आई कैन सी यू - 42 Aisha Diwan द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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आई कैन सी यू - 42

अब तक हम ने पढ़ा की कियान लूसी का असली ससुराल देखने रहमान कॉलोनी गया था जहां उसे एक बातूनी और चुगलखोर चचा ने देख लिया और पास बुला कर पूछा के क्यों देख रहे हो तो कियान ने कहा के बहन का घर है इस लिए देखने आया हूं। तभी चाचा ने हैरानी जताई और कहा के बहन से प्यार नहीं क्या जो इस घर के लड़के से बिहाया है? इस बात पर कियान का मन ऐसा छटपटाया के वो उनके पास बैठ गया और अपने माथे को सिकुड़ कर बोला :" ये आप क्या कह रहे हैं चचा!...मतलब ऐसा क्यों कह रहे हैं?

चचा ने चुगली करते हुए कहा :" ऐसा न कहे तो और क्या कहे! क्या आपको मालूम नहीं ये जो लड़का है ना रोवन! इसकी पहले दो बार शादी हो चुकी थी उन दोनों पत्नियों को इसने बड़ी बे रहमी से मार दिया था! अब ये कहोगे की जेल क्यों नहीं गया अगर कातिल है तो! अरे कैसे जाएगा जेल इसका चाचा जो डीआईजी है! वो भला अपने भतीजे को जेल में रहने दे! झूठी मुटी ऑटोप्सी की रिपोर्ट बनवा लिया और भतीजे को बेगुनाह साबित कर दिया! पहली वाली दुल्हन का भी बड़ा खानदान था लेकिन इन लोगों से ज़्यादा नामी गिरामी नहीं थे। वे लोग अब भी इनके दुश्मन हैं। दूसरी वाली दुल्हन अनाथ थी तो उसके लिए लड़ने वाला कोई न हुआ! लेकिन क्या फायदा दोनो को इंसाफ नहीं मिला! अब आप कह रहे हो की बहन की शादी कराई है ऐसा कैसे कर सकते हो भाई? एक कातिल से बियाह दिया बहन!"

ये सब सुन कर कियान के कानो को यकीन नहीं हुआ लेकिन दिल की धड़कन बे सुकून हो गई और फिर वहां से खड़ा होते हुए डांट कर कहा :" क्या बकवास कर रहे हो चचा! उम्र का तो ख्याल करो कैसे इल्ज़ाम लगा रहे हो! वो एक पढ़ा लिखा सभ्य लड़का है और आप ने सीधा दो दो लड़कियों का कातिल ठहरा दिया!"

चचा ने अपने जांघों पर हाथ रगड़ते हुए कहा :" हां हां बड़ा सभ्य लड़का है तो पूरे मुहल्ले में पूछ लो कितना सभ्य है तुम्हारा जीजा! सच्चाई बता रहे हैं तो इन्हें बकवास लग रहा है। मीठी मीठी बातें कर के फंसा लिया तुम्हारी बहन को और तुमको भी! सभ्य चहरे के पीछे तो कोनो औरो चहरा छुपा है! सिर्फ बातों से आंतों का पता नहीं चलता के अंतड़ी पचौनी में क्या भर रखा है।"

कियान गुस्से में फूलने लगा। उसकी आंखों में गुस्से और जज़्बात की लालिमा छा गई। बिना कुछ कहे वहां से निकल गया। कार कुछ आगे लेकर रोक दी और जेब से मोबाइल निकाल कर रौशनी को फोन करने लगा। उसका पूरा जिस्म कांप रहा था। दिल नहीं चाहता था के इन बातों पर यकीन करे लेकिन दिमाग में सनसनी मची थी।

रौशनी के कॉल उठाने तक उसने अपने दूसरे हाथ की मुट्ठी मज़बूती से बांध रखा था। 
रौशनी के हेलो कहते ही कियान ने तेज़ आवाज़ में कहा :" क्या तुम ने मेरे जीजा के बारे में कुछ छुपाया है? मुझे सच बताओ!"

रौशनी उसका सवाल सुन कर ठिठक गई और हकलाते हुए बोली :" क....क्या..मतलब क्या छुपाया है मैने?"

इतने में कियान चिल्ला उठा :" अब तुम हकला क्यों रही हो! साफ साफ जवाब दो क्या तुम ने अपने भाई के बारे में मुझसे झूट कहा था?....क्या उनकी पहले दो शादियां हो चुकी थी?....बताओ!"

रौशनी सहमी हुई बोली :" हां उनकी शादी हुई थी लेकिन जो भी आप ने सुना है वो सब सच नहीं है! वो सच में एक बहुत अच्छे इंसान है!"

कियान गुस्से में दांत पीसते हुए बोल :" बस अब कुछ नहीं बोलना! आज के बाद तुम्हारा मेरा रिश्ता खत्म! ना मुझे कॉल करोगी ना मैसेज!"

इतना कह कर उसने फोन बंद कर लिया और तेज़ी से गाड़ी चलाने लगा।

उधर रौशनी के पसीने छूट गए, घबराहट के मारे अपने कमरे में चक्कर काटने लगी। उसने एक बार सोचा के रोवन को कॉल करे फिर ये सोच कर रुक गई के इस तरह तो भाई को कियान और मेरे बारे में पता चल जायेगा। 

कियान गुस्से में तमतमाता हुआ लूसी के कमरे में गया। वहां जा कर उसने जल्दी जल्दी में लूसी के कपड़े और ज़रूरी सामान बैग में डाले। बैग पैक करने के बाद उसने लूसी को कॉल किया :" लूसी जल्दी अपने कमरे में आ! अभी के अभी!

