Chatni - achar books and stories free download online pdf in Hindi

चटनी-अचार

चटनी-अचार

  • कचालू का आचार
  • गोभी, गाजर और शलजम का मीठा आचार
  • नींबू का भरवां आचार
  • हल्दी का आचार
  • सहजन का आचार
  • हरी मिर्च-राई का आचार
  • आम का भरवां आचार
  • बेसन के गट्टे का आचार
  • आम का सूखा आचार
  • परवल का आचार
  • साबुत लसोडे का आचार
  • गोभी, गाजर और मटर का मिक्स आचार
  • मठा की हरी मिर्च का आचार
  • अदरक का आचार
  • आमरा का आचार
  • कटहल का आचार
  • लसोड़े का अचार
  • कमल ककड़ी का अचार
  • अदरक का अचार
  • कैप्सिकम मार्मलेड
  • 01 - कचालू का आचार

    कचालू - 4 (500 ग्राम)

    सरसों का तेल - आधा कप (100 ग्राम)

    सिरका - 3-4 टेबल स्पून

    हींग - 2 पिंच

    मेथी के दाने - आधा छोटी चम्मच

    कलौंजी के दाने - आधा छोटी चम्मच

    अजवायन - आधा छोटी चम्मच

    पीली सरसों का पाउडर - 2 छोटी चम्मच

    नमक - 1 छोटी चम्मच (स्वादानुसार)

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    कचालू को धो लें. 2 कप पानी में कूकर में डलकर,उसमें कचालू डाल कर 1 सीटी आने तक उबालें और फिर 6-7 मिनट तक इन्हें ऎसे ही उबलने दें. गैस बंद करके कूकर में भाप अपने आप खत्म होने पर कचालू को निकाल कर ठंडे करें और छील कर मीडियम आकार के टुकडों में काट लें.

    एक कढा़ई में सरसों के तेल को तेज़ गर्म करके फिर गैस बंद करके तेल को थोडा़ ठंडा कर लें और फिर धीमी आंच पर हल्के गर्म तेल में अजवायन, कलोंजी, मेथी के दाने डालकर हल्का सा भूनें. अब इसमें कचालू के टुकड़े, हींग, हल्दी पाउदर, लाल मिर्च पाउदर, सरसों पाउडर और नमक डाल कर सारी चीजों को मिक्स करें. 2 मिनट तक इन सबको चलाते हुए पकाएं और पकने के बाद गैस बंद कर दें.

    ठंडा होने के बाद इसमें सिरका मिला दें. आचार तैयार है और इसे तुरंत भी खाया जा सकता है. लेकिन 3 दिन बाद इसका असली स्वाद आ जाएगा. क्योंकि 3 दिन में सारे मसालों का स्वाद कचालू में आ जाएगा. कचालू के आचार को दिन में 1 बार चम्मच से उपर नीचे ज़रूर कर दें.

    02 - गोभी, गाजर और शलजम का मीठा आचार

    गोभी, गाजर, शलजम - 1 कि. ग्राम.

    जीरा -1 1/2 छोटी चम्मच

    मैथी - 1 1/2छोटी चम्मच

    सौंफ - 2 छोटी चम्मच

    राई - 1 1/2 टेबल स्पून

    गरम मसाला - 1 छोटी चम्मच

    अदरक पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    हींग - एक चौथाई छोटी चम्मच

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    बड़ी इलाइची - 5-6 (छील कर कूटी हुई)

    खजूर - 10-12 (पतले पतले काटे हुए)

    लाल मिर्च - एक चौथाई छोटी चम्मच

    तेल - 150 ग्राम (3/4 कप)

    सादा नमक - 2 छोटे चम्मच

    काला नमक - 1 छोटी चम्मच

    सिरका - ( 3/4 कप )

    गुड़ - 300 ग्राम (टुकड़े किये हुये 1 1/2 कप)

    गरम पानी में 1 छोटी चम्मच नमक डाल कर उसमें गोभी के टुकडों को 10 मिनट के लिए डाल दें और धोकर निकाल लें. गाजर और शलजम को धोकर, छील कर लंबा काट लें.

    जीरा, मेथी, लौंग, दालचीनी, राई, काली मिर्च और सौंफ को दरदरा पीस लें और बडी इलायची के दाने निकाल कर कूट कर अलग रख लें. खजूर के बीज निकाल कर इन्हें पतला और लंबा काट लें.

    अब एक बर्तन में पानी उबालना रख दें. ध्यान रहे कि पानी इतना हो कि इसमें सारी सब्ज़ियां डूब जाएं. पानी में जब 1 उबाल आ जाए तो इसमें सब्ज़ियां डाल कर ढक दें और 2-3 मिनट बाद गैस बंद कर दें. सब्ज़ियों को पानी में 10 मिनट के लिए ऎसे ही पडा़ रहने दें. इससे सब्ज़ियां हल्की सी नरम हो जाएंगी.

    अब किसी छलनी से पानी को छान दें और सारी सब्ज़ियों को एक सूती के सूखे कपडे़ पर डाल कर फ़ैला दें. इन्हें धूप में 2 घंटे के लिए सुखा लें. अगर धूप ना हो तो छाया में 3-4 घंटे फैला कर सुखा लें.

    कढा़ई में तेल गरम करके धीमी आँच पर हींग, हल्दी पाउडर और सारे कुटे मसाले डाल कर हल्का सा भून लें. अब गाजर, शलजम और गोभी के काट कर सुखाए हुए टुकडे़ डाल दें. साथ ही नमक और लाल मिर्च भी डाल लें. अब इन सबको चलाते हुए अच्छे से मिलाकर गैस बंद कर दें.

    एक दूसरे बर्तन में सिरका और गुड़ डाल कर गरम करें. जब तक गुड़ ना पिघले इसे पकाते रहें. गुड़ के पिघने पर इसे छान लें. और मसाले वाली सब्ज़ियों में मिला लें. अब कुटी हुई इलायची और खजूर डाल कर मिलाएं. आचार अगर पतला लगे तो इसे गाढा़ होने तक पका लें.

    आचार तैयार है. इसे ठंडा करके कंटेनर में भरकर रख लें. इसी तुरंत खाया जा सकता है लेकिन 4-5 दिन के बाद मसालों का स्वाद सब्ज़ियों में अच्छे से आ जाता है और आचार बेहद स्वादिष्ट लगता है.

