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इश्क की साजिशे

इश्क का मंझर

ओए उस लड़की को देख यह तो वही है ना जो…..

और मुझे सब कुछ याद आने लगा की.....

सही में यह बात तबकी है जब काम का एक बड़ा प्रोजेक्ट खत्म करने के बाद मेरी कंपनी कि तरफसे मेरी छुट्टियां चल रही थी और खाली टाइम बर्बाद करने से अच्छा था कि मैं किताबें पढ़ू ओर इसीलिए मैं अपने दोस्तों के साथ किताबें खरीदने के लिए अपने घर के पास ही लगे हुए बुक फेर में गया था.

वहां पर मस्ती मजाक करते हुए किताबें देखरहे थे अभी तो हम पेवेलियन में धूम रहे थे कि पास में से आवाज आई

excuse me mister (मैंने मुड़कर देखा) ब्लैक एंड येलो स्कर्ट में एक लड़की थी उसकी आंखे बड़ी-बड़ी थी और उसके चेहरे पर तेज था उसके चेहरे पर से लग रहा था कि वह मस्ती करने के मूड में थी पर बॉडी लैंग्वेज से बड़ी सिरियस मालूम पड़ती थी

अचानक उसने मुझे बुलाया था मैं उसके पास गया तो उसका बड़े प्यार से मुझे चांटा मारा!! और मैंने ऐसा करने का कारन पूछा तो मुझे मेरे मुंह पे आई लव यू बोल कर बिजली की गति से भाग गई!!

और मैं भी सोच में पड़ गया था,शायद इस वजह से उसके पीछे जाने का विचार मेरे मन में नहीं आया,और इसी घटना से मेरे दोस्तों को मुझे चीड़ाने का और एक नया बहाना मिल गया.

उस दिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था पर आज वह चेहरा मुझे फिर से देखा था,और इसलिए 1 सेकंड भी बर्बाद किए बिना मैं तुरंत उस लड़की के पास गया

-हेलो मिस पहचाना

(उसकी आंखों ने मुझे अनजान नजरों से देखा और वह बोल पड़ी)

-नहीं आप कौन

(मैं थोड़ी गुस्से वाली आवाज में बोला कि)

-शायद एक हफ्ते पहले की बात है एक बुक फैर में आप ने एक लड़के को चाटा मारा था और ऐसा करने का कारन पूछने पर आप आई लव यू केहके चली गई थी आपके द्वारा किए गए इस हादसे का शिकार मैं था.........

(मेरी बातें सुनके वो मनमे में ही मन में थोड़ा मुस्कुराई और फिर बोल उठी)

-sorry मैंने आपको पहचाना नहीं और उस दिन के लिए आपको रियली वेरी सॉरी उस दिन दरअसल हुआ कुछ युँ था कि मैं अपनी दोस्त के साथ लगाई हुई शर्त हार गई थी और सजा के तौर पे वो कांड मुझे करना पड़ा उसके लिए रियली वेरी सॉरी

एक नादान लड़की के मुंह से चार बार सॉरी सुनने के बाद मेरा दिल तो जैसे हिमालय के बर्फ को किसी रण मैं रख दिया हो उस तरह पिघल गया था और थोड़ा होश संभालके मैंने भी जवाब दिया

-नो प्रॉब्लम मुझे भी लगता है कि आप जैसी सीधी लड़की ऐसा कुछ नहीं करेगी जरूर कुछ मजबूरी ही रही होगी

-हममममम

-बाई द वे लोग प्यार से मुझे रुद्र कहते हैं और......

-मेरा नाम प्रिया है

-प्रिया नाइस नेम प्रिया आप मेरे जैसे लोगों को परेशान करने के अलावा और क्या करती है

(उसने मुस्कुराकर जवाब दिया)

-मैंने कुछ जानबूझकर नहीं किया था और उसके लिए मैंने सॉरी तो कहां आपसे, मैं डिप्लोमा कंप्यूटर इंजीनियर हूं और आजकल its software नाम की कंपनी में जॉब कर रही हूं

-नाइस

-तुम तो बताओ कुछ अपने बारे में

-मैं लेटेस्ट न्यूज़ नामक न्यूज़ कंपनी में रिपोर्टर हूं और

(तभी उसके दोस्तों की आवाज आई)

-ओके बाय मेरे दोस्त मुझे बुला रही है मुझे जाना पड़ेगा

-अरे इतनी जल्दी बाय अपना कुछ नंबर या अपने बारे में कुछ तो बताओ अगर मुझे फिर से बात करनी होगी तो क्या करूंगा

