बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 2 Dev Srivastava द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 2



सुबह का समय,

मिसेज माथुर और यश सिड को ढूंढने के सिलसिले में बातें कर ही रहे थे कि इतने में एक आदमी अंदर आया ।

उसे देख कर यश ने कहा, " पापा ! "

उस आदमी ( मिस्टर सिन्हा ) ने उसकी ओर देख कर कहा, " हां, बेटा ! "

यश ने उनसे सवाल करते हुए कहा, " आपने सिड को कोई काम दिया है क्या ? "

मिस्टर सिन्हा ने अपना सिर ना में हिला कर कहा, " नहीं, तो ! "

यश ने फिर से सवाल किया, " आपने उसे किसी मिशन पर नहीं भेजा है ! "

मिस्टर सिन्हा ने कहा, " बिल्कुल नहीं, बल्कि हम तो उसे खुद ही मना करने वाले थे । "

मिसेज माथुर ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " अब क्या किया जाए ? "

मिस्टर सिन्हा ने सवाल करते हुए कहा, " हुआ क्या है ? "

यश ने उनकी ओर देख कर कहा, " पापा, सिड का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है । "

मिस्टर सिन्हा ने नासमझी से थोड़ी तेज आवाज में कहा, " क्या मतलब, पता नहीं चल रहा है ? "

यश ने उन्हीं भावों के साथ कहा, " वो कुछ देर पहले जिम गया था और वहीं से गायब है । "

मिस्टर सिन्हा ने भी चिंता के साथ कहा, " तुमने हर जगह देख लिया । "

यश ने फ्रस्ट्रेट होकर कहा, " हां, यहां तक कि वो लक्ष्मी दी या काव्या दी के यहां भी नहीं है । "

मिसेज माथुर ने भी तुरंत कहा, " और सनी के साथ या मोक्षा के पास भी नहीं है । "

मिस्टर सिन्हा ने फिर से पूछा, " उसके दोस्तों से बात की ! "

यश ने फिर से अपना फोन निकालते हुए कहा, " नहीं, हम अभी करते हैं । "

मिस्टर सिन्हा ने भी फोन निकालते हुए कहा, " हां, हम भी देखते हैं । "

फिर वो तीनों अलग होकर सिड के दोस्तों से बात करने लगे । लगभग बीस मिनट बाद तीनों वापस हॉल में इकट्ठा हो गए ।

मिसेज माथुर ने मिस्टर सिन्हा की ओर देख कर कहा, " कुछ पता चला ? "

मिस्टर सिन्हा ने निराशा के साथ कहा, " नहीं, भाभी जी ! "

फिर उन्होंने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " आपको ? "

मिसेज माथुर ने भी ना में सिर हिला कर कहा, " नहीं, वो अपने किसी भी दोस्त के साथ नहीं है । "

उनकी आंखों में आंसू आ गए थे ।

यश ने भी कहा, " हमने भी देख लिया, वो कहीं नहीं है । "

मिस्टर सिन्हा ने टेंशन के साथ कहा, " अब तो एक ही रास्ता है, पुलिस कंप्लेंट ! "

फिर उन्होंने मिसेज माथुर की ओर देख कर कहा, " आप टेंशन मत लीजिए, भाभी जी ! सिड को कुछ नहीं होगा । वो आपका बेटा बना है पर हमने खुद उसे अपना बेटा माना है । उसे बचाने के लिए जो भी करना पड़े, हम करेंगे । "

मिसेज माथुर ने हां में सिर हिला दिया तो मिस्टर सिन्हा अपने फोन से बात करते हुए बाहर चले गए । उन तीनों ने मिल कर पूरा शहर छान मारा था ।

सनी, काव्या, मोक्षा और लक्ष्मी को भी सिड के गायब होने की खबर मिल चुकी थी और वो सब भी यहां आ चुके थें । सभी लोग हर मुमकिन कोशिश कर चुके थें सिड को ढूंढने की लेकिन उसका कहीं अता - पता नहीं था ।


वहीं दूसरी तरफ,

एक प्राइवेट जेट अपनी गति से आसमान में उड़ रहा था । उस जेट में एक लड़की और एक बूढ़ा आदमी बैठे हुए थे ।

लड़की की उम्र कोई 24 साल रही होगी तो वहीं आदमी की उम्र 75 साल के आस पास लेकिन उसने खुद को इतना फिट किया हुआ था कि उसे देख कर उसकी उम्र का अंदाजा लगा पाना मुश्किल था । उन दोनों के अलावा सिड भी उस जेट में बैठा हुआ था ।

जहां बूढ़े आदमी ने बढ़िया सा सूट पहना हुआ था तो वहीं सिड और उस लड़की ने काले रंग की जींस के साथ सफेद रंग का टी शर्ट पहना हुआ था जिसकी बाजू उनके पूरे हाथ को ढक रही थी ।