    03 - नींबू का भरवां आचार

    नीबू - 500 + 250 ग्राम

    काला नमक - 1/4 कप

    सादा नमक - 1/4 कप

    सेंदा नमक (लाहोरी नमक) - 2 छोटी चम्मच

    अदरक पाउडर (सोंठ पाउडर ) - 2 छोटे चम्मच

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    हींग - 1/4 छोटी चम्मच

    जावित्री - 2-3 फूल

    जीरा - 2 छोटी चम्मच

    अजवायन - 2 छोटे चम्मच

    मेथी दाना - 2 छोटे चम्मच

    धनियां पाउडर - 2 छोटी चम्मच

    पीपर पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    साबुत गरम मसाला -

    बड़ी इलाइची-10 , काली मिर्च - 2 छोटी चमम्च, दालचीनी - 2 इंच टुकड़े, जायफल - 1

    नींबू को रात भर पानी में डालकर रखें और सुबह पानी निकाल कर अच्छे से सुखा लें. नींबू में उपर से नीचे तक 2 कट लगाएं लेकिन नीचे से नींबू जुडे़ रहने चाहिएं. केवल 500 ग्राम नींबू में ही कट लगाएं.

    अब सारे साबुत मसालों ( बड़ी इलाइची-10 , काली मिर्च - 2 छोटी चमम्च, दालचीनी - 2 इंच टुकड़े, जायफल - 1) मेथी, जीरा, जवायन और जावित्री को दरदरा पीस कर एक बर्तन में डाल कर मिक्स कर लें.

    अब एक-एक नींबू में जितना मसाला आ सके डाल कर भर लें. इन नींबू को आप धागे से ल्पेट भी सकते हैं ताकि मसाला अंदर ही बना रहे. अब इन्हें एक साफ और सूखे कंटेनर में सीधा-सीधा डाल कर रख दें और बाकी बचे सूखे मसाले को कंटेनर में डाले नींबू पर डाल दें.

    बाकी बचे 250 ग्राम नींबू का रस निकालकर नींबू से भरी कंटेनर में डाल दें. 2-3 दिन में सारे नींबू रस में डूब जाएंगे और कमरे में रखकर बनाने से लगभग एक महीने में आचार तैयार हो जाएगा. इसे जल्दी तैयार करने के लिए धूप में रखें. जब नींबू के छिलके नरम हो जाएं तो आपका आचार तैयार है.

    आचार जितना पुराना होता रहेगा उतना ही टेस्टी और पाचक होता रहेगा. इसे आप 2-3 साल तक आराम से खा सकते हैं. पेट में गड़्बडी़ होने पर ये काफ़ी लाभदायक रहता है.

    04 - हल्दी का आचार

    कच्ची हल्दी - 250 ग्राम (कद्दूकस की हुई एक कप)

    सरसों का तेल - 100 ग्राम (आधा कप)

    नमक - 2 1/2 छोटी चम्मच

    लाल मिर्च - आधा छोटी चम्मच

    दाना मैथी - 2 1/2छोटी चम्मच दरदरी पिसी हुई

    सरसों पाउडर - 2 1/2 छोटी चम्मच

    अदरक पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    हींग - 2-3 पिंच

    नीबू का रस - 250 ग्राम ( 1/2 कप)

    कच्ची हल्दी को अच्छे से धो लें और फ़िर धूप में सुखा कर कपडे़ से पोंछ कर साफ़ कर लें. अब इसे कद्दूकस कर लें. कद्दूकस की हल्दी का आचार खाने में आसानी रहती है. क्योंकि इसे कम मात्रा में खाया जाता है.

    एक कढा़ई में तेल को अच्छे से गर्म करने के बाद थोडा़ सा ठंडा करके हींग, मेथी,सारे मसाले और कद्दूकस की हल्दी डाल कर अच्छे से मिला दें. अब आचार को एक बर्तन में निकाल कर नींबू का रस डालें और ढक कर रख दें. 4-5 घंटे बाद चम्मच से हिला दें.

    आचार तैयार है. सूखे जार या चीनी मिट्टी के मर्तबान में भर कर रखें और हो सके तो 1-2 दिन की धूप भी लगवा लें. इससे आचार की सेल्फ़ लाईफ बढ़ जाती है.

    05 - सहजन का आचार

    सहजन (Drumstick) की फली - 300 ग्राम

    नमक - 1 छोटी चम्मच

    सरसों का तेल - 1/3 कप

    नमक - 1 छोटी चम्मच

    हींग - 2-3 पिंच

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    सोंफ पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    लाल मिर्च पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच

    काली मिर्च पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच

    पीली सरसों - 2 टेबल स्पून दरदरी पिसी हुई

    सिरका - 1 टेबल स्पून

    सारी फलियों को धोकर सुखा लें. फिर इन फलियों 3/4 -1 इंच तक लंबा काट लें और एक चम्मच नमक डाल कर 3 दिनों के लिए एक डिब्बे में बंद करके रख दें. और हर रोज़ एक बार चम्मच से हिला दें.

    3 दिन बाद आचार बनाएं:

    तेल को किसी पैन में तेज़ गर्म करके फिर गैस से उतार लें. इसे हल्का ठंडा कर लें. हींग , हल्दी पाउडर, सोंफ पाउडर डालकर, मिक्स करें और फिर सहजन की फली डाल कर मिला दें. नमक, लाल मिर्च पाउडर, सरसों पाउडर और काली मिर्च पाउडर डालकर मिलाएं और सिरका भी डाल दें.

    आचार तैयार है. ठंडा होने के बाद इसे किसी साफ़ प्लास्टिक या काँच के कंटेनर में डाल दें. 3 दिन में ये खट्टा होकर बहुत स्वादिष्ट हो जाएगा और फलियों में सारे मसालों का स्वाद भी भर जाएगा. इसे आप 1-2 महीने तक खा सकते हैं.

    आचार को दिन में एक बार चम्मच से चला दें. और गरम करके ठंडा करने के बाद इसमें तेल डाल दें ताकि आचार डूबा रहे. इससे आचार खराब नहीं होगा.

    06 - हरी मिर्च-राई का आचार

    हरी मिर्च अचार वाली - 250 ग्राम

    राई या काली सरसों - 4 टेबल स्पून

    नमक - 3 छोटी चम्मच

    जीरा - एक छोटी चम्मच

    सोंफ - 1 छोटी चम्मच

    मैथी - एक छोटी चम्मच

    हींग - 1/4 छोटी चम्मच से कम

    हल्दी पाउडर - एक छोटी चम्मच

    गरम मसाला - आधा छोटी चम्मच

    नीबू या सिरका - 2 टेबल स्पून रस

    तेल - 4 टेबल स्पून

    भरवीं मिर्च का आचार:

    मिर्च के आचार के लिए हम पकी हुई मिर्च का इस्तेमाल करते हैं. हरी मिर्च को धो कर सुखा लें. इनके डंठल तोड़ कर अलग कर दें और इन्हें कपडे़ से पोंछ लें. अब मिर्चों में उपर से नीचे तक एक तरफ चिरा लगाएं लेकिन मिर्चें एक तरफ से जुडी़ रहनी चाहिएं.

