सजा या साथ? - 2-3 InkImagination द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सजा या साथ? - 2-3



Part 2: करीबियां या सिर्फ़ दिखावा?

प्रोजेक्ट शुरू हो चुका था। रहान और नायरा को एक "pretend couple" की तरह act करना था — फोटोशूट्स, सोशल मीडिया पोस्ट्स और ऑफिस के बाहर कुछ moments साथ बिताने की नौटंकी। लेकिन ये नौटंकी धीरे-धीरे दोनों के दिलों पर असर डालने लगी थी।

शुरुआत में नायरा इसे एक प्रोफेशनल ज़िम्मेदारी की तरह ले रही थी। लेकिन जब उसने पहली बार रहान को हँसते हुए देखा — बिना किसी दिखावे के — तो उसे अपने अंदर कुछ बदलता हुआ महसूस हुआ।

“तुम्हें हँसते हुए देखकर अजीब लगता है,” उसने एक दिन कहा।

रहान मुस्कराया, “क्योंकि मैं कम हँसता हूँ, या क्योंकि तुम ज़्यादा सोचती हो?”

“शायद दोनों,” नायरा ने कहा और उसकी आँखों में देखती रही।

कुछ हफ़्तों में दोनों के बीच की boundaries धुंधली होने लगीं। वे देर रात तक साथ बैठते, गेम डिज़ाइन पर discuss करते, और कभी-कभी बस खामोशी में चाय पीते। वो खामोशी अब बोझ नहीं लगती थी। उसमें अपनापन था।

लेकिन हर पल के साथ, नायरा के दिल में एक डर पलने लगा था। रहान की नज़रों में वो खालीपन क्यों है? क्या वो भी कुछ महसूस करता है, या ये सब बस एक role है?

एक शाम जब दोनों छत पर बैठे थे, शहर की रौशनी के बीच, नायरा ने पूछ लिया —

“अगर ये सब खत्म हो गया तो?”

रहान ने उसकी तरफ देखा। “तो हम फिर अजनबी बन जाएंगे?”

“क्या हम कभी अजनबी थे?”

रहान ने कुछ नहीं कहा। बस आसमान की तरफ देखने लगा — जैसे वहाँ कोई जवाब छुपा हो।

नायरा उस जवाब को पढ़ना चाहती थी। लेकिन वो रहान की खामोशी से डरती थी। कहीं ये खामोशी ही तो उनका रिश्ता नहीं थी?

कभी-कभी सवाल जवाब से ज़्यादा भारी होते हैं। और नायरा के सवाल अब उसकी आँखों से निकलने लगे थे...


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क्या ये सिर्फ़ एक दिखावे वाला रिश्ता है, या कहीं दिल वाकई जुड़ रहे हैं?

कमेंट में बताओ — आपको क्या लगता है, रहान क्या छुपा रहा है? 




Part 3: सच की दास्ताँ



दिल्ली की शामें अक्सर अजनबी लगती हैं, लेकिन उस दिन ऑफिस की बालकनी में खड़ी नायरा को ये शहर कुछ अपना-सा लग रहा था। शायद इसलिए क्योंकि अब उसके पास किसी की खामोशियाँ सुनने की आदत बन गई थी — रहान की।

पिछले कुछ हफ्तों में उनका फेक रिलेशनशिप अब हद से ज़्यादा रियल लगने लगा था। वो जो हाथ पकड़ने की एक्टिंग थी, अब उसमें नायरा को थोड़ी गर्माहट महसूस होने लगी थी। जो स्माइल वो सोशल मीडिया के लिए करती थी, अब वो अपने आप उसके चेहरे पर आने लगी थी।

लेकिन इन सब के बीच, रहान अब भी वैसा ही था — रहस्यमय, शांत, और कहीं खोया हुआ।


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काम के बहाने करीबियाँ

रोज़ाना की मीटिंग्स और इवेंट्स के बीच, दोनों का साथ रहना अब ऑफिस में चर्चा का विषय बन चुका था।

“तुम दोनों असल में भी डेट कर रहे हो क्या?” एक दिन टीम लीड साक्षी ने हँसते हुए पूछ लिया।

नायरा ने मुस्कराते हुए बात को टाल दिया, लेकिन रहान ने बस सिर झुकाकर कहा, “कुछ चीजें बताने के लिए नहीं होतीं।”

वो एक सिंपल सी लाइन थी, लेकिन उसमें कुछ ऐसा था जो नायरा को रातभर सोचने पर मजबूर कर गया।


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बीते हुए कल की परछाइयाँ

एक शाम, जब नायरा काम के बाद ऑफिस में अकेली थी, उसने गलती से रहान की टेबल पर रखा एक पुराना डायरी देख लिया। वो डायरी खुली हुई थी, शायद भूलवश रहान वहीं छोड़ गया था।

“तुम्हें पता है, मेरी पहली मोहब्बत मेरी सबसे बड़ी हार भी थी... और तभी से मैंने अपने दिल को लॉक कर दिया।”

ये लाइन पढ़कर नायरा सन्न रह गई। क्या रहान कभी प्यार कर चुका था? क्या वो अभी भी उस पल में फंसा हुआ है?

