ishq ki sazishe - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

इश्क की साजिशे पार्ट 2

Part 1 में आपने देखा की केसे रूद्र और प्रिया की आखरी मुलाकात होती हे और किस तरह प्यार का इज़हार होता हे और जब रूद्र भी प्यार का इज़हार करने की कोशिस करता हे तो प्रिया का कांटेक्ट ही नहीं हो पाता

और इसही दोरान रूद्र के बॉस उसे गुजरात में हुआ आतंकी हमले का आर्टिकल सोपते हे और उसकी माहिती रूद्र को e-mail करते हे और उशी वक्त रूद्र को ऐसी खबर मिलती हे जिसे सुनकर रूद्र हक्का बक्का रह जाता हे.....

अब आगे

अब कहानी की कसमकस कुछ यु थी की पुलिश फ़ोर्स की इन्फोमेशन के मुताबिक प्रिया २ हफ़्ते पहले आतंकी हमले में मर गयी थी जबकि पिछले एक हफ्ते से वो रूद्र के साथ थी रूद्र को कुछ समज नहीं आरहा था

और इस हि सोच और सोच में और इन सारी बातो की कशमकश में रूद्र अपने रिपोर्टिंग के अगले प्रोजेक्ट पे ठीक से कम नहीं करपया और वो प्रोजेक्ट उसकी ही कंपनी में काम करते उसके ही दोस्त शिवम् शायर को दे दिया गया इधर रुद्रा का काम ठीक से हो नहीं पाता था पर उसके चिंता का विषय कुछ और ही था

रूद्र आपनी ये ही confusation दूर करने के लिए अपने एक पोलिश दोस्त समर्थ के पास गया और उसे शुरू से सब बात बताई और बाद में दोनों इस नतीजे पे पोहचे की शायद ये कोई भ्रम होगा

यहाँ तक तो सब ठीक था इस बात को २ महिने बीत गए थे

रूद्र फिर से अपने काम में जी और जान से मेहनत कर रहा था और अपनी खोयी हुई इज्जत और पोस्ट उसने वापस पली थी एक समय अयसा भी आया था की रूद्र के काम की लापरवाही की वाजेसे उसको मिलने वाला इन्क्रीमेंट उसके ही दोस्त शिवम् शायर को दिया जाने वाला था पर रुद्राने अंत के समय पर अपने काम में इतनी स्फूर्ति दिखाई की प्रमोशन रूद्र को ही मिला और शिवम शायर को भी प्रमोशन मिला और उसे रुद्र का असिस्टेंट बना दिया गया और इस बात से दोनों दोस्त खुश थे

उन दिनों अभिषेक की तबियर ख़राब होने की वजेसे रूद्र उसे मिलने आनंद गयाथा अभी तो में आनंद के स्टेशन पे पहुंचा ही था की कुछ औसा हुआ की रूद्र के पेरो तले जमींन ही खिसकगयी जी हा उसने वहा प्रिया को देखा और वो दंग रह गया अभी तक तो वो उसे अपना भ्रम मानता था पर ये उसका भ्रम नहीं था और वो उस ही वक्त प्रिया के पास गया और उसे सब बात की और बाद में उसे पाता चला जो हादसे में मरी थी वो उसकी बाहन थी और ट्रेन में प्रिया का फ़ोन खो गया था इस लिए वो मेरा फ़ोन नहीं उठा रही थी

उस से मिलके मेरे सरे डाउट चले गए फिर थोड़ी बाते की हमने ऑर आखिर में मेने भी उस्ससे प्यार का इज़हार कर दिया

रूद्र और प्रिया की प्यार भरे दिन चल रहे थे दोनों एक दुसरे के साथ वो अपना कीमती और प्यार भरा वक्त गुज़र रहे थे और जेसे दूध में पानी मिल जाये वेसे ही एक दुसरे में घुल मिल गए थे

