आई कैन सी यू - 51 Aisha Diwan द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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आई कैन सी यू - 51

कहानी में अब तक हम ने देखा के रोवन लूसी को अस्पताल ले गया था जहां उसे खून की ज़रूरत पड़ी। रोवन ने परेशान परेशान हो कर सब से मदद मांगी लेकिन खून ब्लड बैंक से ही मिला। अब तक लूसी को होश नहीं आया था इस बात से रोवन की सांसे सीने में ही अटक अटक जाती। रूमी और आर्यन हॉस्पिटल पहुंच चुके थे। उन दोनों ने मीना दीदी और रोवन की मां को कुछ नहीं बताया और घूमने जाने का बहाना बना कर निकल आए थे।

आज की सुबह में चिड़ियों का चहचहाना सुहाना नहीं लग रहा था बल्कि मातम से रोने बिलखने की आवाज़ सी मेहसूस हो रही थी। ठंडी हवाएं मन को सुकून नहीं बल्कि रूह को सहमा जाती। एक एक पल गुजारना रोवन के लिए मुश्किल हो रहा था। 
लगभग सुबह के नौ बजे जब कियान ने उठते ही अपने मोबाइल के स्क्रीन को ऑन किया तो आठ बार रोवन का मिस्ड कॉल देख कर ताज्जुब हुआ और परेशानी की हल्की सी लकीरें भी चहरे पर उभर आई। उसने वापस कॉल किया। रोवन ने कांपते हाथों से कॉल रिसीव कर के रोए हुए आवाज़ में कियान को सब कुछ बताया। कियान ने कोई भी बात नहीं की सिर्फ उसकी बात सुनी और फोन रख दिया। 

रूमी ने ज़िद कर के रोवन के ज़ख्मी हाथों पर मरहम पट्टी करवा दिया था। 
वो बेजान सा हो कर लूसी के कमरे में गया जो आईसीयू बेड पर थी। उसके पास बैठा और धीरे से सर पर हाथ फेरने लगा। आंखों से झर झर आंसू टपक पड़े। पानी जैसे खामोश आंसुओं में ज़ख्मी दिल का शोर था जिसे सिर्फ वो खुद और उसका रब ही सुन सकता है। 

दो घंटे बाद कियान, भाभी, बड़े भाई, मम्मी और लायला हॉस्पिटल पहुंचे। सब लोग कमरे के अंदर चले गए, कियान ने जैसे ही रोवन को देखा गुस्से में आ कर उसका गिरेबान पकड़ लिया। उसने चीखते हुए नाराज़गी से कहा :" क्या किया तुम ने मेरी बहन के साथ? मैं तुम्हें ज़िंदा नहीं छोडूंगा!"

मां भाभी सब उसे छुड़ाने के लिए दौड़ी। रोवन ने उसके हाथों को ज़ोर से झटकते हुए कहा :" सीरियसली आपको लग रहा है मैने ये सब किया? 

कियान गुस्से से लाल हो कर चिल्लाया :" हां तुम ने ही किया है! पिछली दो शादियों की तरह मेरी बहन को भी तुम ने मारने के लिए शादी की है।"

अब रोवन से अपने आप को संभाला नहीं गया। उसने अपने आपे को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन अब सब्र का बांध टूट गया। उसने बंदूक कियान के सीने में लगा कर शोले भड़के हुए आंखों घूरते हुए कहा :" मेरे सब्र को मत आजमाओ! वो सिर्फ मेरी बीवी नहीं मेरी सब कुछ है। मेरी सांसों की डोर है वो और मुझ पर उसी को मारने का इल्ज़ाम मै बर्दाश्त नहीं करूंगा!"

कियान ने उसके बंदूक को नीचे करते हुए कहा :" अगर मेरी बहन की सांसे टूटी तो अपने मरने की तैयारी कर लेना मिस्टर पार्कर!"

उन दोनों में ज़ुबानी जंग छिड़ी थी के इतने में लायला उनके बीच आ कर बोली :" बस कीजिए भैया! जीजू नहीं होते तो अब तक दीदी ज़िंदा भी नहीं होती!...मैने देखा है जीजू को लड़ते हुए उस राक्षस बाबा से! इनके हाथों का ज़ख्म और कपड़ों में लगा धूल मिट्टी नहीं दिखता आपको? इन्होंने एक बार भी अपनी परवाह नहीं की ये जीते हैं तो सिर्फ दीदी के लिए!"

