The Devils Journalist Wife - 4 raj द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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The Devils Journalist Wife - 4

जया अपने घर में थी , अपने रूम में में अपने छोटे भाई बहन को पढ़ा रही थी।


उसके भाई का नाम  अरुण है ,  उसकी उम्र 15 साल है  वो 10th  क्लास में है , और जया की बहन वीरा 12 साल की है वो 7th क्लास में है  ।


ये दोनो जया के चाचा चाची के बच्चे है , जया इन दोनो को सगे भाई बहनों से भी ज्यादा प्यार करती है ।


जया के चाचा का नाम तेजस शुक्ला है इनकी उम्र 38 साल है  ,और जया की चाची का नाम पारुल शुक्ला है ,इनकी उम्र 36 साल है । जया के चाचा चाची उससे अपने खुद के बच्चो के जितना ही प्यार करते है ।


पारुल जी उन तीनो के रूम में आती है और जया को कहती है ।———  जया क्या तू इन दोनो शैतानी में अपना दिमाग खराब कर रही है । खाना खा ले ।


जया उनको कहती है ।———  चाची   अरुण के इस बार  10th बोर्ड्स है , ये तो पढ़ता नही है, जबरदस्ती ही  पढ़ाना पड़ेगा इस्को । मैं खा लूंगी बाद में ।


अरुण पारुल जी को कहता है ।———  मम्मी आप को तो बस दीदी ही दिखती है  , हमे भी भूख लग रही है , हम दोनो को तो आप प्यार ही नही करते हो।


वीरा अरुण की हा में हा मिलते हुए कहती है । ——— हा हमे नही करती है । बस दीदी को करती है ।


पारुल जी  उन दोनो को कहती है ।———  हा तो करती हु प्यार में जया से ज्यादा , तुम दोनो के तरह नालायक नही है ये  । पढ़ाई करो तुम दोनो ,दीदी को खाना खाने दो ।


पारुल जी जया को हाथ पकड़ कर उनके रूम से  लेकर आ जाति है हाल में और जया की खाने की प्लेट देती है ।  वो दोनो साथ में खाना खाने लगते है । जया की अपनी चाची से बॉन्डिंग बेस्ट फ्रेंड वाली थी।  वो उनसे अपनी सारी बाते शेयर करती थी।


जया पारुल जी को कहती है । ——— चाची चाचा कब  तक आयेगे , मुझे उनसे कुछ बात करनी है ।


तभी जया के चाचा तेजस जी घर के अंदर आते हुए जया को कहते है ।———  हा बोल ! क्या बात करनी है तुझे मुझसे ?


जया उनको कहती है । ——— चाचा मैं सोच रही थी , आप वो एफडी तुड़वा लो जो पापा ने मेरे नाम से करवाई थी ।


तजेश जी उसको कहते है ——— । भईया ने वो पैसे तेरी शादी के लिए रखे थे , जब तेरा जन्म हुआ था तब ।वो केसे तुड़वा सकते है ।


जया उसको कहती है ।——— कोन सी शादी , मुझे शादी नही करनी है  , आप लोगो को बेघर करके क्या कभी खुश रह पाऊंगी मैं । निकाल लो उन पेसो को , हमारा घर बच जायेगा ।


तेजस जी उसको कहता है ।———  उन  पेसो को नहीं निकाल सकता मै अपने स्वार्थ के लिए , पेसो का इंतजाम कर लूंगा , तू चिंता मत कर । हमारा घर हमारे पास ही रहेगा ।


जया उन दोनो से कहती है । -  ——— ये सब मेरी वजह से ही रहा है ,  आप दोनो को  मुझे यहा लेकर ही नही आना चाइए  था , छोड़ देते मुझे किसी अनाथ आश्रम में । सब मेरी वजह से हो रहा है ।


पारुल जी उसको कहती है।  ——— फालतू बात मत सोच , तेरे चाचा कर लेंगे पेसो का इंतजाम । बस बात खत्म ।


जया कुछ भी नही कहती और खाना खाने लगती है ।


अगले दिन


जया अपने ऑफिस से आ रही थी अपनी स्कूटी पर, उसने रेड कलर का कुर्ता और डेनिम जीन्स पहन रखी थी। गले मे उसने अपना स्क्राफ डाल रखा था । जया फास्ट स्कूटी चला रही थी ।