जहा रुद्र को ये लग रहा था की प्रिया उस से बे इम्तह प्यार करती हे पर प्रिया के मन में कुछ और ही था

में आपको प्रिया के बारे में बताऊ तो कुछ यु था कि प्रिया एक अत्यंत सामान्य परिवार से थी प्रिया के पापा के गुज़र जाने के बाद उसकी माँ की भी तबियत ख़राब रहती थी इस लिए परिवार के लालन पालन की ज़िम्मेदारी अब प्रिया की थी और इस ही कारन प्रियाको अपनी पढाई छोड़ के एक मॉल में जॉब करनी पड़ती थी एक दिन अचानक प्रिया की माँ की तबियत कुछ ज्यादा ही ख़राब हो गयी और उसे डॉक्टर के पास ले जने पर पता चला के उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा और ऑपरेशन के लिए २० लाख रुपे चाहिए होगे प्रिया के लिए इतने पेसे इकठ्ठा करना लग भग न मुमकिन था तब ही अचानक एक आदमी प्रिया को सरे पेसे देने के लिए तैयार हो गया

_____;- में आपको आप मागे उतने पेसे दे सकता हु पर आपको मेरा एक कम करना होगा

प्रिया :- आप जो कम बोले में वो करने के लिए तैयार हु

____:- तो ठीक हे आज शाम को आपको पेसे मिल जाये गे

और सच में प्रिया को पेसे मिल गए उन पेसो से प्रिया ने उसकी माँ का ऑपरेशन करवाया और उस की माँ ठीक हो गयी इस बात को तिन दिन गुज़र गए थे और वो आदमी जिसने ये पेसे दिए थे और अब वो प्रिया के पास स्मगलिंग करवाता था वो प्रिया को एक बैग देता जिसे लेकर प्रिया को उसे दूसरी जगह पहोचना होता था एक दिन प्रिया को कीसी पुलिस ने पकड़ लिया और उसका सामान चेक किया और उसे पकड़ लिया थोड़ी देर बाद पोलिश को किसी का फ़ोन आया और प्रिया को छोड़ दिया गया इस बात की थोड़ी इन्क्वायरी करने के बाद प्रिया को पाता चला की वह आदमी प्रिया के पास स्मगलिंग करवाता था यह घटना होने के बाद उस आदमी के कहने पर प्रिया को शहर छोड़ना पड़ा पर वो आपनी मा को यही छोड़ वह लखनऊ में आके रहने लगी इस शहर में रहने के कुछदिन ही हुआ थे की खबर आई की प्रिया की माँ चल बसी यह सोच के प्रिया को जटका लगा उसने बोहोत कोशिस की इस नोकरी को छोड़ने की पर वो यह कर न सकी और एकदिन पूरी हिम्मत जुटाकर प्रिया लखनऊ से भाग गयी वह ट्रेन से आ रही थी रस्ते में उसको प्यास लगी तो वो आनंद स्टेशन पानी लेने उतरी और उशी दोरान प्रिया की ट्रेन छूट गई और उसका सामान भी ट्रेन में ही था आगे जाके वो ही ट्रेन आतंकी हमले का शिकार हुई और बम फटने के कारन वहा कई यात्रियों के बॉडी भी नहीं मिले उस ही ट्रेन में प्रिया का सामान मिलने के कारन प्रिया को मरा हुआ साबित किया गया उस ही दोरान प्रिया और रूद्र आनंद में फिर से मिले और दोनों में नजदीकी बढ़ी और (न छह ते हुआ भी ) प्रिया रूद्र से प्यार करबेठी

पर यही कहानिने मोड़ ले लिया किसी को प्रिया की सच्चाई के बारे में पाता चल गया और वो प्रिया को ब्लैकमेल करने लगा ये सच न बताने के बदले वो प्रिया से रूद्र का खून करवाना चाहता था प्रिया मजबूर हो गयी थी

