A Common Researcher’s
रेड्यूस द इम्पेक्ट ऑफ डिजीज
कुछ विचार:-
बुरें जीवों के साथ बुरा होता है, परंतु भगवान उन्हें तुरंत मौत नहीं देते है। उन्हें भी सुधरने का मौका देते हैं, अच्छे कार्य करने का मौका देते हैं। क्योंकि अच्छे कार्यों से ही बुरें कार्यों को धोया जा सकता है। अच्छे जीव बनों तो अहसास होगा कि जिंदगी कितनी आनंददायक है।
(नोट:- ये सभी जानकारियां बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए बताई गई है। यह जानकारियां इस बात का दावा नहीं करती है कि यह जानकारियां पूरी तरह से बीमारी को ठीक कर देगी। यह जानकारियां सिर्फ बीमारी से होने वाली तकलीफ को कम करने में कारगर है। बीमारियों से हालत गंभीर होने पर सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।)
रेड्यूस द इम्पेक्ट ऑफ डिजीज
(१) कैंसर के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। साफ पानी पीएं। साफ खाना खाएं। प्रदूषित हवा में न रहें। गर्मी के दिनों में तेज धूप में न रहें। जला हुआ खाना न खाएं। दूसरे जीवों का दूध न पीएं और उनके दूध से बने खाद्य पदार्थ न खाएं। प्रतिदिन पानी से शरीर को साफ करें। साबून का उपयोग रोजाना न करें। केमिकल पेस्ट को शरीर की त्वचा पर न लगाएं। धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
(२) हार्ट अटैक के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। भारी-भरकम सामानों को हाथों से उठाने से बचें। प्रतिदिन उदास न रहे। अधिक चिंता न करें। प्रतिदिन लम्बे समय तक पढ़ाई न करें। आठ घंटे की नींद लें। प्रतिदिन अधिक मीठी चीजों का सेवन न करें। अधिक नमकीन चीजों का सेवन न करें। अधिक नमक का सेवन न करें।
(३) ब्रेन हेमरेज के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। प्रतिदिन उदास न रहे। अधिक चिंता न करें। आठ घंटे की नींद लें। प्रतिदिन लम्बे समय तक पढ़ाई न करें। प्रतिदिन अधिक मीठी चीजों का सेवन न करें। अधिक नमकीन चीजों का सेवन न करें। अधिक नमक का सेवन न करें। अधिक क्रोध न करें।
(४) मोटापा को कम करने के लिए:- मांस-अण्डे और इससे बनने वाली चीजों का सेवन करना छोड़ दें। रिफाइंड आटा, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल और इससे बनने वाली चीजों का सेवन रोजाना न करें। मन हो तो सप्ताह में एक बार ही सीमित मात्रा में, इनसे बनने वाली चीजों का सेवन करें। आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन न करें। अधिक मीठी चीजों का सेवन न करें।
(५) ब्रेन ट्यूमर के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। प्रतिदिन उदास न रहे। अधिक चिंता न करें। दस घंटे की नींद लें। अधिक क्रोध करने से बचें। डिजिटल गेमिंग एक घंटे से अधिक न खेले। लम्बे समय तक पढ़ाई न करें। भारी-भरकम सामानों को उठाने से बचें। धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
(६) एलर्जी के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। दूसरे जीवों का दूध न पीएं और उनके दूध से बने खाद्य पदार्थ न खाएं। साबून का उपयोग रोजाना न करें। केमिकल पेस्ट को शरीर की त्वचा पर न लगाएं। धूम्रपान और शराब का सेवन न करें। साफ पानी से रोजाना स्नान करें।
(७) दौरे पड़ने के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। प्रतिदिन उदास न रहे। अधिक चिंता न करें। दस घंटे की नींद लें। डिजिटल गेमिंग एक घंटे से अधिक न खेले। लम्बे समय तक पढ़ाई न करें।
(८) डायबिटीज के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डे और इससे बनने वाली चीजों का सेवन करना छोड़ दें। रिफाइंड आटा, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल और इससे बनने वाली चीजों का सेवन रोजाना न करें। मन हो तो सप्ताह में एक बार ही सीमित मात्रा में, इनसे बनने वाली चीजों का सेवन करें। आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन न करें। अधिक मीठी चीजों का सेवन न करें।