    गरम तवे पर जीरा, मेथी,सौंफ़ और सरसों को डाल कर हल्का सा भून कर गैस बंद कर दें. अब सारे भुने मसाले को मिक्सी में दरदरा पीस लें. इसमें हल्दी, नमक और गरम मसाला मिला कर अलग बर्तन में निकाल लें.

    अब एक कढा़ई में तेल को तेज़ गरम करें और फिर गैस को बंद कर दें. तेल को हल्का ठंडा कर लें. इसमें हींग डाल दें. भुने मसाले में नींबू का रस मिलाकर उसे भी तेल में मिला लें.

    एक मिर्च लेकर तैयार किया मसाला उसमें भर दें. बाकी मिर्चों को भी इसी तरह मसाले से भर लें. सारी भरी हुई मिर्चों को एक अलग प्लेट में रख लें. बाकी बचा मसाले वाला तेल भी इनके उपर ही डाल दें.

    भर कर तैयार की मिर्चों को किसी पतले कपडे़ से ढक कर धूप में रख दें. धूप ना होने पर इन्हें कमरे के अंदर ही रख दें. ये आचार 3-4 दिन में बन कर तैयार हो जाएगा. इसे दिन में 2-3 बार सूखे चम्मच से उपर नीचे ज़रूर कर दें.

    राई वाली भरवीं मिर्च का आचार तैयार है. आचार को चीनी मिट्टी या कांच के कंटेनर में भर लें और जब चाहे खाएं.

    कटी हुई मिर्च का आचार:

    कटी हुई मिर्च का आचार खाने में काफ़ी आसानी होती है. बार-बार मिर्च को तोड़ने की ज़रूरत नहीं पड़ती. आराम से मिर्च के टुकडे़ उठाओ और खा लो.

    मिर्चों को धोकर सुखा लें. इनके डंठल तोड़ कर इन्हें कपडे़ से साफ़ कर लें. अब सारी मिर्चों को छोटा-छोटा काट लें. एक प्याले में मिर्चें डाल कर इनमें नमक, हल्दी और नींबू का रस डाल कर मिला लें. इस प्याले को ऎसे ही ढक कर सारे दिन के लिए रख दें. 5-6 घंटे बाद मिर्चों को सुखे चम्मच से हिला दें.

    अब गरम तवे पर जीरा और मेथी डाल कर हल्का सा भून लें और फिर हींग डाल कर गैस बंद कर दें. अब राई, जीरा, हींग और मेथी को मिक्सी में बारीक पीस लें. इसमें नमक, हल्दी और गरम मसाला भी मिला दें.मसाले को किसी डोंगे में निकाल कर उसमें आधा छोटी चम्मच हल्दी और आधा छोटी चम्मच नमक मिला लें. इससे मसाले में स्वाद और रंग आ जाएगा.

    प्याले में रखी मिर्च पर ये सारा मसाला डालें और उपर से तेल डाल कर अच्छे से मिला दें. चाहें तो इस प्याले को पतले कपडे़ से ढक कर धूप में रख दें या चाहें तो कमरे में ही रख लें. इसे दिन में 2-3 बार सूखे चम्मच से हिलाते रहें. 3-4 दिन में ये आचार बन कर तैयार हो जाएगा.

    आचार को काँच या चीनी मिट्टी के कंटेनर में भर लें. जब चाहें खाएं. ये आचार 15-20 दिन तक ही चलता है. अगर आप इसे ज़्यादा चलाना चाहते हैं तो इसे नींबू के रस या सरसों के तेल में डूबा कर रखें और साल भर खाएं.

    07 - आम का भरवां आचार

    आम - 10 - 12 ( 1.5 कि.ग्राम)

    पीली सरसों - 50 ग्राम (4 टेबल स्पून)

    सोंफ - 50 ग्राम (4 टेबल स्पून)

    मेथी के दाने - 50 ग्राम ( 4 टेबल स्पून)

    अजवायन - 2 टेबल स्पून

    हल्दी पाउडर - 2 टेबल स्पून

    लाल मिर्च - एक टेबल स्पून

    साबुत लाल मिर्च - 12

    हींग - 1/4 छोटी चम्मच

    नमक - 150 ग्राम ( 3/4 कप)

    कशमीरी मिर्च मिर्च - एक टेबल स्पून (यदि पसंद हो)

    सरसों का तेल - 500 ग्राम (2 1/2 कप)

    आम कैसे काटें:

    आम का आचार बनाने के लिए आम को काटने का काम थोडा़ मुश्किल हो जाता है. आचार के लिए आम को सरोता से काटा जाता है जो दुकानदारों के पास होता है. तो आप चाहें तो उनसे ही भरवें आचार के लिए आम कटवा लें. या चाहें तो घर पर चाकू से ठोक कर इन्हें काट लें. एक ही साईज़ के आम लेकर उनके डंठल हटा लें और फिर आम को उपर से नीचे तक 4 भागों में ऎसे काटें के आम नीचे से पूरी तरह जुडे़ रहें. बाज़ार से आम कटवा कर आचार बनाना आसान रहता है.

    आम के लिए मसाला बनाएं:

    सौंफ, मेथी और अजवायन को साफ़ करके दरदरा पीस लें. पीली सरसों को थोडा़ मोटा पीस लें.

    कढा़ई में 1 कप(200 ग्राम) तेल डाल कर अच्छे से तेज़ गरम कर लें और फिर गैस बंद कर दें. सबसे पहले इसमें हींग डालें. फिर हल्दी पाउडर और दरदरे पिसे मसाले डाल लें. ये सारे हल्के भुन जाएं उसके बाद पिसी सरसों, लाल मिर्च(लाल रंग के लिए कश्मीरी मिर्च डालें) और नमक डाल कर मिलाएं. आम में भरने के लिए मसाला तैयार है. साबुत लाल मिर्च के डंठल हटा लें और इन्हें एक अलग प्लेट में रख लें.

    एक आम लेकर उसमें तैयार किया मसाला भर लें. एक साबुत लाल मिर्च लेकर भरे मसाले के ठीक बीचों बीच डाल दें और आम को सीधा-सीधा कंटनेर में रख लें. बाकी आम को भी ऎसे ही तैयार करके कंटेनर में रख लें. कंटेनर को 3-4 दिन के लिए या तो दूप में रखें या 4-5 दिन के लिए अंदर ही रख लें. तीसरे दिन आम देख लें कि सारे आम ठीक हैं.

    चौथे या पांचवें दिन तेल गरम करके आमों में डाल दें. सारे आम डूब जाने चाहिएं. 20-22 दिन में आम का आचार तैयार हो जाएगा. जब मन करे इसे मज़े से खाएं. ये आचार साल भर आराम से चलेगा.