उसकी बात सुन कर सभी हैरान हो गए, लायला की बातें वैसी नहीं थी जैसे वो बातें करती है। जब उसने कियान को भैया और लूसी को दीदी कहा तो सब हैरत में उसी को देख रहे थे। उसकी आंखों की पुतलियां अंदर की ओर झुकी हुई थी।
रोवन समझ गया था के उसमें झुमकी हावी है जो ये सब बोल रही है। रोवन ने उसे नाराज़गी से कहा :" झुमकी मैने तुम्हें मना किया था के किसी के अंदर मत जाना! अभी के अभी लायला के बॉडी से बाहर निकलो!"

झुमकी ने एक बार सब की ओर नाराज़गी से देखा फिर उसके जिस्म से बाहर हो गई और लायला चक्कर खा कर गिरने लगी। भाभी ने उसे पकड़ा और बिस्तर पर बैठाया। सभी हैरानी में पड़े थे। सब कि आँखें फटी हुई थी के लूसी की आवाज़ आई :" भैया!"

दबी दबी सी आवाज़ सुन कर रोवन उसकी ओर बेसब्री से बढ़ा। वो बिस्तर में लेटे लेटे सब को टुकुर टुकुर देख रही थी। आर्यन डॉक्टर को बुलाने दौड़ा। एक डॉक्टर और एक नर्स वहां आई। डॉक्टर ने लूसी को एग्जामिन कर के देखा। उसकी आंखें खुली देख कर रोवन के जान में जान बसी थी। डॉक्टर जब उसे चेक कर रहे थे तब उसने असमंजस में कहा :" मुझे क्या हुआ है डॉक्टर? मैं यहां कैसे आई?

फिर उसने रोवन की ओर सर घुमा कर देखते हुए कहा :" ये कौन है और इतने दुखी क्यों लग रहे हैं?

उसकी ऐसी बात सुन कर जैसे रोवन सांस लेना ही भूल गया हो। बेबस लाचार खड़ा बस उसे अचंभे में देखते रहने के अलावा कुछ नहीं कह पा रहा था। 

भाभी उसके पास जा कर बोली :" कैसी बात कर रही हो लूसी! वो तुम्हारा हसबैंड है! रोवन....ये कोई मज़ाक का समय नहीं है।"

इस पर लूसी ने हैरानी से एक बार रोवन को देखा। उसके आसपास आर्यन और रूमी खड़े थे। रूमी रो रही थी और रोवन बदहवास सा था। 
लूसी हक्का बक्का हो कर बोली :" मेरी शादी कब हुई? वो मेरे हसबैंड कैसे हो सकते हैं? मुझे क्या हुआ है क्या मैं किसी सपने में हूं? 

लूसी बहुत ज़्यादा ऑलबॉल करने लगी। उसने सर पकड़ लिया और मोटी मोटी सांसे लेने लगी। कई सारे सवालात के साथ वो फिर से बेहोश हो गई। उसका दिमाग पल भर में उलझ गया था। 

डॉक्टर ने उन सब से कहा :" प्लीज़ आप सब बाहर जाईए!'

सभी लोग बाहर निकले। डॉक्टर लूसी को ठीक से एग्जामिन करने के बाद बाहर आए और फिर रोवन से कहा :" हमे लगता है चोट लगने की वजह से वो अपने पास्ट के कुछ हिस्सों को भूल गई है। हो सकता है टाइम के साथ वो ठीक हो जाए लेकिन अभी उनके दिमाग को कोई प्रेशर नहीं पड़ना चाहिए इस लिए जैसा वो कहती है बस उसके हां में हां मिला दीजिए! उन्हें करेक्ट करने की कोशिश न किया जाए तो वो जल्दी ठीक हो जाएगी! वैसे तो ये बहुत बड़ी बात है कि वो कोमा में नहीं गई वरना हमें उम्मीद नहीं थी के इतनी जल्दी उन्हें होश भी आएगा।"

रोवन ने बस हां में सर हिला दिया। उसके तड़पते दिल को इस बात की तसल्ली मिल गई थी के कम से कम वो ज़िंदा तो है। उसने एक गहरी सांस ली ये सोच कर के की चाहे वो मुझे भूल भी जाए फिर भी मैं उसे ज़िंदा तो देख सकता हूं। 

कियान ने रोवन पर पूरी नज़र रखी थी। उसे अब धीरे धीरे अपनी गलती का एहसास हो रहा था। आखिर आंखे तो झूठ नहीं बोलती, न ही रोवन ने ज़्यादा कुछ समझाने और खुद को सही दिखाने की कोशिश की इस लिए उसका दिल भी यकीन कर चला था के रोवन सच में लूसी से मोहब्बत करता है। उसकी हालत पर ठीक से गौर करने लगा और फिर झुमकी की उन बातों ने भी उसके दिलों दिमाग को झिंझड़ कर रख दिया था। उसे लूसी के कुछ अलग होने का एहसास था इस लिए भी न चाहते हुए सब कुछ सही मानना ही पड़ रहा था। 

To be continued.......