कौआ और घड़ा Bikash parajuli द्वारा जानवरों में हिंदी पीडीएफ

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कौआ और घड़ा

गर्मियों का मौसम था। सूरज आग बरसा रहा था। चारों ओर धूल उड़ रही थी, पेड़ों की पत्तियाँ सूखकर मुरझा गई थीं। तालाब और नदी का पानी भी सूख गया था। ऐसे में जंगल के जानवरों और पक्षियों के लिए पानी खोजना बहुत मुश्किल हो गया था।

एक दिन एक प्यासा कौआ आसमान में उड़ता हुआ पानी की तलाश कर रहा था। उसकी चोंच सूख चुकी थी, पंख थकान से झूल रहे थे। उसने सोचा –
“अगर जल्दी पानी न मिला तो मैं मर जाऊँगा।”

कौआ उड़ते-उड़ते इधर-उधर देखता रहा। उसे कहीं भी पानी नहीं दिखा। कभी वह खेतों की ओर उड़ता, कभी पेड़ों के झुरमुट की ओर। लेकिन हर जगह निराशा ही हाथ लगी।

काफी देर तक खोजने के बाद अचानक उसे दूर एक घर के आँगन में रखा हुआ घड़ा दिखाई दिया। घड़े को देखकर उसकी आँखों में चमक आ गई। वह तेजी से उड़कर वहाँ पहुँचा और घड़े की गर्दन पर बैठ गया।

कौए ने अंदर झाँका। सचमुच उसमें पानी था, लेकिन बहुत नीचे। उसने अपनी चोंच डाली, पर पानी तक पहुँच न पाया। उसने और कोशिश की, पर नाकाम रहा।

कौए ने थककर सोचा –
“क्या फायदा? पानी है भी और मैं पी नहीं पा रहा हूँ। अब मैं मर ही जाऊँगा।”

लेकिन फिर उसके दिमाग में ख्याल आया –
“नहीं! हार मानना ठीक नहीं। शायद कोई उपाय निकले।”

उसने इधर-उधर नज़र दौड़ाई। उसे पास ही बहुत सारे छोटे-छोटे कंकड़ पड़े दिखाई दिए। कौए के दिमाग में एक नई योजना आई।

वह उड़कर नीचे गया और अपनी चोंच से एक कंकड़ उठाया। उसे घड़े में डाल दिया। फिर दूसरा, फिर तीसरा…

धीरे-धीरे कंकड़ डालते-डालते पानी ऊपर आने लगा। कौए की आँखों में उम्मीद की चमक लौट आई।
“हाँ! यह उपाय काम कर रहा है।”

उसने लगातार मेहनत जारी रखी। कंकड़ डालते-डालते पानी इतना ऊपर आ गया कि उसकी चोंच आसानी से पानी तक पहुँच गई।

कौए ने जी भरकर पानी पिया। उसकी प्यास बुझ गई। अब वह पहले जैसा थका और निराश नहीं था, बल्कि ताजगी और उत्साह से भर गया था।

पानी पीने के बाद कौए ने सोचा –
“सचमुच, बुद्धिमानी और धैर्य से हर समस्या का हल निकल सकता है। अगर मैं हार मान लेता, तो आज प्यासा मर जाता।”

वह खुशी-खुशी उड़ गया और बाकी पक्षियों को भी यह कहानी सुनाई। सबने सीखा कि हिम्मत और बुद्धि से हर कठिनाई आसान हो सकती है।

 संवाद (कहानी को और जीवंत बनाने के लिए)

कौआ (थका हुआ): “हे भगवान! इतनी गर्मी है, कहीं भी पानी नहीं मिल रहा। क्या मैं प्यासा ही मर जाऊँगा?”

(घड़ा देखकर) “अरे वाह! यहाँ पानी है। लेकिन यह तो बहुत नीचे है। अब क्या करूँ?”

(कंकड़ डालते समय) “हाँ, यही सही उपाय है। अगर मैं लगातार कोशिश करता रहूँगा तो जीत मेरी होगी।”

(पानी पीने के बाद) “वाह! तसल्ली मिल गई। सच है, हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती।”

कहानी से सीख (Moral of the Story)

1. बुद्धिमानी और धैर्य से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।


2. मुसीबत में हार मानने के बजाय उपाय सोचना चाहिए।


3. लगातार प्रयास हमेशा फल देता है।

4. समझदारी और धैर्य से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।

5. कठिन समय में हार मानने के बजाय उपाय ढूँढना चाहिए।

6. मेहनत और लगन से सफलता निश्चित मिलती है।