उन दिनों प्रिया और रूद्र एक साथ ही रहने लगे थे रूद्र ने अपने घर वालो को प्रिया के बारे में बता दिया था और २ दिन में दोनों की सगाई होने वाली थी सब कुछ थोडा जल्दी था पर दोनों को ये मंजूर था

आखिर वो वक्त आही गया की जब दोनों की सगाई हो रही थि ताज्जुब की बात ये थी की उस ब्लैकमेलर को रूद्र की घर की पल पल की खबर मिल रही थी और वो उस ही हिसाब से प्रिया को प्लान बताता था और प्रिया को न चाहते हुआ भी उसे फॉलो करना पड़ता था रूद्र के घर सरे मेहमान आये हुए थे और कुछ दोस्त भी आये हुए थे पर सरे दोस्त रूद्र के घर पे न रहके बाजु में ही रहते और रूद्र की ही कम्पनी में कम करते दोस्त शिवम् शायर के घर रह रहे थे बातो बातो में और मस्ती मजाक और रिवाज़ परम्परा से सगाई बड़ी ही अच्छी तरह से ख़तम होगई

सगाई वाले ही दिन उस ब्लैकमेलर का फ़ोन आया

____:- हेल्लो स्वीटहार्ट आवाज़ से तो पहचान ही लिया होगा सगे की शुभकामनाये

अब में तुम्हारी मुस्केलिया और नहीं बढ़ाना चाहता हु आज रात तुम्हे रूद्र को छत पर मिलने जाना हे ओर तुम्हारे बैग में मेने एक जेह्रिला पौडर रखा हे जिसे तुम्हे दूध में घोल के रूद्र को पिला देना हे और एक बार र्रुद्र मर जाये फिर तुम आज़ाद हो

इतना बोल के उसने फ़ोन रख दिया

और यही मोका था प्रिया के लिए अपने छुपाये मोहरे के जरिये चाल चल ने का

दरसल प्रिया ने शादी में अपनी दोस्त मानसी को बुलाया था जो पेशे से दितेक्टिवे थी और प्रियाने यसरी बात उसे बताई और सगे में आये सभी लोगो पे नज़र रखने को कहा था

प्रिया को ये कॉल आने के बाद वो तुरंत ही मानसी के पास गयी और उसे ये सब बाते बताई और मानसी भी बोल उठी बस तो थी क हे आज शाम तक कोन हे रूद्र की जान का दुसमन ये बात सब के सामने आजायेगी ....

उसके बाद मानसी ने सोचा की इन दिनों रूद्र के सबसे नजदीक कोन रहता हे तो उसने जान की परिवार के सदस्य को छोडके रूद्र के नजदीक उसके दोस्त ज्यादा रहते थे

फिर उसे शक पुलिस इंस्पेक्टर समर्थ पे गया क्योकि पुलिश के लिए किसी की भी इन्फोमाशन निकल ना किसी आम आदमी से ज्यादा आसन हे तो शायद उसे ही पाता चल गया हो और वो ये सब काम करवा रहा हो पर क्यूँ ये बात अभी तक उसके दिमाग में खल रही थी और तो और उसके पास किसी के भी खिलाफ कोय साबुत नहीं थे उसे सिर्फ शक था और शक की बुनीयाद पर वो किसीपे इलज़ाम नहीं लगा सकती थी

शाम हो गयी थी सभी लोग हॉल में बेठे हुए एक-दुसरे से बात कर रहे थे ओर उस ही वक्त घर के टेलीफ़ोन की घंटी बजी रूद्र उसे उठाने जा रहा था की छत पे लटका जुमर निचे गिरा ये देख प्रिया ने पीछे से जाकर उसे जोर से धक्का मारा और रूद्र बच गया और रूद्र को थोड़ी चोट आई इस की ही वजेह से रूद्र और प्रिय शाम तो छत पे नहीं मिल सके

