Miss Shetty Mr Polishetty - Film Review aarya chouhan द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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Miss Shetty Mr Polishetty - Film Review

कभी सोचा है कि अगर कोई डॉक्टर मैडम अचानक से कह दे – "मुझे शादी-विवाह से मतलब नहीं, बस बच्चा चाहिए!" – तो सामने वाले बेचारे लड़के का क्या हाल होगा? यही गड़बड़-गोल इस फिल्म में देखने को मिलता है।

फिल्म की कहानी शुरू होती है मिस शेठ्टी (अनुष्का शेट्टी) से। अब ये कोई आम डॉक्टर नहीं, बल्कि "सुपर कूल, सुपर कॉन्फिडेंट" डॉक्टर हैं। खूबसूरत भी इतनी कि मरीज तो इलाज करवाने आएं, लेकिन बार-बार फॉलोअप लेने का बहाना ढूंढते रहें। मगर मैडम का दिल अब "शादी-ब्याह" वाले चक्कर में नहीं है। उन्हें बस लाइफ में एक बच्चा चाहिए। सुनने में सीरियस लगेगा, लेकिन फिल्म ने इसे इतना हल्का-फुल्का और मजेदार बनाया है कि आप हँसते-हँसते सोच में पड़ जाएंगे।

अब आते हैं कहानी के असली हीरे – मिस्टर पोलिशेट्टी (नवीन पोलिशेट्टी)। यह लड़का है असली कॉमेडी मशीन। उसके डायलॉग्स ऐसे हैं जैसे फुल-चार्ज बैटरी – हर बार ऑडियंस को झटका देकर हंसाते रहते हैं। पोलिशेट्टी असल में स्ट्रगल करता कॉमेडियन है, जिसका सपना है बड़ा बनने का, लेकिन फिलहाल छोटे-छोटे स्टेज शो से ही तसल्ली कर रहा है।

फिल्म का मजा तब बढ़ता है जब मिस शेठ्टी और मिस्टर पोलिशेट्टी की दुनिया टकराती है। शेठ्टी मैडम उन्हें अपने "बेबी प्रोजेक्ट" के लिए सही कैंडिडेट मान लेती हैं। सोचिए, बेचारे पोलिशेट्टी को लगा कि अब तो बॉलीवुड वाली लव स्टोरी शुरू होने वाली है – गुलाब, गाना और बारिश में डांस! लेकिन सामने से मिस शेठ्टी का ऑफर सुनकर उनकी हालत वैसी हो जाती है जैसे एग्जाम हॉल में मैथ्स का पेपर देखकर स्टूडेंट्स की हो जाती है – हक्का-बक्का।

इसके बाद फिल्म में ढेरों मजेदार सीन आते हैं।
कहीं पोलिशेट्टी "लव स्टोरी मोड" में रहते हैं तो मिस शेठ्टी "सीरियस प्रोजेक्ट मोड" में।

कभी डॉक्टर मैडम समझाती हैं कि रिलेशनशिप का कोई मतलब नहीं, और पोलिशेट्टी समझाते हैं कि "मैडम, लव स्टोरी के बिना लाइफ का मजा कैसा?"

और इन दोनों के बीच का यह खींचातानी आपको लगातार हंसाती रहती है।

नवीन पोलिशेट्टी का कॉमिक टाइमिंग इतना टाइट है कि आप सोचेंगे, यह लड़का स्क्रिप्ट नहीं पढ़ता, बल्कि सीधे ऑडियंस से बातें कर रहा है।

अनुष्का शेट्टी पूरी फिल्म में शालीन, समझदार और बेहद ग्रेसफुल दिखती हैं। वो जितना सीरियस टोन पकड़ती हैं, उतना ही कॉमेडी को और मजेदार बना देती हैं।

दोनों की जोड़ी फिल्म की असली जान है – एकदम "साउथ इंडियन थाली" जैसी – जिसमें थोड़ा मसाला, थोड़ा मीठा और ढेर सारी क्रिस्पी डोसा जैसी कॉमेडी।

म्यूज़िक और डायलॉग्स:
गाने हल्के-फुल्के और कहानी के हिसाब से सही जगह पर आते हैं। डायलॉग्स इतने नैचुरल हैं कि कई बार लगेगा आप किसी असली कपल की बातचीत सुन रहे हैं।

फिल्म का मैसेज:
बिना भारी-भरकम लेक्चर दिए फिल्म यह सिखाती है कि रिश्ते सिर्फ "प्लानिंग" से नहीं चलते। उनमें दिल, इमोशन और थोड़ा सा पागलपन भी जरूरी है।

क्यों देखें यह फिल्म?
अगर आपको कॉमेडी चाहिए, इमोशन चाहिए और एक हटके स्टोरी चाहिए, तो यह फिल्म आपके लिए परफेक्ट है। यह वैसी फिल्म है जिसे आप फैमिली के साथ बैठकर भी देख सकते हैं और दोस्तों के साथ भी। और हाँ, इसमें "ओवरड्रामा" नहीं है, बल्कि नैचुरल हंसी है, जो आजकल फिल्मों में कम ही देखने को मिलती है।
तो भाई, पॉपकॉर्न उठाओ, कुर्सी पकड़ो और यह फिल्म ज़रूर देखो।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐⭐ (5/5 – क्योंकि दिल खुश हो गया!)