बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 19 Dev Srivastava Divyam द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 19

   सुबह का समय,

   फातिमा हॉस्पिटल,

   मिस्टर ठाकुर ने सबको बाहर जाने को बोला तो सबने सिद्धांत की ओर देखा क्योंकि जैसा मिस्टर ठाकुर का लहजा था उससे सबको बहुत बुरा लगा लेकिन सिद्धांत ने अपनी पलकें झपका कर धीरे से हां में सिर हिला दिया तो सभी लोग बिना कुछ कहे बाहर चले गए ।

   तब सिद्धांत ने मिस्टर ठाकुर की ओर देख कर कहा, " तो बताइए सर, ऐसी क्या बात थी जो आपको सबको बाहर भेजना पड़ गया । "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " क्या तुम इस हालत में हो कि इंटरव्यू दे सकोगे ? "

   सिद्धांत ने नासमझी से कहा, " इंटरव्यू ! "

   मिस्टर ठाकुर ने अपना सीना चौड़ा करके कहा, " हां, तुम्हें वीरता पुरस्कार जो दिया जाना है । "

   सिद्धांत अभी भी कन्फ्यूज था । उसने कहा, " वीरता पुरस्कार ! "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " हां ! "

   सिद्धांत ने नासमझी से कहा, " पर क्यों, आई मीन हमने किया क्या है ? "

   मिस्टर ठाकुर ने हैरानी के साथ कहा, " कैसी बातें कर रहे हो तुम ? तुमने मेरी बेटी को जान बचाई है ! "

   सिद्धांत ने उनकी बातों का मतलब समझते हुए कहा, " तो इस वजह से हमें ये पुरस्कार मिल रहा है । "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " हां ! "

   सिद्धांत ने धीरे से कहा, " इफ दैट्स द केस, देन... ( अगर ऐसी बात है तो... ) "

   फिर उसने एक ही सांस में कहा, " आई डोंट वांट इट ( हमें ये नहीं चाहिए ) । "

   इससे पहले कि मिस्टर ठाकुर कुछ कहते, निशा ने अपनी आँखें बड़ी करके कहा, " क्या कहा तुमने, यू डोंट वांट इट । तुम्हें पता भी है कि तुम किस चीज के लिए मना कर रहे हो ! "

   सिद्धांत ने उसे पूरी तरह से इग्नोर करके मिस्टर ठाकुर से बिल्कुल शांति से कहा, " सर, सौ बात की एक बात ! हमने जब निशा मैम की मदद की तो हमें ये नहीं पता था कि वो आपकी बेटी हैं ।

   हमें लगा कि किसी को हमारे मदद की जरूरत है तो हमने कर दी और हमें नहीं लगता है कि इसके लिए हमें कोई रिवार्ड मिलना चाहिए ।

   दूसरी बात ये कि अगर हमें रिवार्ड मिल रहा है फिर भी हम उसे लेने से मना कर रहे हैं तो उसके पीछे कोई तो वजह होगी ही । "

   मिस्टर ठाकुर ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, " सर्वांश, ये तुम्हारे अच्छे काम के लिए तुम्हें दिया जा रहा है । "

   सिद्धांत ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, " हमें पता है लेकिन हमारे लिए हमारी प्राइवेसी से बढ़ कर कुछ भी नहीं है । आपको शायद पता ना हो बट, हमने अपने सोशल मीडिया पर भी अपना फेस रिवील नहीं किया है । नेवर, एवर ! "

   मिस्टर ठाकुर ने एक गहरी सांस लेकर कहा, " तो तुम्हें अपना चेहरा नहीं दिखाना है । यही न ! "

   सिद्धांत ने साफ शब्दों में कहा, " जी, हां ! "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " ओ के, फाइन ! तुम अपना चेहरा मत दिखाना, ठीक है ! "

   इससे पहले कि सिद्धांत कुछ कहता, पीछे से मिसेज माथुर की आवाज आई, " वो फिर भी नहीं जाएगा । "

   सिद्धांत ने उन्हें देख कर कहा, " माता श्री ! "

   वहीं उनकी आवाज सुन कर मिस्टर ठाकुर ने दरवाजे की ओर देखा तो वहां पर मिसेज माथुर अपने हाथ बांध कर खड़ी थीं ।

   उन्हें देख कर मिस्टर ठाकुर ने अपनी जगह से खड़े हो गए । उन्होंने कहा, " भाभी जी, ये आपका बेटा है ! "

   मिसेज माथुर ने आगे आकर कहा, " जी, हां ! "

   मिस्टर ठाकुर ने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " तुमने पहले क्यों नहीं बताया, कि तुम इनके बेटे हो ? "

   सिद्धांत के बजाय मिसेज माथुर ने उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा, " क्योंकि उसकी अपनी एक अलग पहचान है । "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " ठीक है, लेकिन आपको क्या प्रॉब्लम है अगर ये वीरता पुरस्कार लेने के लिए सामने आता है तो ! "

   मिसेज माथुर ने सीधे शब्दों में कहा, " प्रॉब्लम हैं आप ! "

   मिस्टर ठाकुर ने खुद को प्वाइंट करके कहा, " मैं ! "

   मिसेज माथुर ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " जी हां, आप !

