समय का महत्व और जादुई घड़ी ANOKHI JHA द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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समय का महत्व और जादुई घड़ी

बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में राघव नाम का एक लड़का रहता था। राघव होशियार और मेहनती था, लेकिन उसकी एक बड़ी कमजोरी थी – वह हमेशा समय को हल्के में लेता था। उसके माता-पिता और गुरु उसे बार-बार समझाते थे कि समय बहुत कीमती होता है, लेकिन राघव को यह बात समझ में नहीं आती थी।

राघव अक्सर स्कूल जाने में देर कर देता था, अपना होमवर्क समय पर नहीं करता था, और खेलते-खेलते अपनी पढ़ाई को भी भूल जाता था। वह सोचता था, "अभी तो बहुत समय है, बाद में कर लूंगा।" इसी आदत के कारण उसकी स्कूल में भी परफॉरमेंस गिरने लगी थी, लेकिन उसे इस बात की चिंता नहीं थी।

एक दिन का बदलाव

एक दिन गांव में एक बुजुर्ग साधु आए। वे गांव के बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाने के लिए मशहूर थे। गांव के लोग उन्हें बड़ी श्रद्धा से सुनते थे। राघव के माता-पिता ने भी उसे साधु के प्रवचन में जाने के लिए कहा। राघव को तो वैसे भी खेलने से फुर्सत नहीं मिलती थी, लेकिन जब उसके सभी दोस्त वहां जा रहे थे, तो वह भी उनके साथ चला गया।

साधु ने बच्चों को जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलू बताए, लेकिन एक बात पर उन्होंने विशेष जोर दिया – **समय का महत्व**। उन्होंने कहा, "समय एक ऐसी चीज़ है जिसे एक बार खो दिया जाए तो कभी वापस नहीं पाया जा सकता। समय हमारे पास सबसे मूल्यवान संपत्ति है, और जो इसे व्यर्थ गंवाता है, वह अपने जीवन की सबसे बड़ी चीज़ खो देता है।"

राघव ने इस बात को सुना, लेकिन उसे यह साधारण सी बात लगी। उसने सोचा, "समय की इतनी क्या अहमियत है? अगर आज कुछ नहीं किया तो कल कर लूंगा।"

जादुई घड़ी

साधु प्रवचन के बाद सभी बच्चों से मिले। जब राघव साधु के पास पहुंचा, तो उन्होंने उसकी ओर देखा और मुस्कुराए। उन्होंने अपनी झोली से एक पुरानी सी घड़ी निकाली और कहा, "यह एक जादुई घड़ी है। यह तुम्हें समय का महत्व सिखाएगी। इसे अपने पास रखो और इसका ध्यान रखो।"

राघव को साधु की घड़ी बड़ी अनोखी लगी, और उसने खुशी-खुशी उसे अपने पास रख लिया।

घड़ी की सच्चाई

राघव ने सोचा कि यह घड़ी तो साधारण है, इसमें कौन सी जादू की बात होगी। लेकिन अगले दिन, जब वह सुबह स्कूल के लिए तैयार हो रहा था, उसने देखा कि घड़ी के कांटे बहुत तेजी से घूम रहे थे। वह हैरान रह गया! उसने स्कूल के लिए तैयार होने की कोशिश की, लेकिन घड़ी इतनी तेजी से चल रही थी कि उसे लगा पूरा दिन ही बीत गया हो। इस तरह वह फिर से स्कूल देर से पहुंचा।

घर आकर राघव ने घड़ी को ध्यान से देखा। वह समझ नहीं पा रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है। अगले दिन भी वही हुआ – घड़ी इतनी तेजी से चलती कि उसे समय का अंदाजा ही नहीं होता।

समय का महत्व समझ में आया

एक हफ्ते तक ऐसा ही चलता रहा। राघव को हर काम में देर होने लगी – स्कूल, होमवर्क, खेल सबकुछ प्रभावित होने लगा। अब उसे समझ में आया कि जब समय हाथ से निकल जाता है तो हम कुछ भी नहीं कर पाते। साधु की दी गई घड़ी ने उसे यह सबक सिखाया था कि समय को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।

राघव ने फैसला किया कि वह अब से अपने हर काम को समय पर करेगा। उसने अपनी आदतें बदलनी शुरू कीं। वह सुबह जल्दी उठने लगा, स्कूल समय पर जाने लगा, और हर काम को सही समय पर पूरा करने लगा। धीरे-धीरे उसके जीवन में बदलाव आने लगे। अब वह न केवल अपने स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने लगा, बल्कि उसके माता-पिता और शिक्षक भी उससे खुश रहने लगे।

साधु का आशीर्वाद

कुछ महीनों बाद, वही साधु फिर से गांव आए। राघव ने उन्हें धन्यवाद दिया और कहा, "आपकी जादुई घड़ी ने मुझे समय का महत्व सिखा दिया। अब मैं हर पल की कीमत समझता हूं।"

साधु मुस्कुराए और बोले, "बेटा, वह घड़ी जादुई नहीं थी। जादू तो तुम्हारे अंदर था, जिसे समय का महत्व समझने के बाद तुमने जागृत किया।"

राघव को अब समझ में आ गया था कि समय ही सबसे कीमती चीज है, और जो व्यक्ति समय का सही उपयोग करता है, वही जीवन में सफलता प्राप्त करता है।

**शिक्षा:**
समय अमूल्य है। हमें हर पल को समझदारी से उपयोग करना चाहिए, क्योंकि जो समय एक बार निकल गया, वह फिर कभी वापस नहीं आता।