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शाम के 8:00 बजे रुद्र का कमरा
रुद्र सोफे पर बैठे हुआ लैपटॉप में अपना काम कर रहा था रूही जो बेड पर सो रही थी इतने में रूही अपनी आंखें मलते हुए उठकर
बैठ गई जैसे ही रूही ने कमरा को ध्यान से देखा तो रूही ये क्या मैं यहां कैसे आ गईं मैं तो ऑफिस में थी रूद्र जो रूही की बात सुन रहा था उसने कहा मैं लेकर आया रूही
क्या पर तुम मुझे उठा सकते थे तु लेकर आने की क्या जरूरत थी रूद्र तुम मेरी फिक्र मत करो मुझे ज्यादा
मेहनत नहीं करनी पड़ी क्योंकि तुम ज्यादा भारी नहीं हो
यही कि तुम 50 ,60 के आस पास होगी इतना तो भजन में उठा ही सकता हूं रूही जो रुद्र की बात नहीं थी गुस्से में चिल्लाई बकवास बंद करो अपनी मैं इतनी भी भारी नहीं हूं
रुद्र मैं ने भी तो यही कहा कि तुम ज्यादा भारी नहीं हो रुही तुम्हारा कहने का मतलब यह है कि मैं ज्यादा भारी नहीं हूं
लेकिन भारी हूं तुम मुझे ऐसे नहीं केहे सकते हो रूद्र
चलकर रुही के सामने खड़ा हो गया रुद्रा तुम्हें कैसे पता कि तुम इतनी नहीं हो तुमने कभी अपने आपका वजन देखा है वैसे भी मैं तुम्हें उठाकर लाया हूं तो मुझे तो पता होगा
रूही गुस्से में तूम बहुत बुरे हो मे तूमसे कभी बात नहीं करोगी ये केहे के रुही गुस्से में अपने कमरे में चली गई रूद्र के चहरे पर रूही को गुस्से में देख कर स्माइल आ गई
रूद्र सही कहा बाईफी तुम ज्यादा भारी नहीं हूं तूम्हारे खाने पीने का ध्यान रखना होगा मूझे नहीं पता था कि तुम गुस्से में इतनी प्यारी लगती हो ये केहे कर रूद्र के चेहरे पर
स्माइल आ गई रूही गुस्से में अपने कमरे में आई रूही तूम्हारे कहने का किया मतलब है कि मैं मोटी हूं रूही ने गुस्से में पिलो उठके दरबाजे फेकने लगी तुम बहुत बुरे हो डेविल तुम मेरे बारे में ऐसे कैसे कह सकते हो फिर शीशे
के सामने खड़ी होकर अपने आप को देखने लगी क्या सच में मैं मोटी हो रूही मैं मोटी नहीं हूं तुम खुद हो मोटे और मुझे कह रहे हो क्या तुमने कभी अपने आप को देखा है कि तुम कितनी मोटे हो और मुझे कह रहे हो डेविल
कहीं के यह कहकर रूही वॉशरूम में चली गई थोड़ी देर बाद रूही नीचे आई और रुद्र को इग्नोर करके चेयर पर बैठ गई रुद्र जो रूही के इग्नोर करने से गुस्से में अपने हाथ की मुट्ठी मिचली जैसे ही रूही डिनर कर कर अपने रूम
में जाने को थी इतने में रुद्र की आवाज आई हमें बाहर जाना है 10 मिनट में तैयार होकर नीचे आओ रूही रुद्र की बात सुनकर सीधा अपने कमरे में चली गई रूद्र को इंतजार करते-करते एक घंटा हो गया था लेकिन रूही नीचे
नहीं आई जिससे रूद्र को बहुत गुस्सा आ रहा था जब रुद्र ने देखा कि काफी देर हो गई रूही नीचे नहीं आई तो रूद्र रुही के कमरे में गया जैसे ही उसने कमरे का दरवाजा खोलो उसकी आंखें गुस्से में लाल हो गई
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