सिड चुप चाप बैठा हुआ था और सामने की ओर देखे जा रहा था । उसके मुंह पर मास्क लगा हुआ था और बाल बिखरे हुए थे ।

बूढ़े आदमी के चेहरे पर अकड़ तो वहीं उस लड़की के चेहरे पर दुनिया जहां की खुशी नजर आ रही थी । उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे कि उसे कोई गड़ा हुआ खजाना मिल गया हो ।

उसने अपने बगल में बैठे हुए सिड हाथ का हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया तो सिड की पुतलियां उसकी ओर घूम गईं जिनमें नफरत साफ नजर आ रही थी लेकिन अजीब बात ये थी कि पुतलियों के अलावा उसके शरीर का कोई और हिस्सा नहीं हिल रहा था यहां तक कि उसकी गर्दन भी नहीं ।

शायद उसे कोई ड्रग दिया गया था । उस लड़की ने उसकी आंखों में देख कर मुस्कराते हुए उसके चेहरे पर अपने हाथ फिरा दिए जिससे सिड और चिढ़ रहा था लेकिन वो चाह कर भी उसे खुद से दूर नहीं कर पा रहा था ।

ये देख कर उस लड़की ने कहा, " बस थोड़ी देर और सिड, फिर हम दोनों इस देश से बाहर होंगे । एक ऐसी जगह पर, जहां हमारे अलावा और कोई भी नहीं होगा । "

फिर उसने अपने दांत पीसते हुए कहा, " और वो यश तो बिलकुल भी नहीं । "

शाम का समय,

सभी लोग हॉल में बैठे हुए थें । सबके चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी ।

इतने में मिस्टर सिन्हा ने अपना फोन देख कर मिसेज माथुर से कहा, " भाभी जी, एक बुरी खबर है । "

मिसेज माथुर ने डर के साथ कहा, " क्या हुआ ? "

मिस्टर सिन्हा ने हिचकते हुए कहा, " निशा भी आज सुबह से ही गायब है । "

सबके मुंह से एक साथ निकला, " क्या ? "

मिस्टर सिन्हा ने कहा, " हां, अनिरुद्ध ने अभी - अभी हमें ये बात बताई है । "

सनी ने कुछ सोचते हुए कहा, " इसका मतलब कि... "

उसकी बात पूरी होने से पहले ही मिस्टर सिन्हा ने कहा, " हां, हो सकता है कि वो दोनों साथ हों । "

यश ने पूरे विश्वास के साथ कहा, " हो सकता है, लेकिन ये कभी नहीं हो सकता कि सिड अपनी मर्जी से उसके साथ चला जाए । "

लक्ष्मी ने अपना सिर पकड़ कर कहा, " अब क्या करें ! "

यश ने गुस्से में कहा, " हमें तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि क्या करें । उसका बाप कोई नॉर्मल इंसान होता तो डरा धमका कर सब कुछ उगलवा भी लेते, लेकिन वो ठहरा MLA, कुछ पूछ भी नहीं सकते हैं उससे । "

मिसेज माथुर ने चिंता के साथ कहा, " कुछ भी हो पर हम ऐसे हाथ पर हाथ रख कर तो नहीं बैठ सकते हैं न ! "

मिस्टर सिन्हा ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए कहा, " बिल्कुल नहीं भाभी जी, हम कुछ भी करके सिड को ढूंढ कर ही रहेंगे । "


दो दिन बाद,

सभी लोग निराशा के साथ हॉल में बैठे हुए थें । मिसेज माथुर को तो जैसे सदमा सा लगा हुआ था क्योंकि दो दिनों से सिड की कोई खबर नहीं मिली थी ।

वो चुपचाप बैठी हुई थीं कि तभी उनका फोन बज उठा । उन्होंने फोन उठा कर देखा तो उन्हें एक अंजान नंबर से वीडियो कॉल आ रहा था ।

उन्होंने मिस्टर सिन्हा की ओर देख कर कहा, " वीडियो कॉल, वो भी अननोन नंबर से ! "

मिस्टर सिन्हा ने उम्मीद के साथ कहा, " रिसीव करके देखिए । शायद सिड के बारे में कुछ पता चल जाए । "

मिसेज माथुर ने कहा, " हम्म ! "

और फिर कॉल आंसर किया तो सामने एक लड़की नजर आने लगी । ये वही लड़की थी जो दो दिन पहले उस जेट में थी ।

उसने मिसेज माथुर को देख कर हाथ जोड़ कर कहा, " प्रणाम, सासू मां ! "

मिसेज माथुर उसे देख कर हैरान हो गईं ।

उनके मुंह से अपने आप ही निकल गया, " निशा ! "

