दुनिया में कहते हैं
हर चीज का समाधान हैं..
लेकिन गलतफेमली का नहीं हैं...
अगर ये गलतफेमली आगे बढ़ जाए ..
फिर सत्यानाश सत्यानाश हैं...
इस तरह ही हमारी स्वाति भी गलतफेमली के चलते आगे बहुत ही कुछ नादानियां कर बैठती हैं! जिसे आदित्य और स्वाति के बीच में एक मिठाश का नहीं बल्कि कड़वा रिश्ते बन जाता है! कैसे?? सहिए चलते हैं और आगे देखते हैं......
दूसरे दिन ...
नवरात्रि महोत्सव हैं ! इसलिए आज कॉलेज बंध था! सभी लोगो को शाम में ही जाना था! इसलिए अभी सारे लोग अपने अपने घर में बैठे हुए थे!
स्वाति के घर ..
स्वाति आज शाम के लिए बहुत ही कुछ तैयार करती हैं! उसने पहले अपने फोन में से आदित्य वाली रिकॉर्डिंग निकाली और बाद में पेनड्राइव के अंडर डाल देती हैं..
तभी वह पर उसकी मम्मी आती हैं और वो कहती हैं: बेटा देखो अभी दोपहर के ३ बज गए है.. ओर तुम अभी भी लैपटॉप लेकर ही बैठी हुई हो?? आखिर तुम्हे तैयार नहीं होना क्या??
स्वाति अपनी मम्मी की बात सुनकर कहती हैं : जी है मां बस १० मिनिट वो इतना कह कर रेडी होने के लिए चली जाति हैं...
उसने अपने लिए गुजराती चनियाचोली मंगवाई थी . उसने परफसर गुजराती की तरह चनियाचोली पहनी थी माथे पर बिंदी और टिक्का .. साथ ही साथ अपने हाथो पर बहुत ही सारी ऑक्साइस की ज्वैलरी ... ये उसकी छवि को बेहद ही खूबसूरत बना रही थी ...
शाम के 5 बजे ....
5 बजते ही उसके फोन पर माया का कॉल आ जाता है! ओर वो कहती है: स्वाति कहा पर हो?? चलो यार जल्दी में तो आ भी गई हु कॉलेज ...
स्वाति घड़ी की ओर नजर डालते हुए कहती हैं: इतनी जल्दी अभी तो सिर्फ 5 बजे है..
एक बात बता.... स्वाति को माया एक सवाल पूछते हुए कहती हैं:
स्वाति: ha कहो क्या पूछना हैं तुम्हे ...
माया : तुम्हारा घर कॉलेज से एक घंटे के दूरी में हैं.. ओर तुम कह रही हो कि तुम आरम से निकलेगी??? कैसे यार..
ये सुनते ही स्वाति भी उसके बातों में सोचते हुए कहती हैं.. तुम्हारी बात वैसे सच हैं. अच्छा चल में निकलती हु ..
माया: हा यही बात कह रही हु में ,।। चल अब आजा.....
स्वाति आप मम्मी को कह कर घर से निकल जाति है!
करीबन एक घंटे के बाद ...
स्वाति कालेज में आ जाति है.. उसको गेट पर उसे रोहित और मोहित मिल जाते हैं तीनों ही साथ में अंडर चले जाते है! ओर वो तीनो माया और मानुषी को मिल लेते है ...
शाम के ६ बजे सब कुछ शुरू हो जाता है
स्वाति को डीजे वाला दिख जाता हैं!
उसको वो किसी बहाने से वहा से हटा देती हैं और उसे जाने के बाद वो जल्दी जल्दी वह पर चली जाति हैं.. ओर चुपके से पेनड्राइव को वो लगा देती हैं और किसी को कानो कान भी पता नई चलता ....
पेनड्राइव लगा ने के बाद वो अपने हाथ को खींचते हुए कहती हैं: अब देखती हु आज कैसे बच पाते हैं....
तभी वह पर एक बड़ी सी लैंबॉर्गिनी कार आ जाती हैं.. उसके अंडर से ब्ल्यू कलर के कुर्ते पहने हुए आदित्य बाहर आता हैं जिसको देख कर सारी लड़कियों आदित्य के आस पास आ जाती है !
ये देखते ही स्वाति मुंह बनाते हुए कहती हैं: आखिर इन में क्या हैं?? इतना कह कर माया के पास चली जाति हैं...
आदित्य के साथ साथ उसका भाई , पापा और मम्मी तीनों ही कार में से बाहर आते है. सभी ने नवरात्रि के वस्त्रों पहने हुए है... इन सब में बेहद ही खूबसूरत लग रहे थे ..
आदित्य सब को गुड ईवनिंग कहता है ...
ओर सभी को आने के लिए वेलकम कहता हैं.. ओर सभी को अच्छी तरह से नवरात्रि खेलने के लिए कह देता हैं... वो डीजे वाला को गरबे के सॉन्ग बजा ने के लिए कहते हैं.. ये सुनते ही डीजे वाला सॉन्ग बजा ने के लिए बटन प्रेस कर देता हैं... ओर उसमें से आदित्य की आवाज निकलती है.. ये सुनते ही आदित्य और उसके आसपास खड़े हुए सारे लोग हैरान हो जाते है । और स्वाति अपने मन ही मन मुस्कुरा देती हैं....
To be continued 💫 🦋 💙