पाठकीय प्रतिक्रिया –यशवंत कोठारी Yashvant Kothari द्वारा पुस्तक समीक्षाएं में हिंदी पीडीएफ

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पाठकीय प्रतिक्रिया –यशवंत कोठारी

पाठकीय प्रतिक्रिया –यशवंत कोठारी 

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इनविजिबल इडियट –प्रभाशंकर उपाध्याय, भावना प्रकाशन दिल्ली पेज -160 मूल्य -300 रूपये 

वरिष्ठ व्यंग्यकार प्रभाशंकर उपाध्याय का नया व्यंग्य संकलन इनविजिबल इडियट नाम से आया है,इस के पहले उनके चार व्यंग्य संकलन व एक व्यंग्य उपन्यास आया है. 

इस किताब में उनके ४४ व्यंग्य संकलित हैं. कुछ शीर्षक है –मातम पुरसी और रुदन कला,सीधा हाथ का उल्टा चक्कर, साहित्य का आधुनिक गुरु, तीन दिन का राम राज, सपने वाली बेगम, अंगद के पांव आदि. 

गाय और किसान एक प्रश्नोत्तरी एक अद्भुत आलेख है जो बेहद नाजुक विषय पर लिखा गया है, गम शुदा सरकार भी शानदार ढंग से लिखा गया व्यंग्य है. 

जुबां और जूता एक पठनीय व्यंग्य है. उधारी का परिचक्र भी पुराने विषय पर नए ढंग से लिखा गया व्यंग्य है. 

लेखक की विशेषता है की वो आम आदमी के दुःख दरद को समझता है और उसे व्यंग्य भाषा में प्रस्तुत करता है डेली पेसेंजर की व्यथा ऐसा ही व्यंग्य है. 

पुस्तक के शीर्षक व्यंग्य इनविजिबल इडियट में ऋषि गणों के माध्यम से कृत्रिम मेधा का व्यंग्यात्मक विश्लेषण किया गया है. आजकल तो ग्रोक का जलवा है. एक और पौराणिक सन्दर्भ लेकर लेखक अश्व्त्थामा के दंशों का वर्णन किया है. साहित्य के त्रिदेवों का का वर्णन करते हुए लेखक ने लेखक, प्रकाशक व संपादकों के अंतर्द्वंदों को बारीकी से उकेरा है. 

जीप चालक नमक व्यंग्य मेंभारत की सड़कों पर जीप चलने वालों का रोचक लेखन है. भरी हुई जीप में तुमको रोड कैसे दिखती है. यात्रा के साथ ही मनोरंजन मुफ्त, जिन्दगी दांव पर वो अलग. आज कल बयानवीरों का जमाना है लेखक ने इस पर भी तीखी कलम चलाई है. सहित्य्किक मेलों पर भी एक व्यंग्य है. 

इन दिनों व्यंग्य लेखन के नए प्रयोग हो रहे हैं लम्बी व्यंग्य रचनाओं में विषय का निर्वहन मुशील होगया है लेकिन प्रभाशंकर विषयों को गंभीरता से लेते हैं और अच्छा लिखते हैं. 

कुछ पञ्च पेश है –

१-किसी के बाप की गाड़ी नहीं है. 

२-अभी जवानी ढली नहीं थी कि सर का चाँद जवां होने लगा. 

३-पुलिस अलग प्रकार से तोडती है. 

४-विकास की गंगा बहा देंगे बस वोट इन को देना. 

५-जैसे ही जाँच रुपी छीका टूटता है हमारे भाग्य जाग जाते हैं. 

प्रभा जी लम्बे समय से लिख रहे है,पुरस्कृत सम्मानित भी है उनका एक उपन्यास बहेलिया भी आया है,जो काफी चर्चित रहा. इस पुस्तक का पूरा शीर्षक आंग्ल भाषा में है जिस से बचा जासकता था. 

पुस्तक का कागज अच्छा है कवर ठीक ठाक है मूल्य ज्यादा है. 

लेखक को शुभ कामनाएं. 

०००००००० 

यशवन्त कोठारी, 701, SB-5,भवानी सिंह रोड,बापू नगर,जयपुर -302015 मो. -94144612 07