पुरुषों का ब्रेस्ट कैंसर S Sinha द्वारा स्वास्थ्य में हिंदी पीडीएफ

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पुरुषों का ब्रेस्ट कैंसर

                                            पुरुषों का ब्रेस्ट कैंसर

 

ब्रेस्ट कैंसर का नाम सुनते ही हम यह समझ लेते हैं कि यह स्त्रियों की बीमारी है  . पर यह सच नहीं है , यह बीमारी पुरुषों में भी होती है  .  हालांकि उनकी अपेक्षाकृत बहुत ही कम . पुरुषों के ब्रेस्ट  का शेप और बनावट अलग होती  है  फिर भी उनमें  ब्रेस्ट टिश्यू और उनकी आंतरिक बनावट में मिल डक्ट भी हो सकते हैं  . हालांकि इनका मिल्क डक्ट निष्क्रिय होता है पर अक्सर पुरुषों का कैंसर यहीं से शुरू होता है  . 
जैसा कि अन्य कैंसर के साथ होता है , संदेह की स्थिति में पुरुषों के ब्रेस्ट कैंसर की जांच शुरू में करा लेना उचित है  . 


पुरुषों के ब्रेस्ट कैंसर के बारे में हमें निम्नलिखित बातों पर ध्यान देनी चाहिए - 


1  . पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामले -  हालांकि एक आंकड़ें के अनुसार विश्व  में कुल कैंसर के मामलों में पुरुषों के कैंसर का मामला 1 % परसेंट से भी कम ही होता है फिर भी विगत कुछ वर्षों में इसमें बढ़त देखी गयी है  . विगत 25 वर्षों में इसमें करीब 25 % बढ़त देखने को मिली है  . इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि अर्ली स्टेज में डायग्नोसिस हो जाने पर इसका उपचार सहज उपलब्ध  है  .  
2 . सभी ब्रेस्ट लम्प कैंसर नहीं होते - ब्रेस्ट लम्प चाहे पुरुषों में हों या स्त्रियों में , सभी लम्प कैंसर नहीं होते हैं  . फिर भी इसे नजरअंदाज नहीं कर के इसकी जांच शुरू में ही करा लेनी चाहिए  . कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हालांकि इस कैंसर में रिस्क कम है फिर भी अगर कैंसर हुआ तो अर्ली स्टेज  में ही उपचार शुरू करा लेने से यह जल्द ठीक हो जाता है  .  हल्की पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है अक्सर इसकी संभावना बढ़ती उम्र के पुरुषों में अधिक है ख़ास कर 60 वर्ष के बाद  . 


3  . पुरुष ब्रेस्ट कैंसर के कारण  - हालांकि इसका सटीक कारण ज्ञात नहीं है फिर भी अध्ययन में निम्नलिखित कारण प्रमुख हैं - 


 फैमिली हिस्ट्री और जेनेटिक असर -  महिलाओं के ब्रेस्ट  कैंसर की तरह पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक और पुरुषों में इस कैंसर की फैमिली हिस्ट्री का योगदान रहता है  .  BRCA जीन टेस्ट  अगर पॉजिटिव है तो इसका अर्थ है कि  BRCA 1 और BRCA 2 जीन्स में नुकसानदेह बदलाव और म्युटेशन हुआ है  .  हालांकि ऐसा होने से ब्रेस्ट कैंसर अवश्य होगा , यह जरूरी नहीं है फिर भी  ऐसा होने से ब्रेस्ट कैंसर एवं अन्य कैंसर की संभावना बढ़ जाती है  .  इनके अतिरिक्त कुछ अन्य जींस ( PTEN, TP53, PALB2 and CHEK2 genes ) में म्युटेशन होने से भी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है  . 


पुरुष ब्रेस्ट कैंसर के अन्य रिस्क -


a   . बढ़ती उम्र 


b   .प्रोस्टेट  कैंसर की इलाज में एस्ट्रोजन हॉर्मोन युक्त दवा लेना 


c  . लिवर सिरोसिस या अन्य लिवर रोग 


d   . मोटापा 


5  . ज्यादा अल्कोहल ( शराब ) का सेवन ) 


6 . अंडकोष ( टेस्टिक्ल में सूजन या उसका बड़ा होना ) 


मेल ब्रेस्ट कैंसर सिम्पटम्स - पुरुषों में ब्रेस्ट के निकट त्वचा में आँखों से आसानी से दिखने वाला बदलाव या किसी लम्प का होना जैसा कि आमतौर पर महिलाओं में भी होता है  . अपेक्षाकृत कम ब्रेस्ट टिशू होने से पुरुषों में यह बदलाव डॉक्टर आसानी से देख कर समझ सकते हैं . कम  टिशू होने से इसे आसानी से ग्रोथ या ब्रेस्ट के अलावा अन्य क्षेत्र में इसके प्रसार की संभावना कम रहती है  . 


अन्य सिम्पटम्स - 


1  . ब्रेस्ट के निकट लम्प ( जिसमें दर्द न हो ) 


2  . निप्पल रिट्रैक्शन ( पीछे मुड़ा हुआ )


3  . ब्रेस्ट त्वचा के निकट डिम्पल होना 


4  . निप्पल और आसपास में लालपन या  / और  निप्पल से डिस्चार्ज 


डायग्नोसिस - क्लिनिक में डॉक्टर द्वारा ब्रेस्ट एग्जाम ,  इमेजिंग टेस्ट - अल्ट्रासाउंड ,  मैमोग्राम ( एक तरह का ब्रेस्ट X Ray ) ,  MRI , बायोप्सी   अगर कैंसर की संभावना हुई तो इसके आगे भी डॉक्टर अन्य टेस्ट करा कर कैंसर के स्टेज पता लगा सकते हैं - बोन टेस्ट , CT स्कैन ,  PET स्कैन  (  positron  emission tomography ) 


उपचार - कैंसर के स्टेज के अनुसार डॉक्टर इसके उपचार की सलाह दे सकते हैं - सर्जरी , रेडिएशन थेरेपी , हार्मोन थेरेपी , कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी जिसमें  दवा द्वारा  प्रभावित  कैंसर सेल के  विशेष रसायन को निष्क्रिय करते हैं  . 


बॉटम लाइन - इस लेख का उद्देश्य भयभीत करना नहीं है बल्कि मेल ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने की है  .   जिनेटिक्स या ब्रेस्ट कैंसर का फॅमिली हिस्ट्री  नहीं होने पर  भी उपरोक्त सिम्पटम्स होने पर तत्काल जांच करा कर यदि आवश्यक हुआ तो उपचार शुरू करना चाहिए   . 

 

समाप्त