Revenge by Cruel Husband - 2 starwriter द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • मुक्त - भाग 2

    मुक्त -----उपन्यास की दूसरी किश्त....                       ...

  • पहला प्यार

    Astha बेटा उठ जा आज कॉलेज केे पहले दिन मैं भी लेत जाएगी क्या...

  • अनोखा विवाह - 9

    सुहानी अगर उसे नहीं जगाकर नीचे जाती तो भी  उसकी ही पड़नी थी...

  • एग्जाम ड्यूटी - 1

        शुक्रवार का दिन था, और आज मुझे कॉलेज में मेरी...

  • नशे की रात - भाग - 4

    अनामिका अपने कमरे में जाकर निढाल होकर लेट गई। इस समय उसका मन...

श्रेणी
शेयर करे

Revenge by Cruel Husband - 2

इस वक्त अमीषा के होंठ एक दम लाल हो गए थे उन्होंने रोते रोते रणविजय से कहा कि कितने बुरे हो आप ये मेरी पहली किस थी| तभी रणविजय ने डेविल स्माइल करते हुए कहा कि ''मैं कितना बुरा हूं ये तुम्हें पता ही कहा है।'' और फिर रणविजय ने अमीषा के बालो को अपनी मुट्ठी में लेके बोला अगर अगली बार से मुझ पर हाथ उठाया तो इतना बोल के वो अमीषा के कानों के पास जाके बोला ""तो मैं इस से भी आगे बहुत कुछ कर लूंगा""|

अमीषा डर के वहां से भाग गई यह वक्त उसका चेहरा एक दम लाल था। अमीषा को रोता देख अविनाश ने कहा ''इसको क्या हो गया?'' और फिर रणविजय के पास चला गया। थोरी देर मैं वो लोग विला से बाहर चले गए बिजनेस मीटिंग के लिए|



दूसरी तरफ (अभिराज के विला )

चित्रा अभी बेहोश थी तभी उसे अचानक होश आया। इस वक्त उसका हेड बहुत दर्द कर रहा था और वो खुद से बोली| ""कि हम यहां क्या कर रहे हैं हम तो रेलवे स्टेशन के लिए निकल रहे थे घर जाने के लिए फिर हम यहाँ कैसे? वो फिर जल्दी से बिस्तर से उतरती है और कमरे से बाहर निकल जाती है। बहार निकलते ही उसकी नज़र पूरे विला पे जाती जो बहुत खूबसूरत था|

तभी उसके कान मैं किसी की भारी आवाज आती है "" कैद मुबारक हो मिस चित्रांगदा शर्मा ""। चित्रा मुर कर देखती हैं तो पीछे कोई और नहीं बाल्की चित्रा का होने वाला सबसे खतरनाक सपना अभिराज सिंह राजपूत खड़ा था|. चित्रा एक दम डर कर बोली कि कौन हो आप और क्यों मुझे यहां लेके आये हो। इतने में अभिराज एक दम ग्रोएल करके बोलता है मुझे अपने सामने मुंह चलने वाले पसंद नहीं।और उसका हाथ पकड़ कर रूम में ले जाता है और बिस्तर पर पुश कर देता है। बिस्तर पर गिरते ही चित्र के मुंह के एक सिस्की निकल गई और वो रोने लगी।

अभिराज को इस वक्त उसकी इस हालत पर बहुत मजा आ रहा था। उसे अलग ही सुकून मिल रहा था कि तभी उसने चित्रा के गली पे एक साथ चार थप्पड़ लगा दिए और बोला कि अभी ये आंसुओं को बचाकर रखो।क्यों कि अग्गे मैं तुम्हें बहुत से चांस और रीज़न दूंगा इन्हें बहाने के लिए। इतना बोल कर अभिराज क्लोसेट रूम में चला जाता है और थोड़ी देर बाद अपने हाथ में एक शादी का जोरा लेके आता है। और चित्र के मुंह पर फेंक कर के बोलता है कि जल्दी इसे पहन लो क्यू कि बस 1 घंटे में पंडित जी आ रहे हैं। चित्रा ने पूछा कि क्यों? अभिराज ने बोला जितना बोल रहा हूं उतना करो।और फिर अभिराज रूम से चला जाता है। चित्रा ने अपना मन बना लिया था कि वो यहां से भाग जाएगी। थोरी देर में अभिराज को किसी को फोन आता है और वो विला से चला जाता है।

दूसरे तरफ (अस्पताल)

अस्पताल मैं एक लड़की अपने बिस्तर पर थी उसके अगल बगल बहुत सारे चिकित्सा उपकरण और मशीन था। देख के उसकी उम्र यही कुछ 20 साल की थी। अभिराज उसका हाथ अपने हाथ में लेके और उसके सिर पर किस कर के बोलता है। तू चिंता मत कर अक्कू मैं बहुत जल्दी तेरे गुनहेगारो को सजा दूंगा।और ऐसा सजा दूंगा कि वो अपने अगले सात जन्म तक नहीं भूलेगी।

(ये लड़की कोई और नहीं बालक अभिराज की छोटी बहन आकांक्षा थी।)

तभी हॉस्पिटल में रणविजय और अविनाश भी आ गए अपनी मीटिंग पूरी करके। रणविजय अभिराज को देख कर पूछता है कि आगे क्या प्लान है. तुम्हारा तभी अभिराज अपनी ठंडी आवाज में बोला कि मैं उस लड़की से आज शादी करुंगा।

