T BHATI INDIAN ARJUN ram BHATI द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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T BHATI INDIAN

राजू – मुख्य किरदार, जिसका सपना है 1 करोड़ रुपये पाना।

मोहन – राजू का दोस्त, जो उसकी हर कल्पना पर हंसता है।

सोहन – भोला दोस्त, जो हर बात पर विश्वास करता है।

शिक्षक – समझदार व्यक्ति, जो अंत में राजू को असली सबक सिखाता है।

दृश्य 1: सपना देखना

प्रारंभिक दृश्य:

(राजू, मोहन और सोहन पेड़ के नीचे बैठे हैं, गपशप कर रहे हैं।)

 

राजू :- तुमलोग सुनो अगर मेरे पास 1 करोड़ रूपये होते तो मैं क्या क्या करता

 

मोहन: (हंसते हुए) “क्या करेगा तू 1 करोड़ रुपये लेकर, बताना तो ज़रा।”

 

सोहन: (मासूमियत से) “हाँ राजू, बताओ ना!”

 

राजू: “पुरे गाँव को हर घर पक्के का और सारी सुविधा उपलब्ध करवा देता

मोहन: (हंसते हुए) “अरे अपना 5G फ़ोन तो करवा ले भाई।”

 

दृश्य 2: अजीबोगरीब योजनाएं

मध्य दृश्य:

(राजू, मोहन और सोहन अब एक खेत में चलते हुए, अपनी कल्पनाओं में खोए हुए हैं।)

 

राजू: “फिर मैं एक विशालकाय स्कूल बनवाता, जिसमें हर क्लास में एयर कंडीशनर और स्मार्टबोर्ड होते!”

 

सोहन: (आश्चर्यचकित) “सच में? और क्या करेगा?”

 

राजू: “गांव में एक बहुत बड़ा मॉल बनवाता, जिसमे सबकुछ होता, होटल, थिएटर, मंदिर, |

 

मोहन: (हंसते हुए) “और तुझे पता है न, हमारे गांव में लोग खेती करने के बाद सीधे मॉल में जाएंगे।”

 

राजू: “और हाँ, मैं गांव की हर गली में स्विमिंग पूल बनवाता ताकि हर कोई तैर सके।”

 

सोहन: (मासूमियत से) “लेकिन स्विमिंग पूल में पानी कहाँ से आएगा?”

 

राजू: “अरे, हमारे पास करोड़ों रुपये होंगे, पानी भी आ जाएगा!”

 

दृश्य 3: असली सबक

अंतिम दृश्य:

(तीनों अब स्कूल के पास बैठे हैं। शिक्षक पास आते हैं।)

 

शिक्षक: “क्या बात कर रहे हो लड़कों?”

 

राजू: “सर, मैं इन लोगो को बता रहा था की मेरे पास अगर 1 करोड़ रूपये होते तो मैं क्या क्या करता |

 

शिक्षक: (मुस्कुराते हुए) “राजू, सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन असली बदलाव कड़ी मेहनत और शिक्षा से आता है। पैसे से हम चीजें खरीद सकते हैं, लेकिन असली परिवर्तन हमारे प्रयासों से ही आता है।”

 

राजू: (शर्मिंदा होते हुए) “आप सही कह रहे हैं, सर। मैं मेहनत करूंगा और एक दिन सच में गांव को बदलूंगा।”

 

कॉल टू एक्शन:

(स्क्रीन पर टेक्स्ट) “अगर आपको वीडियो पसंद आया तो लाइक छगन : जी नमस्कार, हमारा नाम छगन है|

 

मैडम: नमस्कार छगन जी कैसे हैं? हमारे बैंक में आने के लिए धन्यवाद | क्या मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?