   मिस्टर ठाकुर ने नासमझी से कहा, " मैं समझा नहीं ! "

   मिसेज माथुर ने अपने हाथ बांध कर कहा, " आप क्या हैं ? "

   मिस्टर ठाकुर ने अगले ही पल कहा, " MLA । "

   मिसेज माथुर ने तुरंत कहा, " मतलब पॉलिटीशियन । "

   मिस्टर ठाकुर ने असमंजस से कहा, " हां, तो ! "

   मिसेज माथुर ने उनकी आंखों में आंखें डाल कर कहा, " इस बात की क्या गारंटी है कि उन किडनैपर्स को इस बात का कोई आइडिया नहीं था कि निशा आपकी बेटी है ।

   हो सकता है कि उन्होंने जान बूझ कर आपकी बेटी को किडनैप किया हो, और मेरे बेटे ने उसकी जान बचाई है । "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " तो ! "

   मिसेज माथुर ने उनसे सवाल करते हुए कहा, " ऐसे में अगर वो पूरी दुनिया के सामने आता है तो क्या आप उसके सेफ्टी की गारंटी लेते हैं ? "

   मिस्टर ठाकुर कुछ देर तक खड़े होकर सोचते रहें । फिर उन्होंने कहा, " बात तो आपकी सही है । "

   तभी निशा ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " अब क्या किया जाए ? "

   सिद्धांत ने उसकी ओर देख कर कहा, " आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं है, देवी जी । बस आप हमसे दूर रहिए, वही बहुत है । "

   निशा ने चिढ़ कर कहा, " तुम मुझे देख कर चिढ़ क्यों जाते हो ? "

   सिद्धांत ने बिना किसी भाव के कहा, " है कुछ रीजन, बस आप हमसे दूर रहिए । "

   फिर उसने मिस्टर ठाकुर की ओर देख कर कहा, " और सर, हमें ये वीरता पुरस्कार नहीं चाहिए । हम गुमनाम ही अच्छे हैं । "

   मिस्टर ठाकुर ने एक गहरी सांस लेकर कहा, " अच्छा, ठीक है, लेकिन... "

   फिर उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, " मैं तुम्हें कुछ और देना चाहता हूं और वो तुम्हें एक्सेप्ट करना ही होगा । "

   सिद्धांत ने नासमझी से कहा, " क्या ? "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " एक हफ्ते बाद मेरी बेटी का जन्मदिन है, और तुम्हें अपने पूरे परिवार के साथ वहां आना है । "

   सिद्धांत ने हैरानी के साथ कहा, " क्या ? "

   मिस्टर ठाकुर ने मुस्करा कर कहा, " मेरी बेटी, निशा, जिसकी तुमने कल जान बचाई, एक हफ्ते बाद उसका जन्मदिन है और तुम्हें अपने पूरे परिवार के साथ आना है । "

   ये सुन कर सिद्धांत किसी सोच में पड़ गया तो मिस्टर ठाकुर ने कहा, " क्या हुआ बेटा ? क्या सोच रहे हो ? "

   सिद्धांत ने बहाना बनाते हुए कहा, " वो एक्चुअली, बात ये है सर कि हम फ्री नहीं होंगे । "

   मिस्टर ठाकुर ने अपनी भौंहें सिकोड़ कर कहा, " क्यों, हॉस्पिटल में ही तो रहोगे न तुम ! "

   सिद्धांत ने कहा, " सर कुछ चोटें आई हैं, बस । कोई गोली वोली थोड़ी न लगी है जो इतने दिनों तक हॉस्पिटल में रहेंगे । "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " ठीक है । अगर इस वजह से तुम नहीं आ रहे हो तो जहां तुम रहोगे उन लोगों को भी मैं बिजी कर देता हूं । "

   सिद्धांत ने नासमझी से कहा, " क्या मतलब ? "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " जहां तुम काम करते हो उन लोगों को भी इनवाइट कर लेता हूं फिर तो तुम फ्री हो जाओगे न ! "