-किस्मत में लिखा होगा तो फिर से मिल जाएंगे फिर से बात कर लेंगे ओके बाय

वह अपने दोस्तों के पास गए और मैं भी फिर से अपने दोस्तों के पास चला गया

मेरे मन में प्रिया के बारे में ही ख्यालात चल रहे थे जब हम पहली बार मिले थे और उसने मुझे चांटा मारा था तब शायद मुझे लगता था कि वह बिगड़ी हुई लड़की है लेकिन आज उससे बात करके लगा कि नहीं मेरी सोच गलत थी पता नहीं क्यों पर अब वह अच्छी लगने लगी थी अब उसके बारे में मानो मेरे सारे खयालात ही बदल गए थे उसकी आंखें मुझे बार बार याद आ रही थी उसकी बातें करने की अदा उसकी बात बात यु बालों को कान के पीछे मुड़ ना यह सबकुछ मुझे बार बार याद आ रहा था बहुत कम समय में मुझे उसकि बहुत सारी बातें अच्छी लगने लगी थी पता नहीं क्या था पर बार-बार मुझे उसका ख्याल आ रहे थे काश उसने मुझे मोबाइल नंबर दे दिया होता तो बात तो हो पाती उससे उससे बात कैसे करुंगा दूसरी बार शायद वह मिलेगी भी नहीं यह सारी बात मेरे मन में चल रही थी

पर बाद में यह सब बातें भूल कर में दोस्तों के पास गया

हम वहां मूवी देखने आये थे मूवी की टिकट ली और फिर थिएटर मैं गये पर पूरी मूवी के दौरान मुझे उसके ही ख्याल आते रहे फिर मैं दोस्तों के साथ खाना खा के घर पर गया

घर जाकर अपने लैपटॉप पर मैंने सोशल मीडिया तो उसका नाम सर्च किया पर मैं उसे ढूंढ नहीं पाया क्योंकि मुझे सिर्फ और सिर्फ उसका नाम ही पता था और कुछ नहीं

एक-दो दिन तो उसके बारे में बहुत खयाल आए फिर धीरे धीरे मैं भी अपनी लाइफ में बिजी हो गया

यह सब बातों से दूर होने के लिए और नये प्रोजेक्ट पे काम शुरू करने के लिएमैं आणद पहुंच गया वहां पर मेरे मामा रहते थे और मैं पहले पढ़ाई वहां करता था इसलिए मेरे कई दोस्त वहां थे

दूसरे ही दिन ट्रेन से मे आणद पहुंच गया स्टेशन पर उतर कर में ऑटो की वेट कर रहा था और तभी मेरा दोस्त अभिषेक मुझे वहां पर दिखाई दिया

-हे भाई अचानक यहां पर बताया भी नहीं आखिर बात क्या है(उसने आते ही मुझ पर सवालों के बाण चलाना शुरु कर दिए थे)

-भाई शांति रख सब बताता हूं यार सांस लेने का तो टाइम दें

-आणद में बढ़ती रही NRI की संख्या के बारे में हमारी कंपनी का एक ईंटरव्यु प्रोजेक्ट बना रही हे किसी ना किसी को तो यहां आना ही था और मैं भला आणद आने का मौका कैसे छोड़ सकता था इसलिए मैंने वह प्रोजेक्ट ले लिया और तुम लोगों से मिलने चलआ आया और तुम लोगों को नहीं बताया क्योंकि सरप्राइज देना चाहता था

-ओके चल तो गाड़ी के पीछे बैठ जा और मेरे गरीब खाने चल आज तो तुझे खाना मेरे यहां ही खाना है

-यार मामा को बोल दिया है वह खा म खा परेशान हो जायेगे मैं तेरे घर आऊंगा जरुर आऊंगा अभी तो मुझे मामा के घर छोड़ दे

-मैं और अभिषेक उसके बाइक पर बातें करते हुए जा रहे थे अभिषेक मेरा खास दोस्त था मैंने उसे प्रिया के बारे में सब कुछ बताया किस तरह वह मुझे बुक फेयर मिले थे फिर किस तरह मूवी के वक्त मिली और फिर वह सारी बातें मैंने उसे बताएं