तभी उसकी स्कूटी के सामने बहुत सारी काली कार आ जाती है। वो हड़बड़ाहट में अपनी स्कूटी रोकती है। उन कार में से बहुत सारे काले कपड़े पहने लोग आते हैं और जया को उठाकर ले जाते हैं।


जया को राजीव के घर  राज विला में लेकर आया जाता है । राजीव का घर सज़ा हुआ था, मंडप था, पंडित जी  बैठे हुए थे ।


जया राजीव को गुस्से में कहती है ।-———  क्यू लेकर आयो हो मुझसे यहा ?


राजीव जया की कहता है ।———  - शादी है मेरी आज।


जया उसे कहती है। ——— तो मुझे क्यू लेकर आयो हो ? मैं कोई तुम्हारी दोस्त हु जो तुम्हारी शादी में नाचूंगी ?


राजीव उसे कहता है।———   -  दोस्त नही हो , दुल्हन  तो हो ना , दुल्हन को तो लेकर आऊंगा ही ना।


जया उसे  हैरानी से कहती है ।- ——— क्या बकवास कर रहे हो तुम ?  मुझ से क्यू  करना चाहते हो शादी ?


राजीव उसे कहता  है। -———   बहुत लंबी कहानी है , शॉर्ट में सुन लो,   मुझे तुमसे दो महीने के अंदर अंदर शादी करनी है। मेरे 28 बर्थडे से पहले


जया उसे कहती है ।———  - तो करो जिससे   करनी है, मुझे  जाने  दो, मैं नहीं कर सकती तुमसे शादी।


राजीव  जया को कहता है———  - प्यार करता हूँ तुमसे ,तो  शादी भी तुमसे ही करूंगा ना ।


जया  राजीव को गुस्से  में कहती है ।——— - जिससे करनी है करो , जिसकी जिंदगी बरबाद करनी है करो , मुझे तुमसे  शादी नहीं करनी है ।


राजीव उसके सामने बंदूक करते हुए कहता है । ——— - मंडप में बैठो।


जया बंदूक को देख कर कहती है । - तुमसे शादी करने से अच्छा तो मैं मर ही जाऊं।


जया बाहर जाने लगती है , राजीव अपने बॉडीगार्ड को कुछ  ईसरा करता है । वो जया को खींच कर मंडप में बैठा देते है , राजीव भी उसके पास बैठ जाता है ।  पंडित को भी बंदूक की नॉक पर लेकर आए थे , वो भी डरे हुए बैठे थे ।


जया उठने की कोशिश करती हैं तो उनके सामने बहुत सारे बंदूक लेये हुए बॉडीगार्ड आ जाते हैं।


राजीव  पंडित को शादी स्टार्ट करने का ईसरा करते हुए जया को कहता है -———  यहाँ से तो तुम्हारी लास ही जाएगी अगर मुझसे  शादी नहीं होगी तो।


जया  मंडप से उठते हुए कहती है ——— ।- भेज दो मेरी लास,तुमसे  शादी नहीं करूंगी मैं।


जया मंडप से बाहर जाने ही वाली थी तभी वो देखती है राजीव के  कुछ बॉडीगार्ड जया के चाचा चाची को लेकर आता है  बॉडी गार्ड ने उनके ऊपर बंदूक कर रखी थी ।


राजीव  जया को कहता है । - ——— अपने चाचा चाची की जान प्यारी हैं तो वापस बैठ जाओ मंडप में । नही कल अपने हाथ से अपने चाचा चाची ,भाई बहन की मौत की खबर लिखनी पड़ेगी तुम्हे अपने न्यूज पेपर में ।


जया  अपने चाचा चाची की तरफ देखती है फिर वो राजीव की तरफ देखती है । राजीव उसको  मुस्कुरा कर मंडप में बैठने के लिए  ईसरा करता है ।  जया न चाहते हुए भी  मंडप में बैठ जाति है ।


❓ अब क्या होगा आगे ?


❓क्या जया और राजीव की शादी को जायेगी ?


❓क्या  जया शादी  होने से रोक लेगी ?


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