 

छगन : ए..वैसे ही सर्विस लेने का बहुत मन है अभी तक नहीं, वैसे ही यहां पर सर्विस लेने का भी कोई मतलब नहीं है | वह क्या है ना हमारी घरवालीहमारी रोज़ सेवा करती है| पिछले दो दिनों से जब तक वो आए आप ही सही हो गए तब तक उन्होंने कंपनी को चार्ज कर लिया

 

 

मैडम: देखिये ऐसा लगता है कि आपकी एक गलत फ़ैमिली हो गई है, सर्विस का मतलब पत्नी जो करती है वह सेव नहीं है हम यहां बैंक की सर्विस कर रहे हैं | जैसे खाता खोलना, पैसा निकालना, बैंक का लोन, इसी तरह की कोई चीज़ आपको चाहिए तो हम सेवा कर सकते हैं|

 

छगन: अच्छी बात है, हा हा हा हा, वैसे ही हमारे गांव में पैसा खर्च था|

 

मैडम: हां ये पैसे कहां हैं ना...बोलिए कितने लेजेंड की बात होती है और कहां के लेजेंड होते हैं?

 

छगन: जी 2000 उपभोक्ता है, वह हमारा छोटा भाई है ना “लखन” नाम पर|

 

मैडम: ठीक है, पासबुक जाओ, और हां आधार कार्ड भी |

 

छगन: जी , ये सहयोग |

 

मैडम: अरे ये किसका आधार कार्ड है, देखो तो फोटो भी मैच नहीं हो रहा है|

 

छगन: अरे मैडम यह आधार कार्ड तो हमारा ही है और उस पर लगी हुई फोटो भी, वैसे आपने लगाया है यह फोटो शादी के पहले की; हम बहुत जवान और खूबसूरत थे इसलिए "लल्ला" की माँ ने शादी के लिए हां कर दिया|

 

मैडम: अभी “लल्ला” कौन है? और उसकी माँ ने तुमसे क्या लिया ?

 

छगन: यह लाला का मतलब हमारा बेटा और उसकी मां का मतलब हमारी घरवाली | वैसे ही हमारे यहाँ महिलाओं को नाम से बुलाया नहीं जाता इसलिए हम “लल्ला” की माँ कहते हैं |

 

मैडम: देखो तुम यहां किस काम के लिए आए हो वह हमें इधर-उधर की बात मत बताओ | आपकी जो फोटो है वह बहुत ही खराब हो गई है इसलिए इसे सबसे पहले अपडेट करना होगा|

 

छगन: अच्छा तो अभी फोटो भी छोड़ो? अरे मैडम अभी आप ही कुछ चाहती हैं, देखिए अभी हमें तुरंत पैसा मिलता है|

 

मैडम: बैंक का कौन सा भी काम करने से पहले डॉक्युमेंट देख लें और इसमें कुछ सामान होता है तो हमें आगे का काम करने की अनुमति नहीं मिलती, और आपका तो एक भी कागज सही नहीं है | ऐसे में अगर आपने काम किया और कुछ एसिटिकुलर हो तो हम फंस जायेंगे| वैसे भी सरकार ने पिछले महीने ही आधार कार्ड अपडेट करने का आह्वान किया था और सिर्फ बैंक के लिए नहीं तो आज से किसी भी काम के लिए आपको अपना डॉक्यूमेंट अपडेट करना ही होगा अन्यथा आपका काम नहीं होगा |

 

छगन: अच्छी बात है! और क्या आप भी ऐसी ही बात कर रहे हैं तो फील करें तो बोलें|

 

मैडम: अरे रामू यहाँ आ, एक चाय लेकर हाँ शकर कुछ कम|

 

छगन: अच्छा सुनो मीठी इलायची और दिलचस्प बात, क्योंकि इससे छिलके का एक अलग ही स्वाद आता है|

 

मैडम: हेलो तुम्हारे लिए चाय नहीं मंगा रही हूं, बल्कि मेरे लिए मंगा रही हूं | आओ बड़े चाय पीने वाले | पहले जाओ और आधार कार्ड अपडेट करो|

 

छगन: हमारी नियति जहां चाय पीने का (मन ही मन में.. धीमी आवाज में..) वैसे मैडम जी एक बात करी थी |

 

मैडम: देखो जो भी कहता है कि जल्दी से कहो और काउंटर करो बाकी कस्टमर लाइन में कब से, हमें भी देखना होता है |

 

छगन: नहीं मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा सिर्फ एक बात है| वह अधिकतर समय पैसा जमा करके रखता है उसके लिए क्या करना होगा?

