ़ेकी ओर चल पड़ा। सड़क के बीचों-बीच आइलैंड था... टकराकर गिरते गिरते बचा...... परन्तु रेणुका उसे सँभालने के लिए वहां पहुँच चुकी थी। संभालना तो सभी चाहते थे पर रेणुका ने जिम मार्शल और दूसरे कार्यकर्ताओं के बीच ऐसी दीवार खींच दी थी की उसको फलांगना संभव नहीं था। कोशिश सभी करते पर रेणुका बीच में आ जाती। एम. पी. से निकटता