उसी वक्त पीछे से आवाज़ आई — “तुम मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती पढ़ रही हो।”

नायरा चौंक गई। रहान दरवाज़े पर खड़ा था, चेहरा भावहीन, लेकिन आँखों में एक तूफान।

“सॉरी... मैं बस... ये खुला हुआ था,” नायरा ने झिझकते हुए कहा।

“अब जान लिया तुमने... तो जान लो कि मैं वो इंसान नहीं हूँ जिसे कोई फिर से ठीक कर सके,” रहान की आवाज़ में वो थकान थी जो सालों से किसी दर्द को छुपाती है।

नायरा उसके पास आई, और पहली बार उसकी आँखों में देखकर बोली, “शायद मैं तुम्हें ठीक करने नहीं आई... लेकिन तुम्हें समझना चाहती हूँ।”


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रिश्ते की एक नई करवट

उस दिन के बाद से दोनों के बीच की नज़दीकियाँ और गहराई लेने लगीं। वो अब सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं रह गया था। अब उनके मिलने के बहाने में कुछ सच्चाई भी थी।

एक दिन जब बारिश हो रही थी और ऑफिस से सब जा चुके थे, दोनों छत पर खड़े थे।

नायरा ने रहान से पूछा, “अगर एक दिन ये सब खत्म हो जाए, तो क्या तुम फिर अजनबी बन जाओगे?”

रहान ने कुछ पल सोचा, फिर धीरे से बोला, “अगर कुछ सच्चा हो, तो खत्म नहीं होता — बदल जाता है।”

उसकी आँखों में पहली बार उम्मीद की हल्की सी रौशनी थी। लेकिन नायरा जानती थी, अभी भी बहुत कुछ छुपा है।


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एक अनजाना खतरा

अगले दिन कंपनी में एक मीटिंग रखी गई जिसमें रहान को नहीं बुलाया गया। नायरा को अजीब लगा। उसने जानबूझकर मीटिंग के बाद मैनेजमेंट से बात की।

“हमारा अगला प्रोजेक्ट सोलो फोकस्ड होगा, और शायद हमें आपकी और रहान की जोड़ी से ब्रेक लेना होगा,” मैनेजर ने कहा।

“लेकिन प्रोजेक्ट तो हिट हो रहा है, लोग हमें पसंद कर रहे हैं!” नायरा ने चौंककर कहा।

“शायद इसी वजह से... कुछ लोग ज्यादा लाइमलाइट में नहीं देखना चाहते उसे,” उन्होंने संक्षेप में कहा।

वो समझ गई थी — रहान के कुछ दुश्मन उसके अपने ही ऑफिस में थे। शायद उसका दर्द सिर्फ प्यार का नहीं था, बल्कि विश्वासघात का भी था।


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रात की एक मुलाकात

उसी रात रहान ने उसे मैसेज किया:

“Rooftop. 9 PM. Alone.”

वो गई। वहाँ रहान पहले से खड़ा था। उसके हाथ में एक पुराना फोटो था — एक लड़की की तस्वीर, और साथ में एक चिट्ठी।

“ये मेरी ज़िंदगी की पहली और आखिरी मोहब्बत थी... और उसकी मौत की वजह मैं था,” उसने कांपती आवाज़ में कहा।

नायरा ने उसका हाथ थामा, “तुम्हें फिर से जीना है, रहान। और अगर तुम चाहो, तो मैं साथ हूँ।”


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अब क्या?

क्या नायरा सच में रहान के दिल के ज़ख्मों को भर पाएगी?
क्या रहान इस रिश्ते को सिर्फ प्रोजेक्ट से बाहर लाकर अपनी सच्चाई मान पाएगा?

या फिर... कोई और सच्चाई अभी बाकी है?

💬 कमेंट में बताओ — क्या तुम रहान की जगह होते तो क्या करते?
क्या नायरा को रहान के अतीत को अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए?

📚 Part 4 जल्दी आ रहा है... और कहानी अब एक नए मोड़ पर जाने वाली है! ❤️




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