(९) गुर्दे की क्षति के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। भारी-भरकम सामानों को हाथों से उठाने से बचें।
(१०) लीवर की क्षति के प्रभाव को कम करने के लिए:- शराब (एल्कोहल) का सेवन न करें। नशेली पेय पदार्थों का सेवन न करें। रोजाना कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें। सप्ताह में एक बार, सीमित मात्रा में कोल्ड ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं।
(११) वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। साफ पानी पीएं। साफ खाना खाएं। प्रदूषित हवा में न रहें। दूसरे जीवों का दूध न पीएं और उनके दूध से बने खाद्य पदार्थ न खाएं। प्रतिदिन साफ पानी से स्नान करें। साबून का उपयोग रोजाना न करें। केमिकल पेस्ट को शरीर की त्वचा पर न लगाएं। हंसी-खुशी रहने का प्रयास करें। जिंदगी का आनंद लें।
(१२) शरीर के मांसपेशियों में दर्द के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। भारी-भरकम सामानों को उठाने से बचें। आराम करें और भरपूर नींद लें।
(१३) पेट में गैस, पेट दर्द और जी मचलाने के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डा और उनसे बनने वाली चीजों को खाना छोड़ दें। फास्ट फूड और रिफाइंड चीजों का सेवन सप्ताह में एक बार सीमीत मात्रा में ही करें। थोड़ा अजवाइन का सेवन करें। दो ग्लास पानी पिएं। अजवाइन न होने पर, नींबू का रस और थोड़ा नमक आधे ग्लास पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
(१४) कैरोटोलीसेस के प्रभाव को कम करने के लिए:- कीचड़ में जाने से बचें। पैरों के तलवों में रात के समय सरसों का तेल लगाएं।
(१५) उल्टी के प्रभाव को कम करने के लिए:- मांस-अण्डे और इससे बनने वाली चीजों का सेवन करना छोड़ दें। रिफाइंड आटा, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल और इससे बनने वाली चीजों का सेवन रोजाना न करें। मन हो तो सप्ताह में एक बार ही सीमित मात्रा में, इनसे बनने वाली चीजों का सेवन करें। खाना-खाने के समय पानी न पीएं। दूर्गंध वाली जगहों से गूजरते समय नाक को साफ कपड़े से ढक लें।
(१६) बुखार के प्रभाव को कम करने के लिए:- ठंडा पानी न पीएं। अधिक ठंडे पानी से स्नान न करें। खट्ठी चीजों का सेवन न करें। पके हुए चावल का सेवन न करें। प्रतिदिन सब्जी में कुछ मात्रा में लहसुन मिलाकर सेवन करें।
(१७) सर्दी के प्रभाव को कम करने के लिए:- ठंडा पानी न पीएं। अधिक ठंडे पानी से स्नान न करें। खट्ठी चीजों का सेवन न करें। पके हुए चावल का सेवन न करें। प्रतिदिन सब्जी में कुछ मात्रा में लहसुन मिलाकर सेवन करें। कुछ दिनों तक थोड़ा अजवाइन का सेवन करते रहें।
(१८) खांसी के प्रभाव को कम करने के लिए:- ठंडा पानी न पीएं। अधिक ठंडे पानी से स्नान न करें। खट्ठी चीजों का सेवन न करें। पके हुए चावल का सेवन न करें। कुछ दिनों तक थोड़ा अजवाइन का सेवन करें और थोड़ा अदरक का सेवन करें। याद रखें अजवाइन और अदरक को एक साथ सेवन न करें।
(१९) आंखों की क्षति के प्रभाव को कम करने के लिए:- रोजाना 8 घंटे के लगभग नींद लें। हमेशा स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे डिवाइस पर डार्क थीम चालू रखे। इससे स्मार्टफोन से निकलने वाली सफेद प्रकाश को नियंत्रित किया जा सकता है। जो कम दूरी होने के कारण, सीधे आंखों की रेटीना पर पड़ती है। शाम छः बजे के बाद, अपने स्मार्टफोन पर डिस्प्ले लाइट को पूरी तरह से कम कर दें और आई केयर (नाइट सिल्ड) चालू कर लें। वर्चुअल रियलिटी वाले यंत्र को आंखों के एकदम पास से न देखें। फल और सब्जियों का सेवन करें।
(२०) नींद न आने के प्रभाव को कम करने के लिए:- रोजाना कैफीन युक्त पेय पदार्थ न पीएं। कुछ देर तक पुस्तक पढ़े।