    08 - बेसन के गट्टे का आचार

    बेसन - 200 ग्राम ( 1 कप )

    कच्चे आम - 400 ग्राम ( 3 आम)

    सरसों का तेल - 300 ग्राम (1 1/2 कप)

    हींग - थोड़ी सी ( एक चने के दाने बराबर)

    हल्दी पाउडर - एक टेबल स्पून

    मेथी दाना - एक टेबल स्पून

    अजवायन - एक टेबल स्पून (दरदरी पिसी)

    सौंफ - 2 टेबल स्पून (दरदरी की हुई)

    नमक - 2 टेबल स्पून ( 40 ग्राम)

    लाल मिर्च - एक छोटी चम्मच

    कच्चे आम को धो कर सुखा लें. इन्हें छील कर कद्दूकस कर लें.

    बेसन को किसी बर्तन में छान लें. इसमेम कद्दूकस किया हुआ आम इतना मिलाएं कि बेसन के गट्टे बन जाएं. अब इसमें स्वादानुदार नमक और लाल मिर्च मिला कर गट्टों का आकार दें. और सारे मिश्रण से गट्टे तैयार करके एक प्लेट में रख लें.

    कढा़ई में आधा तेल डाल कर गरम करें. जितने गट्टे एक बार में आसानी से तले जा सकें डाल कर तल लें. इन्हें सुनहरा होने तक धीमी-मीडियम आँच पर तलें. सारे गट्टे इसी तरह तल कर तैयार कर लें और इन्हें ठंडा होने के लिए रख दें.

    कढा़ई में बचे तेल में बाकी बचाया तेल भी डाल कर मिला लें और इसे गरम करें. तेज़ गरम करने के बाद गैस बंद कर दें. तेल के हल्का ठंडा होने पर हींग, हल्दी, अज़वायन, सौंफ़, मेथी दाना, नमक और मिर्च डालते जाएं और कद्दूकस किए आम व तैयार गट्टे डाल कर मिला लें.

    आम और गट्टे का आचार तैयार है. ठंडा होने पर इसे साफ़ और सूखे कंटेनर में भर लें और जब चाहें मज़े से खाएं. लगभग 3 दिन में आचार तैयार हो जाएगा.

    आचार को तेल में डुबो कर रखने से ये साल भर आराम से चलता है.

    09 - आम का सूखा आचार

    कच्चे आम - 7-8 (1 किग्रा.)

    नमक - 4 छोटे चम्मच (ऊपर तक भरे हुये)

    हल्दी पाउडर - 2 छोटी चम्मच

    बाद में डाले जाने वाले मसाले:

    नमक - 2 छोटी चम्मच

    मैथी - 4 टेबल स्पून

    सोंफ - 4 टेबल स्पून ऊपर तक भरे हुये

    पीली सरसों - 4 टेबल स्पून

    अजवायन - 2 छोटी चम्मच

    लाल मिर्च - 2 छोटी चम्मच

    हींग - आधा छोटी चम्मच

    सरसो का तेल - 1/2 कप (100 मि.ली.)

    आम को 10-12 घंटों के लिए पानी में भिगो दें. फिर इन्हें पानी से निकाल कर अच्छे से सुखा लें. आम के डंठ्ठल को काट कर अलग कर दें. अब आम के गूदे को लंबी-लंबी फ़ांकों में काट लें.

    आम की फ़ांकों में नमक और हल्दी मिला कर इन्हें किसी कंटेनर में डाल दें ताकि ये गल कर जाएं. दिन में एक बार इन्हें चम्मच से हिला दें. 7 दिन में आम की फ़ांकें गल कर तैयार हो जाएंगी और इनसे खट्टा पानी भी निकल जाएगा. अब फांकों को कंटेनर से निकाल लें और पानी को उसी में रहने दें.

    आम की फ़ांकों को थाली में रखकर 1 दिन की धूप लगवा कर सुखा लें. इससे ये थोडी़ सिकुडी़ और सांवली हो जाती हैं. अब बारी है इनके लिए मसाला तैयार करने की.

    मेथी, सौंफ, पीली सरसों और अजवायन को साफ़ करके दरदरा पीस लें.

    एक स्टील के बर्तन में तेल डाल कर गरम कर लें और फिर गैस बंद कर दें. तेल को हल्का ठंडा करके उसमें सबसे पहले हींग फिर हल्दी और फिर सारे मसाले डाल कर मिला लें. नमक डालें और आम की फांकों का खट्टा पानी मिला कर आम की फांकों को भी इस मसाले वाले तेल में डाल लें. इन सबको तब तक मिलाएं जब तक सारे मसाले आम की फ़ांकों पर अच्छे से ना लिपट जाएं.

    आम का सूखा आचार तैयार है. इसे साफ़ और सूखे कंटेनर में भर लें. और इसे निकालने के लिए हमेशा साफ़ व सूखे चम्मच का ही प्रयोग करें. ये आचार कम तेल में भी साल भर खराब नहीं होगा. कभी कभार इसे धूप में भी रख लें.

    10 - परवल का आचार

    परवल (Pointed gourd) - 300 ग्राम

    सरसों का तेल - 2 टेबल स्पून

    हींग - 1-2 पिंच

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    पीली सरसों - एक टेबल स्पून

    सौंफ़ - एक टेबल स्पून

    मैथी दाना - 2 छोटी चम्मच

    अमचूर पाउडर - आधा छोटी चम्मच

    परवल का आचार बनाने के लिए बिलकुल ताज़ा और हरे परवल लेकर उन्हें खुरच कर छील लें. छीलन के बाद इन्हें अच्छे से धो लें. जब परवल से पानी सूख जाए तो उन्हें गोल-गोल कतरे में काट लें.

    एक बर्तन में इतना पानी डाल कर उबालें जिसमें परवल के सारे टुकडे़ डूब जाएं. जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें परवल के टुकडे़ डाल लें. इन्हें 2-3 मिनट उबालें और फिर पानी से निकाल लें.

    आप चाहें तो इन्हें उबालने की बजाए 2 मिनट के लिए माइक्रोवेव में पका लें. उबालने या पकाने से परवल हल्के नरम हो जाएंगे और फिर जब हम इन्हें सुखाएंगे तो इनमें नमी बाकी नहीं रहेगी.

    परवल के टुकडों को साफ़ और सूती कपडे़ पर डाल कर 4-5 घंटे के लिए धूप में सुखा लें. इतने समय में ये आचार के लिए तैयार हो जाएंगे.

    पीली सरसों, सौफ़ और मेथी के दानों को साफ़ कर लें. इन तीनों को दरदरा पीस लें.

