क्या यही है असली घर ? anmol sushil द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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क्या यही है असली घर ?

सीमा व अमित पति - पत्नी है। परंतु आज कल दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे है। दोनों हमेशा चिडचिडे् रहते है । 

न जाने कैसे दोनों के बीच इतनी दूरिया बढ़ गयी ।

सीमा एक स्कूल में अध्यापिका है गोर अमित एक कंपनी मे काम करते है। 

 आइये देखते हैं आगे की कहानी।

सुबह के साथ बजे है 

सीमा - अमित मैं स्कूल जा रही हूँ ।

आपका खाना बनाकर रख दिया है। मैं कल शाम तक जाऊँगी ।

अमित - ये क्या है मैने तुम्हे कल शाम को ही मना किया था कि तुम नहीं जाओगी।

सीमा - अमित मैं स्कूल के काम से पास के ही गांव मे  जा रही हूँ। मैं एक सरकारी अध्यापिका हूँ । मुझे गांव में जाकर माता -पिता को बच्चों को पढ़ाने के लिए समझाना है। 

अमित -  मुझे तुम्हारा शहर से बाहर जाना पसंद नही है। 

बस, दोनों में तनाओ बढ़ गया और बहस हो गयी।

अमित चिल्लाने लगा , सीमा रोने लगी और चुप -चाप स्कूल चली गई।

सीमा ने अपनी पहेली अध्यापिका से निवेदश किया अगर वो सीमा की जगह गांव जा सकता है। परंतु अंत में सीमा को ही जाना पड़ता है।

सीमा , स्कूल के बाकी अध्यापकों के साथ घर -घर जाकर गांव वालों को बच्चों को स्कूल में भेजने के लिए समझाती है । 

इसी बीच देखती है गांव के पुरुष लकडियाँ लेकर आ रहे है।

दूसरी ओर महिलाए पानी लाकर देती है। और सीमा व अन्य अध्यापकों से निवेदन करती है के वो भी चाय पिये। 

महिलाऐ जब चाय दे रही थी तो उनके मुख पर मुस्कान थी।

पुरुषों ने महिलाओं की चाय की तारीफ की और उनसे निवेदन किया कि वो अध्यापकों के साथ बात करे , तब तक वे बच्चों के स्कूल काम कराते है।

सीमा - आप लोगों की आपसी समझ कितनी अच्छी है।

महिलाऐ -  जी, पति -पत्नी ही तो जीवन के साथी है।

इसी समझ ही तो जीवन को आसान बनाती है।

सीमा, सोच में डूब गई  कि यही हैं असली घर, जहा पति -पत्नी, घर -वालो और मे आपसी समझ है व एक- दूसरे के लिए सम्मान है।

आइय देखते हैं अमित का हाल। अमित , जैसे ही घर आता है सीमा को घर न पाकर उदास हो जाता है।

मानो, घर उसे काटने को ही आ रहा है।

अमित नहाने जाने लगता है पर देखता है पानी खत्म हो गया। अमित , पानी की मोटर चलाकर पानी भरता है।

रसोई में कुछ खाने के लिए ढूंढने को जाते ही रसोई से बदबू आती है। अमित को याद आता है कि सुबह खाना बाहर ही रह गया । गर्मी से खाना खराब हो गया।अब अमित को अहसास होता है कि सीमा कैसै घर व बाहर सब संभालती है । और अमित कैसै बात - बात पर उससे बहस करता है।

अमित को अपनी गलती का अहसास हुआ।


सीमा, डर -डर के घर में पैर रखती है।

अमित सीमा को पकडर रसोई में ले जाता है।

रसोई में सीमा अपना पसंदीदा खाना देखकर चौंक जाती है।

अमित , सीमा से माफी माँगता है। सीमा भी अमित से वाला करती है कि आगे से झगड़ा नही करेगी  ।

दोनों बहुत दिनों बाद खिल-खिलाकर हँसते है व सीमा कहती है ये है , मेरा असली घर जहा पति -पत्नी में तनाव नही है।

कैसी लगी आपको ये कहानी ?