इतने में अविनाश ने बोला कि क्या तुम्हें यकीन है कि ये सब उसने ही किया है तुझे जो करना है तू कर पर कुछ गलत मत करना उसके साथ मेरा कहने का मतलब समझ रहा है ना।

 इतने में अभिराज ने कहा कि तू चिंता मत कर अब वो लड़की मेरी कैदी बन कर रहेगी सारी जिंदगी। उसने मेरी अक्कू को इस स्थिति में डाला है ना अब मैं भी उसके साथ वही करूंगा जो उसने मेरी अक्कू के साथ किया| उसे भी वैसा ही नरक दिखाऊंगा की उसकी आत्मा तक डर जाएगी।

दूसरी तरफ अविनाश का घर

इस वक्त अमीषा अपने कमरे के अंदर बिस्तर पर लेटे हुए कुछ सोच रही थी। तभी उसने खुद से बोला कि ये रणविजय जी कितने बुरे हैं मेरे पहले किस ले ली. फिर बोलती हैं कि वैसे ये हैंडसम तो बहुत हैं . लेकिन गुस्सा बहुत ज्यादा करते हैं बस मैं जल्दी से बड़ी हो जाऊं फिर मैं उनको शादी के लिए प्रपोज कर दूंगी। इतने में उसके कमरे में अविनाश आता है और बोलता है कि तूने कपूर खानदान के लिए दामाद भी ढूंढ लिया | इतने मैं अमीषा कहती हैं कि आप यहां पर । तभी अविनाश बोला कि क्यों नहीं आ सकता। फिर अविनाश ने अमीषा का कान जोर सेेेेेेेेेेेे मोर कर  बोला कि बेटा पढ़ई कर ले। वर्ना इस बार भी फेल हुई तो तुझे घर से निकाल दूंगा। और क्या ये तू बात कर रही है शादी विवाह प्यार हैंडसम। अमीषा इतनी मैं बोली कि अरे बहिया आपके कान बज रहे हैं डॉक्टर के पास इलाज करवा लो वरना फिर मुझे बहुत परेशानी होगी भाभी नहीं मिलेगी मुझे. तभी अविनाश ने कहा बस इस बार फेल हो तब तुझे बताता हूँ मैं।

अभिराज का विला

अभी अभिराज हॉस्पिटल से अपना विला डार्क डेन में आया था। और वो आते ही चित्रा के रूम में चला गया। जैसे ही उसने रूम में एंटर किया तो उसकी आंखें एक दम रेड हो गई थी। क्यू की चित्र अभी रूम में नहीं थी। गुस्से से अभिराज का हाल बेहाल हो रहा था। वो गार्ड्स के पास गया तो गार्ड्स अपनी जगह पर ही थे। अभिराज समझ गया था कि चित्रा विला से भाग गई है। वो जल्दी से विला के अगले दरवाजे पर गया तो वो दरवाजा खुला हुआ था। अभिराज को पता चल गया था कि चित्रा दूसरे दरवाजे से निकल कर भाग गई है

(पटना ब्रिज मेन हाईवे)

इस वक्त एक लड़की शादी का लहंगा पहन का एक दम तेजी से रन कर रही थी। और वो बार-बार यहीं बोल रही थी कि भाग चित्रा। इस से पहले कि वो तुझे पकड़ ले। तभी बहुत सारी कारें चित्रा के सामने आ के रुकती हैं। और उस कार में से एक आदमी आता है और चित्रा के बालों को अपनी मुट्ठी में लेके के बोलता है।

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे कैद से भागने की। अभिराज सिंह राजपूत के कैद से भागने की। वो इतना बोल के चित्रा को पकड़ कर अपनी कार में जोर से पुश कर के खुद कार ड्राइव करने लगता है। चित्रा इस वक्त बहुत चिल्ला कर रोोो राही थी जिस से अभिराज को बहुत दिक्कत हो रही थी। उसने एक दम से ब्रेक लगा दिया और चित्र की तरफ देख के बोला कि अगर अपना मुंह बंद नहीं किया तो शादी से पहले ही कार में तुम्हारे साथ सुहागरात मना लूंगा। चित्रा एक दम डर गई और वो चुप चुप कार में बैठी रही।

थोरी देर में कार विला के सामने आ कर रुक गई।अभिराज ने एक दम ज़ोर से कार का दरवाजा खुला और चित्रा को बालो से पकड़ कर कार से निकला और विला के अंदर चला गया. विला के अंदर जाते ही अभिराज ने चित्रा को जोर से छोड़ दिया। जिसके कारण वो फर्श पर मुंह के बाल गिर गई और उसके माथे पर चोट लग गई। थोरी देर बाद विला मैं पंडित जी भी आ गये। और अभिराज चित्रा को बोला कि रोना धोना बंद करो और चुप चाप से शादी कर लो। चित्रा का कोई जवाब नहीं सुणकर  के उसका पारा हाई हो गया और उसने चित्रा के जबड़े को ज़ोर से प्रेस करके कहा बेहरी हो। और ज़ोर से घसीट कर मंडप में ले गया। और उसने पंडित से कहा कि जल्दी से  मंतर पढ़ कर शादी खत्म करो। पंडित ने बोला की अनुप्रयोग कला   कपड़े में शादी नहीं कर सकते, दुर्भाग्य होता है।