अब ये बात ज्यादा गंभीर हो रही थी इस लिए प्रिया ने रूद्र को सारा सच बताया की किस तरह और क्यों वो उसकी जिंदगी में आई और किसतरह उसे रूद्र को फ़साने को बोला गया और इस ही दोरान वो सच में रूद्र को प्यार कर बेठी

और अब वहा खड़े सब लोग ये जान ने के लिए बेताब थे की आखिर रूद्र के साथ ये सब कर कोन रहा हे

और तब ही मानसी आ-गई अपने हाथ में कुछ कागज़ ले के फिर उसने एक एक कर के कुछ समय सब के साथ बात की शिवम् , अभिषेक , पुलिस इंस्पेक्टर समर्थ और तो और रूद्र के साथ भी सब के साथ १० मिनिट बात करने के बाद वो बहार आई और कहा

रूद्र की जान का दुश्मन कोय और नहीं पर उसका ही दोस्त शिवम् हे

रूद्र :-ये तुम क्या बकवास कर रही हो

शिवम् :-में यहाँ अपनी बेइज्जती करवाने नहीं आया

मानसी :- जी हा मेरे पास प्रूफ हे अब मेरी बात धयान से सुनो रूद्र इनदिनों सबसे ज्यादा करीब अपने दोस्तों के साथ रहता हे और प्रिया से जिसतरह वो ब्लैकमेलर बात करता हे उससे पाता चलता हे की ये कोय उसका नि जी व्यक्ति ही हे

रूद्र :- हा पर शिवम् ही क्यूँ

मानसी :- क्यूंकि शिवम एक रिपोर्टर हे तो उसके लिए बड़ा ही आसन हे किसी की भी निजी जिंदगी के बारेमे जान ना और तो और मेरा यस शक यकीं में तब बदला जब मेने शिवम् का मोबाइल चेअक किया जी हा प्रिया को हर बात किसी प्राइवेट नंबर से कॉल आते थी जिसका नंबर कभी दिस्स्प्लके नहीं होता यहाँ मोका मिलते मेने शिवम् का मोबाइल चेअक किया पर उसका नंबर भी नार्मल ही था पर उस ही दोरान मुझे पाता चला की शिवम् के पास एक और मोबाइल भी हे जिसे वो अपने बाद में छुपा के रखता हे तो मेने शिवम् के कमरे की दुश्री छवि का बन्दों बसत किया और जब तुम सब दोस्त बहार घुमने गए तबमें उस कमरे में गयी और मेने वो मोबाइल देखा उसमे से ही प्रिया को लास्ट कॉल किये गए थे और तो और उस मोबाइल में कुछ रिकॉर्डिंग भी मिले जिस से साफ साबित होता हे की.....

थोड़ी देर हॉल में सन्नाटा हो गया फिर कुछ देर बाद पुलिस इंस्पेक्टर समर्थ शिवम् को ले गए और रूद्र तो उसके साथ मानो बात ही नहीं करना चाहता था

फिर पोलिश को जाच पड़ताल के दोरान मालूम पड़ा की शिवम् को रूद्र से जलन होती थी क्योकि वो हर काम में रूद्र से आगे होने के बावजूद हर बार प्रमोसन रूद्र को मिलता और जब तक रूद्र था तब तक उसकी काबिलियत किसी को नहीं दिखती थी और जब उसे मिलने वाली पोस्ट रूद्र को मिल गयी तब तो मनो उसके ज़हन में एक आग सी लग गयी थी और जब उसे पाता चला की रूद्र की कमजोरी प्रिया हे तो उसने प्रिया को ब्लैकमेल करके रूद्र को इश्क की साजिश करके मारने का प्लान बनाया जिस से उसकी जिंदगी का काटा हमेशा के लिए दूर होजाता

अब अदालत ने शिवम् को उम्र कद की सजा सुना दी और वो जेल में चला गया रूद्र अपने दोस्तों के साथ आज भी बड़े मज़े में रहता हे और आज भी प्रिया से बेइमतिहा प्यार करता हे

समाप्त

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