    तेल को स्टील के बर्तन में डालें और तेज़ गरम कर लें. अब इसे हल्का सा ठंडा कर लें. हलके ठंडे तेल में हींग और हल्दी डालें. अब सारे मसाले डाल कर मिला लें. परवल के टुकडों को इसमें डालें और मिला लें.

    मसाले में मिले परवल के टुकडों को कांच के एअर टाइट कंटेनर में डाल लें. 3-4 दिन में परवल का आचार तैयार हो जाएगा. इसे आराम से 2 हफ़्ते तक खाते रहें.

    11 - साबुत लसोडे का आचार

    लसोड़े -(Gunda) 1/2 किग्रा.

    हल्दी पाउडर - एक छोटी चम्मच

    राई या पीली सरसों - 2 टेबल स्पून (दरदरी पिसी हुई)

    नमक - 1 1/2 छोटी चम्मच (स्वादानुसार)

    लाल मिर्च पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच

    सरसों का तेल - 2 टेबल स्पून

    हींग - 1 पिंच

    लसोडे़ को डंठ्ठल से तोड़ कर अच्छे से धो लें. एक बर्तन में पाने उबालें. पानी इतना हो जिसमें सारे लसोडे़ आसानी से डूब जाएं. जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें लसोडे़ को डाल दें. फिर से उबाल आने के बाद भी इन्हें 3-4 मिनट तक उबालते रहें. फिर गैस बंद करके इन्हें पानी में रखे रखे ही ढक दें. जब ये ठंडे हो जाएं तो इनसे पानी निकाल दें.

    अब सबसे पहले लसोडे़ को पानी में डालकर लसोडे़ की कांजी बनानी है. जिसके लिए 1 लीटर पानी को उबालने के लिए रख दें और उबलने के बाद इसे ठंडा कर लें. उबाले हुए लसोडे़ को कांच या प्लास्टिक के किसी कंटेनर में भर लें. इनमें 1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर, 2 छोटी चम्मच नमक, ¼ चम्मच लाल मिर्च, पीली सरसों और सरसों का तेल डाल कर अच्छे से मिला दें. अब इन मसाले में मिले लसोडों में उबला ठंडा पानी भी मिला दें. चम्मच से चला कर कंटेनर का ढक्कन बंद कर दें. 3-4 दिन में लसोडे़ की स्वादिष्ट कांजी बन कर तैयार हो जाएगी. इसे दिन में एक बार चम्मच से ज़रूर चला दें. आचार बनाते समय साफ़ और सूखे बर्तन ही इस्तेमाल करें.

    लसोडे़ की काजी को चाहें तो पी सकते हैं या चपाती और परांठे के साथ खा भी सकते हैं. 15 दिन में कांजी वाले लसोडै़ पीले और खट्टे हो जाएंगे. साथ ही लसोडे़ की गुठलियों का चिपचिपापन भी खत्म हो जाएगा. आप कांजी से लसोडे़ निकाल कर अलग कर लें.

    लसोडों को आप खा भी सकते हैं. इन्हें तेल में डुबा कर रख लें. इससे ये आचार साल भर खराब नहीं होगा. इसके लिए लसोडे़ को साफ कंटेनर में भर लें. तेल को त्ज़ गरम करके ठंडा करें और फिर लसोडे़ में डाल कर इन्हें डुबा दें. जब भी मन करे आचार को निकाल कर खाएं.

    मसाले वाले लसोडे़:

    लसोडे़ का मसाले वाला आचार बनाने के लिए लसोडे़ में मसाला मिला दिया जाता है.

    1-2 कच्चे हरे आम लेकर इन्हें धो कर छील लें. इनके गूदे को निकाल कर पीस लें. 1 टेबल स्पून नमक, 1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर, 2 टेबल स्पून मेथी दाना, 2 टेबल स्पून पीली सरसों, 2 छोटी चम्मच अजवायन, 1 छोटी चम्मच लाल मिर्च और एक चौथाई छोटी चम्मच हींग लें. इन सबको साफ़ करके दरदरा पीस लें. आप इस आचार में 8-10 लाल मिर्च भी डाल सकते हैं. ये खट्टी होकर बेहद स्वाद लगती हैं.

    एक स्टील की कढा़ई में आधा कप सरसोम का तेल तेज़ गरम करें. फिर गैस बंद करके इसे हल्का ठंडा कर लें. हल्के गरम तेल में आम का गूदा, हींग और हल्दी मिलाएं. फिर सारे मसाले डाल कर मिला दें. आचार का मसाला बन कर तैयार है.

    तैयार मसाले में लसोडे़ डाल कर मिलाएं. ठंडा होने पर इन्हें किसी साफ़ कंटेनर में भर दें. आच्रार को मज़े से खाएं. इसे ज़्यादा समय चलाने के लिए तेल में डुबो के रखें.

    12 - गोभी, गाजर और मटर का मिक्स आचार

    गोभी - 500 ग्राम (कटी हुई 2 1/2 कप )

    गाजर - 500 ग्राम ( कटे हुये 2 1/2 कप)

    हरे मटर के दाने या शलजम - 200 ग्राम ( 1 कप)

    हींग - एक चने के दाने बराबर

    सरसों का तेल - 100 ग्राम ( आधा कप )

    पीली सरसों - 2 टेबल स्पून (पिसी हुई)

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    सिरका - एक टेबल स्पून (2 नीबू का रस)

    नमक - स्वादानुसार ( 2 1/2 छोटी चम्मच)

    गोभी को बडे-बडे टुकडों में काट लें. एक बर्तन में पाने गरम करके इसमें 1 छोटी चम्मच नमक मिलाएं. फिर इसमें गोभी डाल कर 10-15 मिनट के लिए ढक कर रख दें. अब इसे गरम पानी से निकाल कर सादे पानी से धो लें. गाजर को धोकर छीलें और फिर से एक बार धो लें. इसे 2 इंच लम्बे पतले टुकडों में काट कर रख लें. मटर के दाने निकाल कर इन्हें भी धो लें.

    एक बडे बर्तन में पानी डालकर उबालें. पानी इतना हो जिसमें सारी सब्ज़ियां आसानी से डूब जाएं. जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें सब्ज़ियां डाल दें. इन्हें 3-4 मिनट उबलने दें और फिर 5 मिनट के लिए ढक कर रख दें.

    5 मिनट बाद किसी बडी छलनी की मदद से सब्ज़ियों को छान कर सारा पानी निकाल दें. अब इन्हें एक साफ़ मोटे कपडे पर डाल कर 4-5 घंटों के लिए धूप में सुखा लें.