   अब सिद्धांत क्या ही बोलता, उसने धीरे से कहा, " हम्म ! "

   तो मिस्टर ठाकुर ने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " ये तो ठीक है न, भाभी जी ! "

   मिसेज माथुर ने बेमन से कहा, " ठीक है, बस इसे कोई स्पेशल ट्रीटमेंट मत दीजिएगा । "

   मिस्टर ठाकुर ने ना में सिर हिला कर कहा, " बिलकुल नहीं । "

   फिर उन्होंने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " अब तो सब ठीक है न सर्वांश ! "

   सिद्धांत ने धीरे से कहा, " हां, सर ! "

   मिस्टर ठाकुर ने फिर से उसके पास बैठ कर कहा, " ये तुम सर क्यों बुलाते हो मुझे, अंकल बुलाया करो न ! "

   सिद्धांत ने असमंजस से कहा, " अंकल ! "

   मिस्टर ठाकुर ने कहा, " हां, अंकल । "

   ये सुन कर सिद्धांत कुछ सोचने लगा तो मिस्टर ठाकुर ने कहा, " क्यों ? कोई प्रॉब्लम है ! "

   सिद्धांत ने कहा, " नहीं, प्रॉब्लम तो कोई नहीं है । "

   मिस्टर ठाकुर ने तुरंत कहा, " तो फिर फाइनल, अब से तुम मुझे अंकल ही बुलाओगे । ओ के ! "

   सिद्धांत ने बेमन से कहा, " ओ के । "

   मिस्टर ठाकुर ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " ओ के, व्हाट ! "

   सिद्धांत ने एक गहरी सांस छोड़ कर कहा, " ओ के, अंकल । "

   मिस्टर ठाकुर ने मुस्करा कर कहा, " गुड ! "

   फिर उन्होंने मिसेज माथुर की ओर देख कर अपने हाथ जोड़ कर कहा, " अच्छा भाभी जी, अब हम चलते हैं । "

   मिसेज माथुर ने भी अपने हाथ जोड़ कर हां में सिर हिला दिया तो मिस्टर ठाकुर बाहर की ओर बढ़ गए । वो दो कदम ही चले थें कि अचानक से उन्होंने अपने कदम रोक लिये ।

   उन्होंने वापस मिसेज माथुर की ओर मुड़ कर कहा, " और हां, भाभी जी ! सर्वांश के ईलाज का सारा खर्चा मैं उठाऊंगा । "

   मिसेज माथुर ने मना करते हुए कहा, " इसकी कोई जरूरत नहीं है... "

   लेकिन उनकी बात पूरी होने से पहले ही मिस्टर ठाकुर ने कहा, " मैं जानता हूं कि आप बहुत ही स्वाभिमानी महिला हैं लेकिन ये सब हुआ तो मेरी बेटी को बचाने में ही है न ! इसलिए ये मेरा हक भी है और फर्ज भी । "

   इतना बोल कर मिस्टर ठाकुर बाहर चले गए ।

   उनके जाने के बाद मिसेज माथुर ने चिंता के साथ सिद्धांत के पास बैठ कर उससे सवाल करते हुए कहा, " उन्होंने कुछ और तो नहीं कहा न ! "

   सिद्धांत ने ना में सिर हिला कर कहा, " नहीं माता श्री । "

   फिर उसने  अपनी प्लेट उठाते हुए बिल्कुल आराम से कहा, " और वैसे भी, क्या आपको ऐसा लगता है कि उनके कुछ भी कहने पर हम चुप रहते ! "

   मिसेज माथुर ने ना में सिर हिला दिया तो सिद्धांत ने कहा, " फिर टेंशन लेना बंद करिए और हमारे डिस्चार्ज पेपर्स रेडी करवाइए । "

   मिसेज माथुर ने कन्फ्यूजन के साथ कहा, " डिस्चार्ज पेपर्स ! "

   सिद्धांत ने खाना खाते हुए कहा, " हां, डिस्चार्ज पेपर्स या... "

   फिर उसने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " हमारे बिना घर बहुत अच्छा लग रहा है ! "

   इससे पहले कि मिसेज माथुर कुछ कहतीं, दरवाजे के पास से लक्ष्मी की आवाज आई, " बिलकुल हमारे मन की बात बोल दी तुमने ! "

   


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   ऐसी क्या वजह थी जो सिद्धांत अपना चेहरा कभी किसी के सामने नहीं आने देता था ?

   क्या होगा निशा के बर्थडे पार्टी में ?

   इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

   बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस 

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                                      लेखक : देव श्रीवास्तव