अब आगे
संजय पीहू मैं खो ही गया इतने में रुद्र ने संजय को हिलाया और बोला भाई होश में कहां चला गया संजय रुद्र के हिलाने से होश में आया और बोला कुछ नहीं ऐसे ही पीहू की तरह देखकर रूही से बोल क्या तुम मुझे अपने फैमिली से नहीं मिलवाओगे
रूही जरूर भाई रूही पीहू की तरफ देखकर बोली यह मेरी बेस्ट फ्रेंड पिहु और पिहु यह है तुम्हारे जीजू के दोस्त और मेरे भाई पीहू यह तुम्हारे भाई हैं तो यह मेरे भी भाई हुए पिहु के मुंह से संजय ने अपने लिए भाई सुना तो एकदम से बोल नहीं नहीं तुम मुझे संजय ही कहो मैं सिर्फ अपनी लिटिल सिस्टर का ही भाई हूं तुम मुझे संजय कह सकती हो पीहू ठीक है
मैं आपको संजय कहूंगी रुद्र जो संजय को देख रहा था वह मुस्कराया और संजय का हाथ पकड़ कर सुनीता जी और दीपक जी के पास आया बोला यह है वाइफी के मां और पापा सुनीता जी दीपक जी की तरफ देखकर बोला मां और पापा यह है
मेरा बचपन का दोस्त संजय सुनीता जी और दीपक जी ने संजय को हेलो कहा संजय नमस्ते अंकल आंटी आपसे मिलकर अच्छा लगा और हैप्पी एनिवर्सरी सुनीता और संजय जी थैंक यू बेटा सब लोग आपस में बातें करने लगे
सुबह का टाइम
सब लोग डाइनिंग हॉल में बैठे ब्रेकफास्ट कर रहे थे इतने में सुनीता जी रूही से बोली बेटा हम सोच रहे हैं कि हम दोनों तीर्थ यात्रा पर चले जाएं रूही मां आप तीर्थ यात्रा पर जाना चाहती है तो चली जाइए वैसे भी आपकी तू मन्नत भी थी तो आप चली जाइए सुनीता जी हां बेटा इसलिए तो हमने सोचा अब मन्नत अपनी पूरी कर ली क्या पता कल को हम रहे या नहीं रहे
सुनीता जी के बात सुनकर रूही उदास होकर वाली मां आप क्या कह रही है आपको कुछ नहीं होगा आप दोबारा ऐसा मत कहना वरना मैं आपसे गुस्सा हो जाऊंगी रूही की बात सुनकर सुनीता जी मुस्कुराई और बोली ठीक है दोबारा ऐसा नहीं कहूंगी अब उदास होने की जरूरत नहीं है इतने में रुद्र बोला आप दोनों की जाने की तैयारी में करवा दूंगा अब बताएं कब को
निकालने की सोच रहे हैं दीपक जी बेटा हमने सोचा क्यों ना हम आज ही चले जाएं रुद्र ठीक है मैं आपकी जाने की तैयारी करवाता हूं
रुद्र का ऑफिस
रुद्र अपने चेयर पर बैठा लैपटॉप में काम कर रहा था ऑफिस का गेट खुला और संजय अंदर अंदर आकर रुद्र के सामने चियर पर बैठ गया और रुद्र से बोला भाई मुझे तुझसे एक जरूरी बात करनी है लेकिन तो वादा कर मेरी बात मानेगा रूद्र पहले बात बात क्या है
अगर बात मानने वाली होगी तो मानूंगा अगर नहीं हुई तो नहीं मानूंगा संजय नहीं यह मेरी लाइफ से जुड़ी है तो पहले वादा कर तो मेरा साथ देगा रूद्र ने संजय को देखा और उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर वाला ठीक है वादा करता हूं तेरा साथ दूंगा रुद्र की बात सुनकर संजय जल्दी से खड़ा होकर रुद्र के गले लग गया और बोलो थैंक यू भाई मुझे पता था तू मेरा साथ जरूर देगा
संजय रूद्र से अलग हुआ बोला अब ध्यान से सुन वो मैं ना पीहू से शादी करना चाहता हूं रुद्रा क्या बकवास कर रहा है तेरा दिमाग सही जगह पे तो है
ना संजय देख तू पहले ध्यान से मेरी बात सुन बाद में अपनी कहना भाई जब से मैंने पीयू को देखा है ना तब से उसने मेरे दिल पर कब्जा कर लिया है और तुझे पता है ना आज तक मैं किसी। लड़की को देखना तो दूर उसके बारे में सोच भी नहीं सकता पीहू पहले एक ऐसी लड़की है
जिसके बारे में मैं सोचना और देखना दोनों चाहता हूं हमेशा उसका ख्याल रखूंगा बस तो उससे मेरी शादी कर दे रूद्र देखा तो समझ नहीं रहा और नहीं तो पीहू को अच्छी तरह से जानता संजय मैं सब समझ रहा हूं तू कहना क्या चाहता है यही कहना है
जारी है। रेटिंग कमेंट देना ना भूलिए 👍