 

मैडम: अच्छा ! मतलब एफ डी……!

 

छगन: नहीं आप जो बोल रहे हो हमारी समझ में नहीं आ रहा है, हमें एक साथ बैंक में पैसा जमा करना था |

 

मैडम: हां जो बात कर रही हूं, उसे ही एफ डी कहती हो, तुम्हें एफ डी करनी है | पहले ही बता दें ; खाली आपका समय बर्बाद| तो सर बोलिए आपको कौन से डॉक्टरों की एफडी करनी है?

 

छगन: अरे नहीं मैडम जी हमें सर मत बोलिए, हम तो बहुत छोटे आदमी हैं|

 

मैडम: नहीं आप ऐसा मत बोलिए आप हमारे ग्राहक हो और ग्राहक हमें भगवान की तरह होता है ” इसलिए हम आपको कर ही आदर्श हैं ”, जानें अब बोलिए कितने दोस्तों की एचडी करनी है?

 

छगन : वैसे ही तो हमें 50000 का भुगतान अब तक नहीं हुआ था? आधार कार्ड की समस्या आ गई है तो कैसे कर सकते हैं? खैर छोड़ें बाद में कभी-कभी देखें सिर्फ आधार कार्ड काम करना|

 

मैडम: सर नहीं, ऐसा कुछ नहीं है एफडी लेने के लिए कुछ भी नहीं होगा, उसके पास आधार कार्ड चल रहा है, अच्छा रामू सर को बैठने के लिए एक कुर्सी देना और एक चाय भी लेकर आना |

 

छगन: नहीं वो फोटो की भी समस्या है तो बाद में ही देखते हैं| अब ये काम होगा फिर से पैसे निकालने के लिए वापस तो आना ही होगा |

 

मैडम: बोला-तुम्हारा काम नहीं होगा? आपके दोनों काम हो जायेंगे | पासबुक देखें, किसको देखें उसका अकाउंट नंबर, और नाम बताएं | क्या है वो ऐसे बड़े काम के साथ छोटे-छोटे काम जल्दी से हो जाते हैं, लो हो जाते हैं लिस्ट| अब बिज़नेस में हम एफ डी के फॉर्म लेकर आते हैं |

 

***** एक्टिंग की किताब : ''अभिनेता बनना है, तो ये बातें बहुत पहचानी जाती हैं!'' ” *****

छगन: नहीं मैडम जी हमें कोई एफडी नहीं निकाली, उन्होंने तो हमने ऐसे ही कहा “देखो तो है कि आम आदमी से तुम लोग कैसे पेश हो हो” | अभी कुछ देर पहले हमने आपसे ₹2000 की डेडलाइन की बात की थी तो आपने कुछ ना कुछ कारण बताकर हमें यहां से जाने कहा था पर जब हमने आपको पैसे दिए के बारे में बात की तो वही आधार कार्ड चल सकता है | देखिए हम जैसे लोग कम पढ़ते हैं लिखे होते हैं इसका मतलब ऐसा नहीं पढ़ा जाता लोग उन्हें अपने अनुसार कुछ भी करने के लिए कहते हैं| लोग यहां पर कोई भी बहुत बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं। अपनी ऐसी मंशा ना करें | हमें कुछ ग़लत हुआ तो माफ़ करना, और हाँ ये पैसे वाले जहाज़ के लिए धन्यवाद |

रामू इधर आना... बहुत-बहुत धन्यवाद क्या बनाया आपने मन करता है दिन रात यहीं चाय पीने आजाऊ| जीवित है |

धन्यवाद!!!और सब्सक्राइब करें! और हां, सपने देखना मत भूलना!