आणद में रहते दोस्तों के साथ मिलकर मजा करनेमे मुझे बड़ा मजा आता था वहां जाकर मानो मेरे अंदर का बच्चा फिर से जाग जाता था मैं जब जब आणद आता था तब तक वहां lollipop बहुत खाता था और अपनी आदत से मजबूर मैं और अभीषेक जब बाइक से जा रहे थे तब मैंने सोचा चलो लॉलीपॉप खाते हुए चलते हैं और मैंने टाउन हॉल के पास अभी को बाइक रोकने के लिए बोला हम बाइक में से उतर और मैं lollipop लेने जा ही रहा था कि तब पास में बैठी एक लड़की की और मेरी नजर गई और मानो मैं दंग रह गया

जी हां और कोई नहीं प्रिया थी उसे देखकर मैं हक्का-बक्का रह गया अभी अभी तो उसकी बात कर रहा था और वह सामने थी उसे तो यहां देखने की उम्मीद भी नहीं थी कहीं सारे सवाल आ रहे थे बहुत सारी बातें चल रही थी मन में है

और उसे देखते ही मे उसकी तरफ खींचा चला गया और उससे बात करने के लिए उसके पास गया थोड़ा नजदीक रह कर मैंने सुना वह अपने दोस्त के साथ थी और उसकी दोस्त उसे समझा रही थी उसकी बात से लग रहा था कि मानो कोई मर गया हो और उस हादसे का बहुत बड़ा सदमा लगा था प्रिया को पर वह कौन था? मेरा मन अब कुछ ज्यादा ही उतावला हो रहा था

अभी तो मैं बात शुरू ही करता उससे पहले मैंने उसे देखा उसकी आंखों में आंसू थे और वह रो रही थी मैं थोड़ा और ज्यादा पास जाता उससे पहले मेरे मामा का कॉल आ गया बेटा तू कहां है और जल्दी घर पर आजा इसीलिए तब मैं प्रिया से बात नहीं कर पाया

मन में तो मानो विचारों का महाभारत ही चल रहा था क्यो रो रही थी प्रिया आखिर कौन चला गया एसी कई बाते उसके बारे में पता नहीं चल रही थी

कल तक जो अनजान थी आजकल उसके बारे में क्यो इतना सोच रहा हूं मैं?आखिर वह मेरी लगती ही क्या है?क्यों बार बार उसके विचार आ रहे थे मैं यह समझ नहीं पा रहा था

और पूरा दिन मानो काम और उस एक नाम के ही विचार में गुजर गया आणद में हम दोस्तों का एक नियम था हम रोज शाम को मिलते गार्डन में बैठे और पूरे दिन की बातें करते थे तो शाम के 9:30 बज गए और मेरे दोस्त भी मुझे घर पर बुलाने के लिए आ गए थे हम गार्डन में बैठने के लिए जा रहा है और मैं भी जा रहा था मुझे लगा कि इससे मन हल्का हो जाएगा

हम गार्डन में पहुंचते ही रास्ते में मुझे याद आया कि मैं अपने दोस्तों के लिए तोफे लाना तो भूल गया तभी मैंने बाकी के दोस्तों को गार्डन पर भेजा और खुद अभिषेक के साथ सबके लिए लॉलीपॉप लेने निकल पड़ा

शाम को लगभग सारी दुकानें बंद थी फिर भी हम ढूंढ रहे थे और तब हमें याद आया कि टाउन हॉल के पास शायद से लॉलीपॉप मिल जाए मैं और अभिषेक वाहा गये और वहां एक बार फिर मुझे प्रिया दीखी

इस बार में मौका जाने नहीं देना चाहता था मैं तुरंत उसके पास पहुंच गया उसकी दोस्त उसके साथ थी वह उसे फिर मना रही थी और प्रिया रोतलु सी बनाए बैठे हुए थी फिर मैं वहां गया और 2 घंटे उनके साथ बात कि और तब मुझे पता चला की प्रिया इसलिए अपसेट थे क्योंकि उसका टॉमी (कुत्ता) मर गया था और वह उसे बहुत प्यार करती थी तब जाकर मेरी जान में जान आई और 2 घंटे की बात में हमने बहुत सारी बाते कि

अब लगता था हम एक दूसरे को जानने पहचाने लगने लगे हैं वह मुझसे अपनी सारी बातें शेयर करने लग गई थी और आखिर में उसने मुझे अपना एक नंबर दिया

उस नंबर की खास बात यह थी कि वह नंबर सिर्फ और सिर्फ मेरे पास ही था उस नंबर से वह ना तो whatsapp यूज करती थी और ना ही कुछ और वह नंबर पे से हम दोनों ही कॉल करते थे और धीरे धीरे हम दोनों की बातें शुरू होने लगी