    धूप में जब सब्ज़ियों का सारा पानी अच्छे से सूख जाए तो इन्हें किसी बडे बर्तन में रख लें. एक कढाई में तेल डालकर अच्छे से गरम करें और फिर गैस बंद कर दें. तेल को हल्का ठंडा करें. जब ये हल्का गर्म हो तो इसमें पीली सरसों, नमक, लाल मिर्च, हल्दी पाउडर और पिसी हींग डाल लें. सारी सब्ज़ियां डालें और इन सबको अच्छे से मिला लें. अब इसमें सिरका या नींबू का रस भी डाल कर मिला लें.

    आचार को किसी साफ और सूखे कांच या प्लास्टिक के कंटेनर में भर लें. इसे 2 दिन में चम्मच से 1 बार उपर-नीचे भी करते रहें. 3-4 दिन में ये आचार पूरी तरह तैयार हो जाएगा और इसमें मसालों का स्वाद भी आ जाएगा.

    गोभी, गाजर और मटर का खट्टा और स्वादिष्ट आचार तैयार है. इसे जब चाहें खाएं. ये 1 महीने तक आराम से चलेगा. इसे ज़्यादा देर तक ठीक रखने के लिए फ़्रिज़ में रखें या फिर तेल में डुबो कर रखें.

    13 - मठा की हरी मिर्च का आचार

    हरी मिर्च मोटी अचार वाली - 500 ग्राम

    मठा - 1 -1.5 लीटर (जिसमें मिर्च डुब सकें)

    नमक - 50 ग्राम ( 2 टेबल स्पून)

    पीली सरसों - 4 टेबल स्पून (पाउडर)

    सोंफ पाउडर- 2 टेबल स्पून

    मैथी - 1 टेबल स्पून

    हल्दी पाउडर - 1 टेबल स्पून

    हींग - 1/6 छोटी चम्मच

    जीरा - 2 छोटी चम्मच

    नीबू - 2 (रस निकाल लीजिये)

    सरसों का तेल - 2 टेबल स्पून

    बाज़ार से आचार वाली मोटी हरी मिर्च ले आएं. इसे साफ़ पाने से 2 बार अच्छे से धो कर सुखा लें.

    मठा आप डेरी से ला सकते हैं. आप चाहें तो घर पर ही दही को मथ कर इसमें चार गुना पानी मिला कर मठ्ठा तैयार कर लें.

    कांच या प्लास्टिक के एक कंटेनर में मिर्चों को भर लें. अब इनमें मठा डाल कर इन्हें मठ्ठा में डुबा दें. कंटेनर को धूप में रख दें. 3-4 दिन में ये मिर्चें पीली होने लगेंगी. इन्हें 2 दिन में 1 बार चम्मच से हिला ज़रूर दें.

    अगर मिर्चें पीली और नरम होने लगी हैं तो इन्हें मठा से निकाल लें. अब इन्हें साफ़ पानी से अच्छे से धो लें ताकि इन पर मठ्ठा लगा ना रह जाए.

    एक साफ़ और सूखा कपडा़ बिछा कर मिर्चों को उस पर धूप में डाल कर फ़ैला दें. सुबह से शाम तक, 1 दिन की धूप ही इनके सूखने के लिए काफ़ी है. जब मिर्चें सूख जाएं तो इनमें एक तरफ़ उरप से नीचे तक लंबाई में कट लगाएं. लेकिन दूसरी तरफ़ से मिर्चें जुडीं रहनी चाहिएं.

    मिर्च का मसाला तैयार करने के लिए हींग, जीरा और मेथी को दरदरा पीस लें. पीली सरसों काफ़ी जल्दी पिस जाती है, इसलिए इसे अलग से पीस लें. पिसे हुए सारे मसाले, नमक, हल्दी पाउडर, नींबू का रस और तेल डालकर सबको मिला लें.

    तैयार मसाले को कट लगाई हुई मिर्चों में भर लें. इनमें इतना मसाला भरें कि ना तो ये खाली रहें और ना ही मसाला बाहर आए. अगर आप चाहते हैं कि आचार ज़्यादा समय तक चले तो इक प्याली में 4 चम्मच सरसों का तेल लेकर, मसाले भरी एक-एक मिर्च को इसमें डुबा कर कंटेनर में भर लें. 4-5 दिन में ये आचार स्वादिष्ट होकर तैयार हो जाएगा. आप इसे 6 महीने तक आराम से खा सकते हैं.

    14 - अदरक का आचार

    अदरक - 200 ग्राम

    नीबू - 200 ग्राम

    नमक - 1 छोटी चम्मच

    काला नमक - 1 छोटी चम्मच

    हींग - 2-3 पिंच (पिसी हुई)

    काली मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच

    बिना रेशे का अदरक बाज़ार से खरीद कर ले आएं. अब इसे छील कर अच्छे से धो लें और फिर सुखा लें. पानी सुखाने के बाद अदरक को छोटे-छोटे और पतले टुकडों में काट लें.

    नींबू को धो कर उनका पानी सुखा लें. अब इन्हें काटें और इनका रक निकाल लें.

    कटे हुए अदरक के टुकडों में नमक, काला नमक, हींग, काली मिर्च और नींबू का रस डाल लें. सारी चीज़ों को अच्छे से मिला लें.

    तैयार अदरक के टुकडों को कांच के साफ़ कंटेनर में भर लें. कंटेनर के ढक्कन को अच्छे से बंद कर दें. अगर आपके घर में धूप आती है तो आचार को तीन दिन के लिए धूप में रख दें. आचार को हर दूसरे दिन हिला कर उपर नीचे ज़रूर कर दें. अगर घर में धूप ना आती हो तो आप इसे कमरे में ही रख सकते हैं. इसे दिन में एक बार चम्मच से चला दें. अदरक के आचार को आप अभी से खा सकते हैं लेकिन 3-4 दिन में इसमें सारे मसालों का स्वाद भर जाएगा और आचार बेहद स्वादिष्ट हो जाएगा.

    अदरक का बेहद स्वादिष्ट आचार तैयार है. इसे 15-20 दिन तक आराम से खाए और ज़्यादा दिन तक चलाने के लिए अदरक को नींबू के रस में डुबा कर रखें. ऎसा करने से ये काफ़ी समय तक ठीक रहेगा. आचार को नमी वाली जगह पर ना रखें और जब भी इसे निकालें तो साफ़ और सूखे चम्मच से ही निकालें. अदरक के आचार को अपने खाने में शामिल करें ये खाने के स्वाद को बढा़ देगा और इसे पचाने में भी आपकी मदद करेगा.

    15 - आमरा का आचार

    आमरा फल - 250 ग्राम

    हींग - 2 पिंच

    नमक - 1 छोटी चम्मच

    हल्दी पाउडर - आधा छोटी चम्मच

    लाल मिर्च पाउडर - एक चौथाई छोटी चम्मच

    पीली सरसों - 2 छोटी चम्मच

    सरसों का तेल - 2 टेबिल स्पून

    आमरा को अच्छे से धो कर इसके दोनों तरफ़ के डंठल काट कर अलग कर दें. अब इसे गोल व पतले टुकडों में

    काट लें.

