Revenge by Cruel Husband - 3 starwriter द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Revenge by Cruel Husband - 3

तभी अभिराज ने चित्रा की तरफ देखते हुए कहा कि मुझे कौन सा शादी कर के अपनी जिंदगी खुशी से इस कातिल के साथ बितानी है। मुझे तो इसे सजा देना है इतना कि ये याद रखे। और थोड़ी मैं शादी के फेरे ख़तम हो जाते हैं। अब बारी थी मंगलसूत्र और सिन्दूर की तो अभिराज ने  सिन्दूर उठा कर चित्र के मांग में भर दिया।और उसके गले में मंगलसूत्रर भी बांध दिया और कहा कि अब तुम मेरी कैद से कभी आजाद नहीं हो पाओगी।  चित्रांगदा अभिराज सिंह राजपूत

अविनाश का घर

अभी शाम के 3:00 बज रहे थे तभी घर में अमीषा आती हैं। और वो आते ही देखती हैं कि सोफे पर बैठ कर अविनाश उसका इंतजार कर रहा था। अविनाश ने अमीषा को देख कर कहा कि आ गई आज इतनी जल्दी। स्कूल की छुट्टी तो 1:00 बजे होती। इस वक्त अमीषा की हालत एक दम खराब थी उसके बाल बिखरे हुए थे नाक में से खून आ रहा था।

तभी अमीषा ने कहा कि अरे भाई आज ना जब मैं घर आ रही हूं तब कुछ क्लास के बदमाश लड़के मुझे तंग करने लगेंगे। तो मैंने भी उनकी अच्छेेे से  पिटाई की। इतने में अविनाश बोला कि आज तेरे टीचर का फोन आया था और बोल रही थी कि तू ड्राइंग छोड़ कर सब सब्जेक्ट में फेल    है।

तभी अमीषा ने कहा कि अरे भैया पढ़ई लिखी तो हो जाएंगी। अविनाश ने गुस्से में कहा कि बस बहुत गया तेरा तेरी बदमाशी दिन पे दिन बढ़ती जा रही है। खुद से पढ़ाई करती नहीं हैं और हमेशाा  ट्यूशन टीचर को पिट के भागा देती हैं। तभी घर में रणविजय आया, रणविजय को आता देख कर अमीषा को कल वाली किस याद आ गई। तभी रणविजय ने कहा कि क्यों, क्या हुआ, और अमीषा ये तुमने क्या हालत बना रखी है अपनी।

तभी अविनाश ने बोला कि ये लड़की सारे सब्जेक्ट में फेल है और कोई ट्यूशन टीचर भी नहीं मिल रहा है और मिलता भी है तो ये उसे मार के भागा देती है। रणविजय ने अपना सीरियस टोन मुख्य बोला कि कोई बात नहीं मैं इसे अब से पढ़ूंगा शाम के 6:00 बजे से।तो अविनाश ने कहा सच्ची। तो रणविजय ने कहा कि हम्म तब अविनाश ने कहा कि हां सही है वैसे भी ये तेरे से बहुत डरती है तो तुझसे पढ़ने में कोई नौटंकी भी नहीं करेगी।

शाम के 6:00 बजे बज गए थे और रणविजय अभी अमीषा को पढ़ने के लिए उसके कमरे के अंदर आ गए थे। रणविजय को देखते ही अमीषा एक दम उठ गई और बोली कि आप यहां। तभी रणविजय ने कहा कि लगता है भूल गई हो। नोटबुक और किताबें निकलो अपनी तभी अमीषा  ने हम्मम कहा और कुर्सी पर बैठ गई।

रणविजय ने उसका बुक खुला जिसका अंदर उसका रिपोर्ट कार्ड था। रणविजय ने एक नज़र रिपोर्ट कार्ड पर देखा और एक नज़र अमीषा पर। तभी उसने अमीषा का किताब खोली और फिर अमीषा को देख कर बोला कि । लगता है कि जिंदगी में पहली बार आपकी किताब को मैंने ही खोला है बिल्कुल सफेद है।

तो इस पर अमीषा ने कुछ नहीं कहा। और थोड़ी देर में रणविजय ने उसको फिजिक्स के न्यूमेरिकल ेस्लोव करने के लिए दिया जिसको एलसीएम लेके  हल करना था।

अमीषा को तो कुछ आता नहीं था वो बार-बार घड़ी के पास देख रही थी। तभी रणविजय की ठंडी आवाज उसके कान मैं गई और रणविजय ने कहा कि आज ही सवाल हल करना है और इतना कह कर उसने अमीषा के नोटबुक को ले लिया जिसमें एक भी सवाल हल नहीं था। रणविजय ने एक ठंडी नज़र अमीषा पर डाला और बोला कि तुम्हें इतना आसान सवाल नहीं आता है। ये एलसीएम तो 4 या फ़िर 5 क्लास मैं सिखाते हैं। और इतना कह कर उसने अमीषा के हाथों पर  स्केल से दे मारा तभी अमीषा ने अपनी धीमी आवाज में कहा खडूस कहीं के