अजनबी से आज वह दोस्त खास बन गए

वक्त की तोहीन तो देखो यारो

अनजानों में अनमोल यार मिल गये

कुछ बात ओर मुलाकातो मे 4दीन बीत गये ओर मेरा प्रोजेक्ट भी खतम हो गया

यह मेरा आखिरी दिन था आणद में मेरी और प्रिया की दोस्ती दोस्ती से कुछ आगे बढ़ गई थी ऐसा मुझे लग रहा था मेरा आखिरी दिन होने की वजह से अब मैंने और प्रिया ने तेय किया था कि उस रात प्रिया और मेरे सारे दोस्त हम सब एक साथ मिल कर गार्डन में बैठेंगे और बातें करेंगे तो इसलिए शाम को हम सब इकट्ठा हो गए सब बैठे थे मैंने फिर से मेरी ओर से सबको लॉलीपॉप खिलाया और बातें शुरू होने लगी

उस दिन बात ही कुछ अजीब थी

और वो शाम ही कुछ अजीब थी

कीस तरह बयां करूं वह मौसम

शायद वह मुलाकात ही अजीब थी.....

बड़ी इंटरस्टिंग बातें चल रही थी उस समय पर ना तो उस बातों में ध्यान मेंरा था और ना ही प्रिया का ,एक अजीब सा खौफ था दिल मे कि शायद अब कल से हम मिल नहीं,पाएंगे कल से फिर हम यह मुलाकाते कर नहीं पाएंगे,और इसीलिए मैं और प्रिया एक दूसरे की आंखों में आंखें डालकर बस यही देख रहे थे,कितने हसीन पल थे जो हम दोनों ने साथ बिताए थे वो अंजान रास्तों पर पागलपंती करना,वो एकसाथ गोलगप्पे खाना वो...और धीरे धीरे यह शाम भी खत्म हो गई अब घर जाने का समय था और उसी दिन प्रिया ने जाते समय मुझे कहां कि वह कल मुझे स्टेशन पर छोड़ने आएगी और वह मुझसे वहां पर कुछ जरुरी बात करनी करना चाहती थी.

हम इतने दिनों से बात कर रहे थे एक दूसरे से लेकिन हमें यह तक नहीं मालूम था कि हम कहां रहते हैं जी हां थोड़ा अजीब सा लगेगा पर यही सच्चाई है मैंने कई बार प्रिया से पूछा भी कि वह अपना घर का एड्रेस बताएं शायद कभी मिलने का मौका मिले तो पर वह ऐसा चाहती थी कि दोस्ती में थोड़ी दूरियां भी जरुरी है इसीलिए मैंने दूसरी बार पूछा नहीं और बस यूं ही बातें करते रहे पर अब इन सब बातों का कोई फायदा नहीं था कल से तो सिर्फ उनके साथ मोबाइल पर ही बात होगी मिलना तो बहुत दूर की बात यही चिंता मुझे मन में मन में खाए जा रही थी और मुझे सारी रात नींद नहीं आई और नींद आती भी तो कैसे दोस्त एक अनजान सा रिश्ता एक अनजान अजनबी से जो जुड़ गया था

और आखिर में वह जुदाइ वक्त आ गया मैं और प्रिया स्टेशन पहुंच गये थे और 10 मिनट में मेरी ट्रेन आने वाली थी वही बातें कर रहे थे कि क्या दिन गुजारे है साथ में कुछ अनमोल लम्हों की यादों को साथ में लेकर जा रहा हूं मैं यही सब बातें हो रही थी पर शायद प्रिया का ध्यान इन सब में नहीं था और अचानक वो मुझसे बोल उठी है कि वह मुझसे कुछ जरूरी बात करना चाहती है मैंने कहा बोलो और उसने कहा

-में बड़े समय से तुम्हें यह कहना चाहती थी पर हिम्मत नहीं थी तुमने जिस तरह से मेरे टॉमी के जाने के बाद मुझे संभाला वह मेरा सबसे खास दोस्त था पर अब तुम हो तुम ने जीस तरह मेरे गमों को अपना मान लिया और मुझे खुशी से जीने की वजह सिखाई तुम्हें जिस तरह मुझसे दोस्ती कर मेरे खास बन गए आजकल तो मुझे खुद से ज्यादा तुम्हारी फ़िक्र होती है कल पूरी रात में सोई नहीं हो बस तुम्हारा ही ख्याल आ रहा है बस अब ज्यादा कुछ नहीं कहना बस इतना कहुगी रूद्र आई लव यू क्या तुम मेरे लाइफ पार्टनर बनोगे और......