लूसी पूछ ही रही थी के क्या हुआ है इतने में उसने फोन रख दिया। मजबूरन लूसी को क्लास बीच में छोड़ कर जाना पड़ा। जाते हुए उसे रास्ते में रोवन मिल गया। उसने ताज्जुब से पूछा :" तुम कहां चली?

लूसी ने परेशान हो कर बताया :" पता नही कियान भैया इतनी जल्दी वापस कैसे आ गए और आते ही मुझे घर में बुला रहे हैं!...उनकी आवाज़ से मुझे कुछ गड़बड़ होने का आभास हो रहा है।"

रोवन थोड़ा चिंतित हो गया। उसने साथ चलते हुए कहा :" चलो मैं भी चलता हूं!....क्या प्रोब्लम हुई होगी?"

    " पता नही! बस हम जैसा सोच रहे हैं वैसा कुछ न हो!"

लूसी ने जाते जाते कहा।

घर पहुंचते ही इन दोनों ने देखा के कियान बैग लिए दरवाज़े पर खड़ा है। उसकी सांसे तेज़ है और आंखों में अंगारे झलक रहे हैं। 
उसे देखते ही इन दोनों का दिल धक से रह गया। 
कियान ने रोवन को एक बार घूर कर देखा फिर लूसी की कलाई पकड़ कर कहा :" घर चल!"

इतना ही कर कर वो लूसी को खींच कर ले जाने लगा। रोवन ने लूसी का दूसरा हाथ पकड़ लिया और हैरानी में कहा :" भाई आप ये क्या कर रहे हैं?....क्या बात है?

लूसी का दिल इस कदर बेचैन हो गया जैसे अभी मुंह से बाहर निकल पड़ेगा। 
उसने कियान का हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा :" भैया क्या हो गया है आपको! ऐसे क्यों कर रहे हैं! मैं कहां जाऊं यही मेरा घर है।"

कियान यकायक चिल्ला उठा :" इस आदमी ने और इसके पूरे परिवार ने धोका दिया है तुझे, हम सब को धोका दिया है!....मैं अब तुझे यहां एक मिनट भी नहीं रखूंगा! चल मेरे साथ!"

कियान उसे फिर से खींच कर ले जाने लगा। रोवन उसके आगे आ गया और रास्ता रोक कर कहा :" आप मेरी बीवी को इस तरह नहीं ले जा सकते! मैने किसी को धोका नही दिया है। I love her and she loves me, that's it!"

कियान ने तैश में आकर कहा :" this is not love, this is honey trap!...यहां के लिए आप होते होंगे बड़े लोग लेकिन मेरे लिए आप सिर्फ मेरी बहन के हसबैंड है जिसने उस से धोके से शादी कर ली है!...किसी धोखेबाज और मर्डरर के साथ एक भाई अपनी बहन को कभी नहीं रहने देगा! हट जाओ मेरे रास्ते से!"

उसकी बातें सुन कर रोवन को गुस्सा भी आ रहा था और दिल में तीर जैसी चुभन भी महसूस हो रही थी लेकिन वो समझ रहा था के इसने कहीं से सारी अफवाएं सुनी है और सब को सच मान कर एसी बातें कर रहा है। 

इस दौरान लूसी ने तेज़ तेज़ सांसे लेते हुए कहा :" भैया इन्होंने मुझे धोका नही दिया है आप गलत समझ रहे हैं!...मैं आपको सब सच बताऊंगी आप शांत तो हो जाइए पहले!"

कियान ने उसका हाथ छोड़ दिया और कहा :" ओह तो इसने तेरा ब्रेन वाश किया है! तुझे पता था के इसकी दो शादियां हुई थी और दोनों का मर्डर कर दिया गया!....क्या कहानी सुनाई है इसने तुझे? क्या कह कर तेरा ब्रेन वाश किया है?

लूसी परेशानी में चिल्ला कर बोली :" भैया आप ऐसे नही कह सकते वो मेरे हसबैंड हैं! इन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है आप पता नहीं कहां से किस के मुंह से ये सब सुन कर आए हैं और मेरी बात ही नहीं सुन रहे हैं!...मैने कहा ना की सच्चाई कुछ और है। आप एक बार सुन तो लीजिए!"

कियान को लूसी की तेज़ आवाज़ सुन कर बहुत बुरा लगा। उसे लगा के वो उसके लिए लड़ रहा है लेकिन लूसी खुद ही उसे गलत समझ कर उस पर चिल्ला रही है। 
वो कुछ देर शांत हो कर लूसी को घूरता रहा फिर दबी आवाज़ में बोला :" तूने इस तरह मुझसे बात कर के साबित कर दिया है की मेरा और तेरा खून एक नहीं है। चाहे किसी को आंखों पर ही क्यों न बैठा लो खून कभी नहीं मिलता!"

इतना कह कर उसने बैग पटका और गुस्से में सनसनाते हुए वहां से जाने लगा। 
अब लूसी रोने लगी और कुछ बोल नहीं पाई। रोवन ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसका हाथ भी झटक दिया। 

(अगला भाग जल्द ही)