साज़िशों का सिलसिला Aarti Garval द्वारा क्राइम कहानी में हिंदी पीडीएफ

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साज़िशों का सिलसिला

दिल्ली की ठंडी जनवरी की रात में, नैना कपूर का पेंटहाउस सुर्खियों में था। पुलिस की गाड़ियां, मीडिया और बहुत सारे लोगों की भीड़ उस आलीशान इमारत के बाहर खड़ी थीं। अभिनेत्री नैना कपूर, जो बॉलीवुड की सबसे चर्चित हस्तियों में से एक थीं, अब अपने घर में मृत पाई गई थीं। उनकी जिंदगी जितनी शानदार थी, मौत उतनी ही रहस्यमय।

नैना का शरीर उनके बेडरूम के फर्श पर पड़ा था। सफेद कारपेट पर खून फैल चुका था। उनके दिल में एक चाकू का घाव साफ नजर आ रहा था। पास ही एक टूटा हुआ वाइन ग्लास और कुछ गिरा हुआ सामान था। कमरे के दरवाजे पर कोई ताले या तोड़फोड़ के निशान नहीं थे।

पुलिस ने इस मौत को संदिग्ध करार दिया। शुरुआती जांच में किसी भी तरह की खुदकुशी के संकेत नहीं मिले। मीडिया इस केस को "सदी का सबसे बड़ा मर्डर मिस्ट्री" कहने लगी। हर जगह सवाल उठने लगे:
"किसने नैना कपूर की हत्या की?"
"क्या यह पेशेवर दुश्मनी का मामला है या किसी करीबी ने उन्हें मारा?"

इस हाई-प्रोफाइल केस को सुलझाने की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह को सौंपी गई। अर्जुन एक अनुभवी पुलिस अधिकारी थे, जो अपने तेज-तर्रार दिमाग और unconventional तरीकों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई जटिल मामलों को सुलझाया था, और यह केस उनकी अगली चुनौती थी और वह इस चुनौती के लिए तैयार थे।

अर्जुन जब नैना के घर पहुंचे, तो उन्होंने हर कोने को गौर से देखा। उनकी बाज नजर छोटे से छोटे सुराग के लिए चारों तरफ घूम रही थी।उनकी नजर सबसे पहले दरवाजे पर गई।
“यहां कोई जबरदस्ती घुसने के निशान नहीं हैं। इसका मतलब है कि नैना हत्यारे को जानती थी,” उन्होंने मन ही मन सोचा।

फिर उनकी नजर कमरे के अंदर पड़ी। बेडरूम में सामान बिखरा हुआ था। कुछ किताबें जमीन पर गिरी हुई थी।वाइन ग्लास टूटा हुआ था।

“संघर्ष के निशान हैं, यानी नैना ने अपनी जान बचाने की कोशिश की होगी,” अर्जुन ने कहा।

अगले दिन अर्जुन ने नैना के घर की हाउसकीपर सविता से पूछताछ शुरू की।
“आखिरी बार नैना मैडम से किसने मुलाकात की थी?” अर्जुन ने पूछा।
सविता घबराई हुई थी।
“रात में एक आदमी आया था, सर। मैंने उसे दरवाजे पर देखा। उसने काला ओवरकोट पहना हुआ था। मैडम ने उसे अंदर बुलाया और कुछ देर बाद चीखने की आवाज आई।”

“क्या तुमने उसका चेहरा देखा?” - अर्जुन ने धीमे से पूछा
“नहीं, सर। वह बहुत जल्दी अंदर चला गया। मैं डर गई थी,और घबराहट में कुछ समझ ही नहीं पाई।"

अर्जुन को मीडिया का दबाव महसूस हो रहा था। हर कोई इस मामले की जानकारी चाहता था। अफवाहें थीं कि नैना के पति कबीर कपूर और को-स्टार रोहित मल्होत्रा दोनों ही उनके साथ किसी न किसी विवाद में थे।

नैना के बेडरूम में अर्जुन को उनकी डायरी मिली। डायरी के फटे पन्ने और कुछ अधूरी बातें संकेत दे रही थीं कि यह हत्या सिर्फ एक साधारण मर्डर नहीं थी।
"अगर मेरी मौत हो, तो मेरे करीबियों पर शक करना। मेरे दुश्मन कोई और नहीं, वही हैं जो मुझे सबसे अच्छे से जानते थे।"

क्या डायरी का यह सुराग अर्जुन को हत्यारे तक ले जाएगा? या फिर कर देगी इस केस को गुमराह....