    कढा़ई में सरसों को तेल अच्छे से गरम करके गैस को बंद कर दें. इसमें हींग डाल कर फिर आमरा के टुकडे़ डाल दें. अब नमक, हल्दी पाउडर, पीली सरसों और लाल मिर्च डाल कर सारी चीज़ों को अच्छे से मिला लें.

    एक साफ़ और सूखा कंटेनर लेकर इसमें सारे आचार अच्छे से ठंडा करके डाल दें. इसे 4-5 दिन तक रोज़ 1 बार चम्मच से चलाकर उपर-नीचे ज़रूर कर दें.

    आमरा का स्वादिष्ट और खट्टा आचार तैयार है. इसे जब भी मन करे कंटेनर से निकाल कर खाने में शामिल करें और मज़े से खाएं.

    अगर आप चाहते हैं कि ये आचार ज़्यादा समत तक ठीक रहे तो इसे तेल में डुबा कर रखें.

    16 - कटहल का आचार

    कटहल - 300 ग्राम

    सरसों का तेल - 100 ग्राम

    हींग - 2 पिंच

    नमक - 1 1/2 छोटी चम्मच

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    लाल मिर्च - आधा छोटी चम्मच

    पीली सरसों - 3 छोटी चम्मच

    कच्चा और सफ़ेद वैराइटी का कटहल लेकर इसको दुकान वाले से ही छिलवा लें. इसे घर पर लाकर धो लें. अब हाथों पर तेल लगाकर कटहल के बीज़ों से छिलके उतारते हुए इसे काट लें.

    कूकर में एक गिलास पानी डाल लें और एक प्लेट जिसके किनारे आधा इंच या इससे ज़्यादा उंचे हों रख दें. कटहल को कूकर के सेपरेटर में भरकर इस सेपरेटर को रखी हुई प्लेट पर रख लें. अब बिना सीटी लगाए कूकर का ढक्कन बंद कर दें. कटहल को 10 मिनट के लिए इसी तरह पकने दें. कटहल इस भाप में उबल जाएगा. आप चाहें तो कटहल को माइक्रोवेव में किसी बाउल में ढक कर भी 5 मिनट में पका सकते हैं. जब कटहल उबल जाए तो ये ज़रूर ध्यान रखें कि उबले हुए कटहल में पानी की मात्रा कम से कम हो.

    अब एक कढा़ई में तेल डालकर गरम करें और फिर गैस बंद कर दें. इसमें पिसी हुई हींग डाल कर चलाएं. हल्दी, नमक, लाल मिर्च, पीली सरसों और कटहल के टुकडे़ डाल कर सबको अच्छे से मिला लें. कटहल का आचार बन गया है.

    तैयार आचार को किसी साफ़ और सूखे कंटेनर में भर कर रख लें. 3 दिन तक आचार को दिन में एक बार चम्मच से ज़रूर चलाते रहें. इतने समय में ये खट्टा होकर अच्छे से तैयार हो जाएगा. फिर जब भी आपका मन करे इसे निकाल कर खा लें.

    कटहल के आचार को फ़्रिज़ में रखकर 2 हफ़्तों तक आराम से खाया जा सकता है. अगर आप चाहते हैं कि ये आचार ज़्यादा दिन तक ठीक रहे तो इसे तेल में डुबा कर रखें.

    17 - लसोड़े का अचार

    लसोड़े - 500 ग्राम

    हींग - 1/4 छोटी चुटकी

    पीली सरसों - 3 छोटी चम्मच ( पिसी हुई )

    सौंफ - 2 छोटी चम्मच ( पिसी हुई )

    मेथी के दाने - 1 छोटी चम्मच

    अजवायन - 1/2 छोटी चम्मच

    जीरा - 1/2 छोटी चम्मच

    हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    लाल मिर्च पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    नमक - 2 छोटी चम्मच

    सरसों का तेल - 100 ग्राम (आधा कप)

    लसोड़ों को डंठल तोड़कर अच्छी तरह धो लीजिये और एक भगोने में आधा लीटर पानी (इतना पानी लीजिये कि लसोड़े पानी में डूब जाय) भर कर उबाल लीजिये। जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें लसोड़े डाल कर फिर से उबाल लगा लीजिये। उबाल आने के बाद 5 मिनट के लिये ढककर मीडियम गैस पर पकाइये और फिर गैस बंद कर दीजिये।

    ठंडा होने पर पानी से लसोड़े निकाल कर पानी को फेंक दीजिये और लसोड़ों को छलनी में रख दीजिये ताकि उनमें बचा पानी भी निकल जाए। अब लसोड़ों को 2 भागों में काट कर उनके अंदर से गुठलियाँ निकाल लीजिये। अचार बनाने के लिये लसोड़े तैयार हैं।

    कढाई में जीरा, मेथी के दाने, अजवायन और सौंफ डालकर हल्का सा रोस्ट कर लीजिये। फिर इन सब को ठंडा करके मिक्सर में डालिये और साथ में पीली सरसों, नमक और हल्दी डालकर दरदरा पीस लीजिये। अब कढ़ाई में तेल गर्म कीजिये और उसमें लसोड़े, पिसे मसाले, लाल मिर्च और हींग डालकर अच्छी तरह मिला दीजिये और फिर गैस बंद कर दीजिये।

    लसोड़े का अचार तैयार है। इसको ठंडा करके किसी जार में रख दीजिये। इस अचार को तैयार होने में 6-7 दिन लग जाते हैं। अचार को दिन में एक बार चमचे से ऊपर नीचे जरूर कर दें ताकि सारा अचार एक सा हो जाए। 6-7 दिन के बाद आप देखेंगे कि अचार खट्टा और बेहद स्वादिष्ट हो गया है। अब आप इस अचार को खा सकते हैं।

    अचार को खराब होने से बचाने के लिये इसमें इतना तेल गर्म करके ठंडा करके डाल दीजिये कि लसोड़े तेल में डूबे रहें। अब आप यह अचार साल भर तक कभी भी खा सकते हैं।

    18 - कमल ककड़ी का अचार

    कमल ककडी़ - 500 ग्राम

    अजवायन - एक छोटी चम्मच

    हींग - दो चुटकी

    सौंफ - एक छोटी चम्मच

    काली मिर्च - आधी छोटी चम्मच

    हल्दी - एक छोटी चम्मच

    धनिया - एक छोटी चम्मच

    तेल - 200 ग्राम (एक कप)