निशा ने उत्साहित होकर मुस्कराते हुए कहा, " अरे वाह सासू मां, आपकी याद्दाश्त तो बहुत तेज है । "

मिसेज माथुर ने चिढ़ कर कहा, " बकवास बंद करो अपनी और ये बताओ कि कॉल क्यों किया है । "

निशा ने बेशर्मी से कहा, " अरे, अरे, कुल डाउन सासू मां, कुल डाउन ! मैं जानती हूं कि आप सिड को लेकर परेशान हैं । होता है, होता है, जिससे आप प्यार करते हो, वो आपसे दूर चला जाए तो दुख होता है । "

मिसेज माथुर ने फिर से कुछ कहना चाहा ही था कि तभी उनके दिमाग में कुछ खटका ।

उन्होंने तुरंत निशा को घूरते हुए कहा, " तुम्हें कैसे पता कि हम सिड को लेकर परेशान हैं ? क्या वो तुम्हारे साथ है ? "

निशा ने अपनी मुस्कान को और बड़ी करके कहा, " बिल्कुल, मेरे साथ ही तो है । "

फिर उसने फोन को अपने बगल में लेटे हुए सिड की ओर घुमा कर कहा, " ये देखिए । "

वहां एक बेड पर सिड लेटा हुआ था जिसने पेशेंट के कपड़े पहने हुए थे । उसका चेहरा पीला पड़ा हुआ था और उसके मुंह पर अभी भी मास्क था । उसके बाल माथे पर बिखरे हुए थे ।

उसका पूरा चेहरा नजर नहीं आ रहा था लेकिन फिर भी सबने उसे पहचान लिया कि वो सिड ही है । वो बेहोश था लेकिन इस हालत में भी उसके माथे पर सुकून नजर नहीं आ रहा था ।

मिसेज माथुर ने उसे देख कर बेचैनी के साथ कहा, " सिड ! सिड ! " लेकिन उसने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया ।

निशा ने फोन को फिर से अपनी ओर घुमा कर कहा, " वो नहीं उठेगा, सासू मां ! "

मिसेज माथुर ने गुस्से में कहा, " क्यों ? क्या किया है तुमने उसके साथ ? "

निशा ने बेफिक्री से कहा, " कुछ नहीं, सासू मां ! बस एक इंजेक्शन दिया है जिससे ये कुछ घंटों के लिए बेहोश रहेगा । "

यश ने गुस्से में कहा, " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई उसे किडनैप करने की ! "

निशा ने उसे घूरते हुए कहा, " अबे ओ, मेरे सौतन ! तू तो अपना मुंह बंद ही रख और मेरे सिड पर हक जताने के बारे में सोचना भी मत । ये सिर्फ मेरा है, सिर्फ मेरा । "

यश ने हंस कर कहा, " क्या फायदा ? तुम उसे अपना बना कर भी अपना नहीं बना सकती । वो तुम्हें कभी नहीं अपनाएगा, कभी भी नहीं । "

निशा के होठों पर एक तिरछी मुस्कान आ गई ।

उसने कहा, " वो तो मुझे अपनाएगा, और जरूर अपनाएगा । जब वो सच में सिद्धांत बन जाएगा तो उसके पास मुझे अपनाने के अलावा कोई और रास्ता बचेगा ही नहीं । "

यश ने नासमझी से कहा, " क्या मतलब, सच में सिद्धांत बन जाएगा ! "

निशा ने एनॉयड सा फेस बना कर कहा, " क्या यश, तुम खुद साइंस लवर हो और फिर भी इस बात का मतलब पूछ रहे हो ! "

यश ने कुछ सोचते हुए कहा, " यू मीन... " और इसके आगे वो चुप हो गया और आंखें बड़ी करके निशा को घूरने लगा तो निशा ने एक्साइटेड होकर कहा, " हां, हां, वही जो तू समझ रहा है । "

यश ने उसे घूरते हुए बिल्कुल गंभीर आवाज में कहा, " तुम ऐसा नहीं कर सकती । "

निशा ने दृढ़ आवाज में कहा, " मैं ऐसा कर सकती हूं और करूंगी भी । एक साल, सिर्फ एक साल में सिड सच में सिद्धांत बन जाएगा और फिर मैं उससे शादी कर लूंगी । "

यश ने हल्के से व्यंग्य से हंस कर कहा, " एक साल ! "

फिर उसने निशा की ओर देख कर कहा, " एक साल में तीन और पैंसठ दिन होते हैं मिस निशा, तीन सौ पैंसठ दिन ! और तुम्हें ऐसा लगता है कि हम इतने दिनों तक उसे तुम्हारे पास छोड़ेंगे । "

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यश निशा का सौतन कैसे है ?

क्या करने वाली है निशा सिद्धांत के साथ ?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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लेखक : देव श्रीवास्तव