अभी तो प्रिया इतना ही बोली थी और मेरी ट्रेन आ गई मैं दोड़ा दोड़ा भागा भागा सा पर ट्रेन में गया वहा इतनी भीड़ थी कि आखरी बार मुझे प्रिया को देखने का मौका भी नहीं मिला

ट्रेन में मेरे मन में यही बात चल रही थी मुझे तो गुस्सा आ रहा था प्रिया पर मुझे लगता था कि उसने मेरी दोस्ती का मजाक उड़ाया,मैं सिर्फ उसका दोस्त था और उसने मेरी दोस्ती को गलत मतलब ले लिया पर यह भी लगता था कि शायद उसकी बात भी सही है मैं भी उसके बारे में खुद से ज्यादा सोचता हूं शायद वह सही है मैं बड़ा कन्फ्यूज था क्या सही और क्या गलत है मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और उसही वक्त मेरे कंधे पर किसी का हाथ पडा

(मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो मेरा दोस्त शिवम शायर था)

-ओ भाई तू यहां

-हां यार अभी अभी अहमदाबाद कवि सम्मेलन से आया हूं और सूरत जा रहा हूं तभी तुझे देखा……..

-हां अच्छा किया ना बुला लिया अब सफर में अकेलापन नहीं रहेगा और बता क्या चल रहा

-बस भाई अपना तो वही होठों पर मुस्कान नवाबी शान तू बता

-बस जिंदगी कट रही है

-यार तेरा चेहरा देखकर ऐसा कुछ लग रहा है कोई प्रॉब्लम हो तो बता वैसे भी हम शायर लोगों से कुछ ज्यादा छुपा नहीं पाओगे बता शायद कुछ मदद कर सकू.

और फिर मैंने शिवम को सारी बात बता दी कि किस तरह हम मिले सारी मुलाकाते किस तरह प्रिया मेरे लिए खास बन गई और मैं प्रिया के लिए खास

-यार मुझे तो उस पर बड़ा गुस्सा आ रहा है कि उसने मेरी दोस्ती को गलत मतलब में लिया अब तू ही बता तुझे तो इस सब बातों को मुझसे ज्यादा पता है तू ही कुछ बता कि मुझे क्या करना चाहिए

-यार एसि एरी-गेरी लडकी के बारे मे क्या खामखा सोच रहा हे छोड उसे………..

-ओये शायर जबान संभाल.....

-एक बात बता रुद्र आज जब तू आणद से सूरत आ रहा था तब तुझे सबसे ज्यादा किस बात का अफसोस था मतलब तू सबसे ज्यादा मिस किसको कर रहा था सच बताना

-अरे यार मैं प्रिया के बारे में ही सोच रहा था कि आज के बाद उससे मिलना कब होगा वह क्या करेगी यह सब सोच रहा था दिमाग में कुछ चल रहा था

-6 साल से तेरे दोस्त तेरे साथ है उनसे जुदा होने का तुझे दर्द नहीं था तुम के बारे में नहीं सोच रहा था लेकिन 6 महीने से एक लड़की तेरे साथ है वह तेरी दोस्त बन गई तुझे उससे जुदाई का दर्द था बस मेरे भाई यही प्यार है तू समझ नहीं पाया और अभी का अभी तू कॉल कर प्रिया को ओर बता दे कि तू भी उससे प्यार करता है मेरे भाई यही प्यार हे

और उसी वक्त एक पल भी बर्बाद किए बिना रूद्र ने प्रिया को कॉल किया लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था एक नहीं दो नहीं रूद्र ने कई बार फोन किया लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था और वह भी कुछ कर भी नहीं पा रहा था तो उसकी जानकारी लगाता भी तो कैसे उसे प्रिया की बहुत चिंता थी लेकिन क्या कर सकता था वो

ईस ही दौरान रूद्र को अपने बोस को फोन आया ओर उन्होंने रूद्र को पीछले महीने गुजरात में हुए आतंकी हमले की न्यूज़ भेजी है और इस न्यूज़ को टीवी पर दिखाने का काम रूद्र को सौंपा और इस केस की सारी माहिती और फोटो उन्होंने रूद्र को mail कर दी है

जैसे ही रुद्र अपने सर का मेल पढ़ता है और उस में लगी फोटो देखता है तो मानो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है वह माहीती तक तो ठीक था पर उन फोटो में एक फोटो प्रिया की भी थी

रूद्र को मानने में नहीं आता है कि यह सब क्या हो गया और फिर अचानक रूद्र हक्का-बक्का रह गया एसे न्यूज़ मिले........

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