    नीबू - 2

    नमक - दो छोटी चम्मच

    सबसे पहले कमल ककड़ी को धोकर छीलिये और फिर दुबारा धो कर पतले-पतले टुकड़ों में काट लीजिये।

    उसके बाद एक भगोनी में पानी खौलाकर उसमें कमल ककड़ी के टुकड़े डाल दीजिये और लगभग 3-4 मिनट उबलने दीजिये (ध्यान रखें कि टुकड़े सिर्फ हल्के से नरम हों बिल्कुल गल ना जाएं)। उबलने के बाद जब ये हल्के नरम हो जाएं तो इन्हें किसी सूखे और साफ कपड़े पर डाल कर 2-3 घंटे के लिये सुखा दीजिये (ध्यान रखें कि अचार बनाते समय ये टुकड़े एकदम सूखे हों और इनमें जरा भी नमी न हो वर्ना इनका अचार ज्ल्दी खराब हो जाएगा)।

    अब अजवायन, सौंफ, काली मिर्च और धनिया कूट कर दरदरा पीस लीजिये और एक कढ़ाई में तेल गर्म करके उसमें ये सभी मसाले और साथ में हींग डालकर फ्राइ कर लीजिये। जब यह मसाला अच्छी तरह भुन जाए तो गैस बंद करके इसमें कमल ककड़ी के टुकड़े व नमक मिला दीजिये और ठंडा होने के बाद इसमें नीबू का रस मिला कर कांच या प्लास्टिक के कंटेनर में भर कर रख दीजिये। चार पांच दिन में यह खूब स्वादिष्ट अचार बन जाएगा।

    अब कमल ककड़ी का अचार बिल्कुल तैयार है। आप इसे जब भी खाना चाहें शौक से खाइये और घर में सभी को खिलाइये। इस अचार को ज्यादा दिन तक चलाने के लिये पूरी तरह से तेल में डुबा कर रखिये।

    19 - अदरक का अचार

    अदरक - 200 ग्राम

    नींबू - 200 ग्राम

    नमक - 1 छोटी चम्मच

    काला नमक - 1 छोटी चम्मच

    हींग - 2-3 चुटकी (पिसी हुई)

    काली मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच

    सबसे पहले अदरक को छीलकर साफ पानी से धोइये और फिर जब अदरक सूख जाए तो उसे पतले-पतले टुकड़ों में काट लीजिये।

    उसके बाद नींबू को धोकर सुखाइये और काट कर उनका रस निकाल लीजिये।

    अब अदरक के टुकड़ों में नीबू का रस, नमक, काला नमक, हींग और काली मिर्च पाउडर डालकर सबको अच्छी तरह मिलाइये और फिर किसी कांच के कंटेनर में भरकर 3 दिन के लिये धूप में रख दीजिये (यदि आपके घर में धूप नहीं आती तो आप इसे कमरे के अंदर भी रख सकते हैं)। दिन में एक बार अचार को हिला कर नींबू के रस को ऊपर नीचे कर दीजिये और 3 दिन के बाद जब यह पूरी तरह तैयार हो जाए तो खाना शुरू कर दीजिये।

    इस अचार को आप 15-20 दिन तक आराम से खा सकते हैं और यदि आप इसे ज्यादा समय तक रख कर खाना चाहते हैं तो अचार के कंटेनर को नींबू के रस से इतना भर दीजिये कि अदरक नींबू के रस में अच्छे से डूबा रहे। अचार को हमेशा सूखे और साफ चमचे से ही निकालें क्योंकि यदि कंटेनर में ज़रा भी नमी गई तो अचार में फफूंदी लग जाएगी।

    20 - कैप्सिकम मार्मलेड

    कैप्सिकम (Bell pepper) - 1-1-1 लाल, पीली ,हरी (400 ग्राम)

    नीबू - 2 (रस निकाल लीजिये)

    चीनी - 1 1/4 कप (250 ग्राम)

    काली मिर्च पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच से आधी

    गैस पर एक जाली वाला स्टैंड रख लें. इसके उपर तीनों शिमला मिर्च को रख कर भूनें. सारी सरफ़ेस को अच्छे से काला होने तक इन्हें घुमा-घुमा कर भून लें. जब ये भुन जाएं तो गैस बंद करके इन्हें ठंडा कर लें. ठंडा होने के बाद शिमला मिर्च को किसी साफ़ कपडे़ से रगडे़ और इसका सारा काला छिलका उतार दें. अगर काला छिलका कहीं हल्का बच जाए तो उसे आप चाकू से खुरच कर भी हटा सकते हैं. छिलका हटाने के बाद इन्हें पानी से धो कर पोंछ लें.

    शिमला मिर्च को बीच में से काट कर उसके बीज हटा दें. फिर इन्हें बडे़-बडे़ टुकडों में काट लें. 1/4 शिमला मिर्च को अलग से बारीक और छोटे टुकडों में काट लें. बाकी सारी बडे़ टुकडों में कटी शिमला मिर्च को मिक्सी में डाल कर हल्का दरदरा पीस लें.

    अब गैस पर पिसी हुई शिमला मिर्च और इसके टुकडे़ पैन में डाल कर पकाने के लिए रख लें. इस मिश्रण में चीनी डाल कर मिलाएं और इसे 1-2 मिनट तक चलाते हुए पका लें. हमें इस मार्मलेड को गाढा़ होने तक पकाना है.

    एक नींबू लेकर पीलर की मदद से इसकी उपर की पतली परत निकाल लें. फिर इस निकाली हुई परत को बारीक काट कर मार्मलेड वाले मिश्रण में मिला लें. साथ ही इसमें काली मिर्च भी डाल कर मिला लें.

    जब मार्मलेड अच्छे से गाढा़ हो जाए तो इसकी एक बूंद प्लेट में गिरा लें. फिर ठंडा होने पर इसे अंगुठे और उंगली के बीच चिपका कर देखें. अगर मार्मलेड से तार निकल रहे हैं तो ये पर्याप्त पक चुका है.

    गैस बंद करके शिमला मिर्च के मार्मलेड को ठंडा होने के लिए रख दें. जब ये ठंडा हो जाए तो इसमें नींबू का रस डाल कर मिला दें.

    शिमला मिर्च का टेस्टी मार्मलेड तैयार है. इसे अच्छे से ठंडा होने के बाद किसी कांच के कंटेनर में भर कर रख लें. और 6 महीनों तक आराम से खाते रहें. आप इसे बर्गर, चिप्स, या परांठे के साथ भी खा सकते हैं. आप इसे बच्चों को परांठे के साथ टिफ़िन में भी दे सकते हैं. उन्हें तो ये बहुत पसंद आएगा.

    अन्य रसप्रद विकल्प

    